प्राकृतिक संकट और आपदा
अतिलघु उत्तरीय प्रश्न
1. भारत के किस सागरतट पर सुनामी का प्रकोप होता है?
उत्तर:- भारत के पूर्वी
2. सिंचाई के अभाव में कितने प्रतिशत फसलों के सूखने पर कानूनी रूप से सुखाड़ माना जाता है?
उत्तर:- 30℅
3. कोसी नदी में जल का प्रवाह बहुत तेज होता है| क्यों?
उत्तर:-
कोसी नदी में जल का प्रवाह बहुत तेज़ होता है, क्योंकि हिमालय के बर्फ के पिघलने से कोसी नदी में जल प्रवाह बहुत तेज़ हो जाता है| जल की धारा तेज होने से कोसी नदी में प्रतिवर्ष बाढ़ आती रहती है| इसिलिए कोसी नदी को बाढ़ का शोक कहा जाता है|
4. दक्षिणी पश्चिम के किन दो राज्यों की सीमा पर भूकम्प कम आते हैं?
उत्तर:-
कर्नाटक और उड़ीसा
5. भारत में अत्यधिक संवेदनशील भूकम्प क्षेत्रों के नाम लिखें|
उत्तर:-
कच्छ, जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, बिहार, पश्चिम बंगाल के तराई क्षेत्र और सम्पूर्ण पूर्वोत्तर
6. बिहार के किस भाग में भूस्खलन होता है?
उत्तर:- बिहार के तराई भाग में
7. बाढ़ के बाद प्रायः बीमारियाँ फैलती है| इनमें से किसी दो प्रमुख बीमारियों के नाम लिखें|
उत्तर:- बाढ़ के तुरंत बाद प्रभावित क्षेत्रों में कयी प्रकार की बीमारियाँ फैलती है| दो— हैजा और हेपेटाइटिस
8. मंजुली द्वीप हर साल में डूब जाता है, फिर वहाँ के लोग खुश रहते हैं| क्यों?
उत्तर:-
मंजुली द्वीप हर साल बाढ़ में डूब जाता है फिर भी वहाँ के लोग खुशी से झूम उठते हैं, क्योंकि बाढ़ द्वारा बिछाई गयी उर्वरक मिट्टी पर फसलें लहलहाने लगती है|
9. भारत का कौन सा राज्य सुनामी से सर्वाधिक प्रभावित होता है?
उत्तर:-
अंडमान निकोबार राज्य
लघु उत्तरीय प्रश्न
1. हिम गलन क्या है? इसका प्रभाव किन किन राज्यों पर पड़ता है?
उत्तर:-
कुछ नदियों का स्रोत हिमाच्छादित होता है| बर्फ के बहुत अधिक मात्रा में पिघलने से नदियों में अचानक बहुत अधिक पानी बहने लगता है| मैदानी भागों के बहाव अवरोध होने पर यह किनारों को तोड़कर अगल बगल के क्षेत्रों को जलमग्न कर देता है| हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और बिहार राज्य इसके प्रभाव में रहता है|
2. भूकम्प केन्द्र और अधिकेन्द्र में अंतर स्पष्ट करे|
उत्तर:-
पृथ्वी की ऊपरी सतह का अचानक कांपना भूकम्प कहलाता है| भूकम्प का उदगम पृथ्वी की गहराई में स्थित एक बिंदु से होता है कि उस स्थान को ही भूकम्प केन्द्र कहते हैं| भूकम्प केन्द्र अधिक गहराई में उत्पन्न होने पर उसका प्रभाव कम होता है| भूकम्प केन्द्र से उठने वाली तरंगें समकोण पर चलकर लगाकर धरातल के जिस भाग पर सर्वप्रथम पहुँचती है, धरातल के उस भाग को अधिकेन्द्र कहा जाता है| अधिकेन्द्र पर भूकम्प की तरंगों का प्रभाव अधिक मिलता है| अभिकेन्द्र से जैसे जैसे दूरी बढ़ती जाती है प्रभाव कम होता जाता है|
3. सुनामी से बचाव के कोई तीन उपाय बताएं|
उत्तर:-
अंतराष्ट्रीय सुनामी चेतावनी तंत्र से जुड़ना आवश्यक है|
मैंग्रोव पौधों को तटों पर विकसित करने से समुद्र की लहरों के वेग को कम किया जा सकता है| तटों पर बसने वाली आबादी को सुनामी का सामना करने और बचाव कार्य के लिए प्रशिक्षित करना आवश्यक है|
4. भूकम्प और सुनामी के बीच अंतर स्पष्ट कीजिये|
उत्तर:-
ठोस धरातल पर होने वाली कंपन को भूकंप कहते हैं| भूकम्प शब्द का प्रयोग भूतल में उत्पन्न कम्पन्न के लिए करते हैं| सागरीय तली में उत्पन्न कंपन को सुनामी कहते हैं| भूकम्प एवं सुनामी की ऊर्जा तरंग की गहनता की माप रिक्टर स्केल में किया जाता है|
5. तूफान महोर्मी क्या है?
उत्तर:-
अक्टूबर नवम्बर में बंगाल की खाड़ी में भयानक चक्रवात आता है| जिससे पश्चिम बंगाल और उड़ीसा जैसे तटीय राज्यों में तूफान महोर्मी आता है| इससे समुद्री लहरें बहुत अधिक मात्रा में जल नदियों के मुहाने से प्रेषित करता है| यह जल नदी में चढ़कर विस्तृत क्षेत्र को जलमग्न कर देता है| जिससे धन जन की अत्यधिक हानि होती है| बहुत बड़े पैमाने पर तबाही होती है| पेड़ और मकान ध्वस्त हो जाते हैं|
6. अगस्त और फरवरी में किस महीने की ओलावृष्टि से अत्यधिक हानि होती है?
उत्तर:-
कभी कभी वर्षा के समय पानी से अधिक बर्फ के टुकड़े की बौछार होने लगती है| इसे ओलावृष्टि कहा जाता है| ओलावृष्टि तो कभी भी हो जाती है, परन्तु खड़ी फसलों के समय की ओलावृष्टि से अत्यधिक बर्बादी होती है| सब्जियाँ और अनाज की फसल नष्ट होने से आर्थिक हानि उठानी पड़ती है| फरवरी महीना की ओलावृष्टि से अत्यधिक हानि होती है|
7. चेक डैम का निर्माण किस प्रकार की आपदा से निपटने के लिए किया जाता है?
उत्तर:-
चेक डैम का निर्माण सुखाड़ जैसी भयंकर प्राकृतिक आपदा से निपटने के लिए किया जाता है|
8. किन राज्यों में समुद्री तूफानों से बाढ़ का प्रकोप होता है?
उत्तर:-
भारत के उड़ीसा, आंध्र प्रदेश का पूर्वी तट और गुजरात का साबरमती, नर्मदा और ताप्ती के मुहाने का क्षेत्र समुद्री तुफानों से प्रभावित रहता है|
9. चीन में सिक नदी के दोनों तटों पर हजारों किलोमीटर के तटबंध बनाये गये हैं?
उत्तर:-
चीन का शोक माने जाने वाली हवांगहो नदी के दोनों तटों पर 5500 किलोमीटर लंबे तटबंध बनाये गए हैं जिससे नदी की बाढ़ को नियंत्रित किया जा सके|
10. भूकंपीय तरंगें क्या है? इनके नाम लिखें|
उत्तर:-
भूगर्भ में पैदा होने वाले हलचल से तरंगें उत्पन्न होती है, यह दो प्रकार की होती है| एक सेकेंड में 8 किलोमीटर तक दूरी तय करने वाली तरंगें प्राथमिक तथा धीमी गति से चलने वाली तरंगें द्वितीयक तरंगें कहलाती है| द्वितीयक तरंग से अधिक क्षति पहुँचती है| पृथ्वी तल पर पहुँचने वाली तरंगें तल तरंगों में बदल जाती है| इन्हें रैले और लव तरंगें कहते हैं| इनकी तरंग लम्बाई बहुत अधिक होती है| ये अत्यधिक घातक होती है| इन्हीं के कारण पृथ्वी तल पर कंपन्न होता है और मकान गिरने लगते हैं| द्वितीयक तरंग से चट्टानें टूटती फूटती है| इसके झटके बाद में भी आते रह सकते हैं|
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
1. प्राकृतिक संकट और प्राकृतिक आपदा में अंतर स्पष्ट करें|
उत्तर:-
प्राकृतिक संकट—-
इसकी गति धीमी होती है|
इसका प्रभाव स्थायी होता है|
इनमें धन जन व्यापक हानि की संभावना होती है|
जैसे—–
महासागरीय धाराएँ, भूस्खलन, अस्थिर संरचना, रेगिस्तान या बर्फीली स्थानों जलवायु
प्राकृतिक आपदा——
इसकी गति तीव्र होती है|
इसका प्रभाव तत्कालीन होता है|
इसमें धन जन की व्यापक हानि होती है और नियंत्रण नहीं रह पाता है|
जैसे—-
युद्ध, वनों का कटाव, वायुमंडल का प्रदूषण, पारिस्थितिक तंत्र के साथ छेड़छाड़
2. विभिन्न प्राकृतिक आपदाओ के नाम लिखकर किसी एक को परिभाषित करें|
उत्तर:-
भारत प्राकृतिक, सामाजिक और सांस्कृतिक विविधताओं का देश है| इसकी विपुल जनसंख्या और विस्तृत क्षेत्र किसी न किसी आपदा से ग्रस्त होता रहता है| कोई क्षेत्र एक आपदा के लिए संवेदनशील है तो कोई दूसरी आपदा के लिए और कोई कयी आपदाओं से एक साथ ग्रस्त हो सकता है| अधिक विनाशकारी आपदाएँ बाढ़, सूखा (सुखाड़), भूकम्प, सुनामी
कुछ कम विनाशकारी आपदाएँ —चक्रवात, ओलावृष्टि, हिमस्खलन, भूस्खलन, वज्रपात, मेघस्फोट, ज्वालामुखी
सुनामी—-
भूकंपीय कंपन का केन्द्र जब स्थल खंड पर होता है, तो उसे भूकम्प कहते हैं| लेकिन जब वही कंपन महासागर की तली पर होता है, तो वह सुनामी के नाम से जाना जाता है| सुनामी के प्रभाव से समुद्री जल में कंपन होता है जिससे जल में क्षैतिज गति उत्पन्न होती है| आंतरिक ऊर्जा से संचालित क्षैतिज प्रवाह का जलतटीय स्थल से टकराता है और तट पर सुनामी की विनाशलीला देखने को मिलती है|26 जनवरी 2004 को दक्षिण पूर्व एशिया से लेकर बंगाल की खाड़ी तक आए सुनामी सैकड़ों लोग विलुप्त हो गये| निकोबार द्वीपसमूह के दक्षिण इंदिरा प्वाइंट इसके प्रभाव से विलुप्त हो गया|
3. बाढ़ के कारणों एवं सुरक्षा संबंधी उपायों का वर्णन करें|
उत्तर:-
बाढ़ एक प्राकृतिक आपदा है जिसके कारण अधिक संख्या में जान माल का नुकसान होता है|
बाढ़ के निम्न कारण है—-
नदियों में अधिक मात्रा में वर्षा जल के पहुँचने से बाढ़ आती है|
वर्षा जल के साथ नदी की घाटी में मिट्टी के जमा होने से भी बाढ़ आती है|
वनस्पतियों की कटाई के कारण बाढ़ होती है|
कमजोर तटबंध के टूटने से बाढ़ आती है|
बाढ़ से सुरक्षा संबंधी निम्न उपायों को किया जा सकता है—-
बाढ़ की सूचना प्राप्त होते ही उस क्षेत्र के लोगों को हटा देना चाहिए|
बाढ़ पूर्व की दवा, खाद्य एवं पेयजल की सुविधा उपलब्ध कर लेनी चाहिए|
नदियों के तटबंधों का नियमित मरम्मत कार्य होते रहना चाहिए|
सरकारी एवं गैर सरकारी संगठनों द्वारा राहत कार्य किया जाना चाहिए|
मानव समाज को इस दिशा में जागरूक करने की आवश्यकता है|
4. सूखाड़ क्या है? इससे लोगों को राहत दिलाने के क्या क्या उपाय है?
उत्तर:-
सूखा एक प्राकृतिक आपदा है| जो किसी क्षेत्र में धीमी गति से अपना प्रभाव दिखाती है| सूखे जैसे आपदा से मानव का जीवन संकट में पड़ जाता है| कृषि फसल का उत्पादन कम होने लगता है| पेयजल की समस्या उत्पन्न होने लगती है| जीव जंतु की अचानक मृत्यु होने लगती है तापमान में वृद्धि होने लगती है|
सुखाड़ जैसे आपदा के उत्पन्न होने के निम्न कारण है——
वर्षा की कमी
वनस्पतियों की कटाई
तापमान में वृद्धि
जल की कमी और जलस्तर में गिरावट
सिंचाई में जल की अधिक बर्बादी
सुखाड़ से बचाव के लिए निम्न उपाय किये जा सकते हैं—–
वर्षा जल को घरों के छतों पर कुआँ में, नहरों में, तालाबों में, झीलों में संग्रह किया जाना चाहिए|
वनस्पति वर्षा करने में मदद करते हैं| अत: अधिक संख्या में वनस्पतियों को लगाना चाहिए|
नदियों पर बांध बनाकर, नहरें निकालकर सुखाग्रस्त क्षेत्रों में पानी पहुँचाना चाहिए|
जल प्रदूषण पर नियंत्रण करना चाहिए|
5. भूकम्प और सुनामी के विनाशकारी प्रभावों का वर्णन करें और इनसे बचाव के उपाय बताएं|
उत्तर:-
भूकम्प और सुनामी एक प्राकृतिक आपदा है| इससे मानवीय जगत पर बहुत ही बुरा प्रभाव पड़ता है| इससे धन जन की अपार क्षति होती है| बड़ी बड़ी इमारतें एक मल्बे का रूप ले लेती है| जिससे आर्थिक हानि होती है| सुनामी आने से समुद्र के किनारे के गरीब मछुआरों का जीवन संकट मे पड़ जाता है| अभी हाल में जापान में भूकम्प के झटकों ने जापान वसियो को दहशत में ला दिया है| वहाँ के लोगों का जीवन खतरे में पड़ गया है| भूकम्प और सुनामी आने से न केवल धन जन हानि होती है, बल्कि इसका देश की अर्थव्यवस्था पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है| इन दोनों विनाशकारी आपदाओं से देश की स्थिति डांवाडील हो जाती है| लोग अपने आपको सुरक्षित महसूस नहीं करते हैं और दहशत में रहते हैं| इसका ज्वलंत उदाहरण है, जहाँ भूकम्प के झटकों ने जापान में अपना विनाशकारी लीला दिखाया है| अत: इस प्रकार यह कहा जा सकता है कि भूकम्प और सुनामी के बहुत अधिक विनाशकारी प्रभाव होते हैं|
भूकम्प से बचाव के उपाय—-
भूकंप का पूर्वानुमान—–
भूकंपलेखी यंत्र के द्वारा भूकंपीय तरंगों का पूर्वानुमान किया जा सकता है|
भवन निर्माण—–
भवनों का निर्माण भूकंप रोधी तरीकों के आधार पर किया जाना चाहिए| खासकर उन क्षेत्रों में जो भूकम्प प्रभावित है|
प्रशासनिक कार्य—-
भूकम्प के बाद राहत कार्य के लिए प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा विरोध दस्ते का गठन किया जाना चाहिए|
गैर सरकारी संगठनों का सहयोग—-
भूकंपीय आपदा से निपटने के लिए गैर सरकारी संगठनों का भी योगदान हो सकता है| ये संस्थाएँ न सिर्फ राहत कार्य में मदद कर सकते हैं, बल्कि भूकम्प के पूर्व लोगों को भूकम्प विरोधी भवन निर्माण तथा भूकम्प के समय तत्काल बचाव हेतु लोगों को प्रशिक्षित भी कर सकते हैं|
सुनामी से बचाव के उपाय—–
तटबंधों तथा मैंग्रोव झाड़ी का विकास—-
सुनामी के विनाशकारी प्रभाव से बचने के लिए कंक्रीट के तटबंधों का निर्माण तथा तटबंधों पर मैंग्रोव की झाडियों का विकास कर सुनामी के झटके को कम किया जा सकता है|
तटीय प्रदेश के लोगों को प्रशिक्षण—–
तटीय प्रदेशों में रहने वाले लोगों को प्रशिक्षण देकर सुनामी के बाद राहत कार्यों में सामूहिक रूप से इनसे मदद लिया जा सकता है|
6. आपदा प्रबंधन के लिए राज्य और केंद्रीय स्तर पर क्या क्या उपाय किये गए हैं?
उत्तर:-
आपदा प्रबंधन के लिए केंद्रीय स्तर पर प्रभावशाली उपाय करने के लिए भारतीय राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान की स्थापना की गयी है| यह संस्थान आपदा प्रबंधन के सिलसिले में अपनी भूमिका निभाता है| साथ ही केंद्रीय स्तर पर भी आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 की व्यवस्था भी की गयी है| राज्य स्तर पर भी इसके लिए समुचित प्रबंध की व्यवस्था की गई है जिससे कि बाढ़ भूकंप, चक्रवात, भूस्खलन होने की स्थिति में प्रभावशाली कदम उठाया जा सके और ऐसी आपदाओं से होने वाली क्षति को कम किया जा सके| केन्द्र और राज्य सरकारों के आपदा राहत और पुनर्वास विभाग तथा आपदा प्रबंधन निर्माण तो है ही, साथ ही जिला, प्रखण्ड और पंचायत स्तर पर भी समितियाँ है| स्वयंसेवी संस्थाएँ बहुत उपयोगी होती है|
7. बाढ़ से होनेवाली हानियों का विस्तृत वर्णन करें|
उत्तर:-
बाढ़ के कारण उपजाऊ भूमि पर अधिक समय तक जलजमाव रहता है|
बाढ़ के दौरान वनस्पति, जीव जंतुओं की मृत्यु हो जाती है|
बाढ़ के कारण महामारी जैसे मलेरिया, हैजा, चेचक जैसे रोगों का प्रकोप बढ़ जाती है|
बाढ़ के कारण सड़क और रेलमार्ग टूट जाते हैं|
बाढ़ के कारण मकान और ढांचों के गिरने या क्षतिग्रस्त होने से आर्थिक हानि के साथ आवास की समस्या भी उत्पन्न हो जाती है|
बाढ़ के कारण फसलें बर्बाद हो जाती है तथा जन धन की बहुत हानि होती है|
8. बिहार में बाढ़ की स्थिति की व्याख्या करें| बिहार सरकार ने इसका सामना करने के लिए कौन कौन से प्रबंध किए हैं?
उत्तर:-
मौनसून की अनिशितता के कारण बिहार के किसी न किसी भाग में प्रतिवर्ष बाढ़ का आगमन होता है| बिहार की कोसी बाढ़ की विभीषिका के लिए बदनाम है| उत्तरी बिहार के मैदान बाढ़ से अधिक प्रभावित है| उत्तरी बिहार में बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों में सारण, गोपालगंज, वैशाली, सीतामढ़ी, मुजफ्फरपुर, सहरसा, खगड़िया, दरभंगा, मधुबनी इत्यादि है| इन क्षेत्रों में मुख्यतः घाघरा, गंडक, कमला, बागमती और कोसी नदियों से बाढ़ आती है| उत्तरी बिहार की नदियों में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न होने के प्रमुख कारण हिमालय तराई के क्षेत्र में अधिक वर्षा है| एक सर्वेक्षण के अनुसार बिहार के कुल बाढ़ क्षेत्र का लगभग 64 लाख हेक्टेयर है| बाढ़ वे प्राकृतिक आपदाएँ है, जिनका संबंध वर्षा से है| जब मौनसून वर्षा अत्यधिक होती है, तो नदियों के जल स्तर में उफान आता है और बाढ़ की स्थिति उत्पन्न होती है| मौनसून की अनिशितता के कारण भारत के किसी न किसी भाग में प्रतिवर्ष बाढ़ का आगमन होता है| कुछ नदियाँ तो बाढ़ की विभीषिका के लिए बदनाम हो चुकी है, जैसे कोसी| हाल के वर्षों में बाढ़ की स्थिति मानवीय स्थिति से भी उत्पन्न होने लगी है| बाढ़ को रोकने के लिए बांध और तटबंध बनाये गए हैं, लेकिन नदी का बढता जलस्तर जब इन्हें तोड़ देता है तो अनेक ऐसे क्षेत्र भी जल प्लावित हो जाते हैं| 2008 ई० में भारत नेपाल की सीमा पर कुसहा के पास तटबंध के टूटने से आयी भयंकर बाढ़ है|
सुरक्षा संबंधी उपाय——
नदियों के किनारे तटबंध बनाना|
बांध का निर्माण किया गया है|
वनीकरण को प्रोत्साहित किया गया है|
जलाशय का निर्माण किया गया है|
सूचना तंत्र को सुदृढ़ किया गया है आदि|
9. वर्षा जल संचयन की व्याख्या करें|
उत्तर:-
वर्षा के जल को संचय करके रखना वर्षा जल संचयन कहलाती है वर्षा जल संचयन सूखे के दुष्परिणामों से बचने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकता है| वर्षा ऋतु में होने वाली वर्षा के जल को विभिन्न उपाय करके उसको जमा करके रखने से बहुत हद तक जल की समस्या को दूर किया जा सकता है| हमारे देश में आजकल वर्षा कम हो रही है जिससे जल संकट उत्पन्न होते जा रहा है| अत: वर्षा जल का संचयन करना आवश्यक है|
10. भूकंप क्या है? भारत के प्रमुख भूकंप संवेदनशील क्षेत्रों के नाम लिखकर उनका संक्षिप्त विवरण दें|
उत्तर:-
पृथ्वी के आंतरिक भागों में अचानक उत्पन्न कंपन्न को भूकंप कहते हैं| भूकंप की तीव्रता को सिस्मोग्राफी यंत्र द्वारा रिक्टर स्केल में मापते है|
भारत को निम्नलिखित भूकंप क्षेत्रों में वर्गीकृत किया गया है——
जोन-1—-
इसके अंतर्गत भारत के दक्षिणी पठारी भाग आते हैं जहाँ भूकंप का खतरा नहीं के बराबर कम होती है|
जोन-2—–
इसके अंतर्गत प्रायद्वीपीय भारत के तटीय मैदानी क्षेत्र आते हैं जहाँ भूकंप की तीव्रता कम होती है|
जोन-3—-
इसके अंतर्गत मुख्यतः गंगा सिंधु का मैदान, राजस्थान तथा उत्तरी गुजरात के क्षेत्र आते हैं|
जोन-4—
इसके अंतर्गत शिवालिक हिमालय का क्षेत्र, पश्चिम बंगाल का उत्तरी भाग, असम घाटी एवं पूर्वोत्तर क्षेत्र, अंडमान निकोबार द्वीप समूह| यह सब क्षेत्र भूकंप के अधिक खतरनाक क्षेत्रों में आते हैं|
जोन-5—–
इसके अंतर्गत गुजरात का कच्छ प्रदेश, जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड के पर्वतीय भाग, सिक्किम राज्य सम्मिलित हैं जो भूकंप के सर्वाधिक खतरनाक क्षेत्र माने जाते हैं|
11. सुनामी क्या है? इससे बचाव के उपाय लिखें|
उत्तर:-
महासागरों के आंतरिक पृष्ठीय भागों में उत्पन्न हलचल को सुनामी कहते हैं| सुनामी एक प्राकृतिक आपदा है| जो समुद्र तटीय क्षेत्रों में मानव, जीव जंतु, वनस्पति, मकान, उद्योग आदि को बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचाते है—-
सुनामी से बचने के लिए निम्न उपाय किये जा सकते हैं—-
समुद्र तटीय क्षेत्रों में मैंग्रोव वनस्पति को लगाना चाहिए|
समुद्र तटीय क्षेत्र में कंक्रीट के तटबंध बनाना चाहिए|
समुद्री क्षेत्रों के समीप रहने वाले लोगों को प्रशिक्षित करना चाहिए|
समुद्र तटीय क्षेत्रों में सुनामी का पूर्वानुमान यंत्र के सहारे पहले ही सूचित किया जाना चाहिए|
सरकारी एवं गैर सरकारी संगठनों की मदद से लोगों को जागरूक करना चाहिए|
कारण बताएं——-
1. कोसी के क्षेत्र में कहीं बाढ़ का प्रकोप होता है तो उनकी बगल के क्षेत्र में ही सूखे का प्रकोप भी हो सकता है| क्यों?
उत्तर:-
गर्मी के दिनों में जब हिमालय की बर्फ़ पिघलकर कोसी तथा गंगा नदी में बहने लगती है तो अत्यधिक पानी होने के कारण बाढ़ आ जाती है| इसके विपरीत जब हिमालय के ऊपरी भागों में बर्फ नहीं रहता है तो कोसी के बगल के क्षेत्रों में सुखाड़ की स्थिति उत्पन्न हो जाती है| इस तरह बिहार को दोहरे मारों का सामना करना पड़ता है|
2. सुनामी का प्रभाव उत्तर प्रदेश पर नहीं पड़ता है| क्यों?
उत्तर:-
सुनामी का प्रभाव उत्तर प्रदेश पर नहीं पड़ता है| इसका यह कारण है कि यह समुद्रीय तटों से दूर है| यही कारण यह है कि उत्तर प्रदेश सुनामी विनाशकारी लीला से बचा रहता है|
3. हरियाणा चक्रवातीय तूफान से प्रभावित नहीं होता है| क्यों?
उत्तर:-
हरियाणा पश्चिमोत्तर सीमा पर स्थित है| यहाँ पर वर्षा अधिक होती है| यह क्षेत्र आर्द्र बना रहता है| इसिलिए चक्रवाती तूफान से यह प्रभावित नहीं होता है|
4. 1943 में बंगाल में 30 लाख लोगों की मौत हो गई थी| क्यों?
उत्तर:-
1943 में बंगाल में कम वर्षा (अकाल) के कारण 30 लाख लोगों की मृत्यु हो गई थी| कहा जाता है कि स्थिति इतनी विकट नहीं थी जितनी खाद्यान्न के सम्यक वितरण की कमी से भयावह हो गई थी| 51 करोड़ 60 लाख टन अतिरिक्त खाद्यान्न का भंडार रखा गया|
5. 1996 में संयुक्त राष्ट्र संघ की आर्थिक सहायता से बिहार की बाढ़ का सामना गया था| क्यों?
उत्तर:-
1996 ई० में बिहार अकाल ग्रस्त हो गया था, परंतु संयुक्त राष्ट्र संघ ने 9 लाख टन अनाज का प्रबंध कर स्थिति को बिगड़ने से बचा लिया| फिर भी बीमारियों से 3 वर्षों के भीतर 15 लाख लोगों की मृत्यु हो गई थी| साथ ही मानवता की रक्षा के लिए संयुक्त राष्ट्र संघ ने बिहार के बेबस लोगों की सहायता की जिसके कारण यहाँ बाढ़ की स्थिति का सामना किया गया था|
6. राजस्थान में वर्षा जल के संचयन की प्रथा अति प्राचीन काल से चली आ रही है| क्यों?
उत्तर:-
राजस्थान एक मरूस्थलीय क्षेत्र है जहाँ वर्षा की कमी अक्सर देखने को मिलती है| यही कारण है कि पानी की कमी को दूर करने के लिए वर्षा जल का संचयन अति प्राचीन काल से चली आ रही है| वर्षा के जल का संचयन करके साक्षात्कार यहाँ के लोग अपने दैनिक जीवन में इसका प्रयोग करते हैं| साथ ही कृषि कार्य भी किया जाता है| इसके अतिरिक्त बिजली उत्पन्न करने के लिए भी इस वर्षा जल का संचयन किया जाता है| यही कारण है कि यहाँ जल की कमी को वर्षा जल के संचयन से पूरा कर लिया गया है| राजस्थान के क्षेत्रों के ऊंचे भागों से बांस के पाइपों द्वारा जल एकत्र करने की परंपरा प्राचीन काल से चली आ रही है|
7. बिहार में कमला नदी में बाढ़ आने से लोग अधिक खुश होते हैं| क्यों?
उत्तर:-
बिहार में कमला नदी में बाढ़ आने से लोग अधिक खुश होते हैं| इसका कारण यह है कि कमला नदी में बाढ़ आने से यहाँ के खेतों की उपजाऊ शक्ति बढ़ जाती है| बाढ़ हर वर्ष अपने साथ पांक मिट्टी बहाकर लाती है जो विस्तृत क्षेत्र में फैल जाता है| यह मिट्टी बहुत उपजाऊ होती है| अत: नदी के किनारे क्षेत्रों पर फसलें अधिक उगती है जिससे लोग बहुत खुश होते हैं|
8. दक्षिण भारत के मध्य में लातूर भूकम्प के लिए संवेदनशील है जबकि इसके दक्षिण या कुछ उत्तर के भाग सुरक्षित है| क्यों?
उत्तर:-
दक्षिण भारत के मध्य में लातूर भूकम्प के लिए संवेदनशील क्षेत्र है, क्योंकि लातूर के निकट एक भ्रंशरेखा विकसित होती है जिसके कारण लातूर में भूकम्प आने की अत्यधिक संभावना रहती है| इस भ्रंशित भाग में ऊर्जा का संग्रह होता है| इसकी विमुक्त से यहाँ पर भूकम्प आता है| लेकिन इसके दक्षिण और कुछ उत्तर के भाग भूकम्प से सुरक्षित है, क्योंकि वहाँ पर भ्रंश रेखा नहीं पाया जाता है जिससे ऊर्जा का संग्रह नहीं होता है और भूकम्प नहीं आता है|
9. रैले और लव तरंगों का नामकरण भूवैज्ञानिकों के नाम पर रखा गया है| क्यों?
उत्तर:-
रैले और लव तरंगों का नामकरण प्रसिद्ध भूवैज्ञानिक रैले और लव के नाम पर रखा गया है| क्योंकि इन दोनों भूवैज्ञानिकों ने भूकम्प तरंगों के संबंध में जानकारी की बातें बतायीं| पृथ्वी के अंदर की तरंगों को रैले तरंगें और सतह के पास की तरंगों को लव तरंगें कहा जाता है|
10. गहरे सागर में जहाजों पर सुनामी का प्रकोप कम होता है|क्यों?
उत्तर:-
गहरे सागर में पानी अधिक होने के कारण तरंगों की गति कम होती है| जिसके कारण समुद्र का गहरा भाग कम प्रभावित होता है| इस मुद्दे 1 या 2 मीटर तक की तरंगें अधिक हानि नहीं पहुंचाती है| इसके विपरीत जब जहाज किनारे पर आता है तो सागर की गहराई कम होती जाती है और तरंगों की गति बढती जाती है| यही कारण है कि गहरे सागर में जहाजों पर सुनामी का प्रकोप प्रायः कम ही होता है|
11. भारत का दक्षिणी छोर अब इंदिरा प्वाइंट नहीं रह गया है|क्यों?
उत्तर:-
26 दिसम्बर 2004 में भारत के दक्षिणी छोर में भयंकर सुनामी आयी थी जिसके कारण दक्षिणी छोर समुद्र के गर्भ में समा गया था| यही कारण है कि भारत का दक्षिणी छोड़ इंदिरा प्वाइंट नहीं रह गया
0 टिप्पणियाँ