संघीय कार्यपालिका
अतिलघु उत्तरीय प्रश्न
1. संघीय मंत्रिपरिषद अपने कार्यों के लिए किसके प्रति उत्तरदायी है?
उत्तर:-सदन के
2. उपराष्ट्रपति का कार्यकाल कितने वर्ष का है?
उत्तर:-5
3. उपराष्ट्रपति पद के लिए चुने जाने की निम्नतम उम्र क्या है?
उत्तर:-35 वर्ष
4. संघीय कार्यपालिका का प्रधान कौन है?
उत्तर:-प्रधानमंत्री है
5. अपराधी को क्षमा करने या उसकी सजा को कम करने का अधिकार किसे है?
उत्तर:-राष्ट्रपति को
लघु उत्तरीय प्रश्न
1. राष्ट्रपति का निर्वाचन कैसे होता है?
उत्तर:-भारतीय राष्ट्रपति का निर्वाचन एक निर्वाचक मंडल के द्वारा आनुपातिक प्रतिनिधित्व के आधार पर होता है| राष्ट्रपति के निर्वाचक मंडल में दो प्रकार के सदस्य है———संसद के दोनों सदनों यानी लोकसभा एवं राज्यसभा के निर्वाचित सदस्य एवं भारत के सभी राज्यों की विधान सभाओं के निर्वाचित सदस्य|
2. राष्ट्रपति के चुनाव में संसद के प्रत्येक निर्वाचित सदस्य के मत की संख्या किस प्रकार निर्धारित होती है?
उत्तर:-विधानसभा के सभी निर्वाचित सदस्यों के मतों की संख्या को जोड़ा जाता है| फिर, उस संख्या में संसद के दोनों सदनों के निर्वाचित सदस्यों की संख्या से भाग दिया जाता है, जो भागफल आता है वही संसद के प्रत्येक निर्वाचित सदस्य की मत संख्या होती है|
3. राष्ट्रपति के चुनाव में विधानसभा के प्रत्येक निर्वाचित सदस्य के मत की संख्या के निर्धारण की प्रक्रिया बताएं|
उत्तर:-राज्य की जनसंख्या में उस राज्य की विधानमंडल के निर्वाचित सदस्यों की संख्या से भाग दिया जाता है| फिर, भागफल में 1000 से भाग दिया जाता है जो भागफल आता है वहीं वहाँ की विधानसभा के प्रत्येक निर्वाचित सदस्य की मत संख्या है| यदि शेष पांच सौ या पांच सौ से अधिक होता है तो मत संख्या में एक और जोड़ दिया जाता है|
4. राष्ट्रपति के व्यवस्थापिका संबंधी किन्हीं चार अधिकारों को लिखें|
उत्तर:-राष्ट्रपति संघीय व्यवस्थापिका, अर्थात संसद का भी एक अंग है| इस नाते उसके निम्न अधिकार है—–
राष्ट्रपति को संसद की बैठक बुलाने, स्थगित करने तथा लोकसभा को भंग करने का अधिकार है|
राष्ट्रपति राज्यसभा के 12 सदस्यों को मनोनीत करता है|
संसद में पास होने के बावजूद प्रत्येक विधेयक राष्ट्रपति के पास जाता है| उसके हस्ताक्षर के बाद ही वह कानून बन पाता है|
राष्ट्रपति को संसद में अपना संदेश भेजने का अधिकार है|
5. राष्ट्रपति के पद के लिए निर्धारित योग्यता बताएं| राष्ट्रपति का कार्यकाल क्या है?
उत्तर:-राष्ट्रपति के पद के लिए निर्धारित योग्यताएँ निम्न हैं——
भारत का नागरिक हो
35 वर्ष या इससे अधिक उम्र का हो
लोकसभा का सदस्य होने की योग्यता रखता हो
एवं किसी लाभ के पद पर न हो
राष्ट्रपति का कार्यकाल 5 वर्ष का है|
6. उपराष्ट्रपति का निर्वाचन कैसे होता है? उसके कार्य क्या है?
उत्तर:- भारतीय उपराष्ट्रपति का निर्वाचन संसद के दोनों सदनों के सदस्यों द्वारा गठित एक निर्वाचक मंडल के द्वारा होता है| उसके तीन कार्य निम्नलिखित हैं——
राज्यसभा की बैठकों का सभापतित्व करना
राष्ट्रपति की अनुपस्थिति में राष्ट्रपति का कार्यभार संभालना
राज्यसभा में मत समता की स्थिति में निर्णायक मत देना
7. भारत के राष्ट्रपति पर महाभियोग कैसे लगाया जाता है?
उत्तर:-अगर भारत का राष्ट्रपति सांविधानिक दायरे के विरुद्ध आचरण करने लगे तो ऐसी अवस्था में उसपर महाभियोग लगाकर उसे अपने पद से त्यागपत्र देने के लिए बाध्य किया जा सकता है| महाभियोग का प्रस्ताव संसद के किसी भी सदन में पेश किया जा सकता है| इस आशय की एक सूचना राष्ट्रपति को 14 दिन पूर्व दे देनी पड़ती है| जब एक सदन में यह प्रस्ताव दो तिहाई बहुमत से पास हो जाता है तो इसे दूसरे सदन में भेजा जाता है| यदि इस प्रकार का महाभियोग प्रस्ताव दूसरे सदन में भी पास हो जाता है तो राष्ट्रपति को अपने पद से हट जाने के लिए बाध्य होना पड़ता है| यह संतोषजनक बात है कि अबतक किसी भी भारतीय राष्ट्रपति के साथ ऐसी स्थिति नहीं आयी है|
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
1. भारत के राष्ट्रपति के अधिकार एवं कार्यों का वर्णन करें|
उत्तर:-भारतीय संविधान के अनुच्छेद 53 में यह कहा गया है कि राष्ट्र की समस्त कार्यपालिका शक्ति राष्ट्रपति में निहित होगी| अपने इन अधिकारों का प्रयोग वह स्वयं अथवा अपने अधीनस्थ अधिकारियों के द्वारा करेगा| उसके कार्य एवं अधिकार निम्न हैं——–
विधायिका संबंधी अधिकार——-
राष्ट्रपति के विधायिका संबंधी अधिकार भी काफी व्यापक एवं महत्वपूर्ण है| वह संसद की बैठक बुलाने, उसे स्थगित करने तथा लोकसभा को भंग करने का अधिकार भी रखता है| वह राज्यसभा के 12 सदस्यों को मनोनीत करता है| उसके हस्ताक्षर के बाद ही कोई भी विधेयक कानून का रूप ले सकता है| धन विधेयक तो राष्ट्रपति की स्वीकृति के बिना लोकसभा में पेश ही नहीं किया जा सकता| वह संसद में संदेश भी भेज सकता है| संसद की बैठक नहीं चलने की स्थिति में वह अध्यादेश भी जारी कर सकता है|
कार्यपालिका संबंधी अधिकार——
उत्तर:-राष्ट्र की संपूर्ण कार्यपालिका शक्ति के प्रधान होने के नाते वह प्रधानमंत्री की नियुक्ति करता है, साथ ही उसकी सलाह से अन्य मंत्रियों की नियुक्ति भी करता है| वह राज्यपालों, सर्वोच्च न्यायालय एवं उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों की नियुक्ति तथा विभिन्न आयोगों के अध्यक्षों की नियुक्ति भी करता है| राजदूतों की नियुक्ति तथा विदेशी राजदूतों के परिचय पत्र को स्वीकार करने का उसे अधिकार दिया गया है| सेना का सर्वोच्च प्रधान होने के नाते युद्ध की घोषणा करने, उसे बंद करने का अधिकार भी उसे प्रदान किया गया है|
वित्त संबंधी अधिकार——-
राष्ट्रपति की स्वीकृति से ही संसद में बजट पेश किया जाता है| धन विधेयक को स्वीकृति प्रदान करता है, वित्त आयोग की नियुक्ति करना भी राष्ट्रपति के महत्वपूर्ण कार्य है|
न्यायपालिका संबंधी अधिकार——-
वह उच्च न्यायालयों एवं सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की बहाली करता है| वह किसी अपराधी की सजा को कम कर सकता है या साफ कर सकता है| वह किसी अपराधी की फांसी की सजा को भी साफ कर सकता है या चाहे तो उसे आजीवन कारावास की सजा में बदल सकता है|
कूटनीतिक एवं संकटकालीन अधिकार——-
वह राजदूतों एवं अन्य प्रतिनिधियों की नियुक्ति करता है| वह अंतर्राष्ट्रीय मामलों में भारत का प्रतिनिधित्व करने के साथ साथ दूसरे देशों के साथ संधि या समझौते भी कर सकता है| वह तीन परिस्थितियों में संकटकाल की उद्घोषणा कर सकता है——–
युद्ध या बाहरी आक्रमण या सशस्त्र विद्रोह की स्थिति में
सांविधानिक तंत्र की विफलता की आशंका होने पर और
आर्थिक संकट की स्थिति में| स्पष्ट है कि राष्ट्रपति के कार्य एवं अधिकार काफी व्यापक है|
2. भारतीय राष्ट्रपति के संकटकालीन अधिकारों का संक्षेप में वर्णन करें|
या, भारतीय राष्ट्रपति के आपातकालीन अधिकारों पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखें|
उत्तर:-राष्ट्रीय संकटकाल में उतपन्न स्थितियों का सामना करने के लिए भारतीय राष्ट्रपति को जर्मन राष्ट्रपति की भांति व्यापक अधिकार प्रदान किए गए हैं| राष्ट्रीय आपातकाल अथवा संकटकाल तीन प्रकार के हो सकते हैं———-युद्ध, बाहरी आक्रमण या सशस्त्र विद्रोह की स्थिति में, राज्य में सांविधानिक तंत्र के विफल होने की स्थिति में, आर्थिक संकट की स्थिति में|
युद्ध, बाहरी आक्रमण या सशस्त्र विद्रोह की स्थिति में——–
यदि राष्ट्रपति को यह विश्वास हो जाए कि देश अथवा देश के किसी भाग में युद्ध, बाहरी आक्रमण या सशस्त्र विद्रोह के कारण देश की आंतरिक स्थिति संकट मे है तो वह अनुच्छेद 352 के तहत संकटकाल की उदघोषणा कर संपूर्ण देश अथवा देश के किसी क्षेत्र विशेष का शासन अपने हाथ में ले सकता है| भारतीय संविधान के 44 वें संसोधन अधिनियम के अनुसार, मंत्रिमंडल के निर्णय के बाद प्रधानमंत्री की लिखित सिफारिश के पश्चात् ही राष्ट्रपति देश में आपातकाल की उदघोषणा कर सकता है|
राज्य में सांविधानिक तंत्र के विफल होने की स्थिति में——-
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 356 के अनुसार, अगर राष्ट्रपति को राज्यपाल द्वारा सूचित किया जाए अथवा जब उसे यह विश्वास हो जाए कि किसी राज्य में संविधान के अनुसार शासन का संचालन नहीं हो रहा है तो ऐसी स्थिति में राष्ट्रपति उस राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू कर सकता है और उस राज्य के शासन की बागडोर अपने हाथ में ले सकता है|
आर्थिक संकट की स्थिति में——-
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 360 के तहत यह व्यवस्था की गई है कि यदि राष्ट्रपति को यह विश्वास हो जाए कि देश में अथवा देश की किसी राज्य क्षेत्र में आर्थिक स्थिरता का गंभीर संकट पैदा हो गया है तो ऐसी स्थिति में वह संकटकाल की घोषणा कर सकता है और स्थितियों का सामना करने के लिए उचित कदम उठा सकता है| अत:, स्पष्ट है कि भारतीय राष्ट्रपति के संकटकालीन अधिकार काफी व्यापक एवं महत्वपूर्ण है|
3. संघीय मंत्रिपरिषद के गठन और कार्यों का वर्णन करें|
उत्तर:-संघीय मंत्रिपरिषद को गठित करने का अधिकार राष्ट्रपति को है| राष्ट्रपति पहले प्रधानमंत्री की नियुक्ति करता है, फिर उसी की सलाह से अन्य मंत्रियों को नियुक्त करता है|
मंत्रिपरिषद के निम्नलिखित कार्य है———-
राष्ट्र की नीति बनना——
मंत्रिपरिषद ही राष्ट्र की नीति बनाती है| आन्तरिक और वैदेशिक दोनों तरह की नीतियाँ मंत्रिपरिषद में ही बनती है|
शासक चलाना——–
देश के शासन का भार मंत्रिपरिषद पर ही है| शासन ठीक ढंग से चलाने के लिए मंत्रिपरिषद के काम बांट दिए जाते हैं|
विधेयक तैयार करना——
कानून बनाने के लिए जो प्रस्ताव संसद में रखा जाता है, उसे विधेयक कहते हैं| विधेयक तैयार करना मंत्रिपरिषद का ही काम है|
बजट बनाना——
बजट बनाना भी मंत्रिपरिषद का कार्य है|
नियुक्ति संबंधी अधिकार——
महत्वपूर्ण पदों पर नियुक्ति राष्ट्रपति मंत्रिपरिषद की सलाह से ही करता है|
योजना बनाना——-
मंत्रिपरिषद ही देश के विकास के लिए योजना तैयार करती है|
संकटकाल की घोषणा——-
राष्ट्रपति मंत्रिपरिषद की सलाह से देश में संकटकाल की घोषणा करता है|
4. प्रधानमंत्री की नियुक्ति कैसे होती है? उनके अधिकार एवं कार्यों का वर्णन करें|
उत्तर:-प्रधानमंत्री की नियुक्ति राष्ट्रपति करता है| वह लोकसभा के बहुमत दल के नेता को प्रधानमंत्री बनाता है| किसी दल को राज्यसभा में स्पष्ट बहुमत नहीं मिलने पर वह वैसे व्यक्ति को प्रधानमंत्री नियुक्त करता है जो लोकसभा में अपना विश्वास मत प्राप्त कर सके|
प्रधानमंत्री को व्यापक अधिकार प्राप्त है| उसके अधिकार और कार्य निम्नलिखित हैं——-
मंत्रिपरिषद का गठन——
राष्ट्रपति मंत्रियों की नियुक्ति प्रधानमंत्री की सलाह से ही करता है|
मंत्रियों के बीच कामों का बंटवारा——-
प्रधानमंत्री ही मंत्रियों के बीच कामों का बंटवारा करता है|
मंत्रिपरिषद को समाप्त करना——-
मंत्रिपरिषद का जीवन प्रधानमंत्री पर ही निर्भर है| वह जब चाहे किसी मंत्री को हटा सकता है| यदि मंत्री हटना नहीं चाहे तो प्रधानमंत्री खुद त्याग पत्र देकर पूरी मंत्रिपरिषद को समाप्त कर सकता है| मंत्रिपरिषद समाप्त कर वह पुनः मंत्रिपरिषद सकता है|
एकता कायम रखना—–
प्रधानमंत्री मंत्रियों के बीच एकता कायम रखता है|
मंत्रिपरिषद का सभापतित्व——-
प्रधानमंत्री मंत्रिपरिषद की बैठकों का सभापति होता है|
राष्ट्रपति और मंत्रिपरिषद के बीच की कड़ी——-
प्रधानमंत्री राष्ट्रपति को मंत्रिपरिषद के निर्णयों की सूचना देता है|
लोकसभा का नेता——
प्रधानमंत्री लोकसभा का नेता होता है| वह लोकसभा में सरकार की ओर से भाषण देता है|
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