खनिज संसाधन
अतिलघु उत्तरीय प्रश्न
1. पीतल और तांबे में किस मूल धातु का उपयोग होता है?
उत्तर:-
पीतल में तांबा और जस्ता नामक मूल धातु का उपयोग होता है जबकि कांसे बनाने के लिए तांबे में टिन की मिलावट की जाती है|
2. जहाजों के ढांचे के निर्माण में किस धातु का उपयोग होता है?
उत्तर:- बाक्साइट धातु का
3. स्टेनलेस स्टील में लोहे के साथ किस धातु को मिलाया जाता है?
उत्तर:-
निकेल धातु
4. क्लोरीन, ब्रोमीन और आयोडीन का सामूहिक नाम क्या है?
उत्तर:-
हैलोजन
5. दक्षिण अमेरिकी देश अर्जेंटीना का नाम किस धातु की उपलब्धता के कारण रखा गया है?
उत्तर:- दक्षिण अमेरिका देश अर्जेंटीना का नाम चांदी धातु के अयस्क अर्जेंटीना की उपलब्धता के कारण रखा गया है|
लघु उत्तरीय प्रश्न
1. खनिज से क्या तात्पर्य है? खनिज के दो वर्ग कौन कौन है? उनके उदाहरण दें|
उत्तर:-
भूतत्ववेत्ता के अनुसार प्रकृति में स्वत: पाए जाने वाले ऐसे पदार्थ जिनकी एक निश्चित आंतरिक संरचना होती है, खनिज कहलाते हैं| ये चट्टानों में अयस्क के रूप में पाये जाते हैं| इसकी उत्पत्ति पृथ्वी के अंदर विभिन्न भू वैज्ञानिक प्रक्रियाओं द्वारा होती है| यह एक प्राकृतिक और अनवीकरणीय संसाधन हैं| इसे मनुष्य द्वारा बनाया नहीं जा सकता है|
सामान्यतः खनिज दो प्रकार के होते हैं—–
धात्विक, अधात्विक
धात्विक खनिज—-
ऐसे खनिज होते हैं जिन्हें शुद्ध करने के बाद चूर्ण बनाकर इच्छित रूप ढाला जा सकता है| इसमें कठोरता और चमक होती है जैसे सोना, चांदी, लोहा, तांबा, बाक्साइट आदि| धात्विक खनिजों को पुनः लौह और अलौह खनिजों में बांटा गया है|
अधात्विक खनिज—–
इसमें चमक और कठोरता नहीं होती है| कूटने या पीसने पर ये पाउडर में बदल जाते हैं| उदाहरण के रूप में चूना पत्थर, नाइट्रेट, पोटाश, डोलोमाइट, अभ्रक, जिप्सम आदि|
2. किन अधात्विक खनिजों का उपयोग ऊर्जा उत्पन्न करने के लिए किया जाता है? किन्हीं दो धात्विक खनिजों का महत्व बताएं|
उत्तर:-
ऊर्जा उत्पन्न करने के लिए कोयला, पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस, अबरख, पोटाश तथा नाइट्रेट जैसे अधात्विक खनिजों का उपयोग किया जाता है| बाक्साइट एक धात्विक खनिज है जिसका उपयोग के निर्माण में किया जाता है| सोना भी एक धात्विक खनिज है जिसका उपयोग बहुमूल्य बनाने में किया जाता है| इसिलिए इसका महत्व अधिक है|
3. भारत और लौह भंडार कितना आंका गया है? उच्च कोटि के दो लौह अयस्क कौन कौन है?
उत्तर:-
भारत में लौह अयस्क का संचित भंडार 25,249 मिलियन टन आंका गया है| यह सारे संसार के ज्ञात लौह भंडार का एक चौथाई है| रूस, ब्राजील और आस्ट्रेलिया के बाद सबसे बड़ा लौह भंडार भारत में ही है| यहाँ का लौह अयस्क सर्वोच्च कोटि का है जिसमें शुद्ध लोहे का अंश 60-70℅ तक होता है| हेमाटाइट और मैग्नेटाइट उच्च कोटि के लौह अयस्क है|
4. भारत के प्रमुख लौह क्षेत्र कौन कौन है? कुछ खदानों का भी नामोल्लेख करें जो लौह उत्पादन की दृष्टि से महत्वपूर्ण है|
उत्तर:-
भारत के दो प्रमुख लौह क्षेत्र कर्नाटक और छत्तीसगढ़ है| कर्नाटक राज्य भारत का लगभग एक चौथाई लोहा उत्पन्न करता है| छत्तीसगढ़ देश का दूसरा लोहा उत्पादक राज्य है जो देश का करीब 20℅ लोहा उत्पन्न करता है| कर्नाटक में बेल्लारी, हास्पेट, सुदूर क्षेत्रों में लौह अयस्क की खानें है| वहीं छत्तीसगढ़ में दंतेवाड़ा जिले का वैलाडिला तथा दुर्गाजिले के डल्ली एवं राजहरा प्रमुख लौह उत्पादक खानें है| उड़ीसा देश का 19℅ लोहा उत्पादन करता है| यहाँ की प्रमुख खानें गुरूमाहिषानी, बादम पहाड़ (मंगूरभूज) एवं किरिबरू खानें है| गोवा देश का 16℅ लोहा उत्पादन करता है| यहाँ की प्रमुख खानें साहक्वालिम, संगचूम, क्यूपेम, सतारी, पौंडा एवं वियोलिम में स्थित है| महाराष्ट्र की लौह अयस्क की खानें चंदपुर, रत्नागिरी और भंडारा जिलों में स्थित है| आन्ध्रप्रदेश के कुसीमनगर, बारंगल, कुर्नूल, कडप्पा आदि लौह अयस्क के उत्पादक क्षेत्र है| जबकि तमिलनाडु में तीर्थ मल्लाई पहाड़ियों (सलेम) एवं यादपल्ली (नीलगिरी) क्षेत्र में लोहे के भंडार है|
5. मैंगनीज उत्पादक चार राज्यों के नाम लिखें| सबसे महत्वपूर्ण उत्पादक कौन राज्य है? वहाँ की किन्हीं पांच खानों का नामोल्लेखन करें|
उत्तर:-
भारत में 379 मिलियन टन मैंगनीज का भंडार है जो विश्व के कुल मैंगनीज भंडार का 20℅ है| मैंगनीज उत्पादन में भारत का स्थान विश्व में दूसरा है| मैंगनीज उत्पादक राज्य उड़ीसा, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र है| मैंगनीज का सबसे महत्वपूर्ण उत्पादक राज्य उड़ीसा में क्योंझर, कालाहांडी (बोनाइगढ़), सुन्दरगढ़ (गंगपुर क्षेत्र), मयूरभंज और तालचर, इत्यादि में मैंगनीज उत्पादक खानें है| इसके अतिरिक्त कर्नाटक में चित्रदुर्ग, तुमकुर, शिमोगा, चिकमंगलूर, बेल्लारी, बेलगाम, उत्तरी कन्नड़ तथा धारवाड़ इत्यादि मैंगनीज उत्पादक खानें है| मध्य प्रदेश में बालाघाट, छिंदवाड़ा, जबलपुर और झाबुआ इत्यादि मैंगनीज उत्पादक खानें है| महाराष्ट्र में नागपुर और भंडारा इत्यादि मैंगनीज उत्पादक खानें है|
6. मैंगनीज और अबरक के दो दो निर्यातक पत्तनों के नाम लिखें| अबरक का उत्पादन पिछले दशकों में बढ़ा हैं या घटा है? उत्पादन के आंकड़े देकर अपने कथन की पुष्टि करें|
उत्तर:-
मैंगनीज के दो निर्यातक पत्तन मुंबई और विशाखापट्टनम है तथा अभ्रक के दो निर्यातक पत्तन कोलकाता और चेन्नई है| अबरक के उत्पादन में भारत एक अग्रणी देश था| लेकिन कुछ दशकों से इसका वार्षिक उत्पादन दिनोंदिन घटता जा रहा है| 1961 में जहाँ कुल उत्पादन 28 हजार टन हुआ वहाँ 1971 में 18 हजार टन हुआ और 1991 में 14 हजार टन जिसमें 10 हजार टन चूर्ण भी सम्मिलित हैं| 1996 में इसका उत्पादन 4 हजार टन और 2000 में इसका उत्पादन 2 हजार टन ही हुआ है| अत: भारत में अबरक का उत्पादन घटता जा रहा है| इसिलिए इसके संरक्षण के लिए उपाय करना चाहिए|
7. बाक्साइट किस तरह एक उपयोगी खनिज है? इसकी प्राप्ति किन चट्टानों से होती है? झारखंड के किन जिलों में इसकी विकसित खानें है?
उत्तर:-
बाक्साइट से एलुमिनियम निकाला जाता है जिसका उपयोग वायुयान बनाने में, बिजली का तार बनाने तथा बरतन में किया जाता है| इसका उपयोग सीमेंट बनाने और खनिज तेल साफ करने में भी किया जाने लगा है| बाक्साइट की प्राप्ति लैटेराइट चट्टान से होती है| बाक्साइट का बड़ा भंडार झारखंड के फ्लामू और लोहरदगा जिले में पाया जाता है जहाँ से निकाल कर रेलमार्ग द्वारा मूरी पहुंचाया जाता है| यहाँ की खानें विकसित है| भारत बाक्साइट का निर्यात जापान, ब्रिटेन और जर्मनी को करता है|
8. तांबा भारत के किन किन क्षेत्रों में मिलता है? इसके वितरण और उपयोग पर प्रकाश डालें|
उत्तर:-
भारत में तांबा मुख्य रूप से मध्य प्रदेश, झारखंड, राजस्थान, आंध्र प्रदेश, सिक्किम राज्यों में मिलता है| इसका सर्वाधिक उत्पादन झारखंड और राजस्थान में किया जा रहा है| झारखंड में इसकी खानें सिंहभूम जिले के घाटशिला के पास है| पलामू जिले में भी इसके विशाल भंडार मिले हैं| राजमहल क्षेत्र में भी तांबे के भंडार का पता चला है| राजस्थान में झुनझुन और अलवर जिले में तांबे की खानें है| भारत तांबा उत्पादन में आत्मनिर्भर नहीं है| भारत तांबा का आयतक देश है| तांबा बिजली का सुचालक है अतः बिजली के तार, बल्ब, मोटर इंजन, रेडियो आदि में इसका उपयोग किया जाता है| पहले घरेलू बरतन और सिक्के भी बनाये जाते थे| तांबा और जस्ता मिलाकर पीतल बनाया जाता है| साथ ही तांबा में टिन मिलाने पर कांसा तैयार होता है|
9. निम्नलिखित से सम्बंध एक एक खनिज का नाम लिखें|
उत्तर:-
बाबबूदन पहाड़ी—- लौह अयस्क
बगरूपहाड़ी—– बाक्साइट
डल्ली रहजरा—– लौह अयस्क
घाटशिला—- तांबा
वैलाडिला—- लौह अयस्क
कोडरमा—– अभ्रक
रियासी क्षेत्र—– तांबा
10. मैंगनीज का भंडार किन राज्यों में मुख्य रूप से मिलते हैं?
उत्तर:-
भारत में विश्व का 20℅ मैंगनीज का भंडार है| उत्पादन में रूस एवं दक्षिणी अफ्रीका के बाद यह विश्व का तीसरा सबसे बड़ा देश है| भारत में मैंगनीज भंडार उड़ीसा, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक एवं आंध्र प्रदेश राज्यों में है| अकेले उड़ीसा देश का 37℅ मैंगनीज उत्पादन करता है|
11. किन्हीं चार राज्यों के नाम लिखें जहाँ बाक्साइट मिलता है|
उत्तर:-
भारत में लगभग 3037 मिलियन टन बाक्साइट के भंडार उपलब्ध है| इसका भंडार मुख्य रूप से उड़ीसा, गुजरात, छत्तीसगढ़ और झारखंड में है| इसके अतिरिक्त महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु एवं उत्तर प्रदेश में फैला हुआ है| भारत का 42℅ बाक्साइट का उत्पादन अकेला उड़ीसा राज्य करता है| इसके प्रमुख उत्पादक क्षेत्र कालाहांडी, बालंगीर, कोरापुट, सुन्दरगढ़ तथा संभलपुर है| गुजरात में 17.35℅ बाक्साइट का उत्पादन होता है| झारखंड में 14℅ बाक्साइट का उत्पादन रांची, लातेहार, पलामू, लोहरदगा जिलों से होता है|
12. भारत में अबरक उत्पादक राज्य कौन कौन है? अबरक किस प्रकार उपयोगी है?
उत्तर:-
भारत के अबरक उत्पादक राज्य है—- झारखंड, आंध्र प्रदेश, राजस्थान, बिहार, केरल, कर्नाटक| इनमें झारखंड, आंध्र प्रदेश एवं राजस्थान सर्वाधिक उत्पादक राज्य है| झारखंड अकेले देश का 50℅ अबरक उत्पादन करता है| यहाँ अच्छे किस्म का अबरक हजारीबाग, संथाल परगना, सिंहभूम एवं पलामू जिलों से निकाला जाता है| प्रसिद्ध खानें कोडरमा, डोमचांच, इसकी चकाई आदि में है| बिहार में नवादा, गया और मुंगेर जिलों में पाया जाता है| राजस्थान में जयपुर, उदयपुर में अबरक पाया जाता है| अबरक एक बहुउपयोगी खनिज है| इसका उपयोग विद्युत उपकरणों रंग रोगन, चिकनाई के तेल, वायुयान और रेडियो निर्माण में किया जाता है| अबरक के चूर्ण से ईंट बनायी जाती है जिसका उपयोग इस्पात कारखाने की भट्टी तैयार किया जाता है|
13. किन्हीं दो अलौह धात्विक खनिजों के नाम लिखें|
उत्तर:-
बाक्साइट और टिन दो अलौह धात्विक खनिज है| इसके अलावा सोना, चांदी, तांबा भी अलौह धात्विक खनिज है|
14. गोवा किस खनिज के उत्पादन और व्यापार के लिए प्रसिद्ध है?
उत्तर:- मैगनीज खनिज के उत्पादन
15. लौह एवं अलौह खनिज में अंतर स्पष्ट करें|
उत्तर:-
लौह अयस्क—–
इसमें लौह का अंश पाया जाता है| जैसे— लौह अयस्क, मैगनीज, क्रोमाइट, पाइराइट, टंगस्टन, निकेल और कोबाल्ट लौह खनिज के अंतर्गत आते हैं| इनका उपयोग विभिन्न प्रकार के इस्पात बनाने में किया जाता है|
अलौह अयस्क—–
इसमें लौह अंश नहीं पाया जाता है| जैसे— सोना, चांदी, तांबा, जस्ता, अभ्रक, बाक्साइट, टिन, मैग्नीशियम आदि इसका उपयोग जेवर, सिक्के, बरतन, बक्सा, तार आदि बनाने में किया जाता है|
16. खनिजों का संरक्षण क्यों आवश्यक है?
उत्तर:-
खनिजों का भंडार सीमित होता है| ये समाप्त होने वाला संसाधन हैं| यदि खनिज का उपयोग अविवेकपूर्ण ढंग से किया गया तो जल्द ही इनके भंडार सीमित हो जाएंगे और आगे विकास अवरुद्ध हो जायेगा| अत: आवश्यकता इस बात की है कि इसका उपयोग कुछ इस तरह करना चाहिए कि भावी पीढ़ी के लिए भी खनिज उपलब्ध रह सके| खनिजों के संरक्षण की आवश्यकता इसिलिए भी होती है कि खनिजों का संरक्षण करने से मनुष्यों को भविष्य में खनिजों की कमी महसूस इसिलिए भी होती है कि खनिजों का संरक्षण करने से मनुष्यों को भविष्य में खनिजों की कमी महसूस नहीं होगी और उन्हें भविष्य में अच्छे खनिजों की प्राप्ति होगी| अतः खनिजों का संरक्षण आवश्यक है|
17. किन राज्यों में स्वर्ण भंडार मिले हैं? सोने का उत्पादन मुख्य रूप से कहाँ हो रहा है? इसका वार्षिक उत्पादन कितना है?
उत्तर:-
सोना एक बहुमूल्य धातुओं है| कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और झारखंड इत्यादि राज्यों में इसके भंडार है| सोने का उत्पादन मुख्य रूप से कर्नाटक की कोलार तथा हट्टी खानों में हो रहा है| 1951 में इसका वार्षिक उत्पादन 7000 किलोग्राम और 2000 में इसका वार्षिक उत्पादन 2442 किलोग्राम है| अतः सोने के वार्षिक उत्पादन में कमी होती जा रही है|
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
1. भारत किन खनिज संसाधनों में मुख्य रूप से सम्पन्न है?विवरण सहित उत्तर दें|
उत्तर:-
भारत कयी प्रमुख खनिज संसाधनों में मुख्य रूप से संपन्न है जिसका विवरण इस प्रकार है—–
अबरक—-
देश का आधा अबरक झारखंड राज्य से प्राप्त होता है| कोडरमा, डोमचांच, मसनोडीह, ढाब, और गिरिडीह में अबरक की खानें है| यहाँ अबरक उच्च कोटि का होता है जिसे बंगाल रूबी कहा जाता है| दूसरा महत्वपूर्ण क्षेत्र राजस्थान राज्य में पाया जाता है| तीसरा क्षेत्र आंध्र प्रदेश में पाया जाता है| इस क्षेत्र में हरे रंग का अबरक पाया जाता है|
चूना पत्थर—–
यह अवसादी चट्टान है जिसमें चूने के अंश की प्रधानता रहती है| यह भारत के विभिन्न राज्यों में पाया जाता है| यह सीमेंट उद्योग का कच्चा माल है| लौह अयस्क गलाने में भी इसका प्रयोग होता है| कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, गुजरात, राजस्थान, मेघालय, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, उड़ीसा, महाराष्ट्र एवं उत्तराखंड में मुख्य रूप से पाया जाता है|
जिप्सम—–
यह मूलतः कैल्शियम सल्फेट है| इससे प्लास्टर आफ पेरिस बनाया जाता है| अस्पतालों में पट्टी बांधने, मूर्ति बनाने, घरों की दीवारों को चिकना करने में इसका उपयोग किया जाता है| भूमि निम्नीकरण की समस्या के निवारण के लिए इसका उपयोग किया जाता है| इससे अनाज के उत्पादन में वृद्धि होती है| इसका वितरण राजस्थान, जम्मू कश्मीर, गुजरात, तमिलनाडु में पाया जाता है जिसमें राजस्थान पहले नंबर पर और जम्मू कश्मीर का स्थान दूसरा है|
कोयला—-
यह ऊर्जा का एक महत्वपूर्ण स्रोत है| 2008 तक भारत में कोयला का अनुमति भंडार 26454 करोड़ टन का अंदाजा था और कुल उत्पादन 456.37 मिलियन टन हुआ था| यहाँ दो समूहों के कोयले का निक्षेप पाया जाता है जिसमें 96℅ कोयला गोंडवाना समूह का है जिसका विस्तार झारखंड, छत्तीसगढ़, उड़ीसा, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल राज्यों में पाया जाता है| दूसरे प्रकार के कोयला में टर्शियरी युगीन कोयला आता है| यह नया और घटिया किस्म का कोयला है जो असम, अरुणाचल प्रदेश, मेघालय और नागालैंड में मिलता है|
लौह अयस्क—–
भारत में लौह अयस्क का वितरण कमोबेश सभी राज्यों में है| परंतु कुल लौह अयस्क का 96℅ भाग केवल कर्नाटक, झारखंड, गोवा, उड़ीसा एवं छत्तीसगढ़ राज्यों में पाया जाता है और शेष 4℅ भंडार तमिलनाडु, आन्ध्रप्रदेश, महाराष्ट्र एवं अन्य राज्यों में वितरित है|
तांबा—-
भारत में तांबे का सबसे प्रमुख क्षेत्र झारखंड के छोटानागपुर पठार के सिंहभूम जिला मे स्थित है| यह 130 किलोमीटर लंबी पेटी है| इसी पेटी से भारत का अधिकतर तांबा प्राप्त होता है| घाटशिला और मोसाबानी प्रमुख खनन केंद्र है| राजस्थान दूसरा प्रमुख उत्पादक राज्य है| यहाँ खेतड़ी तथा सिहाना के पास प्रमुख खानें है| इसी प्रकार उत्तर प्रदेश के अलमोड़ा जिला, तमिलनाडु के नल्लौर जिला, आंध्र प्रदेश के कुर्नूल एवं गुन्टूर, कर्नाटक के चितल दुर्ग तथा हसन एवं मध्य प्रदेश के सलीमाबाद, बस्तर और होशंगाबाद जिलों में पाया जाता है|
बाक्साइट—–
भारत में 3290 मिलियन टन बाक्साइट का विशाल भंडार है| भारत इसी खनिज में धनी माना जाता है| इसी खनिज से ऐलुमिनियम निकाला जाता है जिससे वायुयान का निर्माण किया जाता है| बाक्साइट झारखंड, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, उड़ीसा, राजस्थान और उत्तराखंड इत्यादि राज्यों में पाया जाता है|
मैंगनीज—-
भारत में 379 मिलियन टन मैंगनीज का भंडार है जो विश्व के कुल मैंगनीज भंडार का 20℅ है| इसके उत्पादन में भारत का विश्व में द्वितीय स्थान है| इस खनिज के प्रमुख भंडार उड़ीसा, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और गोवा इत्यादि राज्यों में पाया जाता है|
2. भारत के प्रमुख तीन धात्विक खनिजों का वितरण बताएं|
उत्तर:-
धात्विक खनिज ऐसे खनिज होते हैं जिन्हें शुद्ध करने के बाद कूटा पीसा या दबाया जा सकता है तथा इच्छित रुप में ढाला जा सकता है| धात्विक खनिजों को लौह तथा अलौह खनिजों में बांटा जाता है| प्रमुख धात्विक खनिजों में लोहा, मैंगनीज, बाक्साइट और तांबा है| इसका विवरण है—–
लौह अयस्क—–
भारत में लौह अयस्क का संचित भंडार बहुत अधिक है| यहाँ उच्च कोटि के हेमाटाइट और मैग्नाटाइट लौह अयस्क पाये जाते हैं| भारत का सर्वप्रमुख लौह क्षेत्र झारखंड के सिंहभूम, उड़ीसा के सुन्दलगढ़, क्योंझर तथा मयूरभंज जिलों में है| मेघाहाता विश्व में लौह अयस्क की सबसे बड़ी खान है| दूसरा महत्वपूर्ण क्षेत्र छत्तीसगढ़ के रायपुर दुर्ग, दंतेवाड़ा और बस्तर तथा महाराष्ट्र में चंदा जिले तक फैला है| मध्य प्रदेश के जबलपुर और बालाघाट जिलों में भी लौह अयस्क मिलता है| तीसरा महत्वपूर्ण लौह अयस्क क्षेत्र भारत के पश्चिम में रत्नागिरी से गोवा तक स्थित है| भारत के पूर्वी भाग में गुंटूर कर्नूल तक फैला हुआ है|
मैंगनीज अयस्क——
भारत में मैंगनीज का भंडार विश्व के भंडार का 20℅ पाया जाता है| इसके खनिज के प्रमुख भंडार उड़ीसा कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और गोवा राज्य में है| भारत का मैंगनीज उच्च कोटि का है| यह धात्विक खनिज है जो इस्पात बनाने में काम आता है|
बाक्साइट अयस्क—–
एक अनुमान के अनुसार भारत में बाक्साइट का विशाल भंडार है| इस खनिज से एलुमिनियम निकाला जाता है| इसकी प्राप्ति लैटेराइट चट्टान से होती है| भारत में इसके भंडार झारखंड, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, उड़ीसा, गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक राज्य में पाये जाते हैं|
3. अर्थव्यवस्था पर खनन के प्रभावों का वर्णन करें|
उत्तर:-
इससे रोजगार के अवसर मिलते हैं| भारत जैसे विकासशील देशों में यह बहुत महत्वपूर्ण है| भारत में 8 लाख से अधिक लोग खनन कार्य में लगे हुए हैं|
खनिजों के मिलने से उनके परिवहन के लिए सड़कें और रेल लाइन बनानी पड़ती है| इससे आधारभूत संरचना में वृद्धि होती है और विकास की गति बढ़ जाती है|
खनिजों के निर्यात से विदेशी मुद्रा प्राप्त होती है जिसका उपयोग अन्य क्षेत्रों में विकास के लिए किया जाता है|
कयी छोटे बड़े धातु उद्योग का विकास होने लगता है जिनसे आवश्यक वस्तुओं का निर्माण किया जाता है|
खनिजों को पूरी तरह निकाल लेने के बाद कभी कभी इन्हीं के अभाव का सामना करना पड़ता है|
खनन उद्योग के कम होने या बंद हो जाने पर बड़े पैमाने पर बेरोजगारी की समस्या उत्पन्न हो जाती है|
खनन उद्योग आर्थिक विकास एवं औद्योगिक विकास को आधार प्रदान करता है|
खनन उद्योग के विकास के बिना किसी भी देश या क्षेत्र में आर्थिक और औद्योगिक विकास की कल्पना नहीं की जा सकती है|
खनन उद्योग परिवहन और व्यापार को भी बढ़ावा देते हैं|
खनन उद्योग इस तरह मानव की प्रगति में सहयोग करता है|
4. रैट होल खनन का विवेचना करें|
उत्तर:-
भारत में सभी खनिजों का राष्ट्रीयकरण किया गया है, अर्थात इनका उत्पादन या तो सरकारी संस्थाओं द्वारा किया जा सकता है अथवा सरकार की अनुमति तथा निगरानी में निजी संस्थाओं द्वारा हो सकता है| दक्षिणी पठार के पूर्वी भाग में खनिजों का भंडार अधिक है और इसी पठार की उत्तरी पूर्वी सीमा पर मेघालय स्थित है| स्वाभाविक: उसके समीपवर्ती क्षेत्रों में कोयला, लौह अयस्क, चूना पत्थर, डोलोमाइट जैसे खनिजों के विशाल भंडार है| परन्तु इन खनिजों को कारखानों तक पहुँचाने के लिए न तो स्थलीय परिवहन सुविधाजनक है, न समुद्री परिवहन, वायु परिवहन बहुत खर्चीला है| रेल लाइन बांग्लादेश का चक्कर लगाने के बाद ही कोलकाता तक आ सकती है| अतः इस क्षेत्र के जनजातियों वाले क्षेत्रों में खनिजों का स्वामित्व व्यक्तियों, समूहों या अब ग्राम पंचायतों के पास है| शिलांग से लगभग 40 किलोमीटर दूरी पर जोबाई और चेरापूंजी स्थित है| यहाँ जनजातियों के परिवार कोयले का खनन विभिन्न प्रकार से करते हैं| एक बड़ी झोपड़ी के नीचे पहले कुएँ जैसा गहरा गड्ढा खोदा जाता है| फिर कोयला प्राप्त होने पर धीरे धीरे क्षैतिज सुरंगें खोदी जाती है| ये पतली सुरंगें कभी कभी बहुत दूर तक चली जाती है| चूहे जमीन के भीतर इस प्रकार की बिल खोदते है| इसिलिए इस रैट होल खनन कहते हैं|
कारण बताएं——
1. दक्षिण पठार को रत्नगर्भा कहा जाता है, परंतु भारत के उत्तरी मैदान को नहीं| क्यों?
उत्तर:-
दक्षिण भारत के पठार में कयी प्रकार के खनिज पाये जाते हैं, परन्तु भारत के उत्तरी मैदान में विभिन्न खनिजों का भंडार नहीं है| इसिलिए दक्षिण पठार को रत्नगर्भा कहा जाता है परन्तु भारत के उत्तरी मैदान को नहीं|
2. भारत में लौह अयस्क के उत्पादन में वृद्धि हो रही है, परन्तु अबरक का उत्पादन घटता जा रहा है| क्यों?
उत्तर:-
भारत में लौह अयस्क के उत्पादन में वृद्धि हो रही है, लेकिन अबरक का उत्पादन घटता जा रहा है, क्योंकि इसके स्थान पर कयी अन्य वस्तुओं यानी वैकल्पिक वस्तुओं से काम लिया जा रहा है| विश्व बाजार में अबरक की माँग घटती जा रही है|
3. बाक्साइट को धात्विक खनिज कहते हैं| क्यों?
उत्तर:-
धात्विक खनिज वे खनिज पदार्थ होते हैं जो कठोर होते हैं जिनका उपयोग विभिन्न वस्तुओं के निर्माण में किया जाता है| जैसे बाक्साइट का उपयोग वायुयान बनाने में किया जाता है| चूंकि बाक्साइट एक कठोर खनिज है इसलिए बाक्साइट को धात्विक खनिज कहा जाता है|
4. गंगा नदी के बेसिन में खनिजों का अभाव है जबकि सुवर्ण रेखा के बेसिन में सोना पाया जाता है और दामोदर का बेसिन तो खनिजों का भंडार है| क्यों?
उत्तर:-
सुवर्ण रेखा के बेसिन में सोना पाया जाता है और दामोदर के बेसिन में खनिजों का भंडार है क्योंकि यहाँ पर इन खनिजों के लिए प्राकृतिक बनावट अनुकूल है| भूमि चट्टानी और पथरीली है| गंगा नदी के बेसिन में गीली और दलदली भूमि है जो कृषि के लिए अनुकूल है|
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