प्रश्नावली-5.1
1. निम्नलिखित कथनों में से कौन से कथन सत्य है और कौन से कथन असत्य है? अपने उत्तर के लिए कारण दीजिए|
(i)एक बिंदु से होकर केवल एक ही रेखा खींची जा सकती है|
(ii)दो भिन्न बिंदुओं से होकर जाने वाली असंख्य रेखाएँ है|
(iii)एक सांत रेखा दोनों ओर अनिश्चित रूप से बढ़ाई जा सकती है|
(iv)यदि दो वृत्त बराबर है, तो उनकी त्रिज्याएं बराबर होती है|
(v)आकृति 5.9 (पाठ्यपुस्तक के पृष्ठ 104 दिया गया है) में, यदि AB=PQ और PQ=XY है, तो AB=XY होगा|
उत्तर:—
(i)असत्य| संलग्न आकृति को देखकर सहज ही इस बात की पुष्टि हो जाती है| सादे पन्ने पर नुकीली पेन्सिल से एक बिन्दु P बनाइए| फिर एक स्केल की सहायता से बिन्दु P से होकर रेखा l खींचिए| फिर उसी बिन्दु से होकर, स्केल से एक अन्य रेखा m खींचिए| फिर एक अन्य रेखा n खींचिए| इसी प्रकार से यह क्रम जारी रखते हुए| आप उस बिंदु से होकर जितनी चाहे उतनी रेखाएँ खींच सकते हैं| अत: स्पष्ट है कि एक बिंदु से होकर अनेक रेखाएँ खींची जा सकती है|
(ii)असत्य| दिए गए चित्र से स्पष्ट हो जाता है कि उक्त कथन असत्य है क्योंकि दो भिन्न बिंदुओं से होकर असंख्य रेखाएँ नहीं खींची जा सकती है| जैसा कि आप आकृति में देख रहे हैं कि दो भिन्न बिंदुओं P और Q से तो असंख्य रेखाएँ खींची जा सकती है, पर दोनों बिंदुओं P, Q से होकर सिर्फ एक ही रेखा खींची जा सकती है|
(iii)सत्य| हम जानते हैं कि एक सांत रेखा अनंत रूप से दोनों ओर बढाई जा सकती है| इस तथ्य को बगल में दी गई आकृति से देखा व समझा जा सकता है|
(iv)सत्य| जब हम एक वृत्त के द्वारा घेरे गये क्षेत्र को किसी दूसरे बराबर के वृत्त पर अध्यारोपित करते हैं तो पाते हैं कि वे वृत्त सम्पाती होते हैं| वैसी दशा में उनके केन्द्र तथा सीमाएँ भी सम्पाती हुआ करती है| अत: स्पष्ट है कि दो समान आकृति के वृत्त की त्रिज्याएं बराबर होती है|
(v)सत्य| यूक्लिड के प्रथम अभिगृहीत के अनुसार जो वस्तु किसी दूसरी वस्तु के बिल्कुल समान होती है वह सभी मामलों में एक दूसरी से समान होती है|
2. निम्नलिखित पदों में से प्रत्येक की परिभाषा दीजिए| क्या इसके लिए कुछ ऐसे पद है, जिन्हें परिभाषित करने की आवश्यकता है? वे क्या है और आप इन्हें कैसे परिभाषित कर पाएंगे?
(i)समांतर रेखाएँ (ii)लंब रेखाएँ (iii)रेखाखंड
(iv)वृत्त की त्रिज्या (v)वर्ग
उत्तर:—-
हां, कुछ ऐसे पद है जिन्हें परिभाषित करने की जरूरत है, ताकि हमें उपरोक्त पदों को परिभाषित करने में सहूलियत हो|
(i)बिंदु:–
बिंदु एक ऐसा छोटा निशान हैं जिसे हम पेन्सिल या पेन की सहायता से सादे कागज पर बनाते हैं| बिन्दु का कोई भाग नहीं होता किन्तु स्थान (या स्थिति) अवश्य होता है|
रेखा:—
एक ऐसा में चौड़ाई नहीं होती है, सिर्फ लंबाई होती है और इसे दोनों ओर अनंत तक बढ़ाया जा सकता है| रेखा के दो सिरे बिन्दु होते हैं| सीधी रेखा स्वयं पर बिंदुओं के साथ सपाट रूप से स्थित होती है|
तल:—
चिकनी सतह का पृष्ठ अथवा एक टेबल (मेज) का ऊपरी भाग या खिड़की का शीशा तल का उदाहरण है|
किरण:—
रेखा का वह भाग जिसका सिर्फ एक अन्त बिन्दु होता है और जिसका दूसरे सिरे बिन्दु की दिशा में आगे बढ़ाया जा सकता है, किरण कहलाता है|
कोण:—
जहाँ दो असंरेखी किरणें जिनका एक उभयनिष्ठ आरंभिक बिन्दु होता है उसे कोण कहते हैं|
समकोण:—
एक कोण जिसकी माप 90° होती है उसे समकोण कहते हैं| इसकी परस्पर दो लंबरूप भुजाएँ होती है|
वृत्त:—
किसी तल के एक निश्चित बिन्दु के चारों ओर समान दूरी पर स्थिति बिंदुओं के समुच्चय को वृत्त कहते हैं| स्थिर मध्य बिन्दु से चारों ओर के बिंदुओं की दूरी स्थिर मध्य बिन्दु के बिल्कुल समान होती है| जो बीच में स्थित (मध्य) बिन्दु होता है उसे वृत्त का केन्द्र कहते हैं| हम वृत्त को इस प्रकार भी परिभाषित कर सकते हैं— एक वक्र रेखा जिसकी सभी बिंदु, किसी स्थिर बिन्दु के बिल्कुल समान दूरी पर हो उसे वृत्त कहते हैं|
चतुर्भुज:—
चार भुजाओं से घिरी बंद आकृति चतुर्भुज कहलाती है|
समांतर रेखाएँ:—
दो रेखाएँ समांतर रेखाएँ कही जाएगी यदि न हो तो वे एक दूसरे को प्रतिच्छेद करती है, न ही कहीं मिलती है चाहे उनको अनंत रूप से भी विस्तारित किया जाए|
लंब रेखाएँ:—
दो रेखाएँ लंब रेखाएँ कहलाती है यदि वे जिस बिन्दु पर मिलती हो या जिसे प्रतिच्छेद करती हो उस बिंदु पर समकोण बनाती है|
रेखाखंड:—
रेखाखंड, एक रेखा का एक भाग होता है, जिसके दो सिरे होते हैं| इसे किसी भी दिशा और विस्तारित नहीं किया जा सकता है|
वृत्त की त्रिज्या:—-
किसी वृत्त के किसी बिन्दु से वृत्त के केन्द्र की न्यूनतम (स्थिर) दूरी को वृत्त की त्रिज्या कहते हैं| किसी वृत्त की सभी त्रिज्याएं समान होती है|
वर्ग:—
वैसा चतुर्भुज जिसकी चारों भुजाएँ बराबर हों और उसका प्रत्येक कोण समकोण हो, उसे वर्ग कहते हैं|
3. नीचे दी हुई दो अभिधारणाओं पर विचार कीजिए:
(i)दो भिन्न बिंदु A और B दिए रहने पर, एक तीसरा बिंदु C ऐसा विद्यमान है जो A और B के बीच
स्थित होता है|
(ii)यहाँ कम से कम ऐसी तीन बिंदु विद्यमान है कि वे एक रेखा पर स्थित नहीं है| क्या इन अभिधारणाओं में कोई अपरिभाषित पद भी है? क्या ये अभिधारणाओं अ विरोधी है? क्या ये यूक्लिड की अभिधारणाओं से प्राप्त होती है? स्पष्ट कीजिए|
उत्तर:—
(i)स्पष्ट है, दो बिंदु A और B दिए रहने पर, एक तीसरा C बिंदु ऐसा होता है जो कि A और B के बीच स्थित होता है|
(ii)स्पष्ट है, दो बिंदु A और B दिए रहने पर हम C बिंदु ले सकते हैं जो कि A और B से होकर नहीं गुजरता है|
4. यदि दो बिंदुओं A और B के बीच बिंदु ऐसा स्थित है कि AC=BC है, तो सिद्ध कीजिए कि
AC= 1 AB
2
है| एक आकृति खींच कर इसे स्पष्ट कीजिए|
उत्तर:—
AC= 1 BC; 2AC=BC
2
AC=BC
AC+AC=BC+BC
2AC=BC
5. प्रश्न 4 में, C रेखाखंड AB का एक मध्य बिन्दु कहलाता है| सिद्ध कीजिए कि एक रेखाखंड का एक और केवल एक ही मध्य बिन्दु होता है|
उत्तर:—
प्रमाण:
अगर संभव हो, तो हम मान लेते हैं कि D एक अन्य मध्य बिन्दु है|
AD=BD
लेकिन दिया है कि, AB का मध्य बिन्दु है| अर्थात AC=BC, जो कि हमारी मान्यता का विरोधी है कि D, AB का एक अन्य मध्य बिन्दु है|
स्पष्ट AD=AC| अत: D, C संपाती है| अत: D और C एक ही रेखा पर है और एक ही बिंदु है| अत: सिद्ध होता है कि रेखाखंड का एक और केवल एक ही मध्य बिन्दु होता है|
6. पाठ्यपुस्तक के पृष्ठ 104 पर दिए गए आकृति 5.10 में, यदि AC=BD है, तो सिद्ध कीजिए कि AB=CD है|
उत्तर:—
प्रमाण:
AC=BD
AC-AC=BD-BC
AB=CD
AC=BD
AC=AB+BC
BD=BC+CD
AB+BC=BC+CD
AB=CD
7. यूक्लिड की अभिगृहीतों की सूची में दिया हुआ अभिगृहीत 5 एक सर्वव्यापी सत्य क्यों माना जाता है? (ध्यान दीजिए कि यह प्रश्न पांचवीं अभिधारणा से संबंधित नहीं है)
उत्तर:–
चूंकि अभिगृहीत की सूची में दिया हुआ अभिगृहीत 5 विश्व के किसी भी वस्तु के लिए सत्य है, अत: यह एक सर्वव्यापी या सार्वभौमिक सत्य है|
प्रश्नावली-5.2
1. आप यूक्लिड की पांचवीं अभिधारणा को किस प्रकार लिखेंगें ताकि वह सरलता से समझी जा सके?
उत्तर:—
हम यूक्लिड की पांचवीं अभिधारणा को फिर से याद करते हैं| यदि एक सीधी रेखा दो रेखाएँ पर गिर कर अपने एक ही ओर दो अंत: कोण इस प्रकार बनाए कि इन दोनों कोणों का योग मिल कर दो सम कोणों से कम हो, तो वे दोनों सीधी रेखाएँ अनिश्चित रूप से बढाए जाने पर उसी ओर मिलती है जिस ओर यह योग दो सम कोणों से कम होता है|
स्पष्ट है कि यूक्लिड की पांचवीं अभिधारणा दो तथ्यों को स्थापित करती है|
बिन्दु से गुजरती हुई एक रेखा है जो रेखा के समांतर है|
ऐसी रेखा एक और सिर्फ एक ही है|
2. क्या यूक्लिड की पांचवीं अभिधारणा से समांतर रेखाओं के अस्तित्व का औचित्य निर्धारित होता है? स्पष्ट कीजिए|
उत्तर:—
यह एक सीधी रेखा l, दो सीधी रेखाओं m और n पर इस प्रकार से मिलती है उनके आंतरिक कोणों का योग दो समकोण l भुजा के एक ओर हो तो यूक्लिड के पांचवे अभिगृहीत के अनुसार l के इस तरह नहीं मिलेगी| फिर आप जानते हैं कि l को दूसरी ओर आंतरिक कोणों का योग भी दो समकोण ही होगा| अत: वे रेखाएँ दूसरी ओर भी नहीं मिलेगी| अत: रेखा m और n रेखा कभी भी आपस में मिलेंगी, इसिलिए स्पष्टतः ये रेखाएँ समांतर रेखाएँ है|
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