जल संसाधन
अति लघु उत्तरीय प्रश्न
1. विश्व में उपलब्ध जल का कितना प्रतिशत महासागरों में जमा है?
उत्तर:- 96.5℅
2. दिल्ली में तेरहवीं सदी में जल संग्रहण के लिए बने विशिष्ट तालाब का नाम क्या है?
उत्तर:- हौज ए खास
3. राजस्थान में भूमिगत टंकियों में एकत्रित वर्षा जल का दूसरा स्थानीय नाम क्या है?
उत्तर:- टांका
4. पश्चिमी हिमाचल क्षेत्र में पानी की धारा बदलकर सिंचाई के लिए प्रवाहित करनेवाली प्रणाली का नाम क्या है?
उत्तर:- पश्चिमी हिमाचल क्षेत्र पानी की धारा बदलकर सिंचाई के लिए प्रवाहित करनेवाली प्रणाली का नाम गुल अथवा कुल है|
5. टिहरी बांध किस राज्य में स्थित है?
उत्तर:- उत्तराखंड राज्य में
लघु उत्तरीय प्रश्न
1. जल किस प्रकार एक दुर्लभ संसाधन है?
उत्तर:-
पृथ्वी को जल ग्रह कहा जाता है| परन्तु 96.5℅ जल सात महासागरों में पाया जाता है जो यातायात को छोड़कर उपयोगी नहीं है| यह हमारी बुनियादी जरूरतों को पूरा नहीं कर सकता क्योंकि यह खारा जल है| धरती पर पाए जाने वाले जल में मात्र 2.5℅ भाग ही उपयोगी है| इसमें भी 70℅ भाग बर्फ के रूप में ग्रीनलैंड, अंटार्कटिका महादेश तथा हिमालय के शिखरों एवं हिमनदों में पाये जाते हैं शेष 30℅ जल ही नदी, तालाबों, भूमिगत जल के रूप में पाया जाता है| वर्षा का जल मीठा होता है| विश्व की कुल वर्षा का 4℅ जल ही भारत में उपलब्ध होती है| भारत में अधिक जनसंख्या के कारण प्रतिव्यक्ति प्रतिवर्ष जल उपलब्धता की दृष्टि से भारत का विश्व में 33 वां स्थान है| एक अन्दाजे के मुताबिक 2025 ई० तक विश्व के अनेक देशों में जल का अभाव होने लगेगा| भारत को भी इस संकट का सामना करना पड़ेगा| इस प्रकार यह कह सकते हैं कि जल एक दुर्लभ संसाधन है|
2. भारत में जल के प्रमुख स्रोत कौन कौन है?
उत्तर:-
वर्षा—
वर्षा जल का सबसे प्रमुख स्रोत है, वर्षा के जल का उपयोग कृषि कार्यों में किया जा सकता है| वर्षा के जल का संरक्षण करके और उसका समुचित उपयोग करके जल की कमी को पूरा किया जा सकता है|
नदियाँ—
नदी भी जल का एक प्रमुख स्रोत है, नदियों के जल को आधुनिक तकनीक की मदद से शुद्ध करके उसे दैनिक जीवन में उपयोग किया जा सकता है| नदियों के जल को पाइप द्वारा खेतों तक पहुँचाकर फसलों का सिंचाई किया जाता है| नदियों के जल का उपयोग नदियों पर बांध बनाकर किया जाता है| मैदानी इलाकों में ही नदियों से अधिकतर नहरें निकाली गई है| पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश जैसे कम वर्षा वाले क्षेत्रों में नदी का उपयोग सिंचाई के लिए बहुत अधिक हुआ है|
भूमिगत जल—
यह भी जल का एक प्रमुख स्रोत है| भूमिगत जल को कुआँ खोदकर निकाला जाता है| भूमिगत जल को झरनों द्वारा भी प्राप्त किया जा सकता है| इस जल का उपयोग हम अपने दैनिक जीवन में करते हैं| इस जल की सहायता से कृषि कार्य किया जाता है|
ग्लेशियर—-
यह भी जल प्राप्ति का एक प्रमुख स्रोत है| गर्मियों में हिमालय का बर्फ पिघलकर नदियों के पानी को बढाता है| इस जल की सहायता से दैनिक और कृषि कार्य किया जाता है|
झील, तालाब एवं अन्य जलाशय—-
ये भी जल प्राप्ति का एक प्रमुख स्रोत है| इस जल का उपयोग हम दैनिक जीवन में करते हैं| इस जल की सहायता से कृषि कार्य और अन्य महत्वपूर्ण क्रिया कलाप किए जाते हैं|
3. बहु उद्देशीय नदी घाटी परियोजनाएँ किस प्रकार लाभप्रद है? यह भी बताएं कि वे किस प्रकार हानिकारक है?
उत्तर:-
बहु उद्देशीय नदी घाटी परियोजना लाभप्रद है| इसे निम्न विचार बिंदुओं के आधार स्पष्ट किया जा सकता है—-
नदियों पर बांध (बराज) बनाकर नहरें निकाली जाती है जिससे वर्षाभाव के क्षेत्र में सिंचाई की जाती है|
जल विद्युत उत्पन्न किया जाता है|
बाढ़ की रोकथाम करना, मिट्टी के कटाव को रोकना|
मछली पालन, यातायात की सुविधा प्राप्त करना|
पर्यटकों के लिए आकर्षण केंद्र बनाना इत्यादि|
बहुद्देशीय नदीघाटी परियोजना के लाभ के साथ साथ हानियाँ भी है| इसे निम्न विचार बिंदुओं के आधार पर स्पष्ट किया जा सकता है—–
नदियों पर बांध बनाने से स्वाभाविक प्रवाह अवरुद्ध हो जाता है जिससे नदी की तली में कचड़े जमा हो जाता है और प्रत्येक वर्ष बाढ़ का दृश्य बनता रहता है|
जल प्रदूषण की संभावना बढ़ जाती है| इसका दुष्प्रभाव जलीय जीवों पर पड़ता है|
इस प्रकार की परियोजना से बड़े पैमाने पर विस्थापन की समस्या उत्पन्न हो जाती है|
नहरों से अधिक सिंचाई करने पर भूमि की उर्वरता घटने लगती है|
4. नदियों पर बांध क्यों बनाए जाते हैं? उससे होने वाले लाभों का उल्लेख करें|
उत्तर:-
नदियों पर बांध इसिलिए बनाये जाते हैं क्योंकि नदी के जल समुचित उपयोग किया जा सके| नदियों पर बांध बनाकर नहरें निकाली जाती हैं जिससे नदी के जल का समुचित उपयोग हो सके|
नदियों पर बांध बनाने से कुछ लाभों की प्राप्ति होती है जो निम्नलिखित हैं——
नदी के जल को बांध बनाकर खेतों की सिंचाई के लिए उपयोग किया जाता है जिससे कृषि कार्य में सुविधा होती है|
नदियों पर बांध बनाने से पन बिजली उत्पन्न की जाती है जिसका उपयोग उद्योग धंधों में ऊर्जा के रूप में प्रयोग किया जाता है|
नदियों पर बांध बनाकर बाढ़ की रोकथाम की जाती है, क्योंकि जल रोकने के लिए नदी पर बराज बनाये जाते हैं|
नदियों पर बांध बनाने से मिट्टी के कटाव को रोका जा सकता है| इससे भूमि क्षरण कम होता है|
नदियों पर बांध बनाकर मछली पालन का काम भी समुचित मात्रा में किया जाता है जिससे मछली का व्यापार करने वालों को आय की प्राप्ति होती है|
नदियों पर नहरें निकालकर यातायात की सुविधा बढायी जाती है तथा पर्यटकों के लिए यह आकर्षण का केंद्र भी हो जाता है|
5. स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद भारत में प्रथम बहुउद्देशीय नदीघाटी परियोजना कौन बनी? उससे कौन दो राज्य अधिक लाभान्वित हुए?
उत्तर:-
स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद भारत में प्रथम बहुउद्देशीय नदीघाटी परियोजना दामोदर घाटी परियोजना है| इस परियोजना से दो राज्य झारखंड और पश्चिम बंगाल लाभान्वित हुए हैं|
6. भारत की सबसे बड़ी नदी घाटी परियोजना कौन है और यह नदी पर है? इससे किस क्षेत्र के आर्थिक विकास में मदद मिली है?
उत्तर:-
भारत की सबसे बड़ी नदीघाटी परियोजना भाखड़ा नंगल परियोजना है| यह सतलज नदी पर बनायी गयी है| इस परियोजना से पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान और जम्मू कश्मीर राज्यों को लाभ मिला है| इससे कृषि ओर उद्योगों में क्रांतिकारी परिवर्तन आये है| इस परियोजना से 15 लाख हेक्टेयर भूमि की सिंचाई कर देश में हरित क्रांति लाने में मदद मिली है| जल विद्युत उत्पादन के द्वारा उन राज्यों में लघु एवं कुटीर उद्योग का जाल बिछ गया|
7. राष्ट्रीय जल संसाधन परिषद के एक महत्वपूर्ण कार्य का उल्लेख करें|
अथवा,
भूमिगत जल कानून से किन दो राज्यों में प्रगति हुई?
उत्तर:-
राष्ट्रीय जल संसाधन परिषद् ने 9 सितम्बर, 1987 को एक राष्ट्रीय जल नीति अपनायी थी| यह भी इसका एक महत्वपूर्ण कार्य माना गया| 2002 ई० में राष्ट्रीय जल नीति में संसोधन करके नयी नीति बनायी गयी| इसकी मुख्य बातें निम्नलिखित हैं——-
जल की उपलब्धता बनाए रखना|
जल को प्रदूषित होने से बचाना|
प्रदूषित जल को साफ कर उसका बार बार उपयोग करना|
भूमिगत जल कानून से विशेष रूप से महाराष्ट्र और गुजरात में प्रगति हुई है| साथ ही मध्य प्रदेश और तमिलनाडु जैसे बड़े राज्यों में भी अधिक प्रगति हुई है| इन क्षेत्रों में कुआँ और नलकूप के द्वारा भूमिगत जल को ऊपर निकाला जाता है और सिंचाई के काम में उपयोग किया जाता है| परिणामस्वरूप कृषि कार्य करने में सुविधा होती है जिससे किसानों की आय बढती है और उनकी आर्थिक प्रगति होती है|
8. जल संकट से आप क्या समझते हैं? भारत में पेय जल संकट के कारणों पर प्रकाश डालें|
उत्तर:-
स्वेडन के विशेषज्ञ फाल्कन मार्क के अनुसार, प्रतिव्यक्ति एक हजार घन मीटर से कम जल की उपलब्धता जल संकट की स्थिति होती है| जल का यह संकट जल के अति उपयोग, दुरूपयोग एवं जल के असमान वितरण से उत्पन्न होता है| भारत एक मानसूनी जलवायु वाला देश है| इसिलिए कभी कभी कुछ क्षेत्रों में समुचित मात्रा में वर्षा नहीं हो पाती है जिसके कारण जल संकट उत्पन्न होता है| कृषि तथा उद्योगों के विस्तार से जल का अधिक शोषण होने लगा है जिसके कारण जल संकट की स्थिति उत्पन्न हो जाती है| इसी प्रकार जल के प्रदूषण से प्रयोग में आने वाले जल का अभाव हो जाता है| इसके अतिरिक्त जल संग्रह करने की समुचित व्यवस्था नहीं होने से जल की बहुत सी मात्रा व्यर्थ में बह जाती है जिससे जल संकट की स्थिति उत्पन्न हो जाती है|
9. हिमालय की नदियों में सदा जल मिलता है, पर प्रायद्वीपीय भारत की नदियों ऋतु विशेष में ही जलपूरित रहती है| क्यों?
उत्तर:-
हिमालय से निकलने वाली नदियों में सदा जल इसिलिए मिलता है कि हिमालय का ऊपरी शिखर बर्फ से ढका है| वर्षा जल के अतिरिक्त बर्फ के पिघलने से वर्ष भर उन नदियों में जल प्रवाहित होता रहता है| हिमालय से निकलनेवाली नदियों का उदगम हिमानी से है इसलिए जल की आपूर्ति होती रहती है| जबकि दूसरी ओर प्रायद्वीपीय पठार में बहने वाली नदियाँ बरसाती है, उसमें केवल वर्षा का जल ही प्रवाहित होता है और भारत में वर्षा कुछ महीने ही होती है| शेष समय नदियाँ सूख जाती है| उसमें जल की आपूर्ति नहीं होती है और जल प्रवाहित नहीं होता है|
10. जीवन में जल का क्या महत्व है?
उत्तर:-
कहा जाता है कि जीवन की उत्पत्ति पहले पहल जल में ही हुयी और बाद में जल से स्थल पर पहुंची| जल है तो जीवन है फसलों, जीव जंतु का अस्तित्व जल पर है| कल कारखानों, औद्योगिक नगरों, मानव बस्तियों में जल की आपूर्ति आवश्यक है| जल से विद्युत उत्पन्न किया जाता है| जलीय क्षेत्रों से यातायात का काम लिया जाता है| जलाशयों से सिंचाई की जाती है| सिंचाई के बल पर उत्पन्न कृषि का विकास किया गया है| बड़े बड़े उद्योगों में जल का उपयोग किया जाता है| जलीय भागों से मत्स्य की प्राप्ति की जाती है| इस प्रकार जीवन में जल का महत्व अत्यधिक है| इसके बिना जीवन रूपी गाड़ी नहीं चल सकती| हमारे शरीर में लगभग 70℅ भाग जल है| अतः कहा जा सकता है कि जीवन में जल का बहुत अधिक महत्व है|
11. बताएं कि जल किस प्रकार नवीकरणीय संसाधन है?
उत्तर:-
जल का नवीकरणीय और पुनर्भरण जलीय चक्र द्वारा होता रहता है| संपूर्ण जल नवीकरणीय योग्य है और जल चक्र में गतिशील रहता है| इसिलिए नवीकरणीय सुनिश्चित होता है|
जलीय चक्र—
सूर्य की गर्मी के कारण जल का वाष्पीकरण होता है| जलवाष्प हवा में संघनित होकर बादलों में बदल जाता है|
यह संघनित जलवाष्प वर्षा अथवा बर्फ के रूप में धरती पर गिरता है|
धरती से जल दुबारा सागरों में पहुंचता है फिर जल का वाष्पीकरण होता है| इस प्रकार जलीय चक्र सदैव गतिशील रहता है|
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
1. बड़े बड़े बांधों और तटबंध की आवश्यकता पर जोर देते हुए इनकी उपयोगिता का वर्णन करे|
उत्तर:-
बड़े बड़े बांधों और तटबंधों की आवश्यकता हमारे देश के लिए बहुत जरूरी है, क्योंकि बांधों और तटबंधों की समुचित व्यवस्था होने से उपलब्ध जल संसाधन का समुचित उपयोग किया जा सकता है| बड़े बड़े बांध और तटबंधों की उपयोगिता बहुत अधिक है| इसका कारण है कि तटबंधों और बांधों के द्वारा जल को समुचित रूप से उपयोग में लाया जा सकता है| जल को ही जीवन कहा जाता है| जल की उपयोगिता की सूची लंबी है| पेयजल, घरेलू कार्य, सिंचाई, उद्योग, जनस्वास्थ्य, स्वच्छता तथा मूल मंत्र विसर्जन इत्यादि कार्यों के लिए जल अपरिहार्य है| इसके अलावे जल विद्युत निर्माण तथा परमाणु संयंत्र शीतलन, मत्स्य पालन, जल कृषि वानिकी, जल क्रीड़ा जैसे कार्य की कल्पना बिना जल के नहीं की जा सकती है| नदियों पर बांध बनाकर बहुउद्देशीय नदीघाटी परियोजना को भी सुचारू रुप से चलाया जा सकता है जिससे सिंचाई का काम अच्छे तरीके से हो सकता है| अतः बांधों और तटबंधों के लाभ बहुत अधिक है| इसके अतिरिक्त जल संसाधन का समुचित उपयोग करने से मछली पालन का व्यवस्था करने में भी सुविधा होती है| जिससे राष्ट्रीय आय बढ़ती और देश का आर्थिक विकास करने में सुविधा होती है| जल संसाधन का समुचित उपयोग करके बहुउद्देशीय नदीघाटी परियोजनाएँ चलायी जाती है जिसका देश के आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान होता है| नदियों पर बांध बनाकर यातायात की सुविधा बढायी जाती है और पर्यटकों के लिए भी अनुकूल माना जाता है| इन सभी देश का आर्थिक विकास करने में सहायता मिलती है| वास्तव में कृषि, वाणिज्य व्यवसाय, उद्योग धंधे, पर्यटन व्यवसाय और जल परिवहन के माध्यम से देश का आर्थिक विकास करने में सुविधा होती है|
2. भारत के आर्थिक विकास में जल संसाधन का योगदान बताएं|
उत्तर:-
भारत के आर्थिक विकास में जल संसाधन का महत्वपूर्ण योगदान होता है| जल संसाधन एक प्राकृतिक संसाधन है जिसका भारत में समुचित उपयोग करके आर्थिक विकास किया जा सकता है और देश की अर्थव्यवस्था को संतुलित बनाया जा सकता है| भारत के आर्थिक विकास करने में विभिन्न तत्वों का महत्वपूर्ण योगदान होता है जिसमें जल संसाधन की उपयोगिता बहुत अधिक है| भारत एक कृषि प्रधान देश है| यहाँ पर मानसूनी जलवायु पायी जाती है जिसका लक्षण यह है कि कभी वर्षा अधिक होती है और कभी सुखाड़ पड़ जाता है| इसी प्रकार देश के सभी क्षेत्रों में वर्षा का वितरण एक समान नहीं है| इसलिए कृषि कार्य करने के लिए सिंचाई की जाती है| साथ ही नलकूप के जल से भी खेतों की सिंचाई होती है| नदियों पर नहरें बनाकर इसे सिंचाई के काम में लाया जाता है| अतः जल संसाधन का सिंचाई के कार्य में बहुत योगदान होता है| समुचित रूप से सिंचाई की व्यवस्था करने से खाद्यान्न फसलों और व्यावसायिक फसलों का उत्पादन समुचित रूप से होता है| इससे राष्ट्रीय आय में वृद्धि होती है जिससे देश का आर्थिक विकास करने में सहायता मिलती है| जल संसाधन के द्वारा पर बिजली का भी उत्पादन किया जाता है| जिससे उद्योग धंधों में बिजली की आवश्यकता की पूर्ति की जाती है| इससे कल कारखानों में समुचित रूप से उत्पादन कार्य होता है जिससे देश में उद्योग धंधों की उत्पादकता बढ़ती जनसंख्या| इससे राष्ट्रीय आय में भी वृद्धि होती है और देश का आर्थिक विकास करने में सहायता मिलती है|
3. भारत की चार प्रमुख नदी घाटी परियोजनाओं का वर्णन करें|
उत्तर:-
विभिन्न उद्देश्यों की पूर्ति के लिए भारत में कयी बहुउद्देशीय परियोजनाओं का निर्माण किया गया है, इनमें से प्रमुख चार परियोजनाएँ निम्नलिखित हैं—
भाखड़ा नांगल परियोजना—-
यह भारत की एक प्रमुख नदी योजना है| पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और राजस्थान इस योजना के साथ सीधे संबंधित है| भाखड़ा बांध सतलुज नदी पर बनाया गया है| यह संसार का सबसे बड़ा बांध है| इसकी ऊंचाई कोई 225 मीटर है| इस योजना का भारत के विकास में बड़ा हाथ है|
इसकी जल भंडारण की क्षमता 7.8 लाख हेक्टेयर मीटर है और यह 14 लाख हेक्टेयर भूमि को सींचती है| इस योजना में नहरों की कुल लंबाई 3,400 किलोमीटर है|
आजकल इस योजना से प्रतिवर्ष 1.024 मेगावाट विद्युत उत्पादन हो रहा है| इससे पंजाब, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा और दिल्ली में उद्योगों के विकास में बड़ा योगदान मिला है|
इस योजना ने नि:संदेह पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और राजस्थान में कृषि के विकास में बहुत बढावा दिया है| अब ग्रामों में भी बिजली पहुँच गयी है जिससे वहाँ के लोगों का जीवन काफी सुखमय हो गया है| इस बिजली से ट्यूबवेलों का चलाना भी काफी आसान हो गया है| इस प्रकार भाखड़ा नांगल परियोजना से इन राज्यों की लाखों बीघा जमीन की सिंचाई भी होती है|
इससे जो लाखों क्विंटल गन्ना पैदा होता है| इसके फलस्वरूप इन भागों में विशेषकर पंजाब और हरियाणा में कयी मंडियां स्थापित हो गयी है| इन परियोजना से दिल्ली को भी बहुत लाभ हुआ है|
दामोदर घाटी परियोजना—–
यह परियोजना बिहार राज्य में दामोदर नदी घाटी पर बनी हुई है| इसमें कोई बांध है जो दामोदर नदी की सहायक नदियों पर बनाए गए हैं| इस परियोजना का भारत के विकास में निम्न योगदान है——
इससे पहले यह नदी बिहार में बहुत तबाही लाती थी थी किंतु अब नदी पर बहुत से बांध बन जाने से इस नदी के जल पर नियंत्रण कर लिया गया है और बाढ़ आदि के प्रकोप को समाप्त कर दिया गया है|
इसके अतिरिक्त इस परियोजना से 3,94,000 हेक्टेयर भूमि की सिंचाई भी होती है|
बाएँ तट पर बनी मुख्य नहर से 136 किलोमीटर तक नौका परिवहन की सुविधा भी है| इससे दामोदर घाटी को बहुत लाभ हुआ है क्योंकि इस स्थान पर बहुत से खनिज भंडार है जिन्हें नहर परिवहन द्वारा अपेक्षित स्थानों पर पहुँचाया जा सकता है|
यहीं नहीं, दामोदर परियोजना से 104 मेगावाट विद्युत का उत्पादन भी होता है जिससे इस क्षेत्र में औद्योगीकरण के विकास को काफी सहायता मिली है|
हीराकुंड परियोजना—-
उड़ीसा राज्य में महानदी पर निर्मित इस योजना में बांध की लंबाई विश्व में सबसे अधिक है| यह बांध 4,801 मीटर लंबा है और लगभग 21 किलोमीटर तक इसके दोनों ओर भित्ति बनाई गई है| इस परियोजना के परिणामस्वरूप 1,54,000 हेक्टेयर भूमि को सींचा जा सकता है और बाढ़ पर नियंत्रण पाया गया है| 270 मेगावाट विद्युत उत्पादन करने की क्षमता इस परियोजना में है|
तुंगभद्रा परियोजना—-
यह योजना और आंध्र प्रदेश और कर्नाटक के राज्यों ने मिलकर शुरू की है| एक बांध जो 50 मीटर ऊँचा और ढाई किलोमीटर लंबा है, तुंगभद्रा नदी पर बनाया गया है| यह नदी कृष्णा नदी एक सहायक नदी है| इस परियोजना का भारत के विकास में बड़ा योगदान है—
इस परियोजना ने दोनों संबंधित राज्यों (आंध्र प्रदेश और कर्नाटक) में लगभग 3,35,000 हेक्टेयर भूमि के लिए सिंचाई की सुविधा प्रदान करके कृषि को बहुत बढ़ावा दिया है|
इस परियोजना द्वारा पैदा की जाने वाली बिजली से आंध्र प्रदेश और कर्नाटक राज्यों में उद्योगों को भी बहुत प्रोत्साहन मिला है|
इसके अतिरिक्त इस परियोजना द्वारा इन दोनों में मछली पालन के कार्य को भी बहुत बढावा मिला है|
4. शुष्क प्रदेशों में वर्षा के जल का भंडारण किस प्रकार किया जा सकता है? यह किस प्रकार उपयोगी है?
उत्तर:-
धरातल पर उपयोगी जल की कमी और भूमिगत जल के स्तर में लगातार गिरावट होने के कारण वर्षा जल की महत्ता बढ जाती है| देश भर में वर्षा जल का वितरण भी असामान्य है| इसिलिए शुष्क प्रदेशों में जहाँ कम होती है वर्षा के जल का संग्रह कर उपयोग में लाना और भी आवश्यक हो जाता है| भारतवर्ष में प्राचीन काल से ही वर्षा जल के संग्रह एवं उपयोग का प्रचलन रहा है| परंतु स्थानीय स्तर पर जल के संग्रह के तौर तरीके भिन्न भिन्न है| भारत के पश्चिमी भाग में खासकर राजस्थान में पेयजल हेतु वर्षा जल का संग्रह छतों पर किया जाता है| शुष्क और अर्द्धशुष्क प्रदेशों में वर्षाजल को गड्ढों में एकत्रित किया जाता है जिससे सिंचाई की जा सके| राजस्थान के बाड़मेर जैसे शुष्क इलाके में पेयजल का संग्रह भूमिगत टैंक में किया जाता है जिसे टांका कहा जाता है| यह प्रायः आंगन में हुआ करता है| जिसे छत पर संग्रहित जल को पाइप के द्वारा जोड़ दिया जाता है| मेघालय के शिलांग में छत पर वर्षा जल के संग्रह की प्रथा आज भी प्रचलित है| वर्तमान समय में महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, राजस्थान एवं गुजरात सहित कई राज्यों में वर्षाजल संग्रह एवं पुनः चक्रण किया जा रहा है|
कारण बताएं—–
1. पृथ्वी पर महासागरों में बहुत जल एकत्रित है, फिर भी अनेक देश जलसंकट से जल है| क्यों?
उत्तर:-
पृथ्वी पर महासागरों में बहुत जल एकत्रित है, फिर भी अनेक देश जल संकट से त्रस्त हैं| क्योंकि महासागरों का भाग ग्रीनलैंड, अंटार्कटिका तथा हिमालय जैसे हिमशिखरों एवं हिमनदों में बर्फ के रूप में है| जल के अधिकांश भाग बर्फ के रूप में रहने से अनेक देशों को जलसंकट का सामना करना पड़ता है|
2. कोसी नदी को बिहार का शोक एवं दामोदर नदी को बंगाल का शोक कहा जाता रहा है| क्यों?
उत्तर:-
खांसी नदी को बिहार का शोक कहा जाता है, क्योंकि इसी नदी के कारण बिहार में बाढ़ की भीषण त्रास्दी होती है| सभी जगह पानी का बहाव देखने को मिलता है| बिहार की जनता का हाल बेहाल हो जाता है| खेतों में खरी फसलों को नुकसान पहुंचता है| फसलों के खराब होने की वजह से कभी कभी अन्न की कमी हो जाती है| साथ ही दामोदर नदी को बंगाल का शोक कहा जाता है, क्योंकि यह नदी एक विनाशकारी मानी जाती है| यह नदी विनाशकारी बाढ़ लाने में सहायक है जिससे जन जीवन को भारी क्षति उठानी पड़ती है| साथ ही बाढ़ के कारण फसलों को नुकसान पहुंचता है|
3. जल अत्यंत महत्वपूर्ण संसाधन माना जाता है| क्यों?
उत्तर:-
जल अत्यंत महत्वपूर्ण संसाधन माना जाता है, क्योंकि जल के द्वारा ही मानवीय क्रिया कलाप और कृषि कार्य संभव है| इसके अभाव में मानव और जीव जंतुओं का जीवन खतरे में पड़ जाता है| जल से ही जलविद्युत शक्ति का उत्पादन किया जाता है| जल ही से मानव अपने दैनिक जीवन के कार्य का संपादन करता है| साथ ही जल से ही फसलों के सिंचाई का कार्य किया जाता है|
0 टिप्पणियाँ