Bharti Bhawan History Class-10:Chapter-6:Very Short Type Question Answer:Short Type Question Answer:Long Answer Type Question Answer:इतिहास:कक्षा-10:अध्याय-6:अति लघु उत्तरीय प्रश्न उत्तर:लघु उत्तरीय प्रश्न:दीर्घ उत्तरीय प्रश्न




            शहरीकरण एवं शहरी जीवन





अतिलघु उत्तरीय प्रश्न





1. आधुनिक काल में शहरीकरण पर सबसे बड़ा प्रभाव किसका पड़ा है? 
उत्तर:-
आधुनिक शहरों के उदय को औद्योगिक पूंजीवाद के उदय ने गहरे रूप से प्रभावित किया है|
2. उन दो कानूनों के नाम लिखें जिनके द्वारा इंगलैंड में बाल श्रमिकों को कारखानों में काम करने से रोक दिया गया? 
उत्तर:-
जिन दो कानूनों ने इंगलैंड में बाल श्रमिकों को कारखानों में नाम करने से रोक दिया था वे हैं——-
1. अनिवार्य ये प्राथमिक शिक्षा
2. 1902 का फैक्ट्री कानून
3. शहरीकरण का पुरूषों और महिलाओं पर समान रूप से क्या प्रभाव पड़ा? 
उत्तर:-
शहरीकरण का पुरूषों और महिलाओं पर समान प्रभाव पड़ा| दोनों के व्यक्तिगत स्वतंत्रता अधिकारों और कार्यों पर बल दिया गया|
4. बंबई की चाल किस प्रकार की इमारत थी? इनका निर्माण कबसे आरंभ हुआ? 
उत्तर:-
बंबई में बाहर से आये हुए मजदूरों के आवास के लिए ही बड़ी संख्या में चाल बनवाए गए| चाल बहुमंजिली इमारतें थी| इसका निर्माण 1860 के दशक से आरंभ हुआ था|
5. उन दो फिल्मों के नाम लिखें जिनमें बंबई के अंतर्विरोधी आयामों का उल्लेख किया गया है? 
उत्तर:-
सी ०आई० डी ० और गेस्ट हाउस
6. शहरों की सबसे बड़ी समस्या क्या थी? 
उत्तर:-
शहरों की सबसे बड़ी समस्या बढती जनसंख्या एवं उनके पुनर्वास (आवास) की थी|
7. शहरों और गांवों में मुख्य अंतर क्या है? 
उत्तर:-
शहरों और गावों में मुख्य अंतर यह है कि ग्रामीण लोगों की आजीविका जहाँ कृषि, पशुपालन एवं घरेलू उद्योग धंधों पर आश्रित होती है वहीं शहरों में लोग विभिन्न व्यवसायों व्यापार उद्योग नौकरी में लोग लगे होते हैं|
8. प्राचीन इराक का सबसे प्रमुख नगर कौन सा था? 
उत्तर:-
उर प्राचीन इराक का सबसे प्रमुख नगर था|
9. 1880 में दुर्गाचरण राय की प्रकाशित का क्या नाम था? 
उत्तर:-
देबोगेरमर्त्ये आगमन
10. इंगलैंड में संयमता आंदोलन किसने चलाया? 
उत्तर:-
मध्यमवर्ग ने
11. भारत में धुआँ निरोधक कानून सबके पहले कहाँ और कब बनाया गया? 
उत्तर:-
भारत में धुआँ निरोधक कानून सबसे पहले कलकत्ता में 1863 में बनाया गया|
लघु उत्तरीय प्रश्न






1. शहर किस प्रकार के क्रियाकलापों के केन्द्र होते हैं? 
उत्तर:-
शहर सामाजिक आर्थिक राजनीतिक, प्रशासनिक, सैनिक तथा धार्मिक क्रियाकलापों के केन्द्र होते हैं| रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य, व्यापार वाणिज्य तथा यातायात के केन्द्र शहर ही होते हैं| शहर गतिशील अर्थव्यवस्था जो मुद्रा प्रधान अर्थव्यवस्था होती है उसके भी केंद्र होते हैं| शहर राजनीतिक प्राधिकार का भी एक महत्वपूर्ण केंद्र होते हैं|
2. 18 वीं शताब्दी के मध्य से लंदन की आबादी बढ़ने के क्या कारण थे? 
उत्तर:-
लंदन इंगलैंड का एक बड़ा नगर था| इंगलैंड की राजधानी होने के कारण इसकी आबादी लगातार बढ़ती गई| जहाँ 1750 तक इसकी आबादी 6 लाख थी वहीं 1890 तक लंदन की जनसंख्या 40 लाख हो गई| यद्यपि लंदन में कारखाने नहीं थे परंतु वहाँ रोजगार के अन्य अवसर उपलब्ध थे| इसिलिए इंगलैंड के विभिन्न भागों से लोग वहाँ आकर बसने लगे| प्रथम विश्वयुद्ध तक लंदन में मोटर और बिजली के सामान भी बड़े स्तर पर बनाए जाने लगे| इससे नये नये कारखाने खुले| इससे भी लंदन की आबादी बढ़ती गई|
3. 19 वीं शताब्दी के मध्य में बंबई की आबादी में भारी वृद्धि क्यों हुई? 
उत्तर:-
19 वीं शताब्दी के मध्य से बंबई का विकास एक महत्वपूर्ण बंदरगाह शहर के रूप में होने लगा था| यहाँ से अफीम और कपास का निर्यात किया जाता था| व्यापार के विकास के साथ साथ यह प्रशासनिक रूप में पश्चिम भारत में ईस्ट इंडिया कंपनी का मुख्यालय भी बन गया| औद्योगिकरण का जब विकास हुआ तो बंबई बड़े औद्योगिक केन्द्र के रूप में बदल गया| 1819 में आंग्ल मराठा युद्ध में मराठों की पराजय के बाद ईस्ट इंडिया कंपनी ने बंबई को बंबई प्रेसीडेंसी की राजधानी बनाई| इसके बाद बंबई शहर का तेजी से विकास हुआ| व्यापारी, कारीगर, उद्योपति, दुकानदार, श्रमिक बड़ी संख्या में यहाँ आकर बसने लगे| इससे बंबई पश्चिमी भारत का सबसे प्रमुख नगर बन गया तथा इसकी आबादी में काफी वृद्धि हुई|
4. 19 वीं 20 वीं शताब्दियों में लंदन में कामकाजी महिलाओं में किस प्रकार का बदलाव आया? इसके क्या कारण थे? 
उत्तर:-
18 वीं, 20 वीं शताब्दी में जब इंगलैंड में कारखाने स्थापित होने लगे तब बड़ी संख्या में स्त्रियाँ भी इनमें काम करने लगी| लेकिन कुछ समय बाद तकनीक में परिवर्तन के कारण जब कुशल श्रमिकों की आवश्यकता हुई तो इन स्त्रियों को कारखानों से हटाया जाने लगा| कारखानों में काम बंद होने पर स्त्रियाँ घरेलु काम धंधों में लग गयी| कुछ स्त्रियाँ अपने घर पर ही रहकर कपड़े सिलने, ऊनी वस्त्र बुनने तथा कपड़ा धोने का काम करने लगा| प्रथम विश्वयुद्ध के दौरान जब पुरूष बड़ी संख्या में युद्ध में शामिल होने लगे तथा युद्धकालीन आवश्यक सामग्रियों की माँग बढ़ गई तो लंदन की कामकाजी महिलाओं में फिर से बदलाव आया| वे विभिन्न उद्योगों तथा दफ्तरों में काम करने लगी| इस प्रकार महिलाओं के आर्थिक क्रियाकलापों में महत्वपूर्ण बदलाव आया औद्योगीकरण तथा प्रथम विश्वयुद्ध इस बदलाव के प्रमुख कारण थे|
5. 19 वीं शताब्दी में धनी लंदन निवासियों ने गरीबों के लिए मकान बनाने की वकालत क्यों की? 
उत्तर:-
19 वीं शताब्दी में लंदन में गरीबों के आवास से जुड़ी एक महत्वपूर्ण समस्या थी| कारखाने व्यवस्था ने लंदन नगर का स्वरूप परिवर्तित कर दिया| कारखानों में काम करने के लिए बड़ी संख्या में लोग इंगलैंड के विभिन्न भागों से लंदन में आकर बसने लगे थे| परंतु उनके सामने मुख्य समस्या आवास की थी| इसी समस्या को ध्यान में रखते हुए धनी लंदन वासियों ने गरीबों के लिए मकान बनाने की वकालत शुरू की| वैसी धनी लोग जिनके पास पर्याप्त जमीन उपलब्ध की शहर में बाहर से आनेवाले गरीब लोगों के लिए टेनमेंटस बनाने लगे| ये कामचलाऊ और असुरक्षित अपार्टमेंट या मकान थे| ऐसे मकान शहर के गरीब इलाकों में बनवाए गए|
6. बंबई की बहुतेरी फिल्में शहर में बाहर से आनेवालों की जिंदगी पर क्यों आधृत होती थी? 
उत्तर:-
बंबई नगर भीड़ भाड़, गंदगी, गरीबी, संपन्नता के साथ साथ सपनों का शहर भी था| यहाँ अनेक लोग सुनहरे सपने संजोए हुए आते थे| इनमें बहुतों के सपने पूरे होते थे तो अनेक निराश हो जाते थे| बंबई को लोग सपनों का शहर या मायापुरी मानते थे| औद्योगिक और आर्थिक केन्द्र होने के अतिरिक्त बंबई रूपहले दुनिया या फिल्म उद्योग का भी केंद्र था| फिल्मी दुनिया से आकृष्ट होकर इस उद्योग में अपना भविष्य तलाशने एवं संवारने प्रतिवर्ष हजारों लोग इस शहर में आते इसिलिए बंबई में अधिकांश फिल्में शहर से आनेवालों की जिंदगी और उनकी आशाओं और निराशा पर केंद्रित कर बनाई जाती थी|
7. किन तीन प्रक्रियाओं के द्वारा आधुनिक शहरों की स्थापना निर्णायक रूप से हुई? 
उत्तर:-
औद्योगिक पूंजीवाद का उदय, उपनिवेशवाद का विकास तथा लोकतांत्रिक आदर्शों का विकास
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न







1. शहरीकरण से आप क्या समझते हैं? शहरीकरण ने सहायक तत्वों का उल्लेख करें? 
उत्तर:-
शहरीकरण का इतिहास काफी पुराना है| मानव सभ्यता के विकास के साथ साथ शहरों का भी उदय हुआ| सुमेर (मेसोपोटामिया), हड़प्पा (भारत- पाकिस्तान) रोम और यूनानी सभ्यताओं में अनेक नगर विकसित हुए| मध्यकालीन और आधुनिक काल में भी शहरीकरण की प्रक्रिया जारी रही| प्राचीन, मध्यकालीन और आधुनिक शहरों के स्वरूप में अंतर देखा जा सकता है| इन सभी शहरों की एक साझा विशेषता थी कि नगर गैर कृषक उत्पादन व्यवसाय व्यापार के केंद्र थे| शहरों की जीवन शैली ग्रामों से भिन्न थी शहरों में नगरी जीवन एवं संस्कृति का विकास हुआ| शहरीकरण उस प्रक्रिया को कहते हैं जिसके अंतर्गत गाँव, छोटे कस्बे, शहर, नगर और महानगर में तब्दील हो जाते हैं| शहरों के उदय और विकास में अनेक कारणों का योगदान रहा है| इनमें आर्थिक, राजनीतिक और धार्मिक कारण प्रमुख है|
शहरीकरण के सहायक तत्व——
आधुनिक शहरों के उदय में तीन तत्वों का महत्वपूर्ण योगदान रहा है| ये है—–
औद्योगिक पूंजीवाद का उदय, उपनिवेशवाद का विकास तथा लोकतांत्रिक आदर्शों का विकास| शहरीकरण ने आर्थिक व्यवस्था के साथ साथ सामाजिक राजनीतिक व्यवस्था पर भी गहरा प्रभाव डाला|
2. 19 वीं सदी में इंग्लैंड में मनोरंजन के कौन से साधन थे? 
उत्तर:-
19 वीं सदी में इंग्लैंड के शहरवासियों के लिए विभिन्न प्रकार के मनोरंजन की व्यवस्था की गयी| मशीनी जीवन व्यतीत करने के साथ साथ रविवार एवं छुट्टियाँ का दिन आराम और मनोरंजन में व्यतीत करने के लिए समाज के विभिन्न वर्गों ने अलग अलग रास्ते ढूँढे| 18 वीं सदी के अंतिम दशक से तीन चार सौ घनी एवं संभ्रात परिवार के लोगों के मनोरंजन के लिए अपेक्ष, रंगमंच और शास्त्रीय संगीत के सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते थे| 19 वीं सदी में मनोरंजन का एक प्रमुख केन्द्र शराबखाना था| रेलवे का आरंभ होने के पूर्व शराब खानों में लोग घोड़ा गाड़ियों से आते थे| शराब खाने सामान्यतः घोड़ा गाड़ियों के रास्ते में स्थापित किए गए| इनमें मुसाफिर आकार ठहरते थे और रात्रि विश्राम भी करते थे| ये मुगलकालीन भारत में प्रचलित सराय के समान थे| जब रेल और बस का उपयोग बड़ा तो घोड़ा गाड़ियों का व्यवहार कम हो गया| अब शराबखाने रेलवे स्टेशनों और बस पड़ावों के निकट बनाए गए| 19 वीं शताब्दी से लंदन निवासियों को अपने इतिहास की जानकारी देने के लिए संग्रहालय एवं कला दीर्घाएँ सरकार द्वारा खोली गई| पुस्तकालय भी स्थापित किए गए जो एक ही साथ मनोरंजन एवं ज्ञान वर्द्धन के केन्द्र बन गए| 1810 में संग्रहालयों में प्रवेश शुल्क समाप्त कर देने से दर्शकों की संख्या में तेजी से वृद्धि हुई| लाखों लोग इन संग्रहालयों में आने लगे| समाज के निम्न तबके के लोग अपने मनोरंजन के लिए संगीत सभा का आयोजन करते थे|
3. लंदन में भूमिगत रेलवे का निर्माण क्यों किया गया? इसकी क्या प्रतिक्रिया हुई? 
उत्तर:-
लंदन शहर का जब विस्तार हुआ तब यह शहर इतना विशालकाय हो गया कि लोगों को अपने कार्यस्थल पर पैदल पहुँचना मुश्किल होने लगा| लंदन में बाहर से आनेवाले को भी यहाँ पहुँचना मुश्किल हो रहा था| इसिलिए परिवहन के साधनों के विकास के अंतर्गत भूमिगत रेलवे के विकास की योजना बनाई गई| इसका सबसे बड़ा लाभ यह था कि लोग उपनगरीय बस्तियों से सुविधापूर्वक लंदन आकर अपना काम कर सकते थे| इसका दूसरा लाभ यह था कि भूमिगत रेलवे की सुविधा होने से लंदन पर आबादी का बोझ कम हो जाता| इसिलिए 19 वीं शताब्दी के उत्तरार्ध में लंदन में भूमिगत रहा था विकास किया गया| लंदन में ही विश्व की पहली भूमिगत रेल बनी| इसका आरंभ 10 जनवरी 1863 को हुआ| यह रेल लाइन लंदन के पैडिंग्टन और फैरिंग्टन स्ट्रीट के बीच चलाई गई| लेकिन भूमिगत रेलवे के विकास के साथ लोगों द्वारा इसकी प्रतिक्रिया भी व्यक्त की गई| आरंभ में लोगों को भूमिगत रेल से यात्रा करना असुविधाजनक और भयभीत कर देनेवाला लगता था| अखबार में एक पाठक ने भूमिगत रेल में अपनी यात्रा का अनुभव करते हुए लिखा था कि भूमिगत रेलगाड़ियों को फौरन बंद कर देना चाहिए| ये स्वास्थ्य के लिए भयानक खतरा है| इसी तरह की निराशाजनक प्रतिक्रिया कुछ अन्य लोगों की भी थी| उनका कहना था कि इन लौह दैत्यों ने शहर की अफरातफरी और अस्वास्थ्यकर माहौल को और बढ़ा दिया है| विख्यात अंग्रेजी उपन्यासकार चार्ल्स डिकेंस भी अपने उपन्यास डाम्बी एंडवसन में भूमिगत रेलवे द्वारा लाएगा विनाश का उल्लेख करते हैं| भूमिगत रेल निर्माण से गरीब तबकों पर बुरा असर पड़ा| अनुमानतः दो मील लंबी लाइन बिछाने के लिए नौ सौ घर गरीबों के गिरा दिए जाते थे| इस प्रकार भूमिगत रेलवे के निर्माण द्वारा बड़ी संख्या में गरीबों की बस्तियाँ उजाड़ी जा रही थी| 
4. शहरीकरण का पर्यावरण पर क्या प्रभाव पड़ा? प्रदूषण को रोकने के लिए क्या प्रयास किए गए? 
उत्तर:-
शहरीकरण की प्रक्रिया का प्रतिकूल प्रभाव पर्यावरण पर पडता है| शहरों में कल कारखानों के खुलने, बेतरतीब भीड़, गाड़ियों और लोगों की लगातार आवाजाही, धूल और गंदगी से पर्यावरण  प्रदूषित होता है| शहरों के विस्तार के क्रम में प्राकृतिक वातावरण को नष्ट कर दिया गया था| जंगल का काटना, पहाड़ियों को समतल करना तथा तटीय इलाकों को भूमि के रूप में परिवर्तित करना आदि से पर्यावरण प्रदूषित हुई| हवा पानी को गंदगी ने प्रदूषित कर दिया| शहरों की भीड़, शोर शराबे ने वायु प्रदूषण को बढ़ाया| लेकिन धीरे धीरे नगर नियोजक इन समस्याओं की ओर ध्यान देने लगे| सरकार ने समय समय पर शहरों के पर्यावरण में सुधार लाने और प्रदूषण को नियंत्रित करने के प्रयास किए| शहर में गंदगी फैलाने वाले इलाकों की सफाई करवाई गई| गंदे कारखाने को शहर से बाहर स्थानांतरित करने का प्रयास किया गया| भारत में पहली बार कलकत्ता में ही धुआँ निरोधक कानून 1863 में पारित किया गया| बंगाल धुआँ निरोधक आयोग के प्रयासों से कलकत्ता में औद्योगिक इकाइयों से निकलने वाले धुएँ पर नियंत्रण लाकर वायु प्रदूषण को कम करने का प्रयास किया गया इसके पूर्व 1840 के दशक तक इंगलैंड के प्रमुख औद्योगिक शहरों में धधुआँ नियंत्रक कानून लागू किए गए|
5. विशाल शहरी आबादी का अग्रलिखित पर क्या प्रभाव पड़ता है? लंदन के संदर्भ में उत्तर दे—
उत्तर:-
विशाल शहरी आबादी ने समाज के विभिन्न वर्गों पर प्रतिकूल प्रभाव डाला था| लंदन के संदर्भ में जिन वर्गों पर विशाल शहरी आबादी ने प्रभाव डाला था वे हैं—-
जमींदार—–
जमींदार वर्ग ही पूंजीपति वर्ग कहलाए| औद्योगीकरण के कारण समाज में इस वर्ग का उदय हुआ| कारखाने दारी व्यवस्था में इस वर्ग का विशेष प्रभाव था| अपनी पूंजी के आधार पर ये उद्योगों को नियंत्रित करते थे| आर्थिक उन्मुक्तवाद की सरकारी नीति का लाभ उठाकर इन लोगों ने अपनी धन संपदा में वृद्धि की| ये मजदूरों का शोषण करते थे इसलिए इनके विरुद्ध प्रतिक्रिया स्वरूप हो मजदूर आंदोलन हुए|
रानेता—
शहरों की विशाल आबादी राजनीतिक गतिविधियों के केन्द्र बन गए| 1886 में लंदन के गरीब तबका गरीबी से तंग आकर विद्रोही पर उतारू हो गई| वे इसकी समाप्ति को लेकर करीब दस हजार गरीबों का झुंड प्रदर्शन करते हुए डेंट फोर्ड से लंदन की ओर बढ़ा| इससे अफरा तफरी की स्थिति उत्पन्न हो गई| जिससे घबराकर दुकानदारों ने अपनी दुकाने बन्द कर दी| इसी प्रकार की स्थिति नवम्बर 1887 में भी उत्पन्न हुई| नवंबर के एक खुनी रविवार के दिन हजारों प्रदर्शनकारी सड़क पर उतर गये| 1889 में लंदन के गोदी कामगारों ने व्यापक हड़ताल कर दी| इसमें हजारों कर्मचारियों ने भाग लिया| इसमें हजारों कर्मचारियों ने जुलूस निकाले और प्रदर्शन किए| उनकी हड़ताल 12 दिनों तक चली| उनकी मुख्य माँग गोदी कामगार यूनियन को मान्यता देने की थी| इन हड़तालों और प्रदर्शन द्वारा शहरों में राजनेता अपना प्रभाव बढ़ाने लगे| शहर में प्रदर्शन, जुलूस के लिए उन्हें उन साथ हजारों व्यक्ति मिल जाते थे| इसका लाभ उठाकर राजनेता अपनी माँग मनवाने के लिए सरकार पर दबाव डालकर अपना प्रभाव बढ़ाने लगे| इस प्रकार नगर राजनीतिक गतिविधियों के भी केंद्र बन गए|
6. लंदन में गार्डन सिटी की योजना क्यों बनाई गई? इस योजना का कार्यान्वयन कैसे किया गया? 
उत्तर:-
लंदन में गार्डन सिटी की योजना इसिलिए बनाई गई क्योंकि स्वच्छ वातावरण में रहने और काम करने से लोग अच्छे नागरिक बन सकेंगे| लंदन को धनी लोगों के लिए वास्तुकार और योजनाकार वेनेजर हावर्ड ने बगीचों के शहर या गार्डन सिटी की योजना तैयार की| इस शहर की योजना इस रुप में बनाई गई कि शहर में साफ़ सुथरे बाग बगीचे हो ं, लोगों के रहने और उनके काम करने के स्थान हो ं| हावर्ड का मानना था कि ऐसे स्वच्छ वातावरण में रहने और काम करने वाले लोग अच्छे नागरिक बन सकेंगे| हावर्ड की योजना के आधार पर रेमंड अनविन और बैरी पार्कर ने न्यू अर्जविक नामक बगीचों के शहर का खाना बनाया| इस शहर में बाग बगीचों मनमोहक परिदृश्यों, साफ सुथरे अन्य मकानों की व्यवस्था की गई जिससे नये सामुदायिक जीवन का विकास हुआ परंतु महंगे होने के कारण इस शहर में सिर्फ कुलीन और संपन्न लोग ही रह सकते थे, गरीबों के लिए इसमें स्थान नहीं था|
7. पेरिस के हासमानीकरण से आप क्या समझते हैं? पेरिस का पुननिर्माण कैसे किया गया? 
उत्तर:-
यूरोप के प्रत्येक देशों में शहरों को आकर्षक सुंदर और आरामदायक बनाने के लिए प्रयास किए गए| लंदन के अतिरिक्त फ्रांस की राजधानी पेरिस को भी आकर्षक बनाने का प्रयास किया गया| 1852 में फ्रांस के सम्राट लुई तृतीय ने पेरिस के पुननिर्माण का कार्य सियां नामक स्थान का प्रीपक्ट बेरान हासमान जो एक विख्यात और कुशल वस्तुकार था, को सौंपा| हासमान द्वारा पेरिस का पुननिर्माण पेरिस का हासमानीकरण कहलाता है| हासमान ने पेरिस के पुननिर्माण में सत्रह वर्षों का लंबा समय लगाया| इस अवधि में पूरे नगर में सीधी, चौड़ी और छायादार सड़कें बनाई गई| बड़े और खुले मैदान बनाए गए तना बाग बगीचें लगवाए गए| स्थान स्थान पर बस पड़ावों का निर्माण करवाया गया तथा पानी पीने के लिए नल लगवाए गए| नगर में शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस को नियुक्त किया गया| अपराधों पर नियंत्रण रखने के लिए रात्रि में पुलिस गश्त की व्यवस्था की गई| हासमान ने पेरिस का कायाकल्प कर दिया| पेरिस नगर सौंदर्य में यूरोप के अन्य सभी नगरों से बढ़ गया|
8. बंबई की चाल और उनमें रहने वालों के जीवन पर एक संक्षिप्त निबंध लिखें? 
उत्तर:-
1860 के दशक में बंबई में गरीब जनता के आवास के लिए बड़ी संख्या में चाल बनवाए जाने लगे| बंबई की बहुसंख्य साधारण और गरीब जनता को चाल में ही अपनी पूरी जिंदगी गुजारनी पड़ती थी| चाल लंदन में बनाए जाने वाले टेनमेंटस के समान थे| चाल मुख्यतः गरीब लोगों और बाहर से बंबई में आकर बसने वाले लोगों के लिए बनवाए गए| 1901 की जनगणना के अनुसार बंबई की लगभग 80 प्रतिशत आबादी इन चालों में रहतीं थी| बंबई की चाल बहुमंजिली इमारते थी| इनमें एक कमरे के मकान (खोली) कतार में बने होते थे| इनमें शौचालय और नल की व्यवस्था सार्वजनिक रूप से की गई थी| एक कमरे में औसतन चार पांच व्यक्ति रहते थे| कमरों का किराया अधिक होने के कारण कयी मजदूर मिलकर एक कमरा लेते थे| बहुत सी चालों में मुसलमानों और निचली जाति के लोगों को कमरे नहीं दिए जाते थे| एक चाल में सामान्यतः एक ही जाति बिरादरी वाले रहते थे| चालों का वातावरण अत्यंत दूषित और अस्वास्थ्यकर था| इनके पास ही खुले गटर और गंदी नालियाँ बहती थी| भैंसों के तबेले इनके पास रहने के कारण काफी दुर्गंध आती थी| शौचालयों में जाने एवं पानी लेने के लिए नल पर कतारें लगानी पड़ती थी| इससे आपस में झगड़े भी होते रहते थे| कमरों में स्थान की कमी होने के कारण सड़कों पर और सार्वजनिक स्थान पर खाना बनाया जाता था, कपड़ा धोया तथा सोया भी जाता था| खाली जगहों पर शराब की दुकानें एवं अखाड़े भी खोल लिए जाते थे| सार्वजनिक स्थलों पर विविध प्रकार के मनोरंजन भी किए जाते थे| चालों में रखनेवालों का जीवन चालों में ही सिमटा हुआ था| इस प्रकार बंबई के चालों में रहनेवालों का जीवन कठिनाइयाँ और संघर्ष का पर्याय था|

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