Bharti Bhawan History Class-10:Chapter-3:Very Short Type Question Answer:Short Type Question Answer:Long Answer Type Question Answer:इतिहास:कक्षा-10:अध्याय-3:अति लघु उत्तरीय प्रश्न उत्तर:लघु उत्तरीय प्रश्न:दीर्घ उत्तरीय प्रश्न




इंडो चाइना (हिंद चीन) में उपनिवेशवाद और राष्ट्रवाद




अतिलघु उत्तरीय प्रश्न







1. हिंद चीन में रहनेवाले फ्रांसीसियों को क्या कहा जाता था? 
उत्तर:-
20 वीं शताब्दी के आरंभ तक संपूर्ण हिंद चीन फ्रांस की अधीनता में आ गए थे| फ्रांसीसी आकर वियतनाम में बसने लगे| वियतनाम में रहनेवाले फ्रांसीसियों को कोलोन कहा जाता था|
2. वियतनाम में टोंकिन फ्री स्कूल क्यों स्थापित किए गए? 
उत्तर:-
पश्चिमी ढंग की शिक्षा देने के उद्देश्य से 1907 में वियतनाम में टोंकिन फ्री स्कूल खोला गया था| इस शिक्षा में विज्ञान, स्वच्छता तथा फ्रांसीसी भाषा की कक्षाएँ भी शामिल थीं जो शाम को लगती थी तथा इनके लिए अलग से फीस ली जाती थी| स्कूल में वियतनामियों को आधुनिक बनाने पर बल दिया गया|
3. वियतनाम में स्कालर्स रिवोल्ट क्यों हुआ? 
उत्तर:-
वियतनाम में ईसाई मिशनरियों के बढ़ते प्रभाव को समाप्त करने के लिए 1868 में ईसाईयत के विरुद्ध स्कालर्स रिवोल्ट हुआ|
4. पाथेट लाओ की स्थापना क्यों की गई? 
उत्तर:-
पाथेट लाओ जो एक सैन्य संगठन था| इसकी स्थापना का कारण लाओस में साम्यवादी शासन व्यवस्था की स्थापना करना था|
5. 1970 में जकार्ता सम्मेलन क्यों बुलाया गया? 
उत्तर:-
अमेरिका ने कंबोडिया से अपनी सेना की वापसी की घोषणा की लेकिन दक्षिण वियतनाम कंबोडिया से अपनी सेना हटाने को तैयार नहीं हुआ| इस गंभीर स्थिति को के समाधान के लिए मई 1970 में जकार्ता सम्मेलन (ग्यारह एशियाई देशों का सम्मेलन) बुलाया गया|
6. जेनेवा समझौता कब और किसके बीच हुआ था? 
उत्तर:-
जेनेवा समझौता फ्रांस और वियतनाम के बीच 1954 में हुआ था|
7. पूरब की ओर चलो आंदोलन का क्या उद्देश्य था? 
उत्तर:-
इस आंदोलन का उद्देश्य वियतनाम में फ्रांसीसी सत्ता को समाप्त कर फ्रांसीसियों को वियतनाम से बाहर निकालना था| साथ ही वियतनामी उसके स्थान पर न्गूयेन राजवंश की पुनर्स्थापना करना चाहते थे|
8. हुईन्ह फू सो कौन थे? 
उत्तर:-
होआ हाओ आंदोलन के संस्थापक हुईन्ह फू सो थे| वह गरीबों की मदद करता था| व्यर्थ खर्च के खिलाफ उनके उपदेशों का लोगों के ऊपर काफी प्रभाव पड़ा था|
9. इंडो चाइना की स्थापना कब और किसके साथ मिलकर हुई थी? 
उत्तर:-
इंडो चाइना यूनियन की स्थापना 1887 में की गई थी| इंडो चाइना यूनियन की स्थापना कोचिन चाइना, अन्नाम, तोंकिन, कंबोडिया और बाद में लाओस को मिलाकर बनाया गया था|
10. एकतरफा अनुबंध व्यवस्था क्या है? 
उत्तर:-
एकतरफा अनुबंध का तात्पर्य ऐसे अनुबंध से है जिसमें मजदूरों द्वारा अनुबंध की शर्तों के हिसाब से अपना काम पूरा नहीं कर पाने के कारण उनके ऊपर मुकदमा चला कर उन्हें जेल में डाल दिया जाता था|



लघु उत्तरीय प्रश्न






1. वियतनाम में राष्ट्रवाद के उदय के कारणों का उल्लेख करें|
उत्तर:-
वियतनाम में राष्ट्रवाद के विकास में विभिन्न तत्वों का योगदान था जिनमें औपनिवेशिक शोषणकारी नीति तथा स्थानीय आंदोलनों ने काफी बढ़ावा दिया| 20 वीं शताब्दी के शुरुआत में यह विरोध और मुखर होने लगा| वियतनामी राष्ट्रवाद के विकास में फा बोई चाऊ ने दिया हिस्ट्री आफ द लास आफ वियतनाम लिखकर राष्ट्रवादियों के बीच हलचल पैदा कर दी| वियतनामी राष्ट्रवाद के विकास के प्रमुख कारण निम्नलिखित थे—
(1)1929-30 की विश्वव्यापी आर्थिक मंदी
(2) औपनिवेशिक सरकार की शोषणकारी नीति
(3) किसानों पर बढ़ता बोझ
(4) गरीबी तथा बेरोजगारी की समस्या तथा
(5) उग्र (रैडिकल) आंदोलन का प्रभाव
2. होआ हाओ आंदोलन के विषय में आप क्या जानते हैं? 
उत्तर:-
होआ होआ आंदोलन वियतनाम में चलाया गया जो उपनिवेशवाद विरोधी आंदोलन था| 1939 में होआ होआ आंदोलन आरंभ हुआ| इसका केंद्र मेकांग डेल्टा था| इस आंदोलन की उत्पत्ति फ्रांसीसी उपनिवेशवादी विरोधी विचारों से हुई थी| इस आंदोलन का प्रणेता हुइन्ह फू सो था| वह जनकल्याण संबंधी कार्य करता था और समाजसुधारक भी था| उसने फिजूलखर्ची, शराबखोरी और बाल कन्याओं की बिक्री की प्रथा का विरोध किया| समाज में उसका व्यापक प्रभाव था| हुइन्ह फू सो के बढ़ते प्रभाव को रोकने के लिए सरकार ने कठोर दमनात्मक कारवाई कर होआ होआ आंदोलन को दबा दिया| लेकिन यह आंदोलन राष्ट्रवाद की मुख्य धारा से जुड़ गया|
3. फ्रांसीसियों ने मेकांग डेल्टा में नहरे क्यों बनवाई? इनका क्या परिणाम हुआ? 
उत्तर:-
फ्रांसीसियों ने कृषि के विस्तार के लिए मेकांग डेल्टा क्षेत्र में सिंचाई की सुविधा के लिए नहरें बनवाई| सिंचाई की समुचित व्यवस्था उपलब्ध होने से धान की खेती और उत्पादन में आश्चर्यजनक रूप से वृद्धि हुई| एक अनुमान के अनुसार 1873 में जहाँ 2,74,000 हेक्टेयर क्षेत्र में धान की खेती होती थी| वह 1930 में बढ़कर 22 लाख हेक्टेयर हो गया| क्षेत्र विस्तार के अतिरिक्त उत्पादन भी बढ़ा| 1931 तक वियतनाम विश्व का तीसरा चावल निर्यातक देश बन गया|
4. वियतनाम मुक्ति एसोसिएशन की स्थापना क्यों की गई? 
उत्तर:-
1911 की चीनी क्रांति से वियतनामियों को काफी प्रेरणा मिली थी| चीनी क्रांति के परिणामस्वरूप चीन में मंजू राजवंश का शासन समाप्त हुआ तथा चीनी गणतंत्र की स्थापना की गयी| चीन की घटनाओं से प्रेरित होकर वियतनामी विद्यार्थियों ने वियतनाम मुक्ति एसोसिएशन नामक संस्था की स्थापना की| इस संगठन का मुख्य उद्देश्य राजशाही की पुनर्स्थापना न होकर लोकतांत्रिक गणराज्य की स्थापना के लिए प्रयास करना था|
5. एकतरफा अनुबंध व्यवस्था पर टिप्पणी लिखें|
उत्तर:-
वियतनाम में एकतरफा अनुबंध व्यवस्था के अंतर्गत बागानों में मजदूरों से काम करवाया जाता था| इस व्यवस्था में मजदूरों को एक एकरारनामा के अंतर्गत को बगान मालिक और मजदूरों के बीच होता था, काम करना पड़ता था| एकरारनामा में मजदूरों को कोई अधिकार नहीं दिया गया| सारे अधिकार मालिकों के पास थे| वस्तुतः बागान मजदूरों की स्थिति गुलामों के समान थी| ग्रामीण क्षेत्रों में सामंती व्यवस्था के प्रचलन के कारण किसानों और मजदूरों की स्थिति दयनीय थी|
6. बाओदायी के विषय में क्या जानते हैं? 
उत्तर:-
बाओदायी वियतनाम के प्राचीन राजवंश का सम्राट था| जापानियों ने हिंद चीन से वापस लौटते समय अन्नाम का शासन ओदायी को सौंप दिया| लेकिन बाओगाई साम्यवादियों का सामना करने में असमर था इसलिए उसने अन्नाम के सम्राट का पद त्याग दिया| वियतनाम के आजादी के बाद फ्रांसीसी बाओरायी को अपने प्रभाव में लेकर वियतनाम पर अप्रत्यक्ष शासन करते रहे|
7. वियतनाम का विभाजन क्यों और कैसे हुआ? 
उत्तर:-
वियतनाम और फ्रांस के युद्ध में फ्रांसीसियों की बुरी तरह पराजय हुई| अमेरिका ने हिंद चीन में हस्तक्षेप करने का निश्चय किया जिससे स्थिति विस्फोटक हो गई तथा तृतीय विश्वयुद्ध का खतरा उत्पन्न हो गया| ब्रिटेन, फ्रांस, युद्ध नहीं चाहते थे और समझौता की नीति अपनाई| इसके लिए जेनेवा में अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किया गया| 1954 के जेनेवा समझौता के द्वार इंडो चीन के लाओस और कम्बोडिया स्वतंत्र कर दिए गए| दोनों राज्यों में वैध राजतंत्र एवं संसदीय व्यवस्था लागू की गई| वियतनाम का विभाजन अस्थाई रूप से दो भागों में कर दिया गया—-(1) उत्तरी वियतनाम (2) दक्षिणी वियतनाम| दोनों राज्यों की विभाजक रेखा सत्रहवीं| समांतर बनाई गई| उत्तरी वियतनाम में हो ची मिन्ह की कम्युनिस्ट सरकार को मान्यता दी गई| दक्षिणी वियतनाम में बाओदायी की सरकार बनी रही| यह व्यवस्था भी की गई कि 1956 में पूरे वियतनाम के लिए चुनाव करवाए जाएंगे|
8. जेनेवा समझौता क्यों हुआ? 
उत्तर:-
वियतनाम में शांति स्थापित करने हेतु जेनेवा में अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किया गया| अमेरिका के द्वारा हिंद चीन में हस्तक्षेप तथा तृतीय विश्वयुद्ध के खतरा को टालने के लिए ही 1954 में जेनेवा समझौता हुआ| जेनेवा समझौता के द्वारा इंडो चीन के लाओस और कम्बोडिया स्वतंत्र घोषित कर दिया गया तथा वियतनाम का विभाजन अस्थाई रूप से दो भागों में कर दिया गया उत्तरी एवं दक्षिणी वियतनाम|
9. माई ली हत्याकांड का परिचय दें|
उत्तर:-
माई ली दक्षिण वियतनाम का एक गाँव था जहाँ 1968 के युद्ध में एक लोमहर्षक घटना घटी| अमेरिकी सेना ने अपनी पराजय की बौखलाहट में इस गाँव पर आक्रमण कर दिया| पूरे गाँव को घेर कर सभी पुरूषों को मार दिया गया| स्त्रियों, यहाँ तक की बच्चियों के साथ सामूहिक बलात्कार कर उनकी भी हत्या कर दी गई| उसके बाद पूरे गाँव को आग लगाकर जला दिया गया| समाचार पत्रों ने जब इसका विवरण छापा तो अमेरिका के प्रति तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की गई तथा अमेरिकी प्रशासन की कटु आलोचना हुई|
10. अमेरिका ने वियतनामी युद्ध में क्यों भाग लिया? इसका क्या परिणाम हुआ? 
उत्तर:-
उत्तर वियतनाम में हो ची मिन्ह और नेशनल लिबरेशन फ्रंट ने वियतनाम को एकीकरण के लिए प्रयास तेज कर दिए| अमेरिका 1954 से ही दक्षिणी वियतनामी सरकार को आर्थिक और सैनिक सहायता दे रहा था| वह वियतनाम और दक्षिण पूर्व एशिया में कम्युनिस्टों का प्रभाव रोकना चाहता था| इसिलिए दक्षिण वियतनाम के पक्ष में अमेरिका ने प्रत्यक्ष  रूप से युद्ध में भाग लिया| वियतनाम युद्ध में अमेरिका ने जो नीति अपनायी उसकी तीखी भर्त्सना हुई| अमेरिका में ही नागरिक सरकारी नीतियों के विरोधी हो गये| उसने तो वियतनामी जनता का समर्थन मिला और न ही वह वियतनामियों के प्रतिरोध को दबा सका| अमेरिकी धन जन की भी क्षति हुई| बड़ी संख्या में निर्दोष वियतनामी तो मारे हो गये, हजारों अमेरिकी सैनिकों को अपने प्राण गंवाने पड़े|
11. 1970 में जकार्ता सम्मेलन क्यों बुलाया गया? 
उत्तर:-
18 मार्च 1970 को कम्बोडिया राष्ट्रीय संसद ने नरोत्तम सिंहानुक को सर्वसम्मत प्रस्ताव द्वारा सत्ता से हटा दिया और जनरल लोन नोल्स के नेतृत्व में सरकार बनी जिसे अमेरिका का समर्थन प्राप्त था| सिंहानुक ने नयी सरकार के विरुद्ध युद्ध छेड़ दिया| अमेरिका ने तुरंत इसमें हस्तक्षेप किया| अमेरिकी फौज कंबोडिया में प्रवेश कर गयी और व्यापक संघर्ष शुरू हो गया| यह युद्ध बड़ा भयंकर था| स्थिति भांपते हुए इंडोनेशिया ने एशियाई का सम्मेलन बुलाने का प्रस्ताव रखा| 16 मई 1970 को जकार्ता में एक सम्मेलन बुलाया गया|
12. अमेरिकी वियतनामी युद्ध में हो ची मिन्ह मार्ग की  क्या भूमिका थी? 
उत्तर:-
अमेरिकी वियतनामी युद्ध में हो ची मिन्ह मार्ग वियतनामियों के लिए उत्तरी वियतनाम से दक्षिणी वियतनाम जाने का सुरक्षित मार्ग था| हालांकि अमेरिका ने इसके मार्ग पर भी काफी बम गिराए परंतु, वियतनामी इसे तुरंत ठीक कर लेते थे| हो ची मिन्ह मार्ग द्वारा ही वियतनामियों ने अपने सीमित संसाधनों का उपयोग किया| इसी मार्ग द्वारा दक्षिणी वियतनाम को सैनिक साजो सामान तथा रसद पहुँचाया जाता था| यह भूलभुलैया मार्ग था| इस मार्ग में स्थान स्थान पर विद्रोही सैनिक छाविनियां, घायलों की चिकित्सा के लिए चिकित्सालय बनवा रखे थे| ज्यादातर सामानों की ढुलाई कुली स्त्रियाँ इसी मार्ग से करती थी|
13. अमेरिका के द्वारा एजेंट आरेंज के प्रयोग का वियतनाम पर क्या प्रभाव पड़ा? 
उत्तर:-
एजेंट आरेंज एक ऐसा जहर है जिसके छिड़काव से पेड़ों की पत्तियाँ झड़ जाती है और पौधे मर जाते हैं| इसे जिस ड्रमों में रखा जाता था उन पर नारंगी रंग की पट्टियाँ बनी होती थी इसलिए इसका नाम एजेंट आरेंज पड़ा| 1961 से 1971 के बीच अमेरिकी फौजों के मालवाही विमानों ने वियतनाम पर लगभग 1.1 करोड़ गैलन एजेंट आरेंज का छिड़काव किया| अमेरिका जनरल वियतनाम के जंगलों और खेतों को तबाह कर देना चाहते थे ताकि वियतनामी सैनिक जंगलों में नहीं छुप सकें| इस जहर के कारण खेतिहर जमीन पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ा| एजेंट आरेंज में इस्तेमाल होनेवाला डायोक्सीन पदार्थ कैंसर को जन्म देता है और बच्चों के मस्तिष्क को भी नुकसान पहुंचाता है| जिन इलाकों में इसका छिड़काव हुआ वहाँ जन्मजात विकलांगता की समस्याएं हो गई है| वियतनाम में अमेरिकी हमले के दौरान जितने बम और रासायनिक हथियारों का प्रयोग किया गया उसकी मात्रा दूसरे विश्वयुद्ध में इस्तेमाल किए गए हथियारों से अधिक थी|
14. हो ची मिन्ह पर टिप्पणी लिखें|
उत्तर:-
हो ची मिन्ह (1890-1969) वियतनामी स्वतंत्रता के नेता थे| उनकी आरंभिक जीवन के बारे में ज्यादा जानकारी उपलब्ध नहीं है, क्योंकि वह अपनी निजी पृष्ठभूमि के बारे में बहुत बात नहीं करते थे| उनका मूल नाम न्गूयेन आई क्वोक था| उन्होंने स्वयं को वियतनाम की आजादी के लिए झोंक दिया था| हो ची मिन्ह का जन्म मध्य वियतनाम में हुआ था| उनकी शिक्षा पेरिस और मास्को में हुई थी| शिक्षा पूरी करके उन्होंने कुछ समय 1910 में बच्चों को स्कूल में पढ़ाया| 1911 में उन्होंने बेकिंग सखी और फ्रांसीसी जहाज पर नौकरी कर ली| वे मार्क्सवादी विचारधारा से अत्यंत प्रभावित थे| बाद में हो ची मिन्ह कामिन्टर्न के सक्रिय सदस्य बन गए| वे लेनिन तथा अन्य नेताओं से मिले| यूरोप, थाइलैंड और चीन में 30 वर्ष बिताने के बाद मई, 1914 में वह वियतनाम लौट आये| साम्यवाद से प्रेरित होकर 1925 में उन्होंने वोरोदिन (रूस) में वियतनामी क्रांतिकारी दल का गठन किया| 1943 में उन्होंने अपना नाम न्गूयेन आई क्वोक से बदल कर हो ची मिन्ह रख लिया| जिसका अर्थ पथप्रदर्शक होता है| जब वियतनाम लोक गणराज्य की स्थापना हुई तो उन्हें राष्ट्रपति चुना गया| वियतनाम की स्वाधीनता के लिए उन्होंने 40 वर्ष से ज्यादा समय तक संघर्ष किया| उन्होंने 1930 में वियतनामी कम्युनिस्ट पार्टी की स्थापना की| इस दल का नाम बाद में बदलकर इंडो चाइनीज कम्युनिस्ट पार्टी रख दिया गया| इसी दल के अधीन हो ची मिन्ह के नेतृत्व में वियतनाम ने स्वतंत्रता प्राप्त की| 3 सितम्बर 1969 को हो ची मिन्ह की मृत्यु हो गई|
15. वियतनाम को स्वतंत्र राष्ट्र बनाने में कौन कौन से सहायक तत्वों का योगदान था? 
उत्तर:-
वियतनाम की स्वतंत्रता एवं उसके एकीकरण में निम्नलिखित तत्वों की भूमिका सराहनीय थी——-
(1) वियतनाम के नेता हो ची मिन्ह जैसे राष्ट्रभक्त के योगदान के बिना वियतनाम की स्वतंत्रता कठिन हो जाती|
(2) अनेक देशभक्तों ने अपनी जान की बाजी लगाकर आंदोलन एवं युद्ध में शामिल हुए जिनके प्रयास से वियतनाम न केवल स्वतंत्र हुआ बल्कि एकीकृत भी हुआ|
(3) जनता देश के विभाजन के विरुद्ध थी| इसिलिए फ्रांस के साथ संघर्ष हुआ और द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद फ्रांस, ब्रिटेन एवं रूस और अंत में अमेरिका के साथ युद्ध किया|
(4) वियतनामी जनता का राष्ट्रप्रेम, समाजवादी देशों द्वारा वियतनाम को दी गई मदद, एशियाई तथा अफ्रीकी देशों का राजनीतिक समर्थन तथा विश्व के अधिकांश भागों की जनता द्वारा व्यक्त एकजुटता इत्यादि तत्वों ने वियतनाम की जनता की विजय में सहायता पहुँचायी| 
इन सभी सहायक तत्वों के कारण वियतनाम एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में उभर कर विश्व के समक्ष आया|
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न







1. फान बोई चाऊ और फान चू त्रिन्ह का परिचय दें| उनके विचारों में आप क्या समानता और अंतर देखते हैं? 
उत्तर:-
फान बोई चाऊ——
(1867-1940) फान बोई चाऊ वियतनाम के महान राष्ट्रवादी थे| उनपर कन्फ्यूशीवाद का गहरा प्रभाव था| वे वियतनामी परंपराओं के नष्ट होने से दुखी थे| फ्रांसीसी सत्ता के वे विरोधी थे और इसे समाप्त करना चाहते थे| इसके लिए उन्होंने आंदोलन चलाया| आंदोलन चलाने के उद्देश्य से 1990 में उन्होंने एक आंदोलन एक दल का गठन किया जिसका नाम रेवोल्यूशनरी सोसाइटी अथवा दुईतान होई था| इस दल का अध्यक्ष न्गूयेन राजवंश के कुआंग दे को बनाया गया| फान बोई चाऊ की गणना देश के प्रमुख राष्ट्रवादी नेता के रूप में की जाने लगी| फान बोई चाऊ के ऊपर चीन के सुधारक लियोग किचाओ का भी गहरा प्रभाव था| 1905 में उन्होंने लियांग किचाओ से भेंट की और उनके सलाह दी उन्होंने द हिस्ट्री ऑफ़ द लास आफ वियतनाम पुस्तक लिखी|
फान बोई चाऊ (1871-1926)——-
फान चू त्रिन्ह वियतनाम के दूसरे विख्यात राष्ट्रवादी थे| इनके और फान बोई चाऊ के विचारों में भिन्न थी| वे राजतंत्रात्मक व्यवस्था के विरोधी थे| वियतनाम की स्वतंत्रता के लिए वे राजा की सहायता नहीं लेना चाहते थे बल्कि इसे उखाड़ फेंकना चाहते थे| उनकी आस्था गणतंत्रात्मक व्यवस्था में थी| स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद वह देश में लोकतांत्रिक गणराज्य की स्थापना और नागरिक अधिकारों की सुरक्षा चाहते थे| वे पश्चिमी जगत की लोकतंत्रात्मक व्यवस्था विशेषत: फ्रांसीसी क्रांति के आदर्शों से प्रभावित थे| 
फान बोई चाऊ और फान चू मिन्ह के विचारों में सबसे बड़ी समानता यह थी कि दोनों ही वियतनाम की स्वतंत्रता चाहते थे| लेकिन दोनों में विरोधाभास या भिन्नता यह थी कि फान बोई चाऊ जहाँ वियतनाम की स्वतंत्रता के लिए राजशाही का समर्थन और सहयोग लेने के पक्षधर थे, वहीं फान च मिन्ह राजतंत्रात्मक व्यवस्था के विरोधी थे तथा वियतनाम की स्वतंत्रता के लिए राजा की सहायता नहीं लेना चाहते थे बल्कि इसे उखाड़ फेंकना चाहते थे|

2. वियतनाम के स्वतंत्रता संग्राम में हो ची मिन्ह के योगदान का मूल्यांकन करें? 
उत्तर:-
वियतनामी स्वतंत्रता के मसीहा हो ची मिन्ह थे| उनका मूल नाम न्गूयेन आई क्वोक था| वे पेरिस और मास्को में शिक्षा ग्रहण की थी| शिक्षा पूरी करने के पश्चात उन्होंने अपना कुछ समय शिक्षक के रूप में व्यतीत किया| वे मार्क्सवादी विचारधारा से गहरे रूप से प्रभावित थे| उनका मानना था कि बिना संघर्ष के वियतनाम को आजादी नहीं प्राप्त हो सकती है| फ्रांस में रहते हुए 1917 में उन्होंने वियतनामी साम्यवादियों का एक गुट बनाया| लेनिन द्वारा कामिन्टर्न की स्थापना के बाद वे इसके सदस्य बन गए| इन्होंने लेनिन और अन्य कम्युनिस्ट नेताओं से मुलाकात की| यूरोप थाइलैंड और चीन में उन्होंने लंबा समय व्यतीत किया| साम्यवाद से प्रेरित होकर 1975 में उन्होंने बोरादिन (रूस) में वियतनामी क्रांतिकारी दल का गठन किया| फरवरी 1930 में हो ची मिन्ह ने वियतनाम के विभिन्न समूहों के राष्ट्रवादियों को एकजुट किया| स्वतंत्रता संघर्ष प्रभावशाली ढंग से चलाने के लिए उन्होंने 1930 में वियतनामी कम्युनिस्ट पार्टी (वियतनाम कांग सान देंग) की स्थापना की| इस दल का नाम बाद में बदलकर इंडो चाइनीज कम्युनिस्ट पार्टी कर दिया गया| इसी दल के अधीन और हो ची मिन्ह के नेतृत्व में वियतनाम ने स्वतंत्रता प्राप्त की| 1943 में न्गूयेन आई क्वोक ने अपना नाम हो ची मिन्ह रख लिया| 
हो ची मिन्ह के नेतृत्व में एक नई संगठन लीग फार दी इंडिपेंडेंस आफ वियतनाम अथवा वियेतमिन्ह की स्थापना की गई| वियेतमिन्ह ने गुरिल्ला युद्ध का सहारा लेकर फ्रांसीसियों और जापानियों दोनों को परेशान कर दिया| 1945 तक वियेत चिन्ह ने लेनिन पर अधिकार कर लिया| 1944 में विश्वयुद्ध की परिस्थितियाँ बदलने लगी थी| फ्रांस पर से जर्मनी का प्रभुत्व समाप्त हो गया| जापान द्वारा पर्ल हार्बर पर आक्रमण के बाद अमेरिका विश्वयुद्ध में सम्मिलित हो गया| उसने जापान के हिरोशिमा और नागासाकी पर परमाणु बम गिराए| इससे जापान की शक्ति कमजोर हो गई| अत: पोटसडम की घोषणा के बाद जापान ने आत्म समर्पण कर दिया और हिंद चीन से अपनी सेना हटाने लगा| वापस लौटते हुए जापानियों ने अन्नाम का शासक प्राचीन राजवंश के सम्राट बाओदाई को सौंप दिया| बाओदाई साम्यवादियों का सामना करने में पूरी तरह असमर्थ था इसलिए उसने अन्नाम के समट का पदत्याग दिया| इससे वियतनामी गणराज्य की स्थापना का मार्ग प्रशस्त हो गया| सितम्बर 1945 में वियतनाम लोकतांत्रिक गणराज्य की स्थापना हुई तथा हो ची मिन्ह इस गणतंत्र के अध्यक्ष निर्वाचित हुए|
3. वियतनाम में साम्राज्यवाद विरोधी संघर्ष में महिलाओं की भूमिका की विवेचना करें|
उत्तर:-
वियतनाम के राष्ट्रवादी आंदोलन में महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका थी| युद्ध और शांति काल दोनों में उन लोगों ने पुरुषों के साथ कंधा से कंधा मिलाकर सहयोग किया| स्वतंत्रता संग्राम में वे विभिन्न रूपों में भाग लेने लगी छापामार योद्धा के रूप में कुली के रूप में अथवा नर्स के रूप में समाज ने उसकी नयी भूमिका को सराहा और इसका स्वागत किया| वियतनामी राष्ट्रवाद के विकास के साथ स्त्रियाँ बड़ी संख्या में आंदोलनों में भाग लेने लगी| स्त्रियों को राष्ट्रवादी धारा में आकृष्ट करने के लिए बीते वक्त की वैसी महिलाओं का गुणगान किया जाने लगा जिन लोगों ने साम्राज्यवाद का विरोध करते हुए राष्ट्रवादी आंदोलनों में भाग लिया था| राष्ट्रवादी नेता फान बोई चाऊ ने 1913 में ट्रंग बहनों के जीवन पर एक नाटक लिखा| इस नाटक ने वियतनामी समाज पर गहरा प्रभाव डाला| ट्रंग बहनें वीरता और देशभक्ति की प्रतीक बन गयी| उन्हें देश के लिए अपना प्राण उत्सर्ग करनेवाला बताया गया| चित्रों, उपन्यासों और नाटकों के द्वारा उनका गौरवगान किया गया| ट्रंग बहनों के समान त्रिय् अम् का भी महिमागान किया गया|
ट्रंग बहनों के समान त्रिय् अयू का गुणगान भी देश के लिए शहीद होने वाली देवी के रूप में प्रस्तुत किया गया उसके चित्र बनाए गए जिसमें उसे हथियारों से लैस एक जानवर की पीठ पर बैठे हुए दिखाया गया| इन स्त्रियों के महिमामंडल का वियतनामी औरतों पर गहरा प्रभाव पड़ा| इनसे प्रेरणा लेकर बड़ी संस्था में स्त्रियाँ स्वतंत्रता संग्राम में भाग लेने लगी| युद्ध में बड़ी संख्या में सैनिकों के हताहत होने के बाद महिलाओं को भी सेना में शामिल होने को उत्प्रेरित किया गया|
वियतनामी संघर्ष में स्त्रियों ने न सिर्फ युद्ध में ही अपने देश की सेवा नहीं की बल्कि अन्य रूपों में भी अपने राष्ट्र में भी अपने राष्ट्र के लिए काम किया| वे सेना में भरती हुई| सुरक्षात्मक व्यवस्था के निर्माण जैसे भूमिगत बंकर और सुरंगों के निर्माण में उन लोगो ने भाग लिया| हवाई पट्टियों का निर्माण किया| हो ची मिन्ह मार्ग द्वारा रसद की आपूर्ति एवं उस मार्ग की मार्ग की मरम्मत का काम किया| अस्पतालों में नसे के रूप में घायलों की सेवा सुश्रुसा की| युद्ध में भी अपनी वीरता का प्रदर्शन किया| हजारों बमों को निष्क्रिय किया एवं अनेक हवाई जहाजों को मार गिराया| हो ची मिन्ह मार्ग की सुरक्षा एवं इसकी मरम्मत में अधिकांशतः युवतियों का ही योगदान था| उनके सहयोग से ही अंततः वियतनाम का एकीकरण संभव हो सका|
4. अमेरिकी वियतनामी युद्ध में हो ची मिन्ह मार्ग की क्या भूमिका थी? 
उत्तर:-
वियतनाम अमेरिकी युद्ध में हो ची मिन्ह मार्ग का महत्वपूर्ण स्थान था| उत्तर से दक्षिण वियतनाम तक सैनिक साजो सामान और रसद पहुँचाने के लिए वियेत मिन्ह द्वारा हो ची मिन्ह भूलभुलैया मार्ग का सहारा लिया गया| यह मार्ग वियतनाम के बाहरी इलाकों में लाओस और कंबोडिया होता हुआ उत्तरी वियतनाम से दक्षिणी वियतनाम तक पहुँचता था| इस मार्ग की अनेक शाखाओं द्वारा उत्तरी वियतनाम से दक्षिणी वियतनाम पहुँचा जा सकता था| अनुमानतः प्रतिमाह बीस हजार उत्तरी वियतनाम के योद्धा इस मार्ग द्वारा दक्षिणी वियतनाम पहुँचते थे| इस मार्ग में स्थान स्थान पर विद्रोही वियतनामियों ने सैनिक छावनियां और युद्ध में घायलों की चिकित्सा के लिए चिकित्सालय बनवा रखे थे| इसी मार्ग द्वारा रसद और अन्य आवश्यक सामग्रियाँ भेजी जाती थी| ज्यादातर सामानों की ढुलाई कुली स्त्रियाँ करती थी| वे अपनी पीठों पर या साइकिलों पर भारी वजन लेकर लंबी दूरी तय कर सामान पहुँचाती थी| अमेरिकी फौज ने इस मार्ग को बाधित करने के लिए इसे नष्ट करने का प्रयास किया| इस मार्ग पर बम भी बरसाए गए परंतु वियतनाम ने इस मार्ग को बनाए रखा| इसके क्षतिग्रस्त होते ही इसकी तत्काल मरम्मत कर ली जाती थी| अत: अमेरिकी वियतनामी युद्ध में हो ची मिन्ह मार्ग का काफी महत्वपूर्ण योगदान था|
5. राष्ट्रपति निक्सन के हिंद चीन में शांति के संबंध में पांच सूत्री योजना क्यों थी? इसका क्या प्रभाव पड़ा? 
उत्तर:-
अमेरिकी वियतनाम युद्ध में अमेरिकी अत्याचार सर्वव्यापी हो गया| हालीवुड में तो वियतनाम में अमेरिकी अत्याचार पर फिल्में बननी शुरू हो गई| दूसरी तरफ अमेरिका के राष्ट्रपति पर निक्सन नियुक्त हुआ| वियतनाम समस्या के जल्द समाधान की जिम्मेदारी निक्सन पर सौंपी गई| अमेरिका पर अंतर्राष्ट्रीय दबाव बढता जा रहा था| इसी समय माई ली गाँव की एक एक महत्व घटना घटी, जिससे अमेरिकी सेना की आलोचना पूरे विश्व में होने लगी| तब राष्ट्रपति निक्सन ने शांति के लिए पांच सूत्री योजना की घोषणा की जो निम्नलिखित हैं———–
(1) हिन्द चीन की सभी सेनाएँ युद्ध बंद कर यथा स्थान पर रहे|
(2) युद्ध विराम की देखरेख अंतर्राष्ट्रीय पर्यवेक्षक करेंगे|
(3) इस दौरान कोई देश अपनी शक्ति बढ़ाने का प्रयास नहीं करेगा|
(4) युद्ध विराम के दौरान सभी तरह की लड़ाइयाँ बंद रहेगी तथा
(5) युद्ध का अंतिम लक्ष्य समूचे हिंद चीन में संघर्ष का अंत होगा|
परंतु इस शांति प्रस्ताव को वियतनामियों ने अस्वीकार कर दिया| निक्सन ने पुनः आठ सूत्री योजना रखी जिसे भी खारिज कर दिया गया| हिंद चीन में अब चीन और सोवियत संघ ने भी अपना प्रभाव बढ़ाना आरंभ कर दिया| अब अमेरिका चीन को अपने पक्ष में करने में लग गया| 24 अक्टूबर 1972 को वियतनांग, उत्तरी वियतनाम, अमेरिका तथा दक्षिण वियतनाम में एक समझौता तय हुआ, परंतु दक्षिण वियतनाम ने आपत्ति जताई और पुनः वार्ता के लिए आग्रह किया वियतनाम ने इसे अस्वीकार कर दिया| अमेरिका ने हवाई हमला जारी रखा, वियतनामी भी डटे रहे| अंततः 27 फरवरी 1973 को पेरिस में वियतनाम युद्ध की समाप्ति के समझौते पर हस्ताक्षर हो गया| समझौते की मुख्य बातों में युद्ध की समाप्ति के 60 दिनों के अंदर अमेरिकी सेना वापस हो जाएगी, उत्तर दक्षिण वियतनाम परस्पर सलाह करके एकीकरण का मार्ग खोजेंगे अमेरिका वियतनाम को आर्थिक सहायता देगा| इस तरह से अमेरिका के साथ चला आ रहा युद्ध समाप्त हो गया एवं अप्रैल 1975 थे उत्तरी एवं दक्षिणी वियतनाम का एकीकरण हो गया|
6. जेनेवा समझौता क्यों हुआ? 
उत्तर:-
1950 में हिंद चीन की स्थिति बहुत कठिन हो गई थी क्योंकि उत्तरी वियतनाम में हो ची मिन्ह की सरकार थी और दक्षिण वियतनाम में फ्रांस समर्थित बाओदाई की सरकार थी| लाओस और कंबोडिया में पुराने राजतंत्र थे जो फ्रांसीसी नियंत्रण में थे| लाओस और कंबोडिया में लोग जोर शोर से स्वतंत्रता की माँग कर रहे थे| गुरिल्ला सैनिक लाओस कंबोडिया के रास्ते दक्षिणी वियतनाम पर धावा बोलते थे और पुनः जंगलों में छिप जाते थे| इसी क्रम में दिएन बिएन फू पर गुरिल्ला सैनिकों ने भयंकर आक्रमण किया| इस युद्ध में फ्रांस बुरी तरह हार गया|लगभग सोलह हजार फ्रांसीसी सैनिकों को आत्मसमर्पण करना पड़ा|
फ्रांस की पराजय के बाद स्थिति विस्फोटक हो गई| अमेरिका ने हिंद चीन में हस्तक्षेप किया जिससे तृतीय विश्वयुद्ध का खतरा उत्पन्न हो गया| ब्रिटेन और फ्रांस युद्ध नहीं चाहते थे इसलिए समझौते की नीति अपनाई गई| इसके लिए जेनेवा में अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन हुआ| मई 1954 में जेनेवा में हिंद चीन समस्या पर वार्ता हेतु सम्मेलन बुलाया गया| जेनेवा समझौता के तहत इंडो चीन के लाओस और कंबोडिया को स्वतंत्र कर दिया गया| जेनेवा समझौता द्वारा पूरे वियतनाम को दो हिस्सों में बांट दिया गया| उत्तर का क्षेत्र उत्तरी वियतनाम के साम्यवादियों और दक्षिण के क्षेत्र दक्षिणी वियतनाम अमेरिका समर्थित सरकार को दे दिया गया यानी उत्तरी वियतनाम में हो ची मिन्ह की कम्युनिस्ट सरकार तथा दक्षिणी वियतनाम में बाओदाई की सरकार बनी रही| जेनेवा समझौता के बाद भी हिंद चीन की स्थिति सामान्य नहीं हुई| लाओस, कंबोडिया और वियतनाम में गृहयुद्ध आरंभ हो गया|
7. कन्फ्यूशियस की जीवनी एवं उनके उपदेशों का उल्लेख करें|
उत्तर:-
कन्फ्यूशियस चीन के महान दार्शनिक थे| उनका जन्म 551 ई० पू० में हुआ| चीनी उन्हें राजा फत्से कहते थे| इसने अपना जीवन एक शिक्षक के रूप में आरंभ किया| बाद में वे सरकारी नौकरी में चले गए| इन्हें चुंग तु शहर का दंडाधिकारी नियुक्त किया गया| इस पद पर रहते हुए उन्होंने अनेक प्रशासनिक सुधार किए| इससे इनका विरोध होने लगा| अत: बाध्य होकर इन्होंने सरकारी नौकरी छोड़ दी और शेष जीवन अध्ययन एवं सुधारवादी कार्यों में व्यतीत किया| इन्होंने अनेक पुस्तकों की रचना की जिससे इनके विचार स्पष्ट होते हैं | ये राजतंत्र के समर्थक थे| कन्फ्यूशियस एक धार्मिक सुधारक से अधिक समाज सुधारक थे| इन्होंने किसी धर्म की स्थापना नहीं की बल्कि गौतम बुद्ध के ही समान नैतिक आचरण पर बल दिया जिससे उचित सामाजिक व्यवस्था की स्थापना हो सके| इनके मुख्य उपदेश इस प्रकार थे–
(1) पूर्वजों की पूजा करो
(2) गुरुजनों का आदर एवं सम्मान करो
(3) मित्रों के प्रति ईमानदार रहो
(4) अनुशासन, ईमानदारी और शुद्ध आचरण का पालन करो| 
कन्फ्यूशियस ने मनुष्य में तीन गुणों प्रतिभा, साहस एवं जनकल्याण की भावना का होना आवश्यक बताया| इन्होंने राज कर्मियों को चरित्रवान, दयावान एवं प्रजा के हित में कार्य करने की सीख दी|
8. वियतनाम के स्वतंत्रता संग्राम में हो ची मिन्ह के योगदान का मूल्यांकन करें|
उत्तर:-
वियतनामी स्वतंत्रता संग्राम के प्रधान नेता हो ची मिन्ह थे| वे फ्रांसीसी स्कूल में शिक्षा ग्रहण किए थे एवं फ्रांसीसी जहाज में नौकरी भी की थी| इससे वे मार्क्सवादी विचारधारा से परिचित एवं प्रभावित हुए| इनका मानना था कि संघर्ष बिना वियतनाम को आजादी नहीं मिल सकती| लेनिन द्वारा कामिन्टर्न की स्थापना के बाद वे इसके सदस्य बन गए| इन्होंने अनेक कामिन्टर्न के नेताओं से मुलाकात की एवं यूरोप, थाइलैंड एवं चीन में लंबा समय व्यतीत किया| 1930 में इन्होंने वियतनाम के विभिन्न समूहों में बंटे राष्ट्रवादियों को एकजुट किया| 1930 में वियतनामी कम्युनिस्ट पार्टी (वियतनाम कांग्रेस सान देंग) की स्थापना की| बाद में इस दल का नाम बदलकर इंडो चाइनीज कम्युनिस्ट पार्टी कर दिया| इसी दल के अधीन और हो ची मिन्ह के नेतृत्व में वियतनाम ने स्वतंत्रता प्राप्त की| 
द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान 1940 में जापान ने वियतनाम पर अधिकार कर लिया| अतः वियतनामियों को अब एक ही साथ जापानी एवं फ्रांसीसी दोनों से स्वतंत्रता के लिए संघर्ष करना पड़ा| इसके लिए इन्होंने वियेतमिन्ह या लीग फार दी इंडिपेंडेंस आफ वियतनाम| की स्थापना की| इस संगठन ने जापानी आधिपत्य का जोरदार विरोध किया| कड़े संघर्ष के बाद 1945 में वियतनाम को जापानी कब्जे से मुक्त करा लिया| 1945 में ही स्वतंत्रता के बाद वियतनाम लोकतांत्रिक गणराज्य की स्थापना की गई| हो ची मिन्ह इस गणतंत्र के अध्यक्ष निर्वाचित हुए| गणतंत्र की उदघोषणा में उन्होंने कहा कि आगे से साम्राज्यवादी फ्रांस के साथ हमारा कोई संबंध नहीं रहेगा| अब वियतनाम एक स्वतंत्र एवं स्वाधीन देश बन चुका है|

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