Bharti Bhawan Geography Class-10:Chapter-9:Very Short Type Question Answer:Short Type Question Answer:Long Answer Type Question Answer:भूगोल:कक्षा-10:अध्याय-9:अति लघु उत्तरीय प्रश्न उत्तर:लघु उत्तरीय प्रश्न:दीर्घ उत्तरीय प्रश्न




                  परिवहन, संचार और व्यापार



अतिलघु उत्तरीय प्रश्न





1. पहियों पर चलनेवाले अस्पताल से संबंधित रेलगाड़ी का नाम क्या है? 
उत्तर:-
जीवनरेखा एक्सप्रेस नाम की एक विशेष रेलगाड़ी चलनी शुरू हुई| इसे ही पहियों पर चलने वाला अस्पताल कहते हैं|
2. भारत के किन्हीं नगरों को जोड़ने के लिए स्वर्णिम महामार्ग बनाया जाता है? 
उत्तर:-
भारत के दिल्ली, मुम्बई, चेन्नई तथा कोलकाता नगरों को जोड़ने के लिए स्वर्णिम चतुर्भुज महामार्ग बनाया गया है|
3. सुभाषचंद्र बोस अंतराष्ट्रीय हवाई अड्डा किस नगर में है? 
उत्तर:-
सुभाषचंद्र बोस अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा कोलकाता नगर में स्थित है|
4. विशेष आर्थिक क्षेत्र की नीति की घोषणा कब की गई? 
उत्तर:-
अप्रैल 2000
5. उन स्थानों के नाम लिखें जिन्हें विशेष आर्थिक क्षेत्र का दर्जा दिया गया है|
उत्तर:-
गुजरात में कांडला और सूरत, महाराष्ट्र में सांताकुंज, केरल में कोच्चि, तमिलनाडु में चेन्नई, आंध्र प्रदेश में विशाखापट्टनम, पश्चिम बंगाल में फाल्टा और उत्तर प्रदेश में नोएडा आदि क्षेत्रों को विशेष आर्थिक क्षेत्र का दर्जा प्राप्त है|
6. जम्मू तवी से चलने वाली हिमसागर एक्स्प्रेस का अंतिम स्टेशन कौन है? 
उत्तर:-
जम्मू तवी से चलने वाली हिमसागर का अंतिम स्टेशन कन्या कुमारी है|
7. भारत के किस नगर में शीशमहल स्थित है? 
उत्तर:-
उत्तर प्रदेश/उत्तराखंड
लघु उत्तरीय प्रश्न





1. परिवहन और संचार के आधुनिक साधनों को हमारे राष्ट्र की जीवन रेखाएँ क्यों कहा गया है? 
उत्तर:-
परिवहन और संचार के आधुनिक साधन किसी भी देश और उसकी अर्थव्यवस्था की जीवन रेखाएँ होती है| परिवहन और संचार के विकसित साधनों से आज पूरा संसार घर आंगन बन चुका है| इस साधनों के माध्यम से एक से दूसरे स्थान पर बहुत आसानी से कम समय में पहुँचा जा सकता है| अपने घर बैठे संसार भर की घटनाओं और समाचारों को जान सकते हैं| परिवहन एवं संचार के साधनों ने तो जैसे जीवन के सभी क्षेत्रों में क्रांति पैदा कर दी है| परिवहन के साधनों द्वारा उपयोगी वस्तुओं को बाजार तक पहुँचाया जा सकता है| देश के विभिन्न क्षेत्रों में पैदा होने वाले अशांति, सूखा, बाढ़, महामारी जैसे आपदा के क्षेत्रों में सहायता कार्य करने में यातायात के साधन सहायक होते हैं| इसिलिए परिवहन और संचार के आधुनिक साधनों को हमारे राष्ट्र की जीवन रेखाएँ कहते हैं|
2. भारत में सड़कों का विकास तेजी से हो रहा है| इस कथन की पुष्टि करें|
उत्तर:-
प्रथम और द्वितीय विश्व युद्ध के साथ सड़कों का विकास शुरू हुआ लेकिन स्वतंत्रता के बाद भारत में सड़क मार्ग का तेजी से विकास हुआ है, वर्तमान में विकास कयी गुणा अधिक हुआ है| 1947-48 ई० में भारतीय सड़कमार्ग की कुल लंबाई 3.48 लाख किलोमीटर थी जो वर्तमान समय में 18 लाख किलोमीटर है| इनमें से करीब 8 लाख किलोमीटर पक्की सड़कें है| क्षेत्रफल की दृष्टि से प्रति 100 वर्गकिलोमीटर पर 62 किलोमीटर एवं 1 लाख जनसंख्या पर 243 किलोमीटर लंबी सड़कें है| जहाँ तक प्रादेशिक वितरण का प्रश्न है वह अत्यंत ही असमान है| सामान्यतः दक्षिण भारत में सड़कों का विकास अधिक हुआ है| सड़कों की सर्वाधिक लंबाई महाराष्ट्र में है| अत: इस प्रकार यह कहा जा सकता है कि भारत में सड़कों का विकास तेजी से हो रहा है|
3. भारत में सड़कों की सघनता किन दो क्षेत्रों में अधिक है और क्यों? 
उत्तर:-
गंगा के मैदान में (बंगाल से लेकर पंजाब तक) 
तमिलनाडु, केरल में (पूर्वी तट से पश्चिमी तक) 
उत्तरी मैदानी भाग में सड़कों का घनापन अधिक है| परन्तु सड़कें की लंबाई कम है| परन्तु दक्षिण भारत के तमिलनाडु राज्य और केरल राज्य में पक्की सड़कें अधिक है| इन क्षेत्रों में सड़कों का घनापन अधिक होने के कारण यह है कि उत्तर भारत का मैदानी क्षेत्र हो या दक्षिण का तमिलनाडु या केरल राज्य हो, यह सभी क्षेत्र कृषि प्रधान क्षेत्र है, समतल भूमि भाग है अधिक जनसंख्या वाला क्षेत्र है| इसिलिए इन क्षेत्रों में सड़कों की सघनता अधिक पायी जाती है|
4. कुछ महत्वपूर्ण राष्ट्रीय महामार्गों का विवरण दें|
उत्तर:-
ग्रैंड ट्रंक रोड जिसका निर्माण शेरशाही सूरी ने करवाया था| जो दिल्ली कानपुर, इलाहाबाद और वाराणसी से होकर जाती है| इसके अतिरिक्त यह पश्चिम बंगाल, झारखंड, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और पंजाब राज्यों से होकर गुजरती है| इसकी लंबाई 2000 किलोमीटर है| 
आगरा मुम्बई सड़क NH-3- यह ग्वालियर, इंदौर, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र से होकर गुजरती है|
चेन्नई मुम्बई सड़क यह बंगलुरु, बेलगाम और पुणे से होकर जाती है|
चेन्नई बहरागोड़ा सड़क NH-5- यह विजयवाड़ा, विशाखापट्टनम, भुवनेश्वर और कटक से होकर जाती है|
कोलकाता हजीरा महासार्ग NH-6- यह बहरागोड़ा, संभलपुर, रायपुर और कानपुर से होकर जाती है|
ग्रेट देक्कन महासार्ग NH-7- यह रीवां, जबलपुर, नागपुर, हैदराबाद और बंगलुरु से होकर जाती है|
5. भारत को रेलमार्गों से क्या लाभ मिला है? पहाड़ी भागों की अपेक्षा मैदानी भागों में रेलमार्गों का अधिक विस्तार क्यों है? 
उत्तर:-
भारत के परिवहन के विभिन्न साधनों में रेलवे का प्रमुख स्थान है| यहाँ एशिया की दूसरी लंबी रेलमार्ग है| हमारे देश में अभी रेलमार्गों की कुल लंबाई लगभग 64 हजार किलोमीटर है| इन रेलमार्गों से भारत को विभिन्न लाभ मिला है| जैसे— रेलमार्गों के द्वारा भारत के लोग जल्द और आसानी से एक क्षेत्र से दूसरे क्षेत्र की यात्रा कम समय में कर लेते हैं| साथ ही रेलमार्गों से व्यवसायिक, औद्योगिक और कृषि वस्तुओं की ढुलाई आसानी से की जाती है| कच्चे माल और निर्मित माल की ढुलाई इन रेलमार्गों द्वारा होने से हमारे देश में कृषि, व्यवसाय और उद्योग धंधों का विकास करने में सहायता मिली है| इन रेलमार्गों से देश को बड़ी मात्रा में आय की भी प्राप्ति होती है जिससे राष्ट्रीय आय में भी वृद्धि हुई है| परिणामस्वरूप देश की अर्थव्यवस्था का विकास करने में भी सहायता मिली है| भारत के पहाड़ी भागों की अपेक्षा मैदानी भागों में रेलमार्गों का अधिक विस्तार हुआ है| क्योंकि पहाड़ी क्षेत्रों में रेलवे लाइन बिछाने में कठिनाई होती है| जबकि मैदानी भागों में रेलवे लाइन आसानी से बिछाई जा सकती है| इसके अतिरिक्त पहाड़ी भागों की भूमि बहुत ऊंची नीची है और इन क्षेत्रों में घुमावदार मार्ग अधिक है और स्थान स्थान पर पहाड़ और पहाड़ियाँ भी अधिक है जिससे रेलमार्ग का विस्तार कम हुआ है| दूसरी ओर मैदानी भागों की भूमि अधिकतर समतल है और कम पचरीली है जिससे मैदानी भागों में रेलमार्ग का विस्तार अधिक हुआ है|
6. भारतीय रेलमार्ग किन तीन विभिन्न पटरियों में विभाजित है? इनमें से कौन पर्वतीय भागों में सीमित है? 
उत्तर:-
भारतीय रेलमार्ग तीन विभिन्न पटरियों में विभाजित है–

चौड़े गेज वाली पटरियाँ (1, 676 किलोमीटर)—
इन्हें बड़ी लाइन कहते हैं| इनकी मार्ग दूरी 49,820 किलोमीटर है|
मोटी गेज वाली पटरियाँ (1, 000 किलोमीटर)—
इन्हें छोटी लाइन कहते हैं| इनकी मार्ग दूरी 10,621 किलोमीटर है|
संकरे गेज वाली पटरियाँ (662 और 612 किलोमीटर)—
इन्हें सबसे छोटी या संकरी लाइन कहते हैं| इनकी मार्ग दूरी 2,886 किलोमीटर है|
इन तीनों रेलमार्ग की पटरियों से संकरे गेज वाली पटरियाँ पर्वतीय भागों में सीमित है| जैसे– दार्जिलिंग क्षेत्र में|
7. भारतीय रेलमार्ग के विभिन्न क्षेत्रों के नाम उनके मुख्यालय समेत लिखें|
उत्तर:-
भारतीय रेलमार्ग 17 क्षेत्रों में विभाजित है| इन क्षेत्रों के नाम और उनके मुख्यालय इस प्रकार है—–
    क्षेत्र                                        मुख्यालय
उत्तर रेलवे                                   नयी दिल्ली
पूर्वोत्तर रेलवे                                गोरखपुर
उत्तर पूर्व सीमान्त                          मालेगांव
 रेलवे                                        (गुवाहाटी) 
दक्षिण रेलवे                                चेन्नई
दक्षिण पूर्व रेलवे                        कोलकाता
दक्षिण मध्य रेलवे                   सिकंदराबाद
पूर्वी रेलवे                              कोलकाता
पश्चिमी रेलवे                             मुम्बई
मध्य रेलवे                    मुम्बई सेंट्रल CST
पूर्वी तटवर्ती रेलवे                  भुवनेश्वर
पूर्वी मध्य रेलवे                   हाजीपुर
उत्तर मध्य रेलवे                 इलाहाबाद
उत्तर पश्चिम रेलवे               जयपुर
दक्षिण पश्चिम रेलवे              हुबली
पश्चिम मध्य रेलवे                जबलपुर
दक्षिण पूर्व मध्य                  बिलासपुर
रेलवे                 
कोंकन रेलवे                      नवी मुम्बई
8. दक्षिण भारत के किस राज्य में रेलमार्गों की सघनता पायी जाती है? 
उत्तर:-
दक्षिण भारत के सौराष्ट्र और तमिलनाडु में रेलमार्गों की सघनता पायी जाती, क्योंकि इन राज्यों में समतल भूमि अधिक है और इन राज्यों में कृषि उत्पाद की अधिकता है, यहाँ कृषि के अतिरिक्त खनिज पर आधारित उद्योग भी विकसित है| तटीय मैदान होने के कारण विदेशी व्यापार की भी सुविधाएँ है| ये घने आबादी वाले क्षेत्र है| अत: इन राज्यों में रेलमार्गों की सघनता पायी जाती है|
9. भारत के दो आंतरिक जलमार्गों का विवरण दें|
उत्तर:-
गंगा नदी में इलाहाबाद से हल्दिया
ब्रह्म पुत्र में सादिया से धुबरी
10. भारत के प्रमुख पत्तनों का महत्व बताएं|
उत्तर:-
भारत के अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में पत्तनों का महत्वपूर्ण स्थान है| अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के निमित्त लगभग 95% माल का परिवहन समुद्री मार्ग से होता है अर्थात पत्तन अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के माध्यम है| इससे आयात निर्यात होता है| भारत के प्रमुख पत्तनों का महत्व बहुत अधिक है| क्योंकि पत्तन पर ही समुद्री जहाज़ ठहरते है| विदेशों में माल भेजने के लिए पत्तन से ही समुद्री जहाजों पर माल लादा जाता है और निर्यात व्यापार होता है| इसी प्रकार समुद्री जहाजों से आए माल को पत्तन पर ही उतारा जाता है और देश के आंतरिक भागों में रेलवे तथा सड़क मार्ग के द्वारा पहुँचाया जाता है| अत: विदेशी व्यापार के लिए प्रमुख पत्तनों का महत्व बहुत अधिक है|
11. भारत में संचार के प्रमुख साधन कौन कौन है? उनका विवरण दें|
उत्तर:-
भारत में विभिन्न प्रकार के संचार के साधन पाए जाते हैं जिनका विवरण इस प्रकार है—-


डाक सेवाएँ—-
भारत में डाक सेवाओं का प्रारंभ प्राचीनकाल में हुआ था| वर्तमान समय में इनकी सर्वाधिक संख्या ग्रामीण क्षेत्रों में है| एक डाकघर औसतन 6,623 लोगों की सेवा में संलग्न है|
तार टेलीविजन सेवाएँ—-
भारत में तार (टेलीग्राफ) की सेवाएँ 1851 ई० में आरंभ हुई थी और टेलीफोन की सेवाएँ 1881 में आरंभ हुई थी इन दोनों सेवाओं की शुरुआत सबसे पहले कलकत्ता में डुबी हुई थी| आज भारत में 38,338 टेलीफोन एक्सचेंज है|
रेडियो, टेलीविजन और सिनेमा—–
ये संचार के इलेक्ट्रॉनिक्स माध्यम है| ये मनोरंजन के सबसे महत्वपूर्ण साधन है| अभी भारत में 200 से ज्यादा आकाशवाणी केन्द्र है|
मुद्रण माध्यम—-
मुद्रण माध्यम जैसे पुस्तकें, समाचार पत्र पत्रिकाएँ इत्यादि महत्वपूर्ण संचार के साधन है| इनसे लोगों का ज्ञान बढता है| अभी भारत में इस माध्यम का प्रचार प्रसार बढता जा रहा है|
12. भारतीय आयात और निर्यात व्यापार का उल्लेख करें| भारत का विदेशी व्यापार संतुलित है या असंतुलित? 
उत्तर:-
भारत जिन वस्तुओं का आयात करता है उनमें पेट्रोलियम, कच्चा तेल और उत्पाद, मशीनरी, मोती, कीमती और अर्द्ध कीमती रत्न, कार्बनिक और अकार्बनिक रसायन, अलौह धातुएँ, उर्वरक, खाद्य तेल, कृत्रिम रेजिन इत्यादि प्रमुख है| भारत जिन वस्तुओं का निर्यात करता है उनमें वस्त्र, रत्न और जवाहरात, कृषि उत्पाद, रसायन और इसके उत्पाद, इंजीनियरिंग के सामान, चमड़ा और चमड़े के सामान, खनिज इत्यादि प्रमुख है| भारत का विदेशी व्यापार असंतुलित अवस्था में है|
13. भारत के अंतर्राष्ट्रीय महत्व वाले चार पत्तनों का उल्लेख करें|
उत्तर:-
भारत के अंतर्राष्ट्रीय महत्व वाले चार वायु पत्तन (हवाई अड्डा) का उल्लेख इस प्रकार है—–
मुम्बई का वायु पत्तन शांताक्रुज के नाम से प्रसिद्ध था, किंतु अब इसका नाम छत्रपति शिवाजी  वायुपत्तन रखा गया है|
चेन्नई का वायु पत्तन मानांबकम के नाम से जाना जाता था, अब इसका नाम चेन्नई अंतर्राष्ट्रीय वायु पत्तन रखा गया है|
दिल्ली का वायु पत्तन पालन के नाम से जाना जाता था, अब इसका नाम इंदिरा गाँधी अंतर्राष्ट्रीय वायु पत्तन रखा गया है|
कोलकाता का वायु पत्तन दमदम के नाम से जाना जाता था, अब इसका नाम सुभाषचंद्र बोस अंतर्राष्ट्रीय वायु पत्तन रखा गया है|
14. परिवहन और संचार में अंतर स्पष्ट करें|
उत्तर:-
परिवहन और संचार—-
एक स्थान से दूसरे स्थान तक बोझा या यात्री ढोने के साधन परिवहन के साधन कहलाते हैं| सड़कें, रेलें, नावें, नदियाँ, जलमार्ग, वायुमार्ग परिवहन के साधन है| संचार के साधनों से हम अपने संदेश एक स्थान से दूसरे स्थान पर भेजते हैं| डाक तार, टेलीफोन और रेडियो संचार के साधन है|
15. भारत की सड़कों को किन किन वर्गों में बांटा जाता है? इनमें सबसे अधिक महत्वपूर्ण कौन है? 
उत्तर:-
चार वर्गों में बांटा जाता है—-
राष्ट्रीय राजमार्ग/महामार्ग, प्रांतीय राजमार्ग/राज्य महामार्ग, जिला स्तर की सड़कें तथा तथा ग्रामीण सड़कें
इन चारों में सबसे अधिक महत्वपूर्ण राष्ट्रीय राजमार्ग है|
16. सड़क मार्ग के किन्हीं तीन गुणों का उल्लेख करें|
उत्तर:-
छोटी दूरियों को सड़क यातायात द्वारा आसानी से तय किया जाता है|
सड़क मार्ग द्वारा जल्दी खराब होने वाली वस्तुओं को शीघ्रता से दूसरे स्थानों तक पहुँचाया जा सकता है|
सड़क मार्ग के द्वारा ही वस्तुओं को निर्माता के द्वार से उपभोक्ता के घर तक पहुँच सकते हैं| यह रेलमार्ग के लिए सहायक मार्ग के रूप में कार्य करता है|
17. किन क्षेत्रों में रेलमार्ग यातायात के लिए सुविधाजनक है? सकारण उत्तर दें|
उत्तर:-
रेलमार्ग परिवहन का सबसे प्रमुख साधन माना जाता है, क्योंकि रेलमार्ग से यात्री अपनी यात्रा आसानी से पूरी करते हैं| इसी प्रकार माल की ढुलाई भी रेलमार्गों के द्वारा सुविधापूर्वक की जाती है| भारत के मैदानी क्षेत्रों में रेलमार्ग यातायात के लिए सुविधाजनक है, क्योंकि मैदानी क्षेत्रों में रेलमार्गों का जाल बिछा हुआ है जिससे रेलवे का समुचित विकास हुआ है| जिन क्षेत्रों में जनसंख्या अधिक पायी जाती है उन क्षेत्रों में ही रेलमार्ग परिवहन के लिए अनुकूल है| साथ ही मैदानी क्षेत्रों में वाणिज्य व्यवसाय, उद्योग धंधों और कृषि का समुचित विकास हुआ है| इसिलिए वस्तुओं को रेलमार्ग के द्वारा एक स्थान से दूसरे स्थान में आसानी के साथ पहुँचाया जाता है|
18. सीमावर्ती सड़कों का क्या महत्व है? 
उत्तर:-
सीमावर्ती सड़कों के निर्माण का कार्य सीमावर्ती सड़क विकास संगठन (1960 में स्थापित) द्वारा किया जाता है| भारत का सीमावर्ती क्षेत्र पश्चिम से गुजरात से लेकर जम्मू कश्मीर तथा पूर्व में अरूणाचल प्रदेश में मिजोरम, त्रिपुरा तक फैला हुआ है| इन कठिन परिस्थितियों में हमारे सैनिक जवान दिन रात सुरक्षा के कार्य में लगे रहते हैं| इन्हें खाद्य पदार्थों तथा अन्य सामान की आपूर्ति करने में सीमावर्ती मार्ग बहुत सहायक है| इन सड़क मार्गों के बिना भारत की सुरक्षा खतरे में पड़ सकती है| अतः हम कह सकते हैं कि सीमावर्ती सड़कें सामरिक दृष्टि से बहुत ही महत्वपूर्ण है|
19. स्थानीय व्यापार और अंतराष्ट्रीय व्यापार में अंतर बताएं|
उत्तर:-
जब दो देशों के बीच व्यापार होता है तो वह अंतर्राष्ट्रीय व्यापार कहलाता है| यानि, वैसा व्यापार जो देश की सीमा से बाहर किया जाता है| दूसरे शब्दों में दो देशों के बीच व्यापारिक संबंधों को अंतर्राष्ट्रीय व्यापार कहा जाता है| अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में दो अंग होते हैं—- आयात और निर्यात| जैसे—- भारत द्वारा अमेरिका के साथ व्यापार करना अंतर्राष्ट्रीय व्यापार उदाहरण है| दूसरी ओर स्थानीय व्यापार जैसा व्यापार होता है जो देश की सीमा के अंदर किया जाता है| यानि देश के एक क्षेत्र से दूसरे क्षेत्र में व्यापार स्थानीय व्यापार कहलाता है| स्थानीय व्यापार में आयात निर्यात जैसे अंग नहीं होते हैं, क्योंकि यह देश की सीमा के अंदर किया जाता है| दूसरे शब्दों में स्थानीय व्यापार दो स्थानीय स्थानों से संबंधित व्यापार होता है| जैसे— बिहार द्वारा कोलकाता के साथ व्यापार करना स्थानीय व्यापार का उदाहरण है|
अंतर्राष्ट्रीय व्यापार तथा स्थानीय व्यापार में निम्नलिखित अंतर इस प्रकार है——
अंतर्राष्ट्रीय व्यापार दो देशों के बीच होता है, जबकि स्थानीय व्यापार गाँवों, कस्बों तथा शहरों में होता है|
अंतर्राष्ट्रीय व्यापार बड़े पैमाने पर होता है, परंतु स्थानीय व्यापार बहुत ही छोटे पैमाने पर होता है|
स्थानीय व्यापार से स्थानीय लोगों की आवश्यकताओं की पूर्ति होती है, जबकि अंतर्राष्ट्रीय व्यापार से पूरे देश की आवश्यकताओं की पूर्ति होती है|
स्थानीय व्यापार में देश का धन देश में ही रहता है| इसके विपरीत अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में विदेशी मुद्रा का आदान प्रदान होता है|
20. विशेष आर्थिक क्षेत्र क्या है? 
उत्तर:-
भारत एशिया का पहला देश है जिसने निर्यात की वृद्धि के लिए निर्यात संसाधन क्षेत्र को स्वीकार किया| परन्तु कुछ खामियों के चलते निर्यात के संवर्द्धन की दिशा में ये क्षेत्र (गुजरात में कांडला और सूरत, महाराष्ट्र में सांताक्रूज, केरल में कोच्चि, तमिलनाडु में चेन्नई, आंध्र प्रदेश में विशाखापट्टनम, पश्चिम बंगाल में फाल्टा और उत्तर प्रदेश में नोएडा) कारनार नहीं हो पाए|परिणाम स्वरूप अप्रैल 2000 में कयी नये प्रावधानों के साथ विशेष आर्थिक रूप की नीति की घोषणा की गयी| उपर्युक्त सारे स्थान विशेष आर्थिक क्षेत्र कहलाए जाने लगे| इन क्षेत्रों में आर्थिक गतिविधियों के सही संचालन एवं रोजगार के अधिक अवसर पैदा होने के चलते निवेश, रोजगार, निर्यात और अवसंरचनात्मक विकास में अतिरिक्त वृद्धि हुई है|
21. 31 अगस्त, 2004 की नयी विदेश व्यापार नीति किस उद्देश्य से लायी गयी? 
उत्तर:-
31 अगस्त, 2004 को नयी विदेश व्यापार नीति भारत में लायी गयी| इस नीति को लाए जाने का यह उद्देश्य था कि 2004-2009 के बीच विश्व बाजार में भारत का हिस्सा दुगुना हो जाए| इसमें वर्णित प्रावधानों के चलते इसका सापेक्षिक (सकारात्मक) परिणाम देखने को मिला|
22. भारत की आर्थिक प्रगति में परिवहन का महत्व निर्धारित करें|
उत्तर:-
भारत की आर्थिक प्रगति में परिवहन का महत्व बहुत अधिक है| परिवहन के साधनों के उपलब्ध रहने से ही कारखानों तक कच्चा माल पहुँचाया जाता है जिससे उत्पादन कार्य किया जाता है जो आर्थिक प्रगति में सहायक होता है| कृषि द्वारा उत्पादित उत्पादों को परिवहन की सहायता से अच्छे बाजार तक पहुँचाया जा सकता है जिससे उचित कीमत की प्राप्ति होती है जो आर्थिक प्रगति में सहायक है| साथ ही परिवहन साधनों की सहायता से विदेशी व्यापार भी किया जाता है जिससे देश की आर्थिक प्रगति होती है| अत: कहा जा सकता कि परिवहन आर्थिक प्रगति में एक महत्वपूर्ण कड़ी का काम करता है|
23. पर्यटन से होनेवाले लाभ की चर्चा करें|
उत्तर:-
पर्यटन के विकास से रोजगार के अवसर उत्पन्न होते हैं|
विदेशी मुद्रा अर्जित करने की दृष्टि से यह न्यूनतम पूंजी निवेश का उद्योग है|
आंतरिक पर्यटन से राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा मिलता है|
पर्यटन से स्थानीय हस्तकला और सांस्कृतिक गतिविधियों को प्रोत्साहन प्राप्त होता है |
आपसी मेलजोल से विभिन्न क्षेत्रीय और संस्कृतियों के समन्वय द्वारा एक नयी राष्ट्रीय संस्कृति का विकास होता है|
साथ ही पर्यटन से छोटे छोटे व्यापारियों और फेरीवालों को लाभ पहुँचता है |
24. राष्ट्रहित के आलोक में 1991 की नयी आर्थिक नीति के अनुकूल एवं प्रतिकूल प्रभावों का विवरण प्रस्तुत करें|
उत्तर:-
भारत की नयी आर्थिक नीति के सम्बन्ध में भारतीय अर्थशास्त्रियों के विचार भिन्न भिन्न है| कुछ अर्थशास्त्री इसे राष्ट्र हित में मानते हैं| उनके अनुसार इससे उत्पादकता के स्तर में वृद्धि होगी, लोगों के जीवन स्तर में वृद्धि होगी, कार्यकुशलता में वृद्धि होगी, अच्छी वस्तुएँ कम मूल्य पर उपलब्ध होंगी, अर्थव्यवस्था की संरचना में सुधार होगा, निर्यात में वृद्धि होगी और राष्ट्रीय संसाधनों का समुचित उपयोग होगा, औद्योगिक विकास से रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे| वहीं दूसरी ओर कुछ अर्थशास्त्री इसे राष्ट्रहित में नहीं मानते उनके अनुसार पूंजी प्रधान उद्योग का महत्व बढने से कम्प्यूटर आदि का उपयोग अधिक बढेगा जिससे रोजगार के अवसर घटेंगे| भारत के लघु और कुटीर उद्योग इससे प्रभावित होंगे, महंगाई बढेगी, गरीबी बढेगी, बाजार की माँग के अनुसार नकदी फसलों के उत्पादन पर बल दिया जाएगा और खाद्य फसल का उत्पादन घटेगा|
25. राष्ट्रीय महामार्ग क्या है? कुछ राष्ट्रीय महामार्गों के नाम लिखें|
उत्तर:-
राष्ट्रीय महत्व की सड़कों को राष्ट्रीय महामार्ग कहा जाता है जो एक राज्य को दूसरे राज्य से मिलाती है| इनका निर्माण कार्य एवं रख रखाव केंद्रीय सरकार करती है| 
कुछ राष्ट्रीय महामार्गों के नाम इस प्रकार है—–
ग्रैंड ट्रंक रोड, आगरा मुम्बई सड़क NH-3, चेन्नई मुम्बई सड़क NH-4, चेन्नई बहरगोड़ा सड़क NH- 5, कोलकाता हजीरा NH-6, ग्रेट डेक्केन महामार्ग NH-7
26. रेल परिवहन की कुछ समस्याओं का उल्लेख करें|
उत्तर:-
बहुत से यात्री बिना टिकट लिए चलते हैं और जंजीर खींचकर गाड़ियाँ रोकते है जिससे सरकार और यात्रियों को क्षति पहुँचती है|
चोरियां बढ़ रही है| चोर न सिर्फ रेल की संपत्ति ले जाते हैं बल्कि यात्रियों को भी लूटते हैं|
देश के अनेक भागों में पर्याप्त रेलगाड़ी का अभाव है| फलतः भीड़ बढती है और यात्रियों को कष्ट होता है|
कयी भागों में दोहरा रेलमार्ग नहीं होने के कारण गाड़ियाँ विलंब से चला करती है|
रेलमार्गों में देश 3700 ऐसे संपार है जहाँ फाटक की व्यवस्था नहीं है| इन संपारोंं पर सावधानी की जरा सी चूक से दुर्घटनाएँ होने का भय रहता है|
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न





1. भारतीय परिवहन देश के आर्थिक विकास में किस प्रकार सहायक है? 
उत्तर:-
भारतीय परिवहन देश के आर्थिक विकास में बहुत सहायक माना जाता है| हमारे देश में परिवहन के विभिन्न साधन है, जैसे—- रेलवे, सड़क मार्ग, जलमार्ग तथा वायुमार्ग इत्यादि| इन परिवहन के साधनों से कृषि, वाणिज्य व्यवसाय तथा उद्योग धंधों का विकास करने में सहायता मिलती है| क्योंकि परिवहन के साधनों के माध्यम से इनका तेजी से विकास किया जाता है| देश में कृषि, वाणिज्य व्यवसाय तथा उद्योग धंधों का समुचित विकास होने से राष्ट्रीय आय में वृद्धि होती है| राष्ट्रीय आय में वृद्धि होने से देश का आर्थिक विकास करने में सुविधा होती है| साथ ही देश में विकास की योजनाएँ आसानी से पूरी की जाती है| इससे विकास दर में वृद्धि होती है| परिणामस्वरूप देश का समुचित रूप में आर्थिक विकास होता है|
2. भारत में सड़कों अथवा रेलमार्गों के वितरण पर सकारण प्रकाश डालें|
उत्तर:-
भारत में सड़क मार्ग परिवहन का एक प्रमुख साधन है| इन सड़क मार्गों का देश के विभिन्न भागों में समुचित रूप से वितरण हुआ है| हमारे देश में सड़क से संबंधित एक्सप्रेस राष्ट्रीय महामार्ग है| जिनका वितरण दिल्ली, मुम्बई, चेन्नई, कोलकाता इत्यादि क्षेत्रों में प्रमुख रूप से हुआ है| इसी प्रकार राष्ट्रीय महामार्ग की सड़कें बहुत महत्व की है| इन राष्ट्रीय महामार्गों का वितरण देश के विभिन्न भागों में हुआ है| ये सड़कें विभिन्न राज्यों की राजधानियों को आपस में मिलाती है| इसी प्रकार राज्य महामार्ग प्रत्येक राज्य की राजधानी के क्षेत्रों में पायी जाती है| ये महामार्ग प्रत्येक राज्य की राजधानी को उस राज्य के प्रमुख नगरों से मिलाते हैं| इसी प्रकार जिले की सड़कों का वितरण जिला मुख्यालय के क्षेत्रों में किया गया है| ये सड़कें जिला मुख्यालय को जिले के अन्य नगरों एवं कस्बों से जोड़ते हैं| गाँव की सड़कों का वितरण ग्रामीण क्षेत्रों में किया गया है| ये सड़कें गाँव को जिले के विभिन्न नगरों में मिलाती है| सीमा सड़कों का वितरण देश के सीमावर्ती क्षेत्रों में किया जाता है| भारत में रेलवे परिवहन का सबसे साधन है| देश में रेल मार्गों का जाल बिछा हुआ है जिसकी कुल लंबाई लगभग 64 हजार किलोमीटर है| भारत के विभिन्न क्षेत्रों में रेलमार्ग का वितरण किया गया है| भारत में रेलमार्गों का वितरण प्रमुख रूप से उत्तर भारत के मैदानी भागों में और दक्षिण भारत के सौराष्ट्र एवं तमिलनाडु में हुआ है| उत्तर भारत के मैदानी भाग में कृषि, वाणिज्य और उद्योग धंधों का समुचित विकास हुआ है| जिसके रेलमार्ग अधिक पाये जाते हैं, क्योंकि यहाँ की समतल भूमि पर रेलमार्गों का आसानी से निर्माण किया जा सकता है| इसलिए यहाँ रेलमार्गों का अधिक घनत्व पाया जाता है| इसी प्रकार सौराष्ट्र और तमिलनाडु में समतल भूमि अधिक है| साथ ही इन क्षेत्रों में वाणिज्य व्यवसाय तथा उद्योग धंधों का समुचित विकास हुआ है| जिसके कारण इन क्षेत्रों में रेलमार्गों का विकास अधिक किया गया है|
3. भारतीय व्यापार के विकास का विवरण देते हुए व्यापार में भाग लेने वाले प्रमुख पत्तनों का वर्णन करें|
उत्तर:-
जलमार्ग परिवहन का एक प्रमुख साधन माना जाता है| जल परिवहन के अंतर्गत दो भाग आते हैं—- नदी जलमार्ग, समुद्री जलमार्ग| नदी जलमार्ग से आंतरिक व्यापार के लिए परिवहन का काम लिया जाता है जबकि समुद्री जलमार्ग से विदेशी व्यापार होता है| समुद्री जलमार्ग के अंतर्गत देश में विभिन्न पत्तन या बंदरगाह है| इन्हीं पत्तनों पर समुद्री जहाज़ ठहरते है और माल को निर्यात व्यापार करने के लिए जहाज़ पर लादा जाता है| यानि आयात व्यापार होता है| अतः विदेशी व्यापार के विकास के लिए इन पत्तनों का महत्वपूर्ण योगदान होता है| भारत में कयी प्रमुख पत्तन या बंदरगाह है जिनसे व्यापार कार्य होता है| हमारे देश के पश्चिमी तट पर कांडला, मुम्बई, मार्मगाओ, न्यू मंगलौर और कोचीन (कोच्चि) पत्तन प्रमुख रूप से अंतराष्ट्रीय व्यापार में भाग लेते हैं| हाल ही में मुम्बई में पंडित जवाहरलाल नेहरू के नाम पर नये पत्तन का विकास किया गया है| मुम्बई भारत का सबसे बड़ा पत्तन है| खनिज तेल के अधिकतर उत्पादों का व्यापार यहीं से होता है| न्यू मंगलौर का विकास केन्द्रमुख लौह अयस्क के निर्यात के लिए मुख्य रूप से हुआ है| मार्मगाओ भारत का पाचवां बड़ा पत्तन है, जहाँ से लोहा और मैंगनीज का निर्यात होता है| कोचीन का पोताश्रय नैसर्गिक है और उसकी पृषठभूमि में रबर, कहवां तथा नारियल कुंज मिलते हैं| नारियल की जटा और गरम मसालों के व्यापार के चलते इसे पुराने जमाने से प्रसिद्धि मिलती रही है| भारत के पूर्वी तट पर प्रमुख पत्तन है— तूती कोसि, चेन्नई, विशाखापट्टनम, पारादीप और कोलकाता हल्दिया| तूती कोरिम में मुख्यतः कोयला से लदे जहाज उतारते है| चेन्नई (मद्रास) मुख्यतः खनिज तेल और लोहा अयस्क का व्यापार करता है, विशाखापट्टनम का पत्तन सबसे गहरा है जो मुख्यतः मैंगनीज, लौह अयस्क का निर्यात करता है| कोलकाता नदी पत्तन है| इसके समीप हल्दिया का विकास कोयला और पेट्रोलियम उत्पादों के व्यापार के लिए किया जा रहा है|
4. निर्यात संवर्द्धन के लिए सरकार द्वारा किए प्रयासों की चर्चा करें|
उत्तर:-
दो प्रयास किए गए हैं—–
नयी विदेश व्यापार नीति—–
देश की आर्थिक उन्नति निर्यात पर निर्भर करती है| क्योंकि इससे विदेशी मुद्रा की प्राप्ति होती है| सरकार द्वारा 31 अगस्त 2004 को नयी विदेश व्यापार नीति लायी गयी| जिसका उद्देश्य 2004-2009 के बीच विश्व व्यापार में भारत का हिस्सा दुगुना करना था| इसमें वर्णित सख्त प्रावधानों के चलते उद्देश्य के अनुरूप शीघ्र ही सापेक्षिक परिणाम मिलने लगे| तीन वर्षों के अंदर ही भारत के निर्यात में सराहनीय वृद्धि हुई है|
विशेष आर्थिक क्षेत्र—–
भारत एशिया का पहला देश है जिसने निर्यात की वृद्धि के लिए निर्यात संसाधन क्षेत्र को स्वीकार किया है| परन्तु कुछ खामियों के चलते निर्यात के संवर्द्धन की दिशा में ये क्षेत्र (गुजरात के कांडला, महाराष्ट्र में सांताक्रूज़, केरल में कोच्चि, तमिलनाडु में चेन्नई, आंध्र प्रदेश में विशाखापट्टनम, पश्चिम बंगाल में फाल्टा और उत्तर प्रदेश में नोएडा) कारगर नहीं हो पाये| परिणामस्वरूप अप्रैल 2000 में कयी नये प्रावधानों के साथ विशेष आर्थिक क्षेत्र की नीति की घोषणा की गयी| अतः इस प्रकार यह कहा जा सकता है निर्यात संवर्द्धन के क्षेत्र में भारत सरकार ने बहुत ही सराहनीय कदम उठाए हैं जिसका दूरगामी परिणाम सामने आया है|
5. अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में विगत 10-15 वर्षों में क्या अंतर आया है? 
उत्तर:-
(1)भारत का अंतर्राष्ट्रीय व्यापार प्रतिवर्ष बढ़ता जा रहा है| 1950-51 में जहाँ कुल व्यापार 1214 करोड़ रुपये का हुआ था| वहाँ 2006-07 में यह 1412286 करोड़ रुपये तक पहुँच गया| तात्पर्य यह है कि पिछले वर्षों में भारत का अंतर्राष्ट्रीय व्यापार बहुत ज्यादा बढ़ा हैं| ऐसा वस्तुओं के मूल्यों में भारी वृद्धि के कारण जान पड़ता है|
(2) निर्यात व्यापार से अधिक आयात व्यापार में वृद्धि देखने को मिल रही है| जो व्यापार में संतुलन के लिए उचित नहीं माना जाता है|
(3) निर्यात की वस्तुओं में बदलाव आया है| पहले जहाँ चाय, वनस्पति, तेल, तंबाकू, चमड़ा आदि का निर्यात किया जाता था, वहीं अब रत्न आभूषण सिले सिलाए कपड़े, मशीनरी तथा अन्य निर्मित वस्तुएँ निर्यात की जाती है|
(4) आयात की वस्तुएँ भी बदल रही है| अब पूंजीगत वस्तुओं का अधिक आयात होने लगा है| भारत रसायन तथा विभिन्न प्रकार के उपकरणों का आयात करने लगा है|
(5) भारत कुछ वस्तुओं का आयात पुनर्निर्यात के लिए भी कर रहा है जैसे काजू, हीरा जवाहरात आदि|
(6) भारत का व्यापार अमेरिका या यूरोपीय देशों की तुलना में अब एशियाई तथा अफ्रीकी देशों से बढ रहा है|
(7) भारत वस्तुओं का आदान प्रदान करने के बदले सूचनाओं ,ज्ञान, महाशक्ति के रूप में उभरा है तथा सूचना प्रौद्योगिकी के माध्यम से भारत अत्यधिक मुद्रा अर्जित कर रहा है|
6. यातायात के साधनों को देश की जीवन रेखा क्यों कहा जाता है? 
उत्तर:-
यातायात के आधुनिक साधन किसी भी राष्ट्र और उसकी अर्थव्यवस्था की जीवन रेखाएँ है| यातायात के विकसित साधनों के माध्यम से पूरी पृथ्वी घर आंगन सी बन चुकी है| इन साधनों के माध्यम से एक स्थान से दूसरे स्थान पर कम समय में आसानी से पहुँचा जा सकता है| जो दूरियाँ तय करने में हफ्तों महीनों लगते थे वह अब घंटों में तय हो जाती है| आज पर्वत, पठार, घाटियों, वन, सागर महासागर बाधक नहीं रहे, आसानी से उन्हें पार किया जाता है| परिवहन के सभी साधनों ने मिलकर सामाजिक, आर्थिक एवं राजनीतिक क्रांति पैदा कर दी है| परिवहन के साधनों द्वारा उपयोगी वस्तुएँ बाजार तथा उपभोक्ताओं तक शीघ्रता से पहुँचायी जाती है| देश के विभिन्न क्षेत्रों में सूखा, बाढ़ अथवा महामारी जैसी समस्या का आसानी से मुकाबला किया जा सकता है और तत्काल सहायता पहुँचाने में सक्षम है| यातायात के साधनों के विकास ने देश के विभिन्न भागों के लोगों में भाईचारगी पैदा की है, राष्ट्रीय एकता को मजबूत किया है और आर्थिक मजबूती प्रदान की है| औद्योगिक विकास मूलतः यातायात के साधनों पर ही निर्भर है| कच्चा माल कारखाने तक लाने और तैयार माल बाजार तक ले जाने में यातायात के साधन ही सहायक होते हैं| अतः यातायात के साधन देश की जीवन रेखाएँ होती है|
7. उदारीकरण, निजीकरण और वैश्वीकरण पर आधारित 1991 की नयी आर्थिक नीति की समीक्षा करें| क्या यह राष्ट्रहित के अनुकूल हुआ? 
उत्तर:-
1991 के आर्थिक संकट के बाद भारत ने आर्थिक सुधारों के लिए कयी क्षेत्रों में नयी नयी नीतियाँ बनायीं जिसे सम्मिलित रूप से नयी आर्थिक नीति के नाम से जाना जाता है|भारत द्वारा विश्व व्यापार संगठन की सदस्यता स्वीकार करने के साथ ही भारतीय अर्थव्यवस्था पर वैश्वीकरण का प्रभाव पड़ना प्रारंभ हो गया| विश्व की बड़ी बहुराष्ट्रीय कंपनियों के लिए भारत के द्वार खुल गये और भारतीय कंपनियाँ भी पूरे विश्व में फैलकर व्यापार करने लगीं| इसके पक्ष या विपक्ष में भारत के अर्थशास्त्रियों के विचार अलग अलग है| कुछ इसे राष्ट्रहित में मानते हैं और कुछ इसे राष्ट्रहित में नहीं मानते हैं|
राष्ट्रहित के अनुकूल मानने वालों का कहना है कि–
इससे उत्पादकता बढ़ेगी
लोगों का जीवन स्तर सुधरेगा
प्रतिस्पर्धा के कारण कार्यकुशलता में वृद्धि होगी
अर्थव्यवस्था की संरचना में सुधार होगा
अच्छी वस्तुएँ भी कम मूल्य पर उपलब्ध हो सकेंगी
राष्ट्रीय संसाधनों का समुचित उपयोग होगा|
राष्ट्रहित के प्रतिकूल मानने वालों का कहना है कि-
पूंजी प्रधान उद्योगों का महत्व बढने से कम्प्यूटर आदि का उपयोग बढ़ेगा और रोजगार का अवसर घटेगा| बेरोजगारी बढेगी|
भारत में लघु और कुटीर उद्योग की बहुलता है| विश्व बाजार की कड़ी प्रतिस्पर्धा में ये टिक नहीं पायेंगे और लघु एवं कुटीर उद्योगों के लिए वह शुभ घड़ी न होगी|
महंगाई बढ़ेगी, गरीबी रेखा के नीचे रहने वालों के लिए कठिन घड़ी होगी| बाजार माँग के अनुसार नकदी फसल का उत्पादन बढ़ेगा और खाद्यान्न का उत्पादन कम हो सकेगा|
8. भारत के पर्यटन उद्योग की विस्तृत जानकारी दें|
उत्तर:-
वर्तमान समय में भारत में पर्यटन उद्योग का समुचित विकास हो रहा है जिससे राष्ट्रीय आय में वृद्धि हो रही है| आर्थिक युग में पर्यटन की अपार संभावनाओं को देखते हुए भारत सरकार ने अब इसे एक उद्योग का दर्जा दे दिया है, क्योंकि इसमें 78 लाख लोगों को प्रत्यक्ष रूप से एवं इससे दुगुने से भी अधिक लोगों को अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार के अवसर उपलब्ध होते हैं और सबसे बड़ी बात यह है कि इसमें महिलाओं की भागीदारी पुरूषों से दुगुनी होती है| वर्तमान में पर्यटन उद्योग के रूप में तेजी से विकसित हो रहा है| अंतर्राष्ट्रीय पर्यटकों के आगमन से काफी विदेशी मुद्रा अर्जित की गयी है| इससे देश में जहाँ राष्ट्रीय एकता को बल मिल रहा है वहीं अंतर्राष्ट्रीय सद्भावना भी पनप रही है| हमारे देश में पर्यटन उद्योग के विभिन्न स्वरूपों के होने के कारण विकास कर रहा है| कोबलम और कोच्चि (केरल), गणपतिपुले और मुम्बई (महाराष्ट्र), अहमदपुर, मांडवी और तीथल (गुजरात), दीघा (पश्चिम बंगाल), कन्याकुमारी (तमिलनाडु), पणजी (गोवा), कारवार (कर्नाटक) इत्यादि| सागर तट के ये ऐसे क्षेत्र है जहाँ देशी और विदेशी पर्यटकों की भीड़ लगी रहती है| अतः सरकार द्वारा इन क्षेत्रों में विश्रामालयों और कुटियों को बनाने का प्रयास किया जा रहा है| भारत के विभिन्न क्षेत्रों में राष्ट्रीय पार्कों और अभयारण्यों की भरमार है| असम और राजस्थान के जैसलमेर क्षेत्र में अच्छे होटलों तथा अन्य सुविधाओं का विकास भी हुआ है| दर्शकों की सुविधा के लिए ऊंची मिनारें भी बनायी गयी है| हिमाचल प्रदेश तथा अन्य हिमालयी क्षेत्रों के स्केटिंग, पर्वतारोहण, स्कीइंग जैसी कौतूहल और साहस से भरी क्रियाओं को करने के लिए विशेष रूप से तरूण वर्ण के पर्यटक आते हैं| सिक्किम, असम तथा द्वीप समूहों के पर्यावरण के आकर्षण से पर्यटक खिंचे हुए चले जाते हैं| भारत के विभिन्न भागों के विशिष्ट नृत्य, संगीत और नाटक भी पर्यटकों को आकर्षित करते हैं| उदारीकरण और वैश्वीकरण के बाद तो भारत का बाजार विदेशियों के लिए आकर्षण का केन्द्र बन गया है| अनेक व्यापारी और कंपनियों के अधिकारी अपने व्यापार या उद्योग के विकास की संभावनाओं की तलाश में भारत आते रहते हैं| देश में कयी प्रमुख ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत है जिनको देखने के लिए देश और देश से बाहर के पर्यटक आते हैं| इनसे पर्यटन उद्योग को बड़ी मात्रा में आय की प्राप्ति होती है| भारत के पर्यटन उद्योग में वर्तमान समय में वृद्धि बहुत वृद्धि हुई है| 2010 ई० में 35,765 करोड़ रुपये उद्योग से अर्जित की गई है| वर्तमान समय में प्रतिवर्ष लगभग 25 लाख विदेशी पर्यटक भारत आते हैं| इस उद्योग में 150 लाख से ज्यादा लोग लगे हुए हैं| अधिकतर विदेशी पर्यटकों के लिए गोवा, राजस्थान, जम्मू कश्मीर, दक्षिण भारत के मंदिर और आगरा का ताजमहल दर्शनीय स्थल है जिनको देखने के लिए बड़ी संख्या में देशी और विदेशी पर्यटक आते हैं| परिणामस्वरूप पर्यटन उद्योग को बड़ी मात्रा में आय की प्राप्ति होती है| हमारे देश में कुछ प्रमुख पर्यटन स्थल है जहाँ पर पर्यटक आते रहते हैं| इससे पर्यटन उद्योग के विकास में सहायता मिलती है|
कारण बताएं—–






1. पिछले दशक से भारत में महामार्गों और पक्की सड़कों के विकास पर अधिक जोर दिया गया है| क्यों? 
उत्तर:-
पिछले दशक से भारत में महामार्गों और पक्की सड़कों के विकास पर अधिक जोर दिया गया है| क्योंकि महामार्गों ओर पक्की सड़कें विकास के साधन है| इन साधनों के व्यवस्थित मात्रा में उपलब्ध रहने से देश का आर्थिक विकास समुचित ढंग से होता है और देश प्रगति के मार्ग पर अग्रसर होता है|
2. गैस और तेल के परिवहन के लिए पाइपलाइनों का उपयोग अच्छा माना जाता है| क्यों? 
उत्तर:-
गैस और तेल के परिवहन के लिए पाइपलाइनों का उपयोग इसिलिए अच्छा माना जाता है, क्योंकि पाइपलाइनों के उपयोग द्वारा गैस और तेल दूर दूर के देशों तक आसानी से पहुँचाया जा सकता है| इसमें अनावश्यक धन की भी बचत होती है| यह बहुत ही सुविधाजनक, साफ और सुरक्षित माध्यम है| इसमें सामान के चढाने उतारने तथा भंडारण का खर्च नहीं होता है इसलिए यह माध्यम बहुत ही अच्छा माना जाता है|
3. उत्तर भारत में नदियाँ बहुत है, परन्तु इसका उपयोग परिवहन के लिए अधिक नहीं हो पाता है| क्यों? 
उत्तर:-
उत्तर भारत में नदियाँ बहुत पायी जाती है, लेकिन इनका उपयोग परिवहन के लिए अधिक नहीं हो पाता है| इसका कारण यह है कि इन नदियों में अधिक बाढ़ आती रहती है| साथ ही इन नदियों की जलधारा बहुत तेज होती है जिसमें ठंडक भी बहुत रहती है| इसके अतिरिक्त उत्तर भारत में स्थित नदियों के आस पास के क्षेत्रों में औद्योगिक और व्यापारिक प्रतिष्ठान कम पाये जाते हैं| नदियों के आसपास नौकाओं को ठहराने की समुचित भोगोलिक दशाएँ भी नहीं है|
4. ब्रिटिश शासन काल में भारत में रेलमार्गों का जाल बिछाया गया था| क्यों?
उत्तर:-
ब्रिटिश शासन काल में भारत में रेलमार्गों का जाल बिछाया गया था, क्योंकि विद्रोह के समय अंग्रेजों को सेना बुलाने में मदद मिलेगी| भारत के कच्चे माल को ब्रिटेन पहुँचाना और ब्रिटेन के तैयार माल को भारत में व्यापार के लिए लाना था| इसके लिए अतिरिक्त ब्रिटेन के औद्योगिक विकास में सहायता पहुँचाना भी इसका प्रमुख उद्देश्य था| 

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