Bharti Bhawan Geography Class-10:Chapter-13:Very Short Type Question Answer:Short Type Question Answer:Long Answer Type Question Answer:भूगोल:कक्षा-10:अध्याय-13:अति लघु उत्तरीय प्रश्न उत्तर:लघु उत्तरीय प्रश्न:दीर्घ उत्तरीय प्रश्न





                           आपदा प्रबंधन



अतिलघु उत्तरीय प्रश्न





1. जीवन रक्षक आकस्मिक प्रबंधन के अंतर्गत निजी 3 वस्तुओं की एक सूची बनाएं|
उत्तर:-
टार्च, हेलमेट और लाइफ जैकेट तीन जीवन रक्षक आकस्मिक प्रबंधन की निजी वस्तुएँ हैं| साथ ही First Aid Box भी जीवन रक्षक आकस्मिक प्रबंधन की वस्तु है|
2. बाढ़ की स्थिति में अपनाए जाने वाले तीन आवश्यक प्रबंधन के उपाय बताएं|
उत्तर:-
बाढ़ की स्थिति में अपनाए जाने वाले तीन आवश्यक प्रबंधन के उपाय निम्नलिखित हैं—–
1. सरकारी स्तर पर चिकित्सकों का एक दल अत्यावश्यक दवाओं के साथ बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में तैनात करना चाहिए|
2. छाटे बच्चों के लिए दूध का प्रबंध तत्काल स्थानीय स्रोतों से करना चाहिए|
3. राहत शिविर यथासंभव ऊंचे भाग में स्थापित करना चाहिए|
3. सामान्य संचार व्यवस्था के बाधित होने के चार कारण लिखें|
उत्तर:-
टेलीफोन की केबल लाइनों का टूट जाना
बिजली के तारों का टूटना
संचार भवनों का ध्वस्त होना
ट्रांसमिशन टावरों का क्षतिग्रस्त होना
4. सुनामी संभावित क्षेत्रों में गृह निर्माण कैसे करना चाहिए? 
उत्तर:-
सुनामी संभावित क्षेत्र में तटों से बहुत दूर हटकर घर बनाना चाहिए| मकान को भूकंप और सुनामी रोधी होना चाहिए|
5. सुखाड़ में मिट्टी की नमी कैसे बनाए रखी जा सकती है? 
उत्तर:-
सुखाड़ की स्थिति में जल विभाजक क्षेत्र की विकास योजनाओं द्वारा मिट्टी की नमी बनाएं रखी जा सकती है|
6. उत्तरी बिहार के विद्यालयों में तैराकी का प्रशिक्षण क्यों उपयोगी है? 
उत्तर:-
बाढग्रस्त क्षेत्र होने के कारण उत्तरी बिहार के विद्यालयों में तैराकी का प्रशिक्षण उपयोगी है|
7. तराई के क्षेत्रों में भूकम्प रोधी भवनों के निर्माण पर क्यों बल दिया जा रहा है? 
उत्तर:-
भूकंप के दुष्प्रभाव से बचने के लिए तराई क्षेत्रों में भूकंप रोधी भवनों के निर्माण पर बल दिया जा रहा है|
8. 2 अगस्त 2008 को किस स्थान पर तटबंध के टूटने से कोसी में भयंकर बाढ़ आयी थी? 
उत्तर:-
कुसहा नामक स्थान पर
9. 2001 के गुजरात भूकंप की सूचना सबसे पहले किस साधन से प्राप्त हुई थी? 
उत्तर:- रेडियो और हैम रेडियो
10. भारत के किस भाग में प्रायः भूकंप नही आता है? 
उत्तर:- पश्चिमी भाग में
11. कोसी नदी के कारण बिहार के तीन प्रभावित जिलों के नाम लिखें|
उत्तर:-
मधेपुरा, अररिया और सहरसा
12. भारत के किस समुद्री तट पर सुनामी का प्रभाव नहीं पड़ता है? 
उत्तर:-
पश्चिमी समुद्री तट
13. भूस्खलन से प्रभावित होने वाले किन्हीं दो राज्यों के नाम लिखें|
उत्तर:- तराई और उत्तर प्रदेश
14. चक्रवात से प्रभावित होने वाले किन्हीं दो प्रमुख राज्यों के नाम लिखें|
उत्तर:- झारखंड और बिहार
 लघु उत्तरीय प्रश्न






1. ग्राम पंचायतों के पास आपदा प्रबंधन के रूप में किन सामग्रियों का भंडार रहना चाहिए? 
उत्तर:-
अनाजों का पर्याप्त भंडार
उपचार के लिए प्राथमिक उपचार व्यवस्था तथा दवाइयाँ
हैम रेडियो
टेंट, भोजन का प्रबंधन
सिटी का प्रबंध
रस्सी, सीढ़ियाँ, घिरनी, हथौड़ा, स्ट्रेचर, काटने के छोटे छोटे औजार इत्यादि का प्रबंध|
रूई, कीटाणुरहित पट्टी, क्रेप बैण्डेज, चिपकने वाली टेप, थर्मामीटर, दस्ताने, ओ आर एस का पैकेट, एन्टासिड साबुन इत्यादि का प्रयोग|
2. भूकंप के प्रभाव को कैसे कम किया जा सकता है? 
उत्तर:-
भूकंप में ध्वस्त मकानों का मलबा साफ कर इनमें फंसे लोगों को शीघ्र निकालना चाहिए|
भूकंप प्रभावित क्षेत्र में रक्तदान करनेवाले तथा अस्थि रोग विशेषज्ञ तथा डाक्टरों का दल शीघ्रता से भेजना चाहिए|
अस्थायी टेंट और शिविर का प्रबंध तेजी से करना चाहिए|
3. आग लगने पर क्या प्रबंधन करना चाहिए|
उत्तर:-
आग में फंसे लोगों को बाहर निकालना
घायल लोगों का प्राथमिक उपचार करना तथा
यथाशीघ्र निकटतम फायर ब्रिगेड स्टेशन (अग्निशामक केन्द्र) को सूचित करना|
4. बाढ़ या भूकंप में सामान्य संचार व्यवस्था भंग होने के क्या कारण है? 
उत्तर:-
बाढ़ या भूकंप जैसे दुर्घटनाओं के फलस्वरूप प्रायः सड़क और रेल लाइनें टूट जाती है जिससे स्थल परिवहन भंग हो जाता है| इसी प्रकार टेलीफोन लाइनों के टूट जाने से संचार व्यवस्था भी भंग हो जाता है|
5. आकस्मिक प्रबंधन में स्थानीय प्रशासन की भूमिका की विवेचना करें|
उत्तर:-
आकस्मिक प्रबंधन के अन्तर्गत राहत शिविरों का निर्माण बचाव कार्य के उपकरण, प्राथमिक उपचार की सामग्रियाँ, डाक्टर, एम्बुलेंस, अग्निशामक इत्यादि की व्यवस्था स्थानीय प्रशासन ही कर सकता है| प्रशासनिक अधिकारियों का यह कर्त्तव्य है कि शीघ्रातिशीघ्र राहत सामग्रियों और अन्य आवश्यक वस्तुओं की व्यवस्था करें| इस संबंध में अधिकारियों को कुछ अतिरिक्त प्रशासनिक अधिकार भी देने चाहिए| 
6. भूकम्प और सुनामी की स्थिति में आकस्मिक प्रबंधन का वर्णन करें|
उत्तर:-
भूकम्प और सुनामी आकस्मिक रूप से घटित होता है| इस स्थिति में आकस्मिक प्रबंधन के तहत निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना आवश्यक है—–
1.भूकम्प के ध्वस्त मकानों के मलवे से जीवित लोगों को शीघ्र निकालना चाहिए|
2. अस्थायी टेंट और शिविर का प्रबंध तेजी से करना चाहिए|
3. भूकंप प्रभावित क्षेत्रों में रक्तदान करने वाले टीम तथा अस्थि रोग विशेषज्ञों और डाक्टरों का दल शीघ्र भेजना चाहिए|
4. राहत के अन्य कार्य जैसे— डी ० डी ० टी ० या ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव खाने/पीने का समुचित प्रबंध और बाद में पुर्नवास का प्रबंध करना चाहिए|
7. इन्फ्रारेड कैमरा क्या है? 
उत्तर:-
भूकंप और सुनामी के दौरान हुए क्षतिग्रस्त इलाकों में मल्बे के अंदर नीचे दबे हुए लोगों का पता लगाने के लिए जिस उपकरण का प्रयोग किया जाता है, उसे इन्फ्रारेड कैमरा कहते हैं| इन्फ्रारेड कैमरे से यह पता चलता है कि मलबे के अंदर कहाँ पर लोग दबे हुए हैं|
8. बरनौल नामक दवाई किस काम में प्रयुक्त होती है? 
उत्तर:-
जले हुए लोगों का प्राथमिक उपचार के रूप में जले भाग पर बरनौल नामक दवाई का लेप लगाना उचित होता है|
9. प्राकृतिक आपदा काल में वैकल्पिक संचार साधन का वर्णन करें|
उत्तर:-
प्राकृतिक आपदा काल में सड़क, रेल लाइन, टेलीफोन लाइन के टूटे जाने से संचार व्यवस्था भंग हो जाती है जिससे बचाव एवं सहायता कार्य में कठिनाई होती है| इस कठिनाई से बचने के लिए हेलीकॉप्टर, नावें और मोबाइल और वाकी टाकी का सहारा लिया जाता है| वायरलेस और टेलीविजन भी मदद पहुँचाने में सहायक होते हैं| लाउडस्पीकर का भी सहारा लिया जाता है| वर्तमान में हैम रेडियो वैकल्पिक व्यवस्था में उत्तम साधन है| इसमें टावर इत्यादि की आवश्यकता नहीं होती है| इसमें संबंध बनाने का कार्य सैटेलाइट से होती है| संचार उपग्रह से भी आपदा संबंधी जानकारी मिलती है| संचार उपग्रह पर आपदा का कोई प्रभाव नहीं पड़ता है| अत: ऐसे समय में इनका महत्व और भी बढ़ जाता है|
10. भारत के पश्चिमी राज्यों में बाढ़ का प्रकोप प्रायः नहीं होता है|क्यों? 
उत्तर:-
भारत के पश्चिमी राज्यों में जो नदियाँ और सहायक नदियाँ हैं उनकी जलधारा बहुत तेज नहीं होती है| इसिलिए भारत के पश्चिमी राज्यों में बाढ़ का प्रकोप प्रायः नहीं होता है|
11. भारत का पश्चिमी और मध्य भाग क्यों सूखे से प्रायः ग्रसित होता है? 
उत्तर:-
भारत का पश्चिमी और मध्य भाग सूखे से प्रायः ग्रसित होता है, क्योंकि यहाँ जलवायु शुष्क है जिससे वर्षा नहीं होती है| इसिलिए ये क्षेत्र प्रायः सूखाग्रस्त रहता है|
12. किसी क्षेत्र को सूखाग्रस्त घोषित करने के पश्चिमी किस बात पर विचार किया जाता है? 
उत्तर:-
लंबे समय तक अपर्याप्त वर्षा और वर्षा का वितरण असंतुलित होना|
आर्द्रता की कमी से फसलों का मुरझा जाना, 30℅ से भी कम खेतों में सिंचाई किया जाना|
कम वर्षा के कारण जल ग्रहण क्षेत्र, जलाशय और झीलें सूखी रह जायें|
जल की कमी के कारण उत्पादन 30℅ से भी कम हो|
13. क्या कारण है कि हिमालय की तराई भाग और पूर्वोत्तर राज्यों में अधिक भूकंप आते हैं? 
उत्तर:-
भारत में भूकंप का प्रमुख कारण इंडियन प्लेट और यूरोपीय प्लेट की पारस्परिक क्रिया प्रतिक्रिया है| हिमालय की तराई का भाग और पूर्वोत्तर राज्य इंडियन प्लेट की उत्तरी सीमा पर स्थित है| इसिलिए इन भागों में इंडियन प्लेट के उत्तर की ओर खिसकने और यूरोपीयन प्लेट से टकराने के कारण अधिक भूकंप आते हैं|
14. उड़ीसा और गुजरात के चक्रवातों में क्या अंतर है? 
उत्तर:-
उड़ीसा और गुजरात की भौगोलिक दशाएँ अलग अलग है| इसिलिए उड़ीसा और गुजरात के चक्रवात में अंतर पाया जाता है| दोनों की वायु का बहाव सर्पिल यानि भंवर की तरह चक्कर काटते हुए वायु की स्थिति अलग अलग होती है| उड़ीसा राज्य में भयानक समुद्री लहरें और तीव्र वायु घुसती है| समुद्री जल असाधारण रूप से ऊपर उठ जाता है जिसे तूफान महोर्मि कहा जाता| जबकि गुजरात में यह स्थिति नहीं पायी जाती है| यही कारण है कि दोनों राज्यों की चक्रवातों में अंतर है|
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न







1. आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2006 में क्या बताया गया है? 
उत्तर:-
विभिन्न आपदा से बचने के लिए सरकार द्वारा 2005 ई० में एक अधिनियम की घोषणा की गयी जिसे आपदा प्रबंधन अधिनियम का नाम दिया गया| इस अधिनियम के अनुसार किसी क्षेत्र में घटित दुर्घटना, संकट, महाविपत्ति या गंभीर घटना को आपदा के रूप में निरूपित किया गया है, जो मानवकृत या प्राकृतिक कारणों या लापरवाही या दुर्घटना का परिणाम हो और जिससे बड़े स्तर पर जान माल की क्षति, पर्यावरण की हानि एवं विनाश और जिसका परिणाम प्रभावित क्षेत्र में रहने वाले मनुष्यों की सहन क्षमता के बाहर हो|
2. व्याख्या करें—-
हैम रेडियो—–
इसे एमेच्योर के नाम से भी जानते हैं| इसका प्रयोग गैर वाणिज्यिक प्रयोजनों के लिए किया जाता है, जिसके संचालन में ऊर्जा की आवश्यकता पूर्ति की जेनरेटरों बैटरियों के द्वारा किया जाता है| हेम रेडियो अंतर्राष्ट्रीय दूर संचार नियमों के अनुसार कार्य करता है| इसका प्रयोग बड़ी बड़ी प्राकृतिक आपदा वाले क्षेत्रों में किया जाता है| इस संचार प्रणाली में कोई भी बाहर तार की आवश्यकता नहीं पड़ती हैं| आपदा के दौरान सूचना के प्रेषण में इसकी भूमिका महत्वपूर्ण होती है|
उपग्रह—–
आपदा के पूर्व, आपदा के दौरान एवं आपदा पश्चात उपग्रह संचार प्रणाली महत्वपूर्ण निभाती है| उपग्रह संचार के अंतर्गत सुदूर संवेदी उपग्रह का प्रयोग किया जाता है| इसका प्रयोग दूरदर्शन, मौसम विज्ञान, आपदा संबंधी चेतावनी एवं संसाधनों के खोज के लिए प्रमुख रूप से उपयोगी होता है| सुदूर संवेदी तरंगों के सहारे धरातल के पूर्ण सूचनाओं को संग्रहित करता है तथा इमेज के रूप में उतरता है जिसे देखकर विभिन्न तथ्यों एवं सूचनाओं को समझने में आसानी होती है| बाढ़, सूखा, भूकंप, सुनामी आदि में उपग्रह संचार महत्वपूर्ण है|
3. आकस्मिक प्रबंधन में स्वयं सेवी संस्थाओं की भूमिका की विवेचना करें|
उत्तर:-
आकस्मिक प्रबंधन में स्वयं सवी संस्थाओं की काफी महत्वपूर्ण भूमिका होती है| स्वयं सेवी संगठन आपदाओं के समय सरकार के साथ मिलकर आपदा पर नियंत्रण पाने में अपनी सराहनीय कार्य करती है यों तो स्वयं सेवी संगठन सेवा भावना से स्वत: ओतप्रोत होते हैं फिर भी उन्हें निरंतर प्रशिक्षित करते रहना चाहिए| उन्हें इस बात का भी प्रशिक्षण मिलना चाहिए कि आपदा के समय वे जाति, धर्म स्त्री पुरुष इत्यादि की भावना से ऊपर उठकर काम करें| इस प्रकार की शिक्षा विद्यालय स्तर पर भी छोटी कक्षाओं से ही दिया जाना चाहिए| पंचायतों में मुखिया का भी कर्तव्य है कि समय समय पर सामूहिक कार्य जैसे मेले लगाना खेलकूद की प्रतियोगिता आयोजित करना, विचार गोष्ठियाँ आयोजित करना जैसे कार्य करते रहें और इनमें स्वयं सवी संगठनों का निश्चित रूप से उपयोग करें| इससे अप्रत्यक्ष रूप से उनका प्रशिक्षण होता रहता है| इस प्रकार प्रशिक्षण प्राप्त कर स्वयं सेवी संगठन आपदाओं के समय अपनी भूमिका का सही प्रकार से निर्वहन कर सकेंगे|
4. आपदा प्रबंधन और सह अस्तित्व की व्याख्या करें|
उत्तर:-आपदा प्रबंधन और सह अस्तित्व दोनों ही एक दूसरे के पूरक हैं आपसी प्रेम, सदभाव, दया, ममता इत्यादि तो मानवीय गुणों में श्रेष्ठ माने जाते हैं| विपत्ति में फंसे लोगों को बचाने में नवयुवकों को अपने शौर्य और जवानी पर अभिमान होता है और प्रौढ़ लोगों को अपने जीवन की सार्थकता का अनुभव होता है| प्रायः इसमें स्थानीय समुदाय, जिले राज्य या देश से सहायता पहुँचती है साथ ही अंतराष्ट्रीय सहायता भी प्राप्त होती है| इन सामग्रियों की मात्रा का उतना महत्व नहीं है| जितना कि इनमें निहित मानवीय सदभाव का एक दूसरे के दुख मे धर्म, जाति, क्षेत्र इत्यादि की संकीर्ण भावनाओं से ऊपर उठकर मानवीय प्रेम, सह अस्तित्व जैसे मानवीय गुणों का विकास महत्वपूर्ण है| ऊर्जा और उत्साह से पूर्ण नवयुवक हानि लाभ की चिंता किए बिना विभिन्न प्रकार के राहत कार्यों में अपने को समर्पित कर देते हैं और यही पर उनकी कर्तव्य निष्ठा सामूहिक उत्तर दायित्व की भावना की पहचान| आपदा प्रबंधन के रूप में नवयुवकों और स्थानीय अनुभवी लोगों के छोटे छोटे दल बनाकर उन्हें आपदा से निपटने के आवश्यक निर्देशों की जानकारी देना, समुचित प्रशिक्षण तथा समय समय पर माकड्रिल रिहर्सल इत्यादि करना आवश्यक है| इन कार्यों को एक उत्सव के रूप में शिविर लगाकर करने से मनोरंजन के साथ प्रशिक्षण कार्य बड़ी आवश्यक रूप से भी किया जा सकता है|
5. सूखा के तीन प्रकारों पर प्रकाश डालें|
उत्तर:-
सूखा अचानक नहीं पड़ता है| इसका अनुमान पहले से ही हो जाता है| सूखा के तीन प्रकार निम्नलिखित हैं–
सामान्य सूखा—-
भारत के कुछ क्षेत्रों में सामान्यतः कम वर्षा होती है| यहाँ के लोग ऐसी फसलों का उत्पादन करते हैं जिन्हें बहुत कम जल की आवश्यकता पड़ती है| ऐसे स्थानों पर यदि समय पर अपेक्षित वर्षा न हो तो फसल सूख जाती है| अन्य भागों में भी यदि फसल की बार बार सिंचाई कर उसे बचा भी लिया जाए तो इससे आर्थिक भार बढ़ जाता है| शहरों में पेयजल की आपूर्ति में कटौती करनी पड़ती है| इसे सामान्य सूखा कहा जाता है|
मौसमी सूखा—–
सामान्य मानसून की वर्षा के अनुसार कृषि कार्यों के करने की योजना बनाई जाती है, जैसे-मध्य जून की पहली वर्षा में धान की नर्सरी तैयार की जाती है| इसमें तैयार पौधे प्रायः एक महीने में रोपने लायक हो जाते हैं| इस समय पर्याप्त वर्षा होने पर रोपाई की जाती है| परंतु यदि इस काल में लंबे समय तक वर्षा न हो तो पौधे सूख जाते हैं और धान की रोपनी प्रभावित होती है| इसके बाद भले ही भरपूर वर्षा दो खरीफ की फसल बरबाद हो ही जाती है| फसलों के मौसम के समय प्रत्याशित वर्षा न हो तो इसे मौसमी सूखा कहते हैं|
कृषि सूखा—-
कृषि सूखा अत्यंत कष्टकारक होता है, क्योंकि इसमें मनुष्यों के साथ पशु पक्षियों का जीना कठिन हो जाता है| उन्हें न तो चारा मिल पाता है और न ही पीने के लिए पानी| बड़े क्षेत्र में बाहर से पानी पहुँचाना एक दुष्कर कार्य है| सिंचाई नहीं होने से फसलें सूख जाती है| लंबे समय तक सूखा अकाल में बदल जाता है| उपर्युक्त तीनों प्रकार के सूखा में कृषि सूखा सबसे खतरनाक होता है|
6. जल विभाजक से आप क्या समझते हैं? स्पष्ट करें|
उत्तर:-
कुछ क्षेत्रों की भौगोलिक बनावट ऐसी होती है कि वहाँ पानी किसी निश्चित बिंदु की ओर प्रवाहित होता है| इस पानी का उपयोग जल संरक्षण, मृदा संरक्षण इत्यादि के लिए किया जाता है| स्थानीय समुदाय के लोग इसकी पहचान भी कर सकते हैं और निर्माण कार्य भी कर सकते हैं| इस नीति को अपनाने से इन क्षेत्रों में मृदा की नमी को कम होने से बचाया जा सकता है और पेड़ पौधों को सुरक्षित रखा सकता है| पानी तथा अन्य संसाधनों के संरक्षण में यह सहायक होता है| जल विभाजक क्षेत्र के दुर्लभ जलस्रोतों का संरक्षण कर कृषि उत्पादक के लिए अनुकूल परिस्थितियाँ उत्पन्न की जा सकती है| नदी के जल ग्रहण क्षेत्र में वृक्षों के रहने से बादल आकर्षित होते हैं और वर्षा की संभावना बढ़ती है| मौसम पर नियंत्रण कर उसके अनुकूल बनाने में वृक्षों का योगदान अमूल्य है| घास का आवरण तेज धूप में भी मिट्टी की नमी को बनाए रखता है| नमी की कमी से ही कृषि सूखा पड़ता है|
7. बाढ़ आने पर आकस्मिक प्रबंधन के उपाय लिखें|
उत्तर:-
बाढ़ के समय अधिक लोगों को नुकसान पहुंचाता है| इस स्थिति से निबटने हेतु सर्वप्रथम बाढ़ में घिरे हुए लोगों एवं मवेशियों को सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाना चाहिए| सुरक्षित स्थानों पर लोगों को पहुँचाने के बाद भोजन, पेयजल, बच्चों के लिए दूध, महामारी से बचने हेतु दवाइयाँ एवं पशुओं के लिए चारा आदि की व्यवस्था करना ही विशेष प्रबंधन के अंतर्गत आता है|
8. भूकंप आने पर जीवन रक्षक आकस्मिक प्रबंधन का वर्णन करें|
उत्तर:-
बचे हुए विस्थापित लोगों को राहत कोष में ले जाना या उसे सभी प्रकार की आवश्यक सुविधाएँ उपलब्ध कराना|
वैसे लोगों को मलबे से निकालना जो अभी भी दबे हुए हैं|
अकाल मृत्यु प्राप्त आम लोगों को और जानवरों को उपयुक्त स्थानों पर या धार्मिक रीतियों के अनुरूप अंतिम संस्कार करना ताकि महामारी फैलने की संभावना न रहती हो|
घरों के गिरने से आवास की समस्या खड़ी हो जाती है| अतः स्थायी टेंट और शिविर का प्रबंध तेजी से करना चाहिए|
राहत के अन्य कार्य अन्य आपदाओं के कार्य के समान नहीं है, जैसे—डी०डी०टी० या ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव, खाने पीने का समुचित प्रबंध और बाढ़ में पुनर्वास का प्रबंध करना आदि|
9. आग लगने पर क्या क्या करना उचित है? 
उत्तर:-
आग पर सर्वप्रथम नियंत्रण करना
आग में फंसे हुए लोगों एवं मवेशियों को बाहर निकालना
आग से प्रभावित लोगों को तत्काल उपचार की व्यवस्था करना
आग के दौरान छत पर फंसे लोगों को सीढ़ी द्वारा उतारने का कार्य किया जाना चाहिए|
10. प्राकृतिक आपदा काल में वैकल्पिक संचार साधनों का विस्तृत वितरण प्रस्तुत करें|
उत्तर:-
प्राकृतिक आपदा के दौरान वैकल्पिक संचार माध्यम जीवन देने का कार्य करता है| इस माध्यम के सहारे विभिन्न क्षेत्रों में सूचना का आदान प्रदान कर सकते हैं जिससे राहत एवं पुनर्निर्माण का कार्य सुचारू रुप से किया जा सकता है| वैकल्पिक संचार माध्यम के तहत रेडियो संचार, हेम रेडियो एवं उपग्रह संचार को सम्मलित करते हैं—
रेडियो संचार—-
एक क्षेत्र से दूसरे क्षेत्र में रेडियो के माध्यम से सूचना का आदान प्रदान होता है|रेडियो में इलेक्ट्रो मैग्नेटिक यंत्र होते हैं| जिससे उच्च, मध्य एवं निम्न तरंगों के सहारे विभिन्न दूरी के अनुसार सूचना की प्राप्ति होती है|
हैम रेडियो—-
इसे एमेच्योर के नाम से भी जानते| इसका प्रयोग गैर वाणिज्यिक प्रयोजनों के लिए किया जाता है, जिसके संचालन में ऊर्जा की आवश्यकता की पूर्ति जेनरेटरों या बैटरियों के द्वारा किया जाता है| हैम रेडियो अंतराष्ट्रीय दूर संचार नियमों के अनुसार कार्य करता है| इसका प्रयोग बड़ी बड़ी प्राकृतिक आपदा वाले क्षेत्रों में किया जाता है| इस संचार प्रणाली में कोई भी बाहरी तार की आवश्यकता नहीं पड़ता है| आपदा के दौरान सूचना के प्रेषण में इनकी भूमिका में महत्वपूर्ण होती है|


उपग्रह संचार—-
आपदा के पूर्व, आपदा के दौरान एवं आपदा पश्चात् उपग्रह संचार प्रणाली महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है| उपग्रह संचार के अंतर्गत सुदूर संवेदी उपग्रह का प्रयोग किया जाता है| इसका प्रयोग दूरदर्शन, मौसम विज्ञान, आपदा संबंधी चेतावनी एवं संसाधनों के खोज के लिए प्रमुख रूप से उपयोगी होता है| सुदूर संवेदी तरंगों के सहारे धरातल के पूर्ण  सूचनाओं को संग्रहित करता है तथा इमेज के रूप में उतारता है जिसे देखकर विभिन्न तथ्यों एवं सूचनाओं को समझने में आसानी होती है| बाढ़, सूखा, भूकंप, सुनामी आदि में उपग्रह संचार महत्वपूर्ण होते हैं| 
11. बाढ़ आने के कारणों पर प्रकाश डालें और इससे बचाव के उपाय बताएं|
उत्तर:-
बाढ़ एक प्राकृतिक आपदा है जिसके कारण अधिक संख्या में जान माल का नुकसान होता है|
बाढ़ के निम्न कारण है—–
नदियों में अधिक मात्रा में वर्षा जल के पहुँचने से बाढ़ आती है|
वर्षा जल के साथ नदी की घाटी में मिट्टी के जमा होने से भी बाढ़ आती है|
वनस्पतियों की कटाई के कारण बाढ़ होती है|
कमजोर तटबंध के टूटने से बाढ़ आती है|
बाढ़ से सुरक्षा संबंधी निम्न उपायों को किया जा सकता है—-
बाढ़ की सूचना प्राप्त होते ही उस क्षेत्र के लोगों को हटा देना चाहिए|
बाढ़ पूर्व दवा, खाद्य एवं पेयजल की सुविधा उपलब्ध कर लेनी चाहिए|
नदियों के तटबंधों का नियमित मरम्मत कार्य होते रहना चाहिए|
सरकारी एवं गैर सरकारी संगठनों द्वारा राहत कार्य किया जाना चाहिए|
मानव समाज को इस दिशा में जागरूक करने आवश्यक है|
12. सूखे की स्थिति कब उत्पन्न होती है? व्याख्या करें| देश के अत्यधिक सूखाग्रस्त क्षेत्रों के नाम लिखें|
उत्तर:-
50 सेमी से कम वार्षिक वर्षा वाला क्षेत्र संभवतः सूखे की स्थिति में है| परंतु अन्य क्षेत्रों में वार्षिक वर्षा 25℅ से भी कम हो तथा प्रायः 30℅ फसलें सिंचाई के अभाव में सूखने लगे तो वहाँ सूखे की स्थिति मानी जाती है|
सूखे की व्याख्या निम्नलिखित कयी दृष्टिकोणों से की जाती है—–
मौसम विज्ञान के अनुसार, लंबे समय तक अपर्याप्त वर्षा और इसके सामयिक एवं स्थलीय वितरण के असंतुलित होने को सूखा कहते हैं|
कृषि कार्य को ध्यान में रखकर यदि मिट्टी में आर्द्रता की कमी इस स्तर तक हो जाए कि फसलें मुरझा जाएं और 30℅ से भी कम खेतों में सिंचाई हो पाए तो उसे सूखा माना जाता है|
जल विज्ञान के अनुसार, जल ग्रहण क्षेत्र जलाशय ओर झीलों में जल का स्तर वर्षा होने के बाद भी नीचे गिर जाए तो इसे सूखा कहते हैं|
जब पारिस्थितिक तंत्र में जल की इतनी कमी हो जाए कि उत्पादकता घट जाए और इसके परिणामस्वरूप पारिस्थितिक तंत्र में तनाव हो जाए या तंत्र क्षतिग्रस्त जाए तो इसे पारिस्थितिक सूखा कहते हैं|
भारत में अत्यधिक सूखाग्रस्त क्षेत्र—–
भारत एक कृषि प्रधान देश है और भारतीय कृषि बहुत हद तक मानसून पर निर्भर करती है| राजस्थान में अरावली के पश्चिम् का क्षेत्र और गुजरात का कच्छ क्षेत्र से सर्वाधिक प्रभावित होते हैं| क्योंकि वहाँ वर्ष भर में 90 मि०मी ० से भी कम वर्षा होती है|
13. विकास कार्यों से भी प्राकृतिक आपदाओं की संभावना बढ़ जाती है| ऐसी आपदाओं का नामोल्लेख करते हुए इस तथ्य की पुष्टि करें|
उत्तर:-
आर्थिक विकास करने के लिए बड़े पैमाने पर वाणिज्य व्यवसाय तथा उद्योग धंधे स्थापित किए जाते हैं| साथ ही, खाद्यान्न पदार्थों के उत्पादन को बढाने के लिए खेतों में विभिन्न प्रकार के रासायनिक खादों का प्रयोग किया जाता है| इन सभी के कारण पर्यावरण का प्रदूषण होता है जिससे प्रकृति में हलचल पैदा होती है| परिणामस्वरूप विभिन्न प्रकार की प्राकृतिक आपदाएँ उत्पन्न होने लगती है, जैसे— भूकम्प, बाढ़, सुखाड़, सुनामी इत्यादि प्राकृतिक आपदाओ के होने से मानवीय जीवन पर इसका बुरा प्रभाव पड़ता है| इन आपदाओं से धन जन की बहुत हानि होती है|
14. प्राकृतिक आपदाओ का जन जीवन पर क्या प्रभाव पड़ता है? 
उत्तर:-
प्राकृतिक आपदाओ का जन जीवन पर बुरा प्रभाव पड़ता है| भूकंप, बाढ़, भूस्खलन, ओलावृष्टि, सुनामी, सुखाड़ इत्यादि प्राकृतिक आपदाएँ है जिनसे धन जन की बहुत बर्बादी होती है| भूकंप आने से भू क्षेत्र बर्बाद हो जाता है| इमारतें गिर जाती है जिससे धन जन की बर्बादी होती है| इसी प्रकार बाढ़ आने से फसलें नष्ट हो जाती है|कच्चे मकान बह जाते हैं| पशुधन पानी में बहकर मर जाते हैं| इसी प्रकार अन्य प्राकृतिक आपदाओ से भी बहुत हानि होती है| परिणामस्वरूप प्राकृतिक आपदाओ से जन जीवन पर बुरा प्रभाव पड़ता है| सुखाड़ की स्थिति में खेती बाड़ी नहीं होती है जिसके चलते कृषि कार्य नहीं होने से अनाज की कमी हो जाती है| कुछ अधिक सूखाग्रस्त क्षेत्रों में लोग भूखे लोग मर जाते हैं| इसी प्रकार चक्रवातीय तूफान से अपार धन जन की हानि होती है|
15. इलाहाबाद नगर प्राकृतिक आपदाओ से सुरक्षित स्थान है| इस कथन की व्याख्या करें|
उत्तर:-
इलाहाबाद नगर प्राकृतिक आपदाओ से सुरक्षित स्थान है, क्योंकि यहाँ पर प्राकृतिक आपदाओ से सुरक्षा प्राप्त करने के लिए समुचित व्यवस्था की गयी है| संचार साधनों का समुचित विकास हुआ है जिससे प्राकृतिक आपदाओ की सूचना शीघ्र प्राप्त हो जाती है| परिणामस्वरूप आपदाओ से सुरक्षा प्राप्त करने के लिए समुचित उपाय किये जाते हैं| साथ ही इलाहाबाद में भूकंप, बाढ़, चक्रवाती तूफान, सुनामी, भूस्खलन, लू और सूखा जैसी प्राकृतिक आपदाएँ भी प्रायः नहीं आती है| इसिलिए इलाहाबाद नगर प्राकृतिक आपदाओ से सुरक्षित स्थान माना जाता है|
कारण बताएं———






1. बाढ़ के समय राहत शिविर के अंतर्गत टेंट, दूध और भोजन का प्रबंध पहले करना पड़ता है| क्यों? 
उत्तर:-
बाढ़ के समय राहत शिविर के अंतर्गत टेंट, दूध और भोजन का प्रबंध पहले करना पड़ता है| इसका कारण यह है कि बाढ़ प्रभावित लोगों को इन सामग्रियों की बहुत आवश्यकता होती है| इन सामग्रियों से वे अपने जरूरतों को पूरा करने के लिए इस्तेमाल करते हैं| यही कारण है कि बाढ़ के समय राहत शिविर के अंतर्गत टेंट, दूध और भोजन का प्रबंध पहले करना पड़ता है|
2. बाढ़ और भूकंप में संचार साधन भंग हो जाते हैं| क्यों? 
उत्तर:-
बाढ़ और भूकंप जैसी भयंकर में सड़क और रेल लाइनें टूट जाती है| इससे स्थल परिवहन भंग हो जाता है| इसी प्रकार टेलीफोन लाइनों के टूट जाने से संचार साधन भंग हो जाते हैं|
3. मोबाइल फोन और विशेषत: हैम रेडियो के संचार में तार की आवश्यकता नहीं पड़ती है|क्यों? 
उत्तर:-
मोबाइल फोन में वायरलेस का उपयोग होता है और हैम रेडियो में इसी प्रकार के टावर का उपयोग नहीं होता है| इसमें संबंध बनाने का कार्य सैटेलाइट द्वारा किया जाता है| वैकल्पिक संचार व्यवस्था के लिए ये बहुत उपयोगी है| यही कारण है कि मोबाइल फोन और हैम रेडियो के संचार में तार की आवश्यकता नहीं पड़ती है|  
4. मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, कर्नाटक जैसे कुछ राज्यों में प्रायः बाढ़ का प्रकोप होता है| क्यों? 
उत्तर:-
इन राज्यों में हिमालय से निकलने वाली नदियाँ बहती है| हिमालय के बर्फ पिघलने से नदियों का जल स्तर बढ़ जाता है| इन नदियों की जलधारा तेज होती है जिसके कारण इन राज्यों में प्रायः बाढ़ का प्रकोप होता है|
5. भारत का मध्य भाग सूखे के लिए अधिक संवेदनशील माना जाता है| क्यों? 
उत्तर:-
भारत का मध्य भाग अधिक सूखाग्रस्त क्षेत्र माना जाता है, क्योंकि यहाँ पर बहुत कम वर्षा होती है| एक अनुमान के अनुसार इन क्षेत्रों में 100 मिमी ० से भी कम वर्षा होती है|
6. कोसी नदी के क्षेत्र में अधिकांश गाँव में झोपड़ियों होती है| क्यों? 
उत्तर:-
कोसी नदी के क्षेत्र में अधिकांश गाँव में सर्वाधिक बाढ़ आता है| इसिलिए वहाँ के लोग झोपड़ियों तथा कच्चे मकानों में ज्यादा रहना पसंद करते हैं, क्योंकि हर साल उनको घरों की बर्बादियों का कम सामना करना पड़ता है|
7. बिहार का तराई क्षेत्र भूकंप के लिए संवेदनशील है, क्यों? 
उत्तर:-
बिहार राज्य की उत्तरी तराई क्षेत्र के पास कुछ भूकंपीय प्लेटें है जिनके आपस में टकराने से भूकंप आता है| इसके भ्रंशित भाग में ऊर्जा का संग्रह होता है जिसके कारण भूकंप आता है| यही कारण है कि बिहार का तराई क्षेत्र भूकंप के लिए संवेदनशील है|
8. बिहार सरकार 2000 पूर्व सैनिकों की एक गृह रक्षा वाहिनी तैयार कर रही है| क्यों? 
उत्तर:-
आपदा प्रबंधन हेतु बिहार सरकार ने राष्ट्रीय आपदा राहत बल की एक बटालियन तैयार किया है| इसके निमित 74.47 एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया गया है| सरकार ने लगभग 2000 पूर्व सैनिकों (सैप) की नियुक्ति कर प्रशिक्षण दिया जा रहा है|
9. फरवरी मार्च में ओलावृष्टि से सर्वाधिक आर्थिक क्षति पहुँचती है| क्यों? 
उत्तर:-
फरवरी मार्च में ओलावृष्टि से सबसे अधिक क्षति पहुचती है| क्योंकि खेतों में खड़ी फसलों को ओलावृष्टि से बहुत बर्बादी होती है| जिससे किसानों को बहुत हानि का सामना करना पड़ता है| सब्जियों और अनाज की फसल नष्ट होने से कभी कभी किसानों को बहुत आर्थिक क्षति का सामना करना पड़ता है|
10. हिमालय की तराई का भाग अति संवेदनशील है| क्यों? 
उत्तर:-
हिमालय की तराई भाग में बहुत ज्यादा भूकंपीय प्लेटें है जिनके आपह में टकराने से भूकंप आता है| इसके भ्रंशित भाग में ऊर्जा का संग्रह होता है जिसके कारण भूकंप आता है| यही कारण है कि हिमालय की तराई का भाग अति संवेदनशील है|
11. भारत में बिहार राज्य को सबसे अधिक आपदा ग्रस्त राज्य माना जाता है|क्यों? 
उत्तर:-
बिहार देश का प्रायः सर्वाधिक आपदा ग्रस्त राज्य है| यहाँ विभिन्न प्राकृतिक आपदाओ का प्रकोप बना रहता है| जैसे— भूकंप, बाढ़, सूखा, आंधी, लू, चक्रवाती तूफान, भूस्खलन, वज्रपात जैसे भयंकर आपदा आने का खतरा सर्वाधिक होता है| यहाँ बड़ी आपदाओ में केवल ज्वालामुखी विस्फोट, सुनामी और भूकंप ही है जिनसे बिहार सुरक्षित है|

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ