भारत का पड़ोसी देश—-श्रीलंका
कारण बताएं—–
1. श्रीलंका में सालोंभर गर्मी पड़ती है| क्यों?
उत्तर:-विषुवत रेखा के अत्यंत निकट (5° उत्तर) है|
2. श्रीलंका चाय की खेती के लिए प्रसिद्ध है| क्यों?
उत्तर:-श्रीलंका विश्व में चाय का सबसे बड़ा निर्यातक है|
अतिलघु उत्तरीय प्रश्न
1. कोलंबो क्या है?
उत्तर:-कोलंबो श्रीलंका की राजधानी एवं पश्चिमी तट पर स्थित एक बंदरगाह है|
2. श्रीलंका में धान की खेती किस भाग में होती है|
उत्तर:-निम्नभूमि में
3. पाक जलसंधि कहाँ है)
उत्तर:-श्रीलंका के उत्तरी द्वीप और भारत के मध्य पाक जलसन्धि है|
4. श्रीलंका में सालोंभर गर्मी पड़ती है| क्यों?
उत्तर:-विषुवत रेखा के निकट होने के कारण
5. आदम पल क्या है?
उत्तर:-भारत के रामेश्वर से श्रीलंका तक प्रवाल द्वीपों की लंबी श्रृंखला को आदम पुल कहा जाता है|
6. श्रीलंका और भारत के बीच समुद्री मार्ग से कितनी दूरी है?
उत्तर:-52 किलोमीटर
7. श्रीलंका का आकार किस प्रकार का है?
उत्तर:-नारियल के जैसा
8. श्रीलंका का क्षेत्रफल कितना है?
उत्तर:-66 हजार वर्गकिलोमीटर
9. श्रीलंका को मोतियों का द्वीप क्यों कहा जाता है?
उत्तर:-हीरे मोती, जवाहरत एवं अन्य रत्नों के भंडार होने के कारण श्रीलंका को मोतियाबिंद का द्वीप कहा जाता है|
10 श्रीलंका में जनसंख्या का औसत घनत्व क्या है?
उत्तर:-250 प्रति व्यक्ति प्रति वर्गकिलोमीटर
11. श्रीलंका में किस भाग में किसकी संख्या अधिक है?
उत्तर:-सिहली
12. उत्तरी श्रीलंका में किसकी संख्या अधिक है?
उत्तर:-तमिलों की
13. जाफना की धराकृति कैसी है?
उत्तर:-मैदानी
14. जाफना प्रायद्वीप में किस पत्थर की प्रधानता है?
उत्तर:-जाफना प्रायद्वीप में चूनापत्थर की प्रधानता है|
15. श्रीलंका का मध्यवर्ती भाग किस प्रकार का है?
उत्तर:-पठारी है|
16. श्रीलंका जलवायु किस प्रकार का है?
उत्तर:-मानसूनी है|
17. श्रीलंका के जलवायु की विशेषता बताएं|
उत्तर:-यहाँ जाड़े ऋतु नहीं पायी जाती है|
18. श्रीलंका का औसत तापमान कितना रहता है?
उत्तर:-27° सेल्सियस
19. श्रीलंका में किस प्रकार के उद्योगों के विकास की संभावनाएँ है?
उत्तर:-श्रीलंका में लघु उद्योगों के विकास की असीम संभावनाएँ है|
20. श्रीलंका के दो प्रमुख नगरों के नाम लिखें|
उत्तर:-जाफना और अनुराधापुर
21. श्रीलंका से निर्यात की जानेवाली प्रमुख वस्तुओं के नाम लिखें|
उत्तर:-चावल, आटा, चीनी , मशीनें, खनिज तेल, कोयला, सवारी, गाड़ियाँ, सूती वस्त्र इत्यादि श्रीलंका की प्रमुख आयातक वस्तुएँ हैं|
लघु उत्तरीय प्रश्न
1. श्रीलंका को ‘पूर्व का मोती’ या ‘रत्नद्वीप’ क्यों कहा जाता है?
उत्तर:-यहाँ नीलम, रक्तमणि, पुखराज जैसे रत्नों और मणियों के भी भंडार है| यहाँ समुद्र से मोती निकालने का भी व्यवसाय होता है| यही कारण है कि श्रीलंका को मोतियों का द्वीप अथवा ‘पूर्व का मोती’ या ‘रत्नद्वीप’ कहलाता था|
2. श्रीलंका की वनस्पतियों का वर्णन करें|
उत्तर:-श्रीलंका के लगभग 20 प्रतिशत भाग पर वन का विस्तार है| जिसमें चिरहरित वन की प्रधानता है| इस वन में रबड़, सिनकोना, गटापारचा, चंदन और नारियल के वृक्ष मिलते हैं| पर्वतीय ढाल एवं चाय की खेती की जाती है| तटीय भागों में नारियल के पेड़ों की बहुलता है| मध्यवर्ती पठारी भाग में सघन वन पाये जाते|
3. श्रीलंका की जलवायु विशेषताओं को लिखें|
उत्तर:-विषुवतरेखा के निकट स्थित होने के कारण श्रीलंका में सालों भर गर्मी पड़ती है| यहाँ का औसत तापमान 27° सेल्सियस रहता है| विशेष अक्षांशीय विस्तार के कारण यहाँ सालोंभर वर्षा होती है| यहाँ का औसत तापमान 37° सेल्सियस रहता है| विशेष अक्षांशीय विस्तार के कारण यहाँ सालोंभर वर्षा होती है| यहाँ जाड़े की ऋतु नहीं होती है| इस देश के दक्षिण पश्चिम क्षेत्र में दक्षिण पश्चिमी मानसून से तथा उत्तर पूर्वी क्षेत्र में उत्तर पूर्वी मानसून से वर्षा होती है| तटीय भागों में 200 सेंटीमीटर तथा पर्वतीय क्षेत्र में 500 सेंटीमीटर वर्षा होती है|
4. श्रीलंका की भौगोलिक अवस्थिति का वर्णन करें|
उत्तर:-श्रीलंका समुद्र के रास्ते भारत का सबसे नजदीकी पड़ोसी देश है| यह पाक जलसंधि तथा मन्नार की खाड़ी द्वारा भारत से अलग होता है| इस द्वीपीय देश की आकृति नारियल की तरह है| 66 हजार वर्गकिलोमीटर क्षेत्र में फैले इस देश का उत्तरी भाग प्राया्द्वीपीय है| भारत के रामेश्वर से श्रीलंका तक प्रवाल द्वीपों की लंबी श्रृंखला पायी जाती है जिसे आदम पुल कहा जाता है|
5. श्रीलंका का जनसंख्या का वर्णन करें|
उत्तर:-श्रीलंका की जनसंख्या लगभग 2 करोड़ 1 लाख है| यहाँ की जनसंख्या का घनत्व 250 व्यक्ति प्रति वर्गकिलोमीटर है| सिंहली लोगों की प्रधानता के कारण यहाँ सिंहली भाषा बोली जाती है| कुल जनसंख्या का 70 प्रतिशत भाग यहाँ बौद्ध धर्मावलंबी है| उत्तरी श्रीलंका में तमिलों की जनसंख्या अधिक है| यहाँ की अधिकांश जनसंख्या कृषि आधारित उद्योगों में संलग्न है|
6. श्रीलंका की प्राकृतिक संरचना एवं स्थलाकृति का वर्णन करें|
उत्तर:-संरचना की दृष्टि से श्रीलंका गोडावाना चट्टानों से बना भू भाग है| इसके उत्तरी भाग जाफना में चूनापत्थर की प्रधानता है, जो एक मैदानी प्रदेश है| इस देश का मध्यवर्ती भाग पुरानी कड़ी चट्टानों से निर्मित एक पठारी संरचना है| इस पठार की औसत ऊँचाई 900 मीटर है| इस पठार के चारों ओर समतल मैदानी भाग है| तटीय भाग उत्तर एवं उत्तर पूर्व में काफी कटा छटा है|
7. श्रीलंका की नदियों के बारे में लिखें|
उत्तर:-श्रीलंका में बड़ी नदियों का अभाव है, परन्तु छोटी नदियाँ अधिक है|महावेली गंगा, पान, अरुको यहाँ की कुछ प्रमुख नदियाँ हैं| ये नदियाँ मध्यवर्ती उच्च भागों से निकलकर अरीय प्रणाली में बहती हुई समुद्र में गिरती है| पूर्व में महावेली गंगा, उत्तर पश्चिम में अरुको तथा पश्चिम में केलानी गंगा समुद्र में जाकर मिलती है|
8. श्रीलंका के खनन उद्योग का परिचय दें|
उत्तर:-श्रीलंका में ग्रेफाइट, चूनापत्थर, अभ्रक, लोहा इत्यादि प्रमुखता से पाये जाने वाले खनिज है| यहाँ रत्नों एवं मणियों के भी भंडार है| निकटवर्ती समुद्र से मोती भी निकाले जाते हैं| यहाँ का गोमेद काफी प्रसिद्ध है| इसके बावजूद इस देश में खनन उद्योग सुविकसित अवस्था में नहीं है| देश के उत्तरी भाग जाफना में चूनापत्थर पाया जाता है|
9. श्रीलंका की स्थलाकृति का वर्णन करें|
उत्तर:-श्रीलंका भारत के प्रायद्वीप पठार के समान ही गोंडवाना चट्टानों से बना है| यहाँ प्रो केम्ब्रियनकालीन चट्टानों की प्रधानता है| उत्तरी भाग में स्थित जाफना प्रायद्वीप है जहाँ चूनापत्थर की चट्टानों मिलती है जो मैदानी स्थलाकृति के रूप में है| नारियल के आकार में फैले इस देश के मध्यवर्ती भाग में पुरानी कड़ी चट्टानों से निर्मित पठारी स्थलाकृति है जिसकी औसत ऊँचाई 2,000 मीटर से भी अधिक है| यहाँ की सर्वोच्च चोटी पिडुरुतालागाला 2,527 मीटर ऊँची है| इस पठार के चारों ओर समतल मैदान है जो 100 मीटर से भी कम ऊँचा है| इन पठारी भाग में हरी भरी घाटियाँ मिलती है| पूर्वी एवं उत्तरी पूर्वी तटीय भाग काफी कटा छटा है जबकि दक्षिणी एवं पश्चिमी तटीय भाग कम कटा छटा है|
10. श्रीलंका की कृषि व्यवस्था का उल्लेख करें|
उत्तर:-श्रीलंका के लगभग 25 प्रतिशत भू भाग पर कृषि कार्य किया जाता है| रबड़, चाय, नारियल और धान यहाँ की प्रमुख फसलें है| धान की खेती निचले भागों में की जाती है| चाय की खेती पहाड़ी ढलानों पर तथा नारियल की खेती तटवर्ती भागों में की जाती है| जनसंख्या की अधिकता के कारण यहाँ के चावल की घरेलू खपत अधिक होने के कारण इसका निर्यात नहीं किया जाता है| इस देश में काली मिर्च, लौंग, दालचीनी, कोको, कहवा, काजू, तंबाकू, अनन्नास, पान सुपारी एवं गन्ने की भी खेती की जाती है| भारत के बाद श्रीलंका चाय की सर्वाधिक उत्पादन देश है|इस देश की अर्थव्यवस्था में चाय का प्रमुख स्थान है| मत्स्य व्यवस्था भी यहाँ सुविकसित अवस्था में है|
11. श्रीलंका के उद्योग धंधों का विवरण दें|
उत्तर:-श्रीलंका एक कृषि प्रधान देश है| परिणामस्वरूप, यहाँ कृषि आधारित उद्योग विकसित है जो लघु एवं कुटीर उद्योग के रूप में है| इसके अतिरिक्त नारियल से तेल निकालने, रस्सी बनाने, चटाई बनाने, रबड़ बनाने से टयूब बनाने तथा चाय की डिब्बाबंदी करने का कुटीर उद्योग संचालित होता है| सड़क एवं रेलमार्गों के विकास के कारण चाय उद्योग, नारियल एवं इससे संबंधित उद्योग तथा खनन उद्योग विकसित हुए हैं| यहाँ रत्नों एवं मणियों को निकालने का उद्योग भी काफी प्रचलित है| उत्तर में स्थित जाफना तंबाकू उद्योग का प्रसिद्ध व्यापारिक केंद्र है|
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
1. श्रीलंका की अर्थव्यवस्था पर प्रकाश डालें|
उत्तर:- श्रीलंका के अर्थव्यवस्था का प्रमुख साधन कृषि, खनन, और उद्योग है|
कृषि——–कृषि यहाँ की एक चौथाई भूमि पर की जाती है| रबड़, चाय और नारियल के अलावा यहाँ की प्रमुख उपज धान है| इससे प्राप्त चावल का निर्यात व्यापार नहीं किया जाता है| क्योंकि छोटा होते हुए भी इस देश की जनसंख्या 2 करोड़ 11 लाख है और चावल की खपत यहाँ हो जाती है| इस देश में काली मिर्च, लौंग, दालचीनी, कोको, कहवा, काजू, तंबाकू, अनन्नास पान, सुपारी और गन्ने की भी उपज ली जाती है| भारत के बाद विश्व में सबसे अधिक चाय उत्पन्न करनेवाला देश यही है| यहाँ मछली पकड़ने का व्यवस्था भी सुव्यवस्थित है|
खनन—–ग्रैफाइट, चूनापत्थर, अबरक, लोहा आदि प्रमुख खनिज है| यहाँ नीलम, रक्तमणि, पुखराज जैसे रत्नों और मणियों के भी भंडार है| यहाँ समुद्र से मोती निकालने का भी व्यवसाय होता है| जाफना में चूनापत्थर मिलने से सीमेंट के उद्योग लगाये गये हैं, परंतु ऊर्जा संसाधनों की कमी से उद्योगों का विकास नहीं हुआ है|
उद्योग—–श्रीलंका के उद्योग कृषि पर आधारित सामान तैयार करते हैं, जैसे नारियल से तेल, रस्सी, चटाई बनाना, रबड़ से टयूब बनाना तथा चाय की डिब्बेबंदी करना| यहाँ कुटीर उद्योग विकसित है| श्रीलंका के मुख्य निर्यात चाय, नारियल के सामान, लौंग, गर्म मसाले और ग्रैफाइट है| चावल, आटा, चीनी, मशीनें, खनिज तेल, कोयला, सवारी गाड़ियाँ, सूती वस्त्र इत्यादि इसके मुख्य आयात है| जाफना में तंबाकू उद्योग का प्रसिद्ध वाणिज्य केन्द्र है| अभी श्रीलंका विश्व में चाय का सबसे बड़ा निर्यातक है|
2. श्रीलंका की प्राकृतिक संरचना एवं भू आकृति पर प्रकाश डालें|
उत्तर:-भारत के दक्षिणी पठार के समान ही श्रीलंका गोंडवाना चट्टानों से निर्मित है जिनका काल श्री केम्ब्रियन काल है| इसका उत्तरी भाग जाफना चूनापत्थर की चट्टानों से भरा है| यह भाग मैदानी है| इस देश का आधा भाग पठार है (पुरानी कड़ी चट्टानों से निर्मित), जिसकी ऊंचाई दो हजार मीटर से भी अधिक है| सर्वोच्च चोटी पिडरु या पिडुरुतालागाला है जो 2,527 मीटर ऊँची है| इस पठार की औसत ऊँचाई 900 मीटर है पठार के चारों ओर समतल मैदान है जिसकी ऊँचाई 100 मीटर से कम है| यहाँ सालोंभर वर्षा होती है, अत: पठारी भाग में हरी भरी घाटियाँ मिलती है| यहाँ जलप्रपातों की छवि देखते बनती है| दियालुमा और लक्सपाना जलप्रपातों पर जलविद्युत का विकास किया गया है| इस देश के मध्यवर्ती उच्चभाग से चारों ओर छोटी छोटी नदियाँ निकलती है जिनमें पूर्वी भाग की महावेली गंगा सबसे बड़ी है| रमपवुद्धपद, आदम यहाँ के कुछ प्रसिद्ध पर्वत शिखरों में है|
3. श्रीलंका की भौतिक विशेषताओं का वर्णन करें|
उत्तर:-नारियल की आकृति में लगभग 66 हजार वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला श्रीलंका भारत का समुद्र के रास्ते सबसे नजदीकी पड़ोसी देश है| भारत और श्रीलंका पाक जलसंधि तथा मन्ना खाड़ी द्वारा अलग होते हैं| भारत से मात्र 52 किलोमीटर दूर दक्षिण में स्थित इस देश में प्रीकेम्ब्रियनकालीन तथा गोंडवाना चट्टानें है| इस देश के मध्यवर्ती भाग में पठार का विस्तार है जहाँ पुरानी कड़ी चट्टानें मिलती है| इस पठार की सर्वोच्च चोटी पिडुरुतालागाला 2,527 मीटर ऊँची है| उत्तरी भाग प्रायद्वीप क्षेत्र है जहाँ चूनापत्थर की प्रधानता मिलती है| मध्यवर्ती पठारी भाग के चारों ओर समतल मैदान है|पठारी भाग में हरी भरी घाटियाँ मिलती हैं| इन्हीं के अंतर्गत दियालुमा और लक्सपाना जलप्रपात है| विषुवत के निकट होने के कारण इस देश में सालोंभर गर्मी पड़ती है तथा वर्षा भी सालोंभर होती है| यहाँ का औसत तापमान 27° सेल्सियस रहता है| यहाँ जाड़े की ऋतु नहीं होती है| जून से अक्टूबर तक दक्षिणी पश्चिमी मानसूनी हवाओं से उत्तर पूर्वी भागों में वर्षा होती है| पर्वतीय क्षेत्रों में औसतन 500 सेंटीमीटर वर्षा होती है जबकि वर्षा होती है जबकि भागों में 200 सेंटीमीटर| वर्षा तापमान तथा उच्चावच की विशेषता के कारण इस देश के 20 प्रतिशत भाग पर वन का फैलाव है| यहाँ सदाबहार प्रकार के वन पाए जाते हैं जिनमें रबड़, सिनकोना, गटापारचा, चंदन और नारियल के पेड़ मिलते हैं| इस देश में बड़ी नदियाँ कम, पर छोटी नदियाँ अधिक है| यहाँ की प्रमुख नदियों में महावेली गंगा, पान और अरुको उल्लेखनीय है| ये नदियाँ मध्यवर्ती उच्चभूमि से अरीय प्रणाली के रूप में बहती हुई समुद्र में गिरती है|
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