Bharti Bhawan Chemistry Class-10:Chapter-2:Very Short Type Question Answer:Short Type Question Answer:Long Answer Type Question Answer:रसायनशास्त्र:कक्षा-10:अध्याय-2:अति लघु उत्तरीय प्रश्न उत्तर:लघु उत्तरीय प्रश्न:दीर्घ उत्तरीय प्रश्न



                    अम्ल, भस्म तथा लवण





अतिलघु उत्तरीय प्रश्न




1. तीन खनिज अम्ल का सूत्र लिखें|
उत्तर:- आक्सेलिक अम्ल, ऐसीटिक अम्ल, सट्रिक अम्ल
2. एक कार्बनिक अम्ल का सूत्र लिखें|
उत्तर:- H2CO3
3. सिरका में कौन सा अम्ल होता है? 
उत्तर:- सिरका में ऐसीटिक अम्ल (CH5COOH) होता है|
4. बैटरी अम्ल क्या है? 
उत्तर:- बैटरी अम्ल सल्फ्यूरिक अम्ल है|
5. उस अभिक्रिया का नाम बताएं जिसमें अम्ल तथा भस्म की अनुक्रिया से लवण तथा जल बनता है|
उत्तर:-
 NaOH     +     HCl————>Nacl + H2O
सोडियम          हाइड्रोक्लोरिक    नमक      जल
हाइड्राक्साइड     अम्ल
6. सामान्य लवण, अम्लीय लवण तथा भास्मिक लवण के एक एक उदाहरण लिखें|
उत्तर:-
सामान्य लवण के उदाहरण— Na2SO4
अम्लीय लवण के उदाहरण—- NaHSO4
भास्मिक लवण के उदाहरण—–Ba(OH)Cl
7. CO2 का जलीय विलयन अम्लीय होता है या भास्मिक|
उत्तर:- अम्लीय
8. सोडियम कार्बोनेट की अभिक्रिया हाइड्रोक्लोरिक अम्ल से कराने पर कौन सी गैस निकलती है? 
उत्तर:- कार्बन डाइऑक्साइड
9. NH4Cl के जलीय विलयन का लिटमस पत्र पर क्या प्रभाव पड़ता है? 
उत्तर:- NH4Cl का जलीय विलयन नीला लिटमस पत्र को लाल कर देता है|
10. गृह निर्मित किन्हीं दो सूचक के नाम बताएं|
उत्तर:- लाल गोभी का पत्ता, हल्दी
11. दो रंगीन पदार्थ (सूचक) के नाम बताएं जो किसी अज्ञात द्रव के क्षारीय व अम्लीय प्रकृति बनाने में सक्षम हो|
उत्तर:- मेथिल आरेंज, फिनाल्फ्थैलीन 
12. किस क्षार के लवण में धात्विक आयन नहीं होते हैं? 
उत्तर:- अधात्विक आक्साइड में धात्विक आयन नहीं होते हैं|
13. निम्नलिखित अभिक्रिया को पूरा करें|
उत्तर:-
Zn+H2SO4——>ZnSO4+H2
Fe+2HCl——–>FeCl2+H2
14. यदि विलयन का pH मान 3 है तो विलयन की प्रकृति क्या होगी? 
उत्तर:- अम्लीय होगी|
15. pH मान 6 तथा pH मान 2 वाले विलयन में अधिक अम्लीय कौन है? 
उत्तर:- pH मान 2 वाला अधिक अम्लीय होगा
16. क्या pH मान 8 वाले विलयन जल से अधिक भास्मिक होंगे? 
उत्तर:- हां
17. निम्नलिखित में अम्लीय लवण, भास्मिक लवण तथा उदासीन लवण को चुनें|
उत्तर:-
NaCl —-> अम्लीय लवण
NaHCO3——> भास्मिक लवण
Mg(OH)Cl——> उदासीन लवण
18. निम्नलिखित अभिक्रिया को पूरा करें|
उत्तर:- Zn+NaOH—–> Na2ZnO2+H2
CaSO4+NaOH—->Ca(OH)2+Na2SO4
19. जस्ता तथा तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल की अभिक्रिया से अम्ल का कौन सा तत्व धातु से विस्थापित होता है? 
उत्तर:- जस्ता और तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल की अभिक्रिया से अम्ल का हाइड्रोजन तथा धातु से विस्थापित होता है|
20. एक सूचक का नाम बताएं जो विलयनों में विभिन्न हाइड्रोजन आयन (H+) की सान्द्रता के स्तर को बताने में सक्षम हो|
उत्तर:- फिनाल्फ्थैलीन
21. प्रयोगशाला में निर्मित एक गैस जल में घुलनशील है| इसके जलीय विलयन में फिनाल्फ्थैलीन सूचक का एक बूंद डालने से विलयन का रंग गुलाबी हो जाता है, तो विलयन किस प्रकृति का है? 
उत्तर:- क्षारीय
22. रवाकरण जल की अवस्था में वाशिंग सोडा (धोने का सोडा) एवं तूतिया का रासायनिक सूत्र बताएं|
उत्तर:- Na2CO3•10H2O—- वाशिंग सोडा
CuSO4•5H2O —– तूतिया
23. क्या होता है जब तनु सल्फ्यूरिक अम्ल का ठोस सोडियम कार्बोनेट में मिलाते हैं? 
उत्तर:- जब तनु सल्फ्यूरिक अम्ल को ठोस सोडियम कार्बोनेट में मिलाते हैं तो सोडियम सल्फेट, जल तथा कार्बन डाइऑक्साइड गैस प्राप्त होता है|
24. किसी विलयन में H+ जलीय आयनों की सांद्रता बढ़ाने पर उस विलयन के pH मान पर क्या प्रभाव पड़ता है? 
उत्तर:- किया विलयन में H+ जलीय आयनों की सांद्रता बढ़ाने पर उस विलयन का pH मान बढ़ता है|
25. वायुमंडल में जल के अणु त्यागने वाले जलयोजित लवण क्या कहलाते हैं? 
उत्तर:- अम्लीय लवण
26. पौधों के संतोषजनक वृद्धि के लिए मिट्टी के pH का मान कितना होना चाहिए? 
उत्तर:- 7 होना चाहिए
27. दो सूचक का नाम लिखें|
उत्तर:- लिटमस, मेथिल आरेंज
28. साधारण नमक में किस यौगिक को मिलाकर आयोडीन युक्त नमक बनाया जाता है? 
उत्तर:- साधारण नमक में KIO3 या KI की थोड़ी सी मात्रा मिलाकर आयोडीन नमक प्राप्त किया जाता है|
29. एक प्रस्वेद्य लवण का सूत्र लिखें|
उत्तर:- NaCl
30. अम्ल जल में क्या प्रदान करता है? 
उत्तर:-  H+ आयन प्रदान करते हैं|
लघु उत्तरीय प्रश्न






1. निम्नलिखित में कौन से अम्ल पाए जाते हैं? 
उत्तर:-
   पदार्थ                    उपस्थित अम्ल

नींबू का रस                 सिट्रिक अम्ल
इमली                         टार्टरिक अम्ल
सिरका                         ऐसीटिक अम्ल
विटामिन C की गोली       एस्कार्बिक अम्ल
खट्टा दूध                          लैक्टिक अम्ल
2. निम्नलिखित अम्लों के आण्विक सूत्र लिखें|
उत्तर:-
      अम्ल                           आण्विक सूत्र
सल्फ्यूरिक अम्ल                     H2SO4
नाइट्रिक अम्ल                          HNO3
हाइड्रोक्लोरिक अम्ल                    HCI
फास्फोरिक अम्ल                      H3PO4
कार्बोनिक अम्ल                         H2CO3
3. क्या होता है जब
1. तनु सल्फ्यूरिक अम्ल की अभिक्रिया जस्ता से होती है|
2. तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल की अभिक्रिया मैग्नीशियम से होती है|
3. तनु सल्फ्यूरिक अम्ल की अभिक्रिया ऐल्यूमिनियम के साथ होती है|
4. तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल की अभिक्रिया लोहा से होती है|



उत्तर:- 
1. जब तनु सल्फ्यूरिक अम्ल को जस्ता से अभिक्रिया कराया जाता है तो जिंक सल्फेट या लवण तथा हाइड्रोजन गैस बनता है|
  Zn    +   H2SO4————> ZnSO4    + H2
जिंक     सल्फ्यूरिक अम्ल       जिंक सल्फेट
2. जब तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल को मैग्नीशियम से अभिक्रिया कराया जाता है तो मैग्नीशियम क्लोराइड का लवण तथा हाइड्रोजन गैस बनता है|
     Mg      +         2HCl——–> MgCl2+   H2
मैग्नीशियम       हाइड्रोक्लोरिक    मैग्नीशियम
                          अम्ल               अम्ल
3. जब तनु सल्फ्यूरिक अम्ल की अभिक्रिया ऐल्यूमिनियम के साथ कराया जाता है तब ऐल्यूमिनियम सल्फेट का लवण के रूप में प्राप्त होता है तथा हाइड्रोजन गैसें निकलता है|
  2AI +           3H2SO4–> Al2(SO4)3  +   3H2
ऐल्यूमिनियम    सल्फ्यूरिक      ऐल्यूमिनियम
                         अम्ल             सल्फेट     
4. जब लोहा को तनु सल्फ्यूरिक अम्ल से अभिक्रिया कराया जाता है तो फेरस सल्फेट का लवण तथा गैस मुक्त होता है|
2Fe     +    H2SO4——>FeSO4   +     H2
                सल्फ्यूरिक        फेरस
                   अम्ल           सल्फेट
4. ऐसीटिक अम्ल एक दुर्बल अम्ल है तथा अमोनिया एक दुर्बल भस्म है| यहाँ दुर्बल शब्द का क्या तात्पर्य है? 
उत्तर:-
वैसे अम्ल जो जल में घुलकर सिर्फ आंशिक रूप में ही आयनित होते हैं| दुर्बल अम्ल कहलाते हैं| जबकि वे भस्म जो जलीय विलयन में सिर्फ अंशतः आयनित होकर कम मात्रा में हाइड्रोक्साइड आयन(OH-) प्रदान करते हैं दुर्बल भस्म या क्षार कहलाते हैं| दुर्बल अम्ल आंशिक रूप से आयनित होने के कारण इनके जलीय विलयन में H+ आयनों की संख्या अपेक्षाकृत कम होती है| इस कारण इसकी विद्युत चालकता कम होती है|
5. (1) प्रबल अम्ल तथा सांद्र अम्ल में भेद बतायें|
उत्तर:-
प्रबल अम्ल—
वे अम्ल जो जल में घुलकर लगभग पूर्णतः आयनित होकर हाइड्रोजन आयन (H+) प्रदान करते हैं, प्रबल अम्ल कहलाते हैं| उदाहरण के लिए,हाइड्रोक्लोरिक अम्ल(HCl), नाइट्रिक अम्ल(HNO3) और सल्फ्यूरिक अम्ल(H2SO4) प्रबल अम्ल होते हैं|
सान्द्र अम्ल—
जब विलयन में अम्ल की मात्रा अधिक होती है तो उसे सांद्र अम्ल या विलयन कहते हैं|
दोनों में अंतर—–


प्रबल अम्ल—–
वे अम्ल जो जल में घुलकर लगभग पूर्णतः आयनित होकर हाइड्रोजन आयन(H+) प्रदान करते हैं, प्रबल अम्ल कहते हैं|
इनके जलीय विलयन में H+ आयनों की संख्या अपेक्षाकृत अधिक होती है|
HCl, HNO3, H2SO4 प्रबल अम्ल है|
सांद्र अम्ल—-
जब विलयन में अम्ल की मात्रा अधिक होती है तो उसे सांद्र अम्ल कहते हैं|
इस विलयन में जल की मात्रा कम से कम होती है|
सांद्र अम्ल H2SO4 त्वचा को जला देते हैं, सांद्र H2SO4, सांद्र HNO3 तथा सांद्र CH3COOH में जल नहीं होती है|
(2) प्रबल भस्म और दुर्बल भस्म में भेद बतायें|


प्रबल भस्म—-
वे भस्म जो जलीय विलयन में सिर्फ अंशतः आयनित होकर कम मात्रा में हाइड्रोक्साइड आयन (OH-) प्रदान करते हैं, दुर्बल भस्म या क्षार कहलाते हैं|
NH4OH, [Ca(OH)2], [Mg(OH)2] प्रबल भस्म हैं|
दुर्बल भस्म—-
वे भस्म जो जलीय विलयन में लगभग पूर्णतः आयनित होकर काफी मात्रा में हाइड्रोक्लोरिक आयन(OH-) प्रदान करते हैं|
NaOH, KOH दुर्बल भस्म है|
6. कार्बोनेट का उदासीनीकरण आक्साइड तथा हाइड्राक्साइड के उदासीनीकरण से भिन्न कैसे होता है? 
उत्तर:-
अम्ल एवं क्षारक की अभिक्रिया के परिणामस्वरूप लवण तथा जल प्राप्त होते हैं तथा इसे उदासीनीकरण अभिक्रिया कहते हैं| सामान्यतः उदासीनीकरण अभिक्रिया को इस प्रकार लिख सकते हैं—-
क्षारक+अम्ल—–>लवण+जल
सोडियम हाइड्रोजन कार्बोनेट गर्म करने पर सोडियम कार्बोनेट, कार्बन डाइऑक्साइड और जल में विघटित हो जाएगा| ये अम्लीय प्रकृति के होते हैं|
क्षारक एवं अम्ल की अभिक्रिया के समान ही धात्विक आक्साइड अम्ल के साथ अभिक्रिया करके लवण एवं जल प्रदान करते हैं| अत: धातु आक्साइड और क्षारकीय आक्साइड भी कहते हैं| कैल्सियम हाइड्राक्साइड जो एक क्षारक है, कार्बन डाइऑक्साइड के साथ अभिक्रिया करके लवण एवं जल का निर्माण करता है| चूंकि यह क्षारक एवं अम्ल के बीच होने वाली अभिक्रिया के समान है| अतः हम यह निष्कर्ष निकाल सकते हैं कि अधात्विक आक्साइड अम्लीय प्रकृति के होते हैं| इस प्रकार उपरोक्त कथनों से यह स्पष्ट होता है कि कार्बोनेट का उदासीनीकरण आक्साइड तथा हाइड्राक्साइड के उदासीनीकरण से भिन्न होता है|
7. pH प्रतीक में p तथा H क्या संकेत करते हैं? pH स्केल क्या सूचित करते हैं? 
उत्तर:-
साधारण सूचक द्वारा अम्ल तथा भस्म की पहचान तो हो जा सकती है, लेकिन यह कदापि नहीं कहा जा सकता है कि अम्ल या भस्म कितना प्रबल है| अम्ल की शक्ति उसके H+ आयन प्रदान करने की क्षमता पर निर्भर करती है| अतः किसी विलयन की अम्लीय शक्ति उसमें उपस्थित H+ आयन  पर निर्भर करती है| किसी विलयन में H+ आयन सांद्रण के निर्धारण के लिए सौरेंसन (1909) ने एक स्केल दिया जिसे pH स्केल कहा जाता है| pH स्केल से स्पष्ट है कि उदासीन विलयन का pH मान 7 के बराबर, अम्लीय विलयन का pH मान 7 से अधिक होता है, उदाहरण— pH मान 1 उच्च अम्लीयता को दर्शाता है, pH मान 3 उससे कम अम्लीयता को तथा pH मान 6 बहुत कम अम्लीयता को दर्शाता है| pH मान 7 से अधिक विलयन की क्षारीयता को दर्शाता है| pH प्रतीक में p की व्युत्पत्ति शब्द portenz से हुयी है जिसका अर्थ शक्ति (power) होता है| इस प्रकार pH मान विलयन में हाइड्रोजन आयन की शक्ति को निरुपित करता है| अतः किसी विलयन के pH मान उसमें उपस्थित H+ आयनों की सांद्रता के लघुगणक का ऋणात्मक मान है|
8. पांच विलयनों A, B, C, D, E को यूनिवर्सल सूचक द्वारा जांच करने पर इन विलयनों का pH क्रमशः 3, 1, 12, 7 तथा 9 पाया गया| इनमें कौन विलयन
1. उदासीन है?      2. प्रबल क्षारीय है? 
3. प्रबल अम्लीय है?    4. दुर्बल अम्लीय है? 
5. दुर्बल क्षारीय है? 
उत्तर:- 
A=3, B=1, C=12, D=7, E=9
1. D विलयन उदासीन है|
2. C विलयन प्रबल क्षारीय है|
3. B विलयन प्रबल अम्लीय है|
4. A विलयन दुर्बल अम्लीय है|
5. E विलयन दुर्बल क्षारीय है|
9. तीन अम्लीय विलयन x, y, z का pH मान क्रमशः 0,3,5 है| 
1. किस विलयन में हाइड्रोजन आयन सर्वाधिक होगा? 
2. किस विलयन में हाइड्रोजन आयन सबसे कम होगा? 
उत्तर:- 
 x=0, y=3, z=5
(1.) विलयन  x का pH मान 0 है, विलयन y का pH मान 3 है तथा विलयन z का pH मान 5 है, इसलिए विलयन x की H+ सांद्रता 1×10-0 M है, विलयन y की H+ सांद्रता 1×10-3 है तथा विलयन z की H+ सांद्रता 1×10-5 है, अतः विलयन  x की हाइड्रोजन आयन सांद्रता विलयन y और z की अपेक्षा सर्वाधिक होगा|
(2.) चूंकि विलयन x की H+ सांद्रता 1×10-0 M है, विलयन y की H+ सांद्रता 1×10-3 है तथा विलयन y की H+ सांद्रता 1×10-5 है| इसलिए विलयन z की हाइड्रोजन आयन सांद्रता विलयन x और y की अपेक्षा सबसे कम होगा|
10. अच्छे फसल के लिए मिट्टी का pH मान 5.5-7.0 होना चाहिए| किसान मिट्टी में चूना क्यों मिलते हैं? समझाएँ|
उत्तर:- 
अच्छे फसल के लिए मिट्टी का pH मान 5.5-7.0 होना चाहिए| मिट्टी का pH मान 5.5 से कम हो जाने पर उसमें अम्लीयता का गुण आ जाता है जो फसलों के लिए हानिकारक होता है| अतः किसान मिट्टी में चूना मिलाते हैं ताकि उसकी अम्लीयता कम हो जाए और वह उर्वरक बन जाए|
11. अम्ल पित्त का pH मान 1 से 3 के बीच होता है, तो बताएं|
1. अम्ल पित्त अम्लीय है या क्षारीय? 
2. अम्ल पित्त का pH मान 1 से 3 के बीच किस पदार्थ के कारण होता है? 
उत्तर:- 
1. अम्लीय
2. हाइड्रोक्लोरिक अम्ल के कारण होता है|
12. अग्निशामक यंत्र द्वारा आग बुझाने की क्रिया को रासायनिक अभिक्रिया द्वारा समझाएँ|
उत्तर:-
अग्निशामक यंत्र में NaHCO3 तथा H2SO4  रहते हैं| यंत्र की घुंडी पर दाब डालने पर NaHCO3 तथा H2SO4 परस्पर संपर्क में आकर CO2 गैस बनाते हैं| 
2NaHCO3 + H2SO4———> Na2SO4+2H2O+2CO2
CO2 गैस तेजी से बाहर निकलकर आग बुझा देती है| 
13. उत्फुल्लन से क्या समझते हैं? उत्फुल्लन प्रदर्शित करने वाले यौगिक का नाम लिखें| एक अभिक्रिया देकर इसे समझाएँ|
उत्तर:-
किसी जलयोजित लवण को वायु में खुला रखने पर उसमें से क्रिस्टल जल के मुक्त होकर वायुमंडल में चले जाने की प्रक्रिया को उत्फुल्लन कहते हैं|
वाशिंग सोडा से क्रिस्टल उत्फुल्लन की प्रक्रिया दर्शाते हैं|
Na2CO3•10H2O—->Na3CO3•H2O+9H2O
14. किसी विलयन में H आयन की सांद्रता 10-5 है तो pH मान ज्ञात करें और विलयन की प्रकृति बताएं|
उत्तर:-
किसी विलयन का pH=log1/[H+]
=log1/10-5=log1-log10-5=0-(-5)log10
=5log10
=5×1=5
अतः विलयन की प्रकृति अम्लीय है|
15. यौगिकों के संबंध उनके उपयोग से स्थगित करें|
1. सोडियम कार्बोनेट    (क) सांचे बनाने के लिए
2. सोडियम बाइकार्बोनेट    (ख)कपड़े साफ करने                                                    के लिए
3. प्लास्टर आफ पेरिस   (ग) बेकिंग पाउडर बनाने                                                के लिए
उत्तर:- (1)-(ख), (2)-(ग), (3)-(क) 
16. (1) सोडियम हाइड्रोजन कार्बोनेट को गर्म करने पर प्राप्त उत्पादों के नाम लिखें|
(2) उपर्युक्त में निहित अभिक्रिया से संबंधित रासायनिक समीकरण लिखें|
उत्तर:-
(1)सोडियम हाइड्रोजन कार्बोनेट (NaHCO3) को गर्म करने पर सोडियम कार्बोनेट(Na2CO3)तथा कार्बन डाइऑक्साइड गैस (CO2) मुक्त होती है|
(2) 2NaHCO3—–> Na2CO3 + H2O  +  CO2
      सोडियम              सोडियम        जल     कार्बन
      कार्बोनेट               कार्बोनेट        डाइऑक्साइड
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न






1. गृह निर्मित सूचक आप कैसे बनायेंगे? 
उत्तर:- छात्र स्वयं करें|
2. प्राकृतिक सूचक क्या होती है? इनसे अम्ल तथा भस्म की जांच कैसे की जाती है? 
उत्तर:- 
अम्ल तथा भस्म कुछ रंजकों के रंग में परिवर्तन करने में सक्षम होते हैं| इनमें से एक रासायनिक सूचक लिटमस है जिसे थैलोफाइटा वर्ग के लाइकेन पौधे से निकाला गया गुलाबी रंग का उदासीन अर्क होता है| लिटमस अम्लीय विलयन में लाल रंग देता है तथा क्षारीय विलयन में नीला रंग देता है| फिल्टर पेपर के टुकड़े को लिटमस के अम्लीय तथा क्षारीय विलयन में डालकर सुखा लिया जाता है जिससे नीला लिटमस पत्र तथा लाल लिटमस पत्र प्राप्त होता है| किसी विलयन में यदि नीला लिटमस पत्र लाल हो जाता है तो विलयन अम्लीय कहलाता है और यदि लाल लिटमस पत्र नीला हो जाता है तो विलयन क्षारीय कहलाता है| लिटमस एक प्राकृतिक सूचक है| साथ ही हल्दी भी एक प्राकृतिक सूचक है| अन्य प्राकृतिक पदार्थ जैसे— लाल गोभी का पत्ता, हल्दी, कुछ फूलों के पत्ते (पिटूनिया तथा जेरेनियम) आदि के विलयन भी अम्ल तथा क्षार की उपस्थिति को दर्शाने में सक्षम होते हैं| इन्हें भी अम्ल भस्म सूचक के रूप में व्यवहार किया जा सकता है| किन्तु लिटमस को छोड़कर इन सबों का उपयोग प्रयोगशाला में नहीं हो पाता, क्योंकि ये पदार्थ हवा में उपस्थित आक्सीजन से धीरे धीरे नष्ट हो जाता है| वैसे रंजक, जिनका अम्ल तथा भस्म द्वारा रंग परिवर्तन होता है, उन्हें सूचक कहा जाता है| सूचक का उपयोग मुख्य रूप से उदासीनीकरण अभिक्रिया के समापन को दर्शाने के लिए किया जाता है| सूचक के रूप में लिटमस का उपयोग नहीं हो पाता क्योंकि लिटमस का लाल से नीला रंग में परिवर्तन तीक्ष्ण नहीं होता|
3. अम्ल, भस्म और लवण क्या है? प्रत्येक का दो दो उदाहरण दें|
उत्तर:- 
अम्ल—
अम्ल वह पदार्थ है जिसका जलीय विलयन स्वाद में खट्टा होता है तथा धातु से अभिक्रिया कर हाइड्रोजन गैस मुक्त करता है| जैसे— HCl, CH3, COOH, H2SO4 इत्यादि अम्ल है| सभी अम्ल जल में घुलकर H+ आयन प्रदान करते हैं| 
2HCI   +    Fe  ——>  FeCl2  +   H2
2CH3CoOH   +   Fe—->(CH3CoO)2Fe + H
अम्ल का जलीय विलयन विद्युत का संचालन करते हैं| अर्थात इनका विद्युत अपघटन होता है|
भस्म—-
भस्म वह पदार्थ है जिसका जलीय विलयन स्वाद में कड़वा होता है तथा अम्ल को उदासीन कर लवण बनाता है| भस्म जल में घुलकर हाइड्राक्साइड (OH-) आयन देता है| जैसे— NaOH, KOH, NH4OH, Ba(OH)2, Ca(OH)2 इत्यादि| भस्म तीव्र नाशक होता है| टूथपेस्ट भस्म होता है जो हमारे मुंह में उपस्थित अम्ल को उदासीन कर दांत की रक्षा करता है| जल में विलेय भस्म क्षार कहलाता है|
NaOH—–H2O—–> Na+   +    OH-
KOH——-H2O—–> K+     +    OH-
Ca(OH)2—–H2O—–> Ca2+   +   2OH-
लवण—-
अम्लों एवं भस्मों की अभिक्रिया के फलस्वरूप बने पदार्थ लवण कहलाते हैं| लवण में दो मूलक होते हैं| जो मूलक भस्म से प्राप्त होते हैं उसे भास्मिक मूलक कहते हैं| भास्मिक मूलक धन आवेशित होते हैं| जो मूलक अम्ल से हाइड्रोजन के विस्थापन के फलस्वरूप प्राप्त होता है| उन्हें अम्लीय मूलक कहते हैं| अम्लीय ऋण आवेशित होते हैं|
NaCl, NaHSO4, Na2SO4, Na2PO4, CuSO4, NH4Cl  इत्यादि लवण है|
    HCl     +       NaOH —–>  NaCl    +    H2O
हाइड्रोक्लोरिक    सोडियम          सोडियम       जल
   अम्ल             हाइड्राक्साइड    क्लोराइड
(अम्ल)                (भस्म)            (लवण) 
H2SO4     +      NaOH——-> NaHSO4  + H2O
  गंध                सोडियम            सोडियम         जल
अम्ल            हाइड्राक्साइड         सल्फाइड
(अम्ल)             (भस्म)               (लवण) 
4. लवण किसे कहते हैं? दो अम्लीय तथा दो सामान्य लवणों के नाम लिखें|
उत्तर:-
लवण में यौगिक है जो अम्ल के अणु में विद्यमान हाइड्रोजन परमाणु युद्ध परमाणुओं के धातु या धातु के सदृश आचरण करनेवाले तत्त्वों के परमाणुओं के समूह, अर्थात मूलक (अमोनियम मूलक, NH4+) के द्वारा अंशतः या पूर्णतः विस्थापित होने पर बनते हैं|
H2SO4     +    Zn   ——>   ZnSO4     +    H2
अम्ल               जिंक               लवण       
Zn         +    2NaOH   —–>Na2ZnO2  +  H2
                      क्षारक                लवण
HCl      +     NaOH    ——->   NaCl   +    H2O
अम्ल              क्षारक                 लवण
HCl      +     NH4OH  ——->  NH4Cl   +  H2O
अम्ल              क्षारक                  लवण
इस प्रकार स्पष्ट होता है कि अम्ल और क्षारक के बीच की अभिक्रिया के फलस्वरूप जल के साथ बना दूसरा यौगिक लवण कहलाता है| लवण में दो मूलक विद्यमान होते हैं| एक मूलक क्षारक से प्राप्त होता है जिसे क्षारकीय मूलक कहते हैं| क्षारकीय मूलक धन आवेशित होते हैं| दूसरा मूलक अम्ल से हाइड्रोजन के विस्थापन के फलस्वरूप प्राप्त होता है जिसे अम्लीय मूलक कहते हैं| अम्लीय मूलक ऋण आवेशित होते हैं| NaCl में Na+ आयन क्षारकीय मूलक तथा Cl- आयन अम्लीय मूलक है|
दो सामान्य लवण—-सोडियम सल्फेट (Na2SO4) और पोटैशियम क्लोराइड (KCl) 
दो अम्लीय लवण—– सोडियम बाइकार्बोनेट(NaHCO3) और सोडियम डाइ हइड्रोजन  फास्फेट (NaH2PO4) 
5. उदासीनीकरण अभिक्रिया क्या है? उदाहरण देकर समझाएँ|
उत्तर:-
अम्ल और क्षारक की अभिक्रिया के फलस्वरूप लवण एवं जल बनते हैं| अभिक्रिया निम्नलिखित प्रकार से प्राप्त होती है|
HCl   +   जल —–> H+(aq)  +   Cl-(aq) 
NaOH  + जल —–> Na+(aq) +  OH-(aq) 
H+(aq)  +  Cl-(aq)   +  Na+(aq)  +  OH-(aq)  —–> NaCl (aq) +  H2O(I) 
        लवण               जल
इस अभिक्रिया को उदासीनीकरण अभिक्रिया कहा जाता है|
उदाहरण—-
1.NaOH(aq) + HCl(aq)–>NaCl(aq)+H2O(I) 
2.    CaOH2(aq)  +  2HCl(aq)—–                       >CaCl2(aq)+2H2O(I) 
6. अम्लों की शक्ति के बारे में आप क्या जानते हैं? किन किन तरीकों से अम्लों की शक्ति की तुलना की जा सकती है? 
उत्तर:-
अम्लों की शक्ति—-
अम्लों की शक्तियों को निम्न रूप में माना जा सकता है–
प्रबल और दुर्बल अम्ल—–
अम्ल के जलीय विलयन में अम्ल द्वारा प्रदत्त हाइड्रोजन आयनों की मात्रा से इसकी अम्लीय शक्ति का निर्धारण होता है| वे अम्ल जो जल में घुलकर लगभग पूर्णतः आयनित होकर हाइड्रोजन आयन (H+) प्रदान करते हैं, प्रबल अम्ल कहलाते हैं| उदाहरण के लिए, हाइड्रोक्लोरिक अम्ल (HCl), नाइट्रिक अम्ल (HNO3) और सल्फ्यूरिक अम्ल (H2SO4) प्रबल अम्ल है| दूसरी ओर वे अम्ल जो जल में घुलकर सिर्फ आंशिक रूप में आयनित होते हैं, पूर्णतः नहीं दुर्बल अम्ल कहलाते हैं| उदाहरण के लिए, कार्बोनिक अम्ल (H2CO3), ऐसीटिक अम्ल (CH3COOH) आदि दुर्बल अम्ल है|
सांद्र और तनु अम्ल——
विलयन में उपस्थित अम्ल की मात्रा के अनुसार अम्ल, सांद्र और तनु हो, सकते हैं| जब विलयन में अम्ल की अपेक्षा मात्रा उपस्थित रहती है, तो उसे सांद्र विलयन कहा जाता है| दूसरी ओर, जब विलयन में अम्ल की मात्रा अपेक्षाकृत कम रहती है, तो उसे तनु विलयन कहा जाता है, अत: सांद्र विलयन में जल की मात्रा कम से कम रहती है, जबकि तनु विलयन में जल की मात्रा अपेक्षाकृत अधिक रहती है|
7. अम्ल तथा क्षार के आरहेनियस सिद्धांत की व्याख्या करें| इस सिद्धांत की सीमाओं का भी उल्लेख करें|
उत्तर:-
अम्ल वे पदार्थ हैं जो जल में घुलकर हाइड्रोजन आयन प्रदान करते हैं और क्षारक वे पदार्थ हैं जो जल में घुलकर हाइड्राक्सिल (OH-) आयन प्रदान करते हैं|
उदाहरण— 
        जल                              जल
HCl <—> H+ + Cl-;H2SO4<—> 2H+ + SO2-
अम्ल        हाइड्रोजन       अम्ल            हाइड्रोजन
                 आयन                                आयन
NaOH<–>Na+  + OH-;NH4OH<–>NH4+OH-
 क्षारक        हाइड्राक्सिल     क्षारक        हाइड्राक्सिल
                     आयन                             आयन
सीमाएँ—


यह सिद्धांत जलीय विलयन में अम्ल क्षारक संबंधी अनेक गुणों की सफल व्याख्या करता है| किंतु, यह दूसरे अजलीय विलायकों (जैसे–तरल अमोनिया, तरल SO2 आदि) में अम्ल क्षारक संबंधी गुणों की व्याख्या करने में बुरी तरह असफल हो जाती है| यह सिद्धांत पदार्थों की उभयधर्मिता के गुणों की भी व्याख्या नहीं कर पाती है| 
8. इनकी पुष्टि करें—
1. NH4Cl का जलीय विलयन अम्लीय होता है|
उत्तर:-
NH4Cl प्रबल अम्ल तथा प्रबल भस्म से बनते हैं जो जलीय विलयन देता है तथा इस विलयन का pH मान 7 से कम होता है|
2. CH3COONa का विलयन क्षारीय होता है|
उत्तर:-
CH3COONa दुर्बल अम्ल तथा प्रबल भस्म से बना होता है जो क्षारीय विलयन देता है तथा इस विलयन का pH मान 7  से अधिक होता है|
3. Na2SO4 का विलयन उदासीन होता है|
उत्तर:-
Na2SO4 प्रबल अम्ल तथा प्रबल भस्म से बना है जो उदासीन विलयन देता है तथा इस विलयन का pH मान 7 होता है|
9. दैनिक जीवन में pH का महत्व बताएं|
उत्तर:- 
1. मानव और जंतु जगत में—-
हमारे शरीर की अधिकांश क्रियाएँ 7.0 से 7.8 pH परास के बीच काम करती है| हम इसी संकीर्ण परास में ही जीवीत रह सकते हैं| हमारे रक्त, आंसुओं, लार आदि का pH लगभग 7.4 होता है| यदि यह 7.0 से कम होता है या 7.8 से बढ़ता है तो जीवन असंभव सा हो जाता है| वर्षा के जल से pH का मान जब 7 से कम होकर 5.6 हो जाता है तो उसे अम्लीय वर्षा कहते हैं| अम्लीय वर्षा का जल जब नदियों में बहता है तो नदी के जल का pH का मान कम हो जाता है जिस कारण जलीय जीवधारियों का जीवन कठिन हो जाता है| 
2. पेड़ पौधों के लिए—–
पेड़ पौधों की अच्छी वृद्धि और अच्छी उपज के लिए मिट्टी के pH परास की विशेषता बनी रहनी चाहिए| यदि यह अधिक अम्लीय या क्षारीय हो जाए तो उपज पर कुप्रभाव पड़ता है|
3. पाचन तंत्र—-
हमारे पेट में HCl उत्पन्न होता रहता है जो हमें बिना हानि पहुंचाए भोजन के पाचन में सहायक होता है| अपच की स्थिति में इसमें अम्ल की मात्रा अधिक बनने लगती है जिस कारण पेट में दर्द और जलन अनुभव होता है| इस दर्द से छुटकारा पाने के लिए ऐंटैसिड जैसे क्षारकों का प्रयोग करना पड़ता है| इसके लिए प्रायः मिल्क आफ मैग्नीशियम जैसे दुर्बल क्षारक का प्रयोग करना आवश्यक हो जाता है|
4. दंत क्षय—
हमारे मुंह के pH का मान 5.5 से कम होने पर दांतों का क्षय शुरू हो जाता है| हमारे दांत कैल्सियम फास्फेट से बने होते हैं जो शरीर का सबसे कठोर पदार्थ है| यह जल में नहीं घुलता पर मुंह की pH का मान 5.5 से कम होने पर यह नष्ट होने लगता है| मुंह में उपस्थित जीवाणु, अवशिष्ट शर्करा और खाद्य पदार्थों के निम्नीकरण से अम्ल उत्पन्न होते हैं| इनसे छुटकारा पाने के लिए क्षारकीय दंत मंजन का प्रयोग किया जाना चाहिए| इससे अम्ल की अधिकता उदासीन हो जाती है और दांत क्षय से रोके जा सकते हैं|
5. जीव जंतुओं के डंक से रक्षा—–
जब जीव जंतु कभी डंक मार देते हैं तो वे हमारे शरीर में विशेष प्रकार के अम्ल छोड़ देते हैं| मधुमक्खी भिरंड, चींटी आदि मेथेनाइक अम्ल हमारे शरीर में डंक के माध्यम से पहुँचा देते हैं| इससे उत्पन्न पीड़ा से मुक्ति पाने के लिए डंक मारे गए अंग पर बेकिंग सोडा जैसे दुर्बल क्षारक का प्रयोग करना चाहिए|
6. विशेष पौधों से रक्षा—
नेटल पौधे के पत्तों पर डंकनुमा बाल होते हैं| उन्हें छू जाने से डंक जैसा दर्द होता है| इन बातों से मेथेनाइक अम्ल का स्राव होता है जो दर्द का कारण बनता है| पारंपरिक तौर पर इस पीड़ा मुक्ति डाक पौधे की पत्तियों को डंक वाले स्थान पर रगड़ कर पाई जाती है|
10. अम्लों के पांच गुणों का उल्लेख करें|
उत्तर:- इनका स्वाद खट्टा होता है|
ये नीले लिटमस पत्र को लाल कर देते हैं|
ये धातुओं के साथ क्रिया करके हाइड्रोजन गैस बनाते हैं|
ये कार्बोनेट के साथ क्रिया करके कार्बन डाइऑक्साइड उत्पन्न करते हैं|
अम्ल, क्षारकों से क्रिया करके लवण और पानी बनाते हैं|
11. भस्म के पांच गुणों का उल्लेख करें|
उत्तर:-
इनका स्वाद कड़वा होता है|
ये लाल लिटमस को नीला कर देते हैं|
ये हल्दी के रंग को भूरा लाल कर देते हैं|
ये अम्लों के साथ अभिक्रिया करके लवण तथा पानी बनाते हैं|
ये फिनाल्फ्थैलीन के घोल को गुलाबी कर देते हैं|
12. ब्लीचिंग पाउडर का रासायनिक सूत्र लिखें| ब्लीचिंग पाउडर को किस प्रकार बनाया जाता है? कागज बनाने की फैक्टरियों में ब्लीचिंग पाउडर का उपयोग किस कार्य के लिए होता है? 
उत्तर:-
ब्लीचिंग पाउडर या विरंजक चूर्ण का रासायनिक सूत्र Ca(OCl) Cl होता है| शुष्क बुझे हुए चुने [Ca(OH)2] को 40°C तक तप्त कर उसके ऊपर क्लोरीन गैस प्रवाहित करने पर विरंजक चूर्ण प्राप्त होता है|
Ca(OH)2+Cl2–गर्म करने पर–>Ca(OCl)Cl+H2O
बुझा चूना   क्लोरीन                         विरंजक चूर्ण
यह सफेद रंग का होता है| इससे क्लोरीन की गंध निकलती है|
विरंजक चूर्ण का उपयोग—–
कीटनाशक के रूप में
क्लोरीन, क्लोरोफॉर्म आदि बनाने में
कागज एवं कपड़ों के विरंजन में
कागज बनाने वाली फैक्ट्रियों में ब्लीचिंग पाउडर हाइड्रोक्लोरिक अम्ल के साथ अभिक्रिया कराया जाता है| ब्लीचिंग पाउडर हाइड्रोक्लोरिक अम्ल से अभिक्रिया कर क्लोरीन गैस देता है| क्लोरीन कपड़ा तथा कागज का उपयोग कागज की फैक्टरियों में विरंजक के रूप में किया जाता है|
Ca(OCl) + 2HCl——>CaCl2  +   H2O  + Cl
ब्लीचिंग पाउडर             कैल्सियम क्लोराइड  क्लोरीन
13. 1. विरंजक चूर्ण का रासायनिक नाम तथा सूत्र लिखें|
2. हवा में खुला छोड़ने पर विरंजक चूर्ण से क्लोरीन की गंध क्यों आती है? 
3. तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल की विरंजक चूर्ण पर क्रिया दर्शाने के लिए रासायनिक समीकरण लिखें|
उत्तर:-
1. विरंजक चूर्ण का रासायनिक नाम ब्लीचिंग पाउडर है| इसका रासायनिक सूत्र Ca(OCl)Cl होता है|
2. हवा में विरंजक चूर्ण को खुला रखने पर क्लोरीन की गंध निकलती है| यह अत्यंत अस्थायी यौगिक है| यह वायुमंडल से CO2 एवं आर्द्रता ग्रहण कर क्लोरीन गैस देता है| इस कारण क्लोरीन की गंध आती है|
Ca(OCl)Cl  +  CO2—–> CaCO3  +   Cl2^
3. ब्लीचिंग पाउडर तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल से अभिक्रिया कर कैल्सियम क्लोराइड तथा क्लोरीन गैस देता है|
Ca(OCl)Cl +  2HCl—>CaCl2  + H2O   +Cl2

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