Bharti Bhawan Political Science Class-9:Chapter-8:Very Short Type Question Answer:Short Type Question Answer:Long Answer Type Question Answer:राजनीति शास्त्र:कक्षा-9:अध्याय-8:अति लघु उत्तरीय प्रश्न उत्तर:लघु उत्तरीय प्रश्न:दीर्घ उत्तरीय प्रश्न



सर्वोच्च न्यायालय



अतिलघु उत्तरीय प्रश्न






1. सर्वोच्च न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश कहाँ है? 
उत्तर:-नयी दिल्ली
2. सर्वोच्च न्यायालय के न्यायधीशों की नियुक्ति कौन करता है? 
उत्तर:-राष्ट्रपति
3. सर्वोच्च न्यायालय को किसका रक्षक बनाया जाता है? 
उत्तर:-मौलिक अधिकार
4. किस संसोधन अधिनियम द्वारा सर्वोच्च न्यायालय के क्षेत्राधिकार में परिवर्तन किया गया है? 
उत्तर:- 44 वें संसोधन
5. सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश को कितना वेतन मिलता है? 
उत्तर:-एक लाख रुपये
लघु उत्तरीय प्रश्न






1. सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश पद के लिए निर्धारित योग्यताओं का वर्णन करें|
उत्तर:-भारत का नागरिक हो, कम से कम पांच वर्ष तक किसी उच्च न्यायालय का न्यायधीश रह चुका हो, कम से कम पांच दस वर्ष तक किसी उच्च न्यायालय में वकालत कर चुका हो, राष्ट्रपति की राय में कानून का ज्ञाता हो|
2. सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश को उसके पद से हटाने के तरीकों का उल्लेख करें|
उत्तर:-सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश 65 वर्ष की उम्र तक अपने पद पर बने रहते हैं| इससे पहले वे त्याग पत्र देकर हट सकते हैं| संसद द्वारा किसी न्यायाधीश को हटाए जाने का प्रस्ताव पास होने पर राष्ट्रपति उसे हटा सकता है| संसद के दोनों सदनों में अलग अलग सदन के कुल सदस्यों के बहुमत तथा सदन में उपस्थित और मतदान करनेवाले सदस्यों के दो तिहाई बहुमत से ऐसा प्रस्ताव पास होना चाहिए|
3. सर्वोच्च न्यायालय के प्रारंभिक क्षेत्राधिकार का वर्णन करें|
उत्तर:-दो या दो से अधिक राज्यों के बीच का मुकदमा
एक ओर केन्द्रीय सरकार और एक या एक से अधिक राज्य तथा दूसरी ओर एक या एक से अधिक राज्यों के बीच का मुकदमा
केन्द्र और राज्यों के बीच का मुकदमा
4. सर्वोच्च न्यायालय की स्वाधीनता पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखें|
उत्तर:-संघात्मक संविधान के लिए स्वतंत्र न्यायपालिका एक आवश्यक तत्व है| भारत का संविधान भी संघात्मक है| अत:, यहाँ भी सर्वोच्च न्यायालय को स्वतंत्र और निष्पक्ष बनाया गया है| सर्वोच्च न्यायालय की स्वतंत्रता के लिए संविधान में ही व्यवस्था कर दी गई है| संविधान के 42 वें संसोधन अधिनियम द्वारा इसकी स्वतंत्रता पर बहुत कुछ अंकुश लगाया गया था| पर, 43 वें संसोधन अधिनियम द्वारा उसकी स्वतंत्रता फिर वापस कर दी गई है|
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न








1. सर्वोच्च न्यायालय के गठन का वर्णन करें|
या, सर्वोच्च न्यायालय का गठन कैसे होता है? इसके क्षेत्राधिकारों का वर्णन करें| या, सर्वोच्च न्यायालय का गठन एवं उसकी शक्तियों एवं कार्यों का संक्षेप में वर्णन करें|
उत्तर:-भारत की शीर्ष सर्वोच्च न्यायपालिका है| प्रारंभ में इसमें एक मुख्य न्यायाधीश एवं 7 अन्य न्यायाधीश थे| परंतु, समय की माँग के अनुसार समय समय पर इसके अन्य न्यायाधीशों की संख्या कयी चरणों में बढाई गयी है|
सर्वोच्च न्यायालय का गठन——–
वर्तमान समय में सर्वोच्च न्यायालय में 1 मुख्य न्यायाधीश एवं 30 अन्य न्यायाधीश कार्यरत हैं| 65 वर्ष की आयु पूरी होने तक इसके न्यायाधीश अपने पद पर बने रहते हैं| इन न्यायाधीशों की योग्यता इस प्रकार है——–वह भारत का नागरिक हो, वह न्यूनतम 5 वर्ष तक किसी उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के पद पर रह चुका हो, न्यूनतम 10 वर्ष तक किसी उच्च न्यायालय में वकालत कर चुका हो, राष्ट्रपति की निगाह में कानून का पंडित (विशेषज्ञ) हो, सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की नियुक्ति करते हैं| अन्य न्यायाधीशों की नियुक्ति करते समय वे मुख्य न्यायाधीश से भी सलाह लेते हैं|
सर्वोच्च न्यायालय के क्षेत्राधिकार——– निम्न हैं-





प्रारंभिक क्षेत्राधिकार——–
दो अथवा दो से अधिक राज्यों के बीच के मुकदमें, एक ओर केन्द्रीय सरकार एवं दूसरी ओर कुछ अथवा एक से अधिक राज्यों के मुकदमें और एक ओर केन्द्रीय सरकार एवं कुछ राज्य तथा दूसरी ओर कुछ राज्यों के बीच के मुकदमें सर्वोच्च न्यायालय के प्रारंभिक क्षेत्राधिकार में आते हैं|
अपीलीय क्षेत्राधिकार——-
सर्वोच्च न्यायालय में दीवानी, फौजदारी तथा कानून से संबंधित विभिन्न प्रकार की अपीलें की जाती है| परंतु, शर्त यह रखी जाती है कि संबंधित उच्च न्यायालय द्वारा प्रमाणपत्र मिलने के बाद ही वहाँ अपील की जा सकती है| संविधान की व्यवस्था की जरूरत होने पर भी उसकी अपील यहाँ की जाती है|
परामर्श संबंधी क्षेत्राधिकार——-
आवश्यकता पड़ने पर राष्ट्रपति सर्वोच्च न्यायालय से कानूनी परामर्श ले सकता है| परंतु, राष्ट्रपति उस परामर्श को मानने के लिए बाध्य नहीं है|
पुनर्विचार का अधिकार——–
सर्वोच्च न्यायालय अपने निर्णयों पर पुनर्विचार या उसमें सुधार भी कर सकता है| 
अन्य अधिकार——-
नागरिकों के मौलिक अधिकारों की रक्षा का दायित्व सर्वोच्च न्यायालय पर है| यह संविधान का रक्षक भी है|
2. सर्वोच्च न्यायालय की शक्तियों और कार्यों का संक्षेप में वर्णन करें|
उत्तर:-सर्वोच्च न्यायालय भारत का सबसे बड़ा न्यायालय है| इसके शक्ति और कार्य निम्नलिखित श्रेणियों में बांटा जा सकता है——-
प्रारंभिक मुकदमा——
कुछ ही प्रारंभिक मुकदमें सर्वोच्च न्यायालय में पहले आते हैं| सर्वोच्च न्यायालय निम्नलिखित प्रारंभिक मुकदमों का फैसला करता है——-
दो या दो से अधिक राज्यों के बीच मुकदमा
एक ओर केन्द्रीय सरकार और एक या एक से अधिक राज्य तथा दूसरी ओर एक या एक से अधिक राज्यों के बीच मुकदमा
केन्द्र और राज्यों के बीच मुकदमा
अपील संबंधी मुकदमा——-
सर्वोच्च न्यायालय अपील संबंधी मुकदमों का अंतिम न्यायालय है| जहाँ फौजदारी, दीवानी तथा कानून से संबंद्ध सभी प्रकार की अपीलें सुनी जाती है| उच्च न्यायालय का प्रमाणपत्र मिलने पर ही अपील हो सकती है| फौजदारी मुकदमें में फांसी की अपील सर्वोच्च न्यायालय में की जाती है| जायदाद संबंधी दीवानी मुकदमों की अपील सर्वोच्च न्यायालय में सुनी जाती है| दीवानी मुकदमें में 20 हजार की जायदाद से संबद्ध मुकदमों की ही सुनवाई सर्वोच्च न्यायालय में होती थी, परन्तु 30 वें संसोधन द्वारा यह सीमा समाप्त कर दी गई है| जब मुकदमें में संविधान की व्याख्या की जरूरत रहती है तब भी उसकी अपील सर्वोच्च न्यायालय में की जाती|
परामर्श संबंधी अधिकार——–
राष्ट्रपति कानूनी मामलों में सर्वोच्च न्यायालय से सलाह ले सकता है, पर वह सर्वोच्च न्यायालय की सलाह मानने के लिए बाध्य नहीं है| उदाहरण के लिए, सर्वोच्च न्यायालय से यह परामर्श लिया गया था कि इन्दिरा गाँधी की के शासनकाल में संकटकाल की ज्यादतियों की जांच के लिए विशेष न्यायालय गठित किया जा सकता है अथवा नहीं| 1 दिसम्बर 1978 को सर्वोच्च न्यायालय ने अपने फैसले में कहा कि आपातकाल की ज्यादतियों की जांच के लिए विशेष न्यायालय के गठन हेतु संसद कानून बना सकती है| उसी प्रकार जुलाई 1998 में राष्ट्रपति ने सर्वोच्च न्यायालय से न्यायाधीशों की नियुक्ति के संबंध में परामर्श मांगा था| 28 अक्टूबर 1998 को सर्वोच्च न्यायालय की नौ सदस्य खंडपीठ के नौ बिन्दुओं पर अपना स्पष्टीकरण प्रस्तुत किया|
पुनर्विचार करने का अधिकार——-
सर्वोच्च न्यायालय को अपने दिए गए निर्णयों पर फिर से विचार करने का अधिकार है| सर्वोच्च न्यायालय अपने निर्णय में सुधार भी कर सकता है|
मौलिक अधिकारों की रक्षा——–
मौलिक अधिकारों की रक्षा का भार सर्वोच्च न्यायालय पर है| इसके लिए वह अपना आदेश या लेख जारी करता है| इन लेखों के अन्तर्गत बंदी-प्रत्यक्षीकरण, परमादेश, प्रतीषेध, अधिकार पृच्छा, उत्प्रेषण इत्यादि के नाम आते हैं|
संविधान की रक्षा——-
सर्वोच्च न्यायालय संविधान का रक्षक है| यदि संसद या राज्य का विधानमंडल कोई ऐसा कानून बना दे जो संविधान के विरुद्ध हो तो सर्वोच्च न्यायालय उसे असंवैधानिक घोषित करता है| इसे न्यायिक पुनर्विलोकन का अधिकार करते हैं|
निरीक्षण का अधिकार——
सर्वोच्च न्यायालय अपने अधीनस्थ न्यायालयों का निरीक्षण करता है| यह एक अभिलेख न्यायालय है| सर्वोच्च न्यायालय अपनी कार्यवाही संपादित करने के लिए किसी को उपसिति होने, कागजात पेश करने आदि का आदेश दे सकता है न्यायालय को अन्य अधिकारियों के वेतन, भत्ते, छुट्टी, पेंशन और सेवा की अन्य शर्तों से संबद्ध नियम बनाने का अधिकार है| इसके लिए सर्वोच्च न्यायालय राष्ट्रपति से पूर्व अनुमति ले लेता है| इस प्रकार, सर्वोच्च न्यायालय के अधिकार व्यापक है| यह देशभर के सब प्रकार के मामलों का अंतिम न्यायालय है| देशभर के अन्य न्यायालय के अधीन है| वे सर्वोच्च न्यायालय के सहायतार्थ काम करते|

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