Bharti Bhawan Geography Class-9:Chapter-15:Very Short Type Question Answer:Short Type Question Answer:Long Answer Type Question Answer:भूगोल:कक्षा-9:अध्याय-15:अति लघु उत्तरीय प्रश्न उत्तर:लघु उत्तरीय प्रश्न:दीर्घ उत्तरीय प्रश्न







मानव जनित आपदाएँ—–नाभिकीय, जैविक और                              रासायनिक








कारण बताएं——




1. हिरोशिमा और नागासाकी पर परमाणु बम गिराने के बाद अब तक किसी देश ने युद्ध में परमाणु अस्त्र का प्रयोग करने का साहस नहीं किया| क्यों? 
उत्तर:-वृहत् पैमाने पर होनेवाली जनहानि के कारण और इसका प्रभाव कयी वर्षों तक रहता है|
2. नाभिकीय रिएक्टर भी बहुत घातक माने जाते हैं| क्यों? 
उत्तर:-उससे भी विकिरण हो सकते हैं|
3. परमाणु ऊर्जा को घातक जानते हुए भी भारत उपग्रह के निर्माण और प्रक्षेपण में लगा है| क्यों? 
उत्तर:-ताकि ऊर्जा की जरूरत को पूरा किया जा सके|
4. भारत में गरीबी है, फिर भी उसने अपना राकेट चांद पर भेजा है और दूसरे को भेजने की तैयारी कर रहा है| जबकि यह बहुत खर्चीला है| क्यों? 
उत्तर:-इससे टेक्नोलॉजी का विकास होगा| गरीबी दूर करने में इसका उपयोग हो सकता है|
5. रासायनिक उद्योगों में हवा की दिशा जानने का उपकरण लगा होता है| क्यों? 
उत्तर:-रिसाव की स्थिति में लोगों को सावधान किया जा सके
6. भारत में 1960 के दशक से रासायनिक उर्वरकों का प्रयोग तेजी से किया गया| क्यों? 
उत्तर:-कृषि क्षेत्र में आत्मनिर्भरता प्राप्त हो
7. कभी कभी दामोदर घाटी क्षेत्र में अम्ल वर्षा होती है| क्यों? 
उत्तर:-वहाँ के उद्योगों से उत्पन्न कार्बन डाइऑक्साइड मेथैन, सल्फर डाइऑक्साइड, नाइट्रोजन आक्साइड वायुमंडल की निचली परत में जमा होकर अम्लीय वर्षा के कारण बनते हैं|
8. भोपाल में एक कारखाना यूनियन कार्बाइड था, जो बंद हो गया है| क्यों? 
उत्तर:-क्योंकि विषैले गैस के रिसाव से बहुत बड़ी दुर्घटना हो गयी|
9. महानगरों में सांस लेने में कभी कभी दम घुटने लगता है| क्यों? 
उत्तर:-वायु प्रदूषण के कारण
10. भारत जैसे शांतिप्रिय देश में आजादी के साथ ही परमाणु ऊर्जा के विकास पर बल दिया गया| क्यों? 
उत्तर:-देश की सुरक्षा एवं विकास निश्चित हो 
11. वेग का नाभिकीय रिएक्टर निर्जन स्थान पर स्थापित किया गया है| क्यों? 
उत्तर:- रिसाव की स्थिति में जनहानि कम हो
12. तांबे के कारखाने में सुरक्षा का प्रबंध अधिक होता है| क्यों? 
उत्तर:-क्योंकि गैस का रिसाव होने पर बड़ी दुर्घटना हो सकती है|
13. ऐंथ्रैक्स के प्रयोग पर प्रतिबंध लगा है| क्यों? 
उत्तर:-इससे जानलेवा बिमारी फैलती है|
अति लघु उत्तरीय प्रश्न







1. नागासाकी पर कब परमाणु बम गिराया गया? 
उत्तर:-9 अगस्त 1945 ई० में
2. रासायनिक युद्ध क्या है? 
उत्तर:-रासायन का युद्ध में प्रयोग| जैसे यहूदियों की हत्या विषैली गैसों के चेंबर में की गयी|
3. जैविक आपदा से बचाव के उपाय बताएं|
उत्तर:-स्वच्छ ताजा और गर्म भोजन करना
4. भोपाल गैस त्रासदी कब हुई थी? 
उत्तर:-2-3 दिसम्बर 1984 ई० में
5. जापान के शहरों पर कब परमाणु बम गिराया था? 
उत्तर:- जापान के हिरोशिमा पर 6 अगस्त तथा नागासाकी पर 9 अगस्त 1945 को परमाणु बम गिराया गया था|
6. मानवजनित आपदा क्या है? 
उत्तर:-जो आपदा मानवीय कारणों से जाने अनजाने में घटित होती है, उसे मानवजनित आपदा कहा जाता है|
7. मानवजनित आपदा का क्या क्या कारण होता है? 
उत्तर:-मानवीय भूल, कार्यकुशलता में कमी, लापरवाही, अज्ञानता, अविवेक, अधिक लालच की प्रवृत्ति या दु:साहस के कारण मानवजनित आपदाएँ उत्पन्न होती है|
8. मानवजनित आपदाएँ मुख्यतः कितने प्रकार की होती है? 
उत्तर:-तीन
9. मानवजनित आपदा के तीन प्रकारों के नाम लिखें|
उत्तर:-नाभिकीय आपदा, रासायनिक आपदा और जैविक आपदा
10. रेडियोधर्मी धातुओं की खोज कब की गयी? 
उत्तर:-20 वीं सदी के पूर्वार्द्ध में
11. कुछ रेडियोधर्मी धातुओं/खनिजों के नाम लिखें|
उत्तर:-यूरेनियम, थोरियम, रेडियम, प्लूटोनियम इत्यादि|
12. रेडियोधर्मी धातुओं से निकलनेवाली किरणों के नाम लिखें|
उत्तर:-अल्फा, बीटा, गामा
13. परमाणु ऊर्जा का एक आर्थिक उपयोग लिखें|
उत्तर:-इससे बिजली बनायी जा सकती है|
14. परमाणु शक्ति संपन्न संपन्न देशों में भारत की क्या स्थिति है? 
उत्तर:-भारत विश्व के कुछ चुने हुए देशों में स्थान रखता है जहाँ परमाणु अस्त्र भी है और नाभिकीय रिएक्टर भी|
15. भारत की पहली परमाणु भट्ठी कब और कहाँ स्थापित की गई थी? 
उत्तर:-4 अगस्त 1956 को भारत की पहली परमाणु भट्ठी अप्सरा ट्राम्बे में स्थापित की गयी थी|




16. परमाणु कचरा से आप क्या समझते हैं? 
उत्तर:-परिष्कृत यूरेनियम या किसी ऐसे पदार्थ से ऊर्जा प्राप्त करने के बाद बची राख को परमाणु कचरा कहा जाता है|
17. परमाणु कचरा क्यों हानिकारक है? 
उत्तर:-परमाणु कचरा में रेडियोसक्रियता बनी रहती है, जिससे हानिकारक किरणें निकलती रहती है| इसी कारण यह हानिकारक है|
18. परमाणु कचरे को कहाँ और कैसे गाड़ना चाहिए? 
उत्तर:-परमाणु कचरे को सीसे के सिलिंडरों में बंदकर बहुत अधिक गहराई पर गाड़ देना चाहिए|
19. परमाणु कचरे का निष्पादन कहाँ करना चाहिए? 
उत्तर:-परमाणु कचरे को भूकंप या ज्वालामुखी से कम संवेदनशील स्थानों पर निष्पादित करना चाहिए|
20. परमाणु ऊर्जा किसका विकल्प है? 
उत्तर:-परमाणु ऊर्जा परंपरागत ऊर्जा साधनों का विकल्प है|
21. परमाणु आपदा से बचने के लिए विश्व कब एकमत हुआ? 
उत्तर:-जापान पर किए गए परमाणु विस्फोट के बाद से विश्व परमाणु आपदा से बचने के लिए एकमत हो गया|
22. परमाणु आपदा संबंधी महत्वपूर्ण संधियाँ कौन सी है? 
उत्तर:-परमाणु परीक्षण और परमाणु युद्ध समाप्त करने की दिशा में परमाणु परीक्षण प्रतिबंध संधि एवं परमाणु अप्रसार संधि महत्वपूर्ण है|
23. रसायन से भूमिगत जल प्रदूषित कैसे होता है? 
उत्तर:-वर्षा जल के साथ जमीन के अंदर जानेवाले रसायनों से भूमिगत जल प्रदूषित होता है|
24. महानगरों में परिवहन साधनों से निकलनेवाली गैसें मानवीय स्वास्थ्य को कैसे दुष्प्रभाव करती है? 
उत्तर:-महानगरों में परिवहन साधनों से निकलनेवाली कार्बन डाइऑक्साइड एवं मेथेन गैसें त्वचा, आंख एवं श्वसन प्रणाली को दुष्प्रभाव करती है|
25. अम्लीय वर्षा के लिए जिम्मेवार गैसों के नाम लिखें|
उत्तर:-सल्फर डाइआक्साइड और नाइट्रोजन आक्साइड हवा में उपस्थित होकर अम्लीय वर्षा का कारण बनती है|
26. भारत में अम्लीय वर्षा से प्रभावित दो क्षेत्रों के नाम लिखें|
उत्तर:-आगरा से मथुरा तक, दामोदर घाटी क्षेत्र
27. घातक बीमारियों के नाम लिखें|
उत्तर:-घातक बीमारियों में हेपेटाइटिस A, B, C इंफ्लुएंजा, लाइम डिजिज मिजिल्स, एड्स इत्यादि शामिल हैं|
लघु उत्तरीय प्रश्न







1. परमाणु ऊर्जा का क्या अर्थ है? 
उत्तर:- यूरेनियम, रेडियम, प्लूटोनियम, थोरियम जैसी धातुओं के नाभिकीय विखंडन से अपार ऊर्जा निकलती है | सामान्य स्थिति में भी इनसे अल्फा, बीटा और गामा किरणें निकलती रहती है| परंतु विशेष प्रकार के नाभिकीय रिएक्टरों द्वारा इस गति को तीव्र कराया जाता है, जिससे प्राप्त ऊर्जा परमाणु ऊर्जा कहलाती है|
2. किस दिन विश्व में पहला परमाणु बम गिराया गया था और कहाँ? 
उत्तर:-विश्व में पहला परमाणु बम जापान के हिराशिमा नामक शहर में 6 अगस्त 1945 ई० में गिराया गया था|
3. भारत में कब और कहाँ परमाणु परीक्षण किया गया? 
उत्तर:-18 मई 1974 को पोखरन नामक स्थान में परमाणु परीक्षण किया गया| उसके बाद उसी स्थान में 11 मई 1998 ई० को पुनः परीक्षण किया गया|
4. नाभिकीय विकिरण से उत्पन्न घातक किरणों के नाम लिखें|
उत्तर:- a, b एवं y किरण
5. किस देश में यहूदी लोगों को गैस चेंबर में बंदकर मारा गया था|
उत्तर:-जर्मनी में
6. कीटनाशकों में किस रासायनिक पदार्थ का अधिक उपयोग होता है|
उत्तर:-गैमेक्सेन डी०डी०टी०, जिंक फास्फाइड आदि|
7. हैजा और पलेग फैलने का कारण स्पष्ट करें|
उत्तर:-जल के प्रदूषित होने या हवा की गंदगी से फैलता है|
8. हेपेटाइटिस बीमारी के कारणों का वर्णन करें|
उत्तर:- विषाणु के संक्रमण से होता है|
9. एड्स क्या है? इसे घातक क्यों माना जाता है? 
उत्तर:-एड्स का पता भारत में 1986 में चला जिसमें संक्रमित व्यक्ति के रोग प्रतिरोधक क्षमता धीरे धीरे घटती जाती है| यह एक विशेष प्रकार के वाइरस से होता है, जिसे एचआईवी कहा जाता है| यह साधारण संपर्क में नहीं फैलता है| भारत में लगभग 25 लाख लोग एचआईवी से संक्रमित हैं|
10. जैविक आपदा से बचाव के तरीकों को लिखें|
उत्तर:- स्वच्छ, ताजा एवं गर्म भोजन करना
पानी को उबालकर पीना
कीटनाशकों का आवश्यकतानुसार छिड़काव करना
अनजान व्यक्ति द्वारा दिए गए बंद पदार्थों को न छूना, न खोलना
अनजानी वस्तु को छूते समय दस्ताना पहनना
जैविक अस्त्रों के विरुद्ध अत्यंत कठोर अंतराष्ट्रीय प्रतिबंध लगाना
संदेह की स्थिति में विशेष प्रकार के प्रशिक्षित कुत्तों की मदद लेना
11. रासायनिक आपदा से बचाव के कुछ दीर्घकालीन सुझाव दें|
उत्तर:-रासायनिक उर्वरकों की जगह जैविक खाद के प्रयोग पर बल देना चाहिए|
कार्बन डाइऑक्साइड, मैथेन,सल्फर डाइऑक्साइड जैसी विनाशकारी गैसों के उत्सर्जन पर नियंत्रण स्थापित किया जाना चाहिए|
उद्योगों को बस्तियों से दूर लगाया जाना चाहिए|
12. रासायनिक आपदा से निपटने के कुछ तात्कालिक प्रबंधों का उल्लेख करें|
उत्तर:-रासायनिक कारखानों में अग्निशामक एवं जल का पर्याप्त भंडार होना चाहिए|
कारखानों में गैस रिसाव जांच यंत्र अनिवार्यतः होना चाहिए|
सभी कर्मचारियों की एक निश्चित अंतराल पर चिकित्सीय जांच होती रहनी चाहिए|
रासायनिक आयुधों एवं अन्य अनावश्यक पदार्थों के उत्पादन पर प्रतिबंध लगाना चाहिए|
गैस रिसाव रोकने के उपकरण एवं अन्य आकस्मिक सुविधाएँ उपलब्ध करायी जानी चाहिए|
13. रासायनिक आपदा प्रबंधन हेतु कुछ दीर्घकालीन उपायों की चर्चा करें|
उत्तर:-कृषि क्षेत्र में रासायनिक उर्वरकों की जगह जैविक खाद का प्रयोग को प्रोत्साहन दिया जाना चाहिए|
विनाशकारी गैसों के उत्सर्जन पर नियंत्रण के उपाय होने चाहिए|
बस्तियों से दूर उद्योगों को लगाना चाहिए|
उद्योगों के निकट अस्पताल, स्वच्छ जल एवं नि:शुल्क चिकित्सा की व्यवस्था होनी चाहिए|
14. कालाजार क्या है? यह कैसे फैलता है? 
उत्तर:-कालाजार बीमारी बालू मक्खी द्वारा फैलती है| इससे अनियमित बुखार होता है| लवीर और तिल्ली में सूजन आ जाती है| भारत में उत्तर प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल का बाढ़ या जलजमाव का क्षेत्र इस बीमारी का क्षेत्र है| 1992 में इन क्षेत्रों में लगभग 77,000 तथा 1995 में 2 लाख 56 हजार लोगों की मृत्यु इस बीमारी से हुई थी|
15. महानगरो ं में कभी कभी सड़कों पर दम घुटने लगता है| क्यों? 
उत्तर:-महानगरों में बदलती जीवन पद्धति के कारण वाहनों की संख्या लगातार बढती जा रही है| इन वाहनों से विभिन्न प्रकार की प्रदूषित गैसें निकलती है जिससे सड़कों पर आक्सीजन की मात्रा तुलनात्मक रूप से तथा आवश्यकता से कम हो जाती है| फलतः सड़कों पर दस घुटने लगता है|
16. एड्स की बीमारी कैसे फैलती है? उल्लेख करें|
उत्तर:-एड्स एक जानलेवा बीमारी है| यह दीर्घकाल तथा प्रभावित करनेवाली बीमारी है| जिसमें रोग प्रतिरोधक क्षमता समाप्त होने लगती है| यह एचआईवी वाइरस के कारण होता है तथा यह वंशानुगत होता है| संक्रमित माता से यह बच्चे में फैल जाती है| संक्रमित खून चढाने से भी यह बीमारी फैलती है| परंतु साधारण संपर्क से यह नहीं फैलता है|
17. जैविक अस्त्र से उत्पन्न आपदा का वर्णन करें|
उत्तर:-जैविक अस्त्र युद्ध के मारक अस्त्रों की एक नयी तकनीक है जिसे आतंक और भारी विनाश का अस्त्र भी कहा गया है| इस तकनीक का विकास का जापान में हुआ, परंतु उपयोग 2001 में अमेरिकी के वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के हमले के बाद हुआ| विषैले जीवाणुओं को डाकपत्रों के द्वारा गंतव्य स्थानों पर भेजा जाता है| इस पत्रों को खोलते ही इनमें उपस्थित जीवाणु सांस द्वारा फेफड़े तक पहुँचकर हानि पहुंचते है और जहर फैलने लगता है| इन्हें बीमारी या रुग्णता के विषाणु कहा जाता है| इनमें एक विषाणु का नाम ऐंथ्रैक्स है|
18. जीवाणु अथवा विषाणु के घातक प्रभाव से बचाव के उपाय लिखें|
उत्तर:-ताजा गर्म भोजन करना तथा स्वच्छ जल पीना चाहिए|
जलजमाव को दूर करना चाहिए|
खुले स्थानों पर कीटनाशकों का प्रयोग होना चाहिए|
डी०डी०टी० का छिड़काव निश्चित अंतराल होना चाहिए|
लोगों को खून की जांच कराते रहनी चाहिए|
सार्वजनिक शौचालयों को साफ रखना चाहिए|
विद्यालयों में छात्रों को इसकी सम्यक जानकारी दी जानी चाहिए|
घर की साफ सफाई पर भी विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए|
घरों के आस पास मुहल्लों में भी साफ सफाई होती रहनी चाहिए|
19. जैविक आपदा पर एक संक्षिप्त निबंध लिखें|
उत्तर:-हवा या पानी में ऐसे कयी जीवाणु या वीषाणु होते हैं जो दिखाई नहीं देते| इनमें से कुछ लाभदायक होते हैं तथा कुछ अत्यंत ही घातक होते हैं| ये बड़ी तेजी से फैलते है| इनके संपर्क में आनेवाला कोई भी जीव या मानव इनसे संक्रमित हो जाता है जो मानवजीवन के लिए घातक सिद्ध होता है| संयुक्त राज्य अमेरिका के रुग्णता नियंत्रण एवं रोकथाम केंद्र ने जैविक आपदा को चार वर्गों में बांटा है| इन्हें क्रमशः कम विनाशकारी, घातक, अति घातक तथा दीर्घकाल तक प्रभावित करनेवाली बीमारियाँ कहा जाता है| संयुक्त राष्ट्र ने जैविक आपदा से सजग रहने के लिए एक प्रतीक भी विकसित किया है| चूंकि इन जीवाणुओं या विषाणुओं का फैलाव मानव शरीर में बड़ी तेजी से होता है| इसलिए इनसे बचने का प्रबंधन शीघ्र और प्रभावशाली होना चाहिए|
20. रासायनिक आपदा पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखें|
उत्तर:-रसायनों का प्रयोग प्राचीनकाल से ही विभिन्न कार्यों में हो रहा है| परन्तु वर्तमान समय में इनका उपयोग जीवन के हर क्षेत्र में हो रहा है| इन रसायनों के उत्पाद से संबंधित समस्याओं ने आपदा का रुप ले लिया है| इन आपदाओं को तीन वर्गों में रखा जाता है——(क) विषैले रासायनिक उत्पाद से उत्पन्न होनेवाली गुप्त आपदाएँ  (ख) रासायनिक युद्ध सामग्री के उपयोग से उतपन्न आपदाएँ एवं (ग) रासायनिक औद्योगिक इकाइयों में रिसाव और कचरे से उतपन्न आपदाएँ| रासायनिक आपदा से बचने के लिए दो प्रकार के प्रबंधन——–(1) तात्कालिक प्रबंधन एवं (2) दीर्घकालीन प्रबंधन की आवश्यकता है|
21. रासायनिक युद्ध सामग्री के उपयोग से उत्पन्न आपदा की चर्चा करें|
उत्तर:-प्रथम विश्वयुद्ध के बाद से ही यूरोप में रासयनिक अस्त्रों का विकास प्रारंभ हो गया और द्वीतीय विश्वयुद्ध में इसका व्यापक उपयोग हुआ| जर्मनी में लाखों यहूदियों की हत्या विषैले गैस चेंबर में की गई| वियतनाम में अमेरिका के रासायनिक अस्त्रों के प्रयोग से जंगल नष्ट हो गये| अमेरिका ने इराक पर हमला सिर्फ इसी आरोप पर किया था कि वह विनाशक रासायनिक अस्त्रों का भंडार बढ़ा रहा है| ये विषैली गैसें श्वसन प्रणाली और शरीर की त्वचा पर सबसे पहले और अधिक प्रभाव डालती है जो अंततः मृत्यु का कारण बन जाती है|
22. रासायनिक औद्योगिक इकाइयों में रिसाव और कचरे से उत्पन्न किसी एक आपदा का संक्षिप्त वर्णन करें|
उत्तर:-रासायनिक औद्योगिक इकाइयों में कयी विनाशकारी रसायनों का उपयोग किया जाता है| इनमें थोड़ी सी भूल भयानक आपदा का रूप ले लेती है| इस संदर्भ में दिसम्बर 1984 को भोपाल गैस त्रासदी उल्लेखनीय है| यहाँ स्थित यूनियन कार्बाइड फैक्टरी का में कीटनाशी बनाने के लिए मेथिल आइसोसाइनेट का उपयोग होता था| 2-3 दिसम्बर की रात्रि को इस यौगिक के रिसने से हवा में मिलकर दूर दूर तक यह गैस फैल गयी जिससे लगभग 2000 लोगों की जानें गयी और 10000 से अधिक लोग प्रभावित हुए| कुल मिलाकर 16000 लोग मरे तथा 50 हजार से अधिक लोग अपंग हो गये|
23. नाभिकीय आपदा का संक्षेप में वर्णन करें|
उत्तर:-रेडियोधर्मी खनिजों के नाभिकीय विखंडन से अपार ऊर्जा मुक्त होती है| सामान्य स्थिति में भी इनसे निरंतर अल्फा बीटा और गामा नामक हानिकारक किरणें निकलती रहती है| इसी सिद्धांत के आधार पर कुछ विकसित देशों ने परमाणु बम भी बन रखे हैं| परमाणु बम विस्फोट अथवा नाभिकीय ऊर्जा प्राप्ति के बाद कचरे से भी हानिकारक प्रभाव जारी रहता है जिसे नाभिकीय आपदा कहा जाता है| अमेरिका के श्रीमाइल आइलैंड के रिएक्टर में तथा रूस के चेर्नोबिल शहर स्थित रिएक्टर में रिसाव से रेडियोधर्मी किरणों के प्रभाव से भयंकर दुर्घटना हुयी थी जिससे सैकड़ों लोग मारे गए थे इससे पूर्व जापान के हिरोशिमा और नागाशाकी शहरों पर अमेरिका द्वारा जो बम गिराया गया था, उसका असर आज भी देखा जा रहा है|
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न








1. नाभिकीय विकिरण का मानव जीवन पर क्या प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है? इससे होनेवाली अन्य हानियों का उल्लेख करें|
उत्तर:-1986 में तत्कालीन सोवियत संघ के चेर्नोबिल नगर के रिएक्टर में रिसाव के कारण रेडियोधर्मी किरणों के प्रभाव से आसपास के सैकड़ों लोग मर गए थे| शेष को विस्थापित कर बचा लिया गया| परंतु इसका प्रभाव दूर दूर तक वर्षों तक अनुभव किया गया| इसके अन्य हानियाँ कि बच्चे अपंग पैदा होते हैं| उनके पास रहने वाले लोगों में विकिरण से संबंधित अनेक बीमारियाँ होती रहती है|
2. परमाणु ऊर्जा के लाभों का वर्णन करें|
उत्तर:-(क) परमाणु ऊर्जा के माध्यम से बिजली की पैदावार जीवाश्म ईंधन (कोयला और तेल) से उत्पन्न ऊर्जा की मात्रा कम करती है| जीवाश्म ईंधन के कम उपयोग का अर्थ है ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन (सीओ2 और अन्य) कम करना|
(ख) वर्तमान में, जीवाश्म ईंधन का उत्पादन तेजी से किया जाता है, इसलिए अगले भविष्य में इन संसाधनों को कम किया जा सकता है या अधिक जनसंख्या के लिए कीमत अधिक हो सकती है|
(ग) एक अन्य लाभ ईंधन की आवश्यक मात्रा है, कम ईंधन अधिक ऊर्जा प्रदान करता है यह कच्चे सामग्रियों पर एक महत्वपूर्ण बचत का प्रतिनिधित्व करता है परन्तु परमाणु ईंधन के परिवहन संचालन और निष्कर्ष में भी| परमाणु ईंधन (संपूर्ण यूरेनियम) की लागत उत्पन्न ऊर्जा की लागत का 20 प्रतिशत है|
(घ) केन्द्रीय टर्मोलेक्ट्रिका डी आयोवा (ईईयूयू) विद्युत ऊर्जा का उत्पादन निरंतर है एक परमाणु ऊर्जा संयंत्र लगभग 90 प्रतिशत वार्षिक समय के लिए बिजली पैदा कर रहा है| इससे पेट्रोल जैसे अन्य ईंधन की कीमत में अस्थिरता कम हो जाती है|
(ड़) यह निरंतरता बिजली के नियोजन को लाभ देती है परमाणु शक्ति प्राकृतिक पहलुओं पर निर्भर नहीं करती है| यह सौर ऊर्जा या ऊलिक ऊर्जा जैसे नवीकरणीय ऊर्जा के मुख्य नुकसान के लिए समाधान है, क्योंकि सूर्य या हवा के घंटे अधिक ऊर्जा की माँग के साथ घंटों के साथ हमेशा मेल नहीं खाते हैं|
(च) यह जीवाश्म ईंधन के लिए एक विकल्प है, इसलिए कोयले या तेल जैसे ईंधन की खपत कम हो जाती है| कोयले और तेल की खपत में कमी से ग्लोबल वार्मिंग और वैश्विक जलवायु परिवर्तन की स्थिति को फायदा होता है| जीवाश्म ईंधन की खपत को कम करके हम बीमारी और जीवन की गुणवत्ता को प्रभावत करने वाली हवा की गुणवत्ता में सुधार भी करते हैं|
3. भारत कब से परमाणु ऊर्जा के विकास में रूचि ले रहा है? इस क्षेत्र में हुए कुछ कार्यों का उल्लेख करें|
उत्तर:- भारत 10 अगस्त 1948 को ही परमाणु ऊर्जा आयोग गठित हुआ और बाद में अगस्त 1954 में परमाणु ऊर्जा विभाग का संगठन किया गया| 4 अगस्त 1956 में पहली परमाणु भट्ठी अप्सरा ट्राम्बे में स्थापित की गयी| 18 मई 1974 को राजस्थान के पोखरन क्षेत्र में पहला परमाणु बम विस्फोट कराया गया| पुनः 24 वर्ष बाद 1998 में 11 मई को थर्मोन्यूवलीय बम विस्फोट का अद्भुत  प्रयोग किया गया|
4. गैस रिसाव से बचाववाली सावधानियों का वर्णन करें|
उत्तर:-(क)गैस रिसाव से बचाववाली सावधानियाँ निम्न हैं—–(1) सभी रासायनिक उत्पाद के कारखानों में पर्याप्त मात्रा में अग्निशामक एवं जल का भंडार रहना चाहिए|
(ख) वायु दिशामापी कारखाने के प्रांगण में रहनी चाहिए जिससे गैस के रिसाव की स्थिति में वायु की दिशा का ज्ञान हो सके|
(ग) कारखानों में गैस की जांच का यंत्र लगा होना चाहिए| किसी रिसाव की हालत में तेज साइरन बजाकर लौगों को चेतावनी देनी चाहिए|
(घ) गैसरोधी मास्क, दस्ताना, ट्राउजर और जूते हर कर्मचारी के पास रहना चाहिए|
(ड़) सभी कर्मचारियों का एक निश्चित अंतराल के बाद चिकित्सकों द्वारा जांच होनी चाहिए|
(च) गैस रिसाव रोकने की तकनीक का उपयोग होना चाहिए|
(छ) गैस के संग्रह के उपकरणों को मानक स्तर का रखना चाहिए|
(ज) रासायनिक आयुधों एवं अन्य अनावश्यक पदार्थों के उत्पादन पर प्रतिबंध लगाना चाहिए|
5. रासायनिक आपदा से उतपन्न समस्याओं का वर्णन करें|
उत्तर:-रासायनिक आपदा से उतपन्न समस्या जैसे भोपाल गैस त्रासदी आस पास के क्षेत्रों में सोये लोगों की सांस में ज्योहीं गैस चलती गयी, देखते देखते 2000 के करीब लोग अपनी जान खो बैठे और 10 हजार से भी अधिक लोगों को इसका शिकार होना पड़ा| कयी लोगों की आंखों की रोशनी चली गई और बहुतों के फेफड़े क्षतिग्रस्त हो गये| तूतीकोरिन की तांबे की फैक्टरी में पांच जुलाई 1997 को गैस रिसाव से कारखाने में कार्यरत 90 लड़कियाँ प्रभावित हुयी| छाती में जलन निमोनिया और पेट की बीमारियों से ये लड़कियाँ ग्रसित हो गई|
6. जैविक आपदा कितने प्रकार की होती है? विवरण दें|
उत्तर:-(क) कम विनाशकारी बीमारियाँ——–सामान्य चिकेन पाक्स , केनिन हेपेटाइटिस जैसी बीमारियाँ सूक्ष्म जीवाणुओं और वाइरस से उत्पन्न होती है और फैलती हैं| इनका इलाज कठिन नहीं है| 
(ख) घातक बीमारियां—–इस वर्ग में हेपेटाइटिस ए, बी, सी इंफ्लुएंजा, लाइम डिजिज मिजिल्स, चिकेन पाक्स और एड्स जैसी घातक बीमारियां आती है|
(ग) बड़े क्षेत्र को प्रभावित करनेवाली अति घातक बीमारियां—– इस वर्ग के अंतर्गत एंथ्रेक्स, पश्चिमी नील वाइरस, वेनेजुएलियन इन्सेफेलाइटिस, स्माल पाक्स, टयूबरकुलोसिस वाइरस, रिफ्टवैली फीवर, येलो फीवर, मलेरिया, हैजा और डायरिया इत्यादि बीमारियों को रखा गया है| जो बड़ी जल्दी एक बड़े क्षेत्र में फैल जाती है| इनके विषाणु और वाइरस अत्यंत घातक होते हैं| और इलाज महंगा पड़ता है|
(घ) दीर्घकाल तक प्रभावित करनेवाली बीमारियाँ—–इस वर्ग में अत्यंत घातक बीमारियां आती है जो या तो जल्दी मृत्यु का कारण बनती हैं या बहुत देर बाद इनका पता चलता है तब तक स्थिति नाजुक हो जाती है| एड्स, वाइरस वोलिवियन, अर्जेंटियन फीबर, बर्ड फ्लू, डेंगू बुखार, मारवर्ग बुखार, एबोला बुखार इत्यादि इनमें प्रमुख है|
7. नाभिकीय ऊर्जा एवं इससे संबंधित आपदा का विस्तृत विवरण दें|
उत्तर:- 20 वीं सदी के पूर्वार्द्ध में कुछ में कुछ ऐसी धातुओं की खोज की गयी, जिनके नाभिकीय विखंडन से अपार ऊर्जा मिलती है| सामान्य स्थिति में भी इनसे निरंतर अल्फा, बीटा एवं गामा किरणें निकलती रहती है| विशेष प्रकार के नाभिकीय रिएक्टरों द्वारा इस क्रिया को तीव्र एवं नियंत्रित गति से कराया जाता है, जिससे निकलनेवाली ऊर्जा से बिजली बनाना भी संभव है| इस प्रकार, यह ऊर्जा परंपरागत ऊर्जा का एक उत्तम वैकल्पिक स्रोत है| परंतु, विश्व के कयी देशों ने इसके जरिए परमाणु बमों का निर्माण किया है, जिनके विस्फोट से भारी तबाही होती है| इसे ही नाभिकीय आपदा कहा जाता है| इसके विस्फोट के बाद वर्षों वर्षों तक इसका दुष्प्रभाव जारी रहता है| जापान के हिरोशिमा और नागासाकी की शहरों पर 1945 में गिराए गये परमाणु बमों का असर आज भी है| यहीं नहीं कभी कभी परमाणु बिजली घर तथा नाभिकीय रिएक्टर में रिसाव से भी भयंकर दुर्घटनाएँ होती है| अमेरिका के श्रीमाइल द्वीप तथा रुस के चेर्नोबिल शहर के रिएक्टर में रिसाव से उतपन्न रेडियोधर्मी किरणों के प्रभाव से आसपास के सैकड़ों लोग मारे गए थे| इसलिए आवश्यकता इस बात की है कि इस आपदा से बचाव के लिए सबसे पहले सतर्कता एवं रिएक्टरों की निरंतर जांच पड़ताल होनी चाहिए| चूंकि ऊर्जा प्राप्त करने के बाद बची राख या कचरे में भी रेडियोसक्रियता बन रहती है| इसलिए इस कचरे को सीसे के सिलिंडरों में बंद कर बहुत अधिक गहराई पर गाड़ देना चाहिए| साथ ही, यह भी ध्यान में रखना चाहिए कि यह कचरा भूकंप एवं ज्वालामुखी से सबसे कम संवेदनशील स्थानों में गाड़ा जाए, क्योंकि भूकंप या ज्वालामुखी विस्फोट के समय इस कचरे के पुनः ऊपर आने का खतरा बना रहता है|
8. जैविक आपदा से बचने के उपायों का उल्लेख करें|
उत्तर:-स्वच्छ, ताजा और गर्म भोजन करना
जल को उबाल कर पीना
कीटनाशकों का छिड़काव
अनजान व्यक्ति द्वारा दिए गए बंद पदार्थों को न छूना, न खोलना, क्योंकि इसमें ऐंथ्रैक्स के होने की संभावना हो सकती है|
अनजानी वस्तु को छूते समय दस्ताना पहने रहना
संदेह की स्थिति में विशेष प्रकार के प्रशिक्षित कुत्तों की मदद लेना
जैविक अस्त्रों के विरुद्ध अत्यंत कठोर अंतराष्ट्रीय प्रतिबंध लगाना
9. रासायनिक आपदा पर एक विस्तृत निबंध लिखें|
उत्तर:-रसायनों का उपयोग प्राचीनकाल से ही होता रहा है| आज इनके विविध उपयोग है| जीवन के प्रायः सभी कार्यों में रसायन का उपयोग हो रहा है| परंतु, इन रसायनों के उत्पाद से संबंधित समस्याएँ कयी क्षेत्रों में आपदा का रुप धारण कर लेती है| रासायनिक आपदाएँ तीन प्रकार की होती है——(क) विषैले रासायनिक उत्पाद से उत्पन्न होनेवाली गुप्त आपदाएँ इसमें आपदा का अनुभव बहुत देर बाद होता है जैसे भारत में 1960 के दशक में कृषि उपज बढाने के लिए रासायनिक उर्वरकों एवं कीटनाशकों का उपयोग किया गया| इनकी जो मात्रा पौधों के उपयोग से बच गयी उससे मृदा प्रदूषण हुआ| साथ ही, भूमिगत जल भी दूषित हुआ (ख) रासायनिक औद्योगिक युद्ध सामग्री के उपयोग से उत्पन्न आपदाएँ इसमें युद्ध के लिए रसायन का उपयोग शामिल है| जर्मनी में लाखों यहूदियों की हत्या विषैली गैस चेंबर में की गयी थी| (ग) रासायनिक औद्योगिक इकाइयों में रिसाव और कचरे से उत्पन्न आपदा इसके तहत भोपाल गैस दुर्घटना उल्लेखनीय है जिससे लगभग 16000 लोगों की मौत हुयी और 50000 से अधिक लोग अपंग हो गये| रासायनिक आपदा से बचने के लिए तात्कालिक एवं दीर्घकालिक प्रबंधन आवश्यक है| तात्कालिक प्रबंधन के अंतर्गत आपदा से निपटने की पूर्व तैयारी शामिल हैं| कारखानों में गैस रिसाव की जांच निरन्तर होनी चाहिए| गैसरोधी मास्क, दस्ताना, ट्राउजर और जूते हर कर्मचारी के पास होनी चाहिए तथा कारखानों के निकट रासायनिक आपदा से निपटने की पूरी व्यवस्था होनी चाहिए | दीर्घकालिक प्रबंधन के अंतर्गत रासायनिक उर्वरकों की जगह जैविक खाद के प्रयोग को मान्यता मिलनी चाहिए| विनाशकारी गैसों के उत्सर्जन पर नियंत्रण आवश्यक है| वाहनों के इंजनों की जांच नियमित अंतराल पर होनी चाहिए| उद्योगों के निकट अस्पताल होना चाहिए तथा स्वयंसेवी संस्थाओं द्वारा इस संदर्भ में जागरूकता, परामर्श एवं प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाना चाहिए|
10. जैविक आपदा कितने प्रकार की होती है? इससे बचने के उपायों का विस्तृत विवरण दें|
उत्तर:-हवा एवं पानी में ऐसे सूक्ष्म बैक्टीरिया एवं वाइरस होते हैं जो लाभदायक एवं हानिकारक दोनों होते हैं| मानव शरीर में जाने ये बड़ी तेजी से फैलते है तथा इसके लिए घातक सिद्ध होते हैं| संयुक्त राज्य अमेरिका के रुग्णता नियंत्रण एवं रोकथाम केन्द्र ने जैविक आपदा को चार वर्गों में बांटा है——(1) कम विनाशकारी बीमारियाँ (2) घातक बीमारियाँ (3) बड़े क्षेत्र को प्रभावित करनेवाली अति घातक बीमारियाँ एवं (4) दीर्घकाल तक प्रभावित करनेवाली बीमारियाँ| इनमें कम विनाशकारी बीमारियों से सामान्य सफाई और परहेज द्वारा बचा जा सकता है| परन्तु अति घातक एवं दीर्घकाल तक चलनेवाली बीमारियाँ आपदा का वास्तविक रूप धारण कर लेती है| बैक्टीरिया या वाइरस से जब कोई व्यक्ति संक्रमित हो जाए तब उससे बचने का प्रबंधन शीघ्र और प्रभावशाली होना चाहिए| भोजन स्वच्छ, ताजा एवं गर्म खाना चाहिए| पीने का पानी भी स्वच्छ होना चाहिए| जलजमाव नहीं होने देना चाहिए| मुहल्ले को साफ सुथरा कर कीटनाशकों की छिड़काव करना चाहिए| डी०डी०टी० का छिड़काव निरंतर करना चाहिए| विद्यालयों में विद्यार्थियों को इस संदर्भ में उपयुक्त जानकारी दी जानी चाहिए| अनजान व्यक्ति द्वारा दिए गए बंद पदार्थों को छूना चाहिए, क्योंकि इसमें ऐंथ्रैक्स हो सकता है| जैविक अस्त्रों के विरुद्ध कठोर अंतराष्ट्रीय प्रतिबंध लगाना चाहिए| अनजान वस्तुओं को छूते समय दस्ताना जरुरी है| किसी संक्रमित व्यक्ति या रोगी से प्रत्यक्ष संबंध से परहेज करना चाहिए|
11. नाभिकीय आपदा से बचने के लिए की जानेवाली सावधानियों एवं प्रबंधन का वर्णन करें|
उत्तर:-परमाणु ऊर्जा परंपरागत ऊर्जा का एक उत्तम विकल्प है जिसका उपयोग दीर्घकाल तक संभव है| भारत सरकार ने अभी हाल में अमेरिका के साथ परमाणु ऊर्जा संधि पर हस्ताक्षर किया है| भारत ने यह आश्वासन दिया कि वह परमाणु ऊर्जा का उपयोग परमाणु अस्त्र बनाने के बजाय इसका उपयोग आर्थिक विकास के लिए करेगा| जापान पर किए गए परमाणु विस्फोट के बाद से ही पूरा विश्व इस नाभिकीय आपदा से बचने के लिए एकमत हो रहा है| नाभिकीय आपदा से बचने के लिए की जानेवाली सावधानियाँ एवं प्रबंधन इस प्रकार है—–
विश्व के सभी देश परमाणु अग्रसर नीति से सहमत हो|
परमाणु ऊर्जा उत्पन्न करने वाले सभी संयंत्रों में विकिरण के प्रभाव को कम करने कआ कारगर उपाय हो|
खदान से लेकर सभी उपक्रमों में श्रमिकों और कर्मचारियों को विकिरणरोधी जैकेट उपलब्ध होने चाहिए|
सभी संबंद्ध व्यक्तियों की नियमित जांच डाक्टरों द्वारा होनी चाहिए|
खदानों के पास की आबादी को अन्यत्र बसाया जाना चाहिए|
नाभिकीय संयंत्रों को आबादी से दूर स्थानों पर स्थापित किया जाना चाहिए| 
किसी भी रिसाव एवं गड़बड़ी की सूचना जल्द से जल्द सभी लोगों तक पहुँचाई जानी चाहिए|
संयंत्रों के निकट विकिरणरोधी गैसों का पर्याप्त भंडार होना चाहिए|
दुर्घटना की स्थिति में तत्काल राहत कार्य प्रारंभ करना चाहिए|
भूमिगत चेंबर या तहखाने का निर्माण सुरक्षा हेतु किया जाना चाहिए|
अंतराष्ट्रीय स्तर पर नि:शस्त्रीकरण पर जोर दिया जाना चाहिए|
12. रासयनिक आपदा से बचाव हेतु दीर्घकालिक प्रबंधन की चर्चा करें|
उत्तर:-रासायनिक पदार्थों का उपयोग मानवजीवन का एक अंग बन चुका है| आज भी इन रसायनों के विविध उपयोग है| औद्योगिक विकास में भी इन रसायनों का उल्लेखनीय योगदान है| परंतु, इन रसायनों के उत्पाद से संबंधित समस्याएँ कयी क्षेत्रों में आपदा का रूप ले लेती है| भोपाल गैस त्रासदी इस संदर्भ में उल्लेखनीय है| इसलिए, रासायनिक आपदा से बचने के लिए प्रबंधन की आवश्यकता है| यह प्रबंधन दो प्रकार का होता है—–(क) तात्कालिक प्रबंधन और (ख) दीर्घकालिक प्रबंधन| इनमें दीर्घकालिक प्रबंधन से संबंधित सावधानियाँ है—–
रासायनिक उर्वरकों एवं कीटनाशकों की जगह जैविक खाद एवं कीटनाशकों का उपयोग बढावा दिया जाना चाहिए|
उद्योगों से उत्पन्न कार्बन डाइऑक्साइड, मेथैन,नाइट्रोजन आक्साइड, सल्फर डाइऑक्साइड जैसी गैसें वायुमंडल की निचली परत में जमा होकर प्रदूषण का कारण बनती है जिससे वायुमंडल पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है| इन विनाशकारी गैसों के उत्सर्जन पर नियंत्रण आवश्यक है|
ऐसी तकनीक का विकास होना चाहिए जिससे इन गैसों के उत्सर्जन में कमी आए|
वाहनों के इंजनों की उचित समय पर मरम्मत होनी चाहिए|
रासायनिक संयंत्रों की आबादी से दूर लगाया जाना चाहिए|
ऐसे उद्योगों के निकट अस्पताल की व्यवस्था होनी चाहिए|
कर्मचारी एवं उद्योगों के निकट रहनेवालों की निश्चित अंतराल पर स्वास्थ्य जांच होती रहनी चाहिए|
उद्योगों में आवश्यक गैस मास्क एवं रसायनरोधी वस्त्रों की व्यवस्था होनी चाहिए|
स्वयं सेवी संस्थाओं द्वारा लोगों को रसायनिक आपदा के संबंध में बचाव की जानकारी दी जानी चाहिए|
विद्यालयों में पाठों के द्वारा छात्र छात्राओं को रसायनिक आपदा के प्रति जागरूकता पैदा की जानी चाहिए|

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