Bharti Bhawan Geography Class-9:Chapter-2:Very Short Type Question Answer:Short Type Question Answer:Long Answer Type Question Answer:भूगोल:कक्षा-9:अध्याय-2:अति लघु उत्तरीय प्रश्न उत्तर:लघु उत्तरीय प्रश्न:दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

         भौतिक स्वरूप-संरचना और उच्चावच
 
         
                             कारण बताएं





1. भारत के दक्षिण पठार में पहाड़ों की ऊँचाई हिमालय से कम है| क्यों? 
उत्तर:-यह पठार हिमालय से बहुत पुराना है| यह पठार अत्यंत घर्षित हो चुका है|
2. पश्चिम तटीय मैदान की अपेक्षा पूर्वतटीय मैदान अधिक चौड़ा है| क्यों? 
उत्तर:-क्योंकि महानदी, गोदावरी, कृष्णा और कावेरी के डेल्टा मिलते हैं|
3. महाराष्ट्र में काली मिट्टी मिलती है, किन्तु उड़ीसा में नहीं|क्यों? 
उत्तर:- महाराष्ट्र में ज्वालामुखी उदगार से निर्मित प्रदेश है| बैसाल्ट चट्टानों से बने लावा प्रदेश में रेगुड़ या काली मिट्टी मिलती है| जो उड़ीसा में नहीं है|
4. अंडमान और निकोबार द्वीप समूह उत्तर से दक्षिण की ओर काफी लंबा है और यहाँ सैंकड़ों द्वीप है| क्यों? 
उत्तर:-क्योंकि इसके नीचे सागरमग्न पर्वतश्रेणी है|
                     अतिलघु उत्तरीय प्रश्न




1. भारत का सबसे पुराना मोड़दार पहाड़ कौन है? 
उत्तर:-अरावली
2. शिवालिक क्या है? 
उत्तर:-दक्षिणी श्रेणी
3. दक्षिणी पठार पर स्थित सर्वोच्च चोटी कौन सी है? 
उत्तर:-अनयमुदी 
4. अरावली पर्वत भारत के किस राज्य में स्थित है? 
उत्तर:-राजस्थान
5. पटकाई बुम क्या है? 
उत्तर:-पहाड़ियाँ
6. उत्तर के पर्वतीय भाग में सबसे ऊँची चोटी कौन है? 
उत्तर:-एवरेस्ट (सागरमाथा) 
7. गुजरात से गोवा तक का तटीय मैदान किस नाम से प्रसिद्ध है? 
उत्तर:-कोंकण तट
                       लघु उत्तरीय प्रश्न





1. संरचना की दृष्टि से भारत के तीन प्राकृतिक विभागों के नाम लिखें-
उत्तर:-(क)हिमालय या उत्तर का पर्वतीय प्रदेश
(ख)उत्तर का विस्तृत या विशाल मैदान
(ग) दक्षिण का पठार
2. हिमालय की तीन समानांतर श्रेणियों के नाम बताएं एवं उनकी विशेषताएँ बताएं-
उत्तर:-(क)हिमाद्रि—–सिंधु, सतलुज, गंगा, यमुना, कोसी और ब्रह्मपुत्र नदियों का उदगम हिमाद्रि ही है|
(ख) हिमाचल——कश्मीर और काठमांडू की चिन्त्ताकर्षक घाटियाँ इसी भाग में है| जल और वुलर मीठे जल की दो प्रसिद्ध झीलें अवस्थित है| धर्मशाला, डलहौजी, शिमला, मसूरी, नैनीताल, दार्जिलिंग आदि सभी प्रसिद्ध पर्वतीय नगर तथा केदारनाथ, बदरीनाथ और अमरनाथ जैसे पावन तीर्थस्थल हिमालय के इसी भाग में बसे हैं|
(ग) शिवालिक—–इस भाग में अनेक झीलें मिलते हैं| इसकी तराई में घने वन मिलते हैं| सोमेश्वर की पहाड़ियाँ इसी शिवालिक के अंग है| देहरादून एवं हरिद्वार इसी में है|
3. पूर्वांचल में कौन कौन श्रेणियाँ आती है|उनका विवरण दें-
उत्तर:-पटकाई बुम, नागा पर्वतश्रेणी और लुशाई पर्वत श्रेणी
4. प्रायद्वीपीय की भूमि उत्तरी भाग की भूमि से किस प्रकार भिन्न है? 
उत्तर:-प्रायद्वीपीय भारत की भूमि का निर्माण मुख्य रूप से कड़ी रवादार चट्टानों से हुआ है| इसकी ऊंचाई 400 से 900 मीटर तक है| यह उत्तर की ओर चौड़ा और दक्षिण की ओर पतला होता गया है| उत्तर का मैदान समतल है और इसमें कोई पर्वत नहीं है| सिंधु, गंगा और ब्रह्मपुत्र तथा इसकी सहायक नदियों के जलोढ़ निक्षेपों से बना यह मैदान 250 मीटर से भी कम ऊंचा है| और अत्यंत उपजाऊ है|
5. हिमालय और दक्षिण पठार के पहाड़ों के अंतर बताएं-
उत्तर:- विस्तृत मोड़दार पर्वत मुख्य रूप से हिमालय के नाम से विख्यात है| पश्चिम में सिंधु नदी और पूर्व में ब्रह्मपुत्र नदी के बीच फैला है| हिमालय की लंबाई 2,500 किलोमीटर है और चौड़ाई 150 से 500 किलोमीटर है| विश्व की सर्वोच्च चोटी इसी में मिलती हैं| इस पर्वतीय भाग की औसत ऊँचाई 6,000 मीटर है| दक्षिणी भारत प्रायद्वीप है और सबसे पुराना पठार भी| यह प्राचीन गोंडावानाभूमि का एक खंड है और मुख्य रूप से कड़ी रवादार चट्टानों से बना है| इसकी ऊंचाई मुख्यतः 400 से 900 मीटर तक है| यह उत्तर की चौड़ा और दक्षिण की ओर पतला होता गया है| कन्याकुमारी की स्थिति सबसे दक्षिणी छोर पर है|
6. हिमालय के प्रमुख दरों के नाम लिखें-
उत्तर:- उमासी-ला, बुर्जी- ला, जोजि -ला, माना- ला, शिपकी -ला, जलेप- ला, नाथू- ला, ऋषि- ला, बोमाडि-ला, से -ला
7. पूर्वतटीय मैदान और पश्चिमतटीय मैदान की तुलना करें-
उत्तर:-पूर्वतटीय मैदान का विस्तार महानदी घाटी से लेकर दक्षिण में कन्याकुमारी तक लगभग 1500 किलोमीटर है| इस तटीय मैदान का आधा उत्तरी भाग ‘गोलकुंडा तट आधा दक्षिणीभाग’ कोरोमंडल तट कहलाता है| महानदी, गोदावरी, कृष्णा और कावेरी चार बड़ी नदियाँ इस तट से गुजराती है| चिल्का और पुलकिट दो झीलें खारा पानी का है| और कोलेरु झील मीठे पानी का है| इस तट पर पाराद्वीप, विशाखापत्तनम और चेन्नई प्रमुख पत्तन है| यहाँ नारियल, गर्ममसाले, धान आदि की खेती होती है| पश्चिम तटीय मैदान का फैलाव उत्तर में खंभात की खाड़ी से लेकर दक्षिण में कन्याकुमारी अंतरीप तक है| पश्चिमतटीय मैदान में नर्मदा और ताप्ती दो बड़ी नदियों के मुहाने मिलते हैं, किन्तु वहाँ डेल्टा नहीं बनता| साबरमती, मांडवी, जुआरी, कालिंदी, सरस्वती, नेत्रवती, पेरियर आदि प्रमुख नदियाँ हैं| कांडला, मुम्बई, मर्मागोवा मंगवर और कोचीन उत्तम प्राकृतिक पत्तन हैं| वेम्बानद झील खारे की पानी की है|
8. तटीय मैदान के तीन झीलों के नाम लिखें-
उत्तर:-चिल्का, पुलकिट, कोलेरु
9. मध्य हिमालय से आप क्या समझते हैं? इसकी दो घाटियों के नाम लिखें-
उत्तर:-हिमाचल वास्तव में मध्य हिमाचल है, जिसमें नदी घाटियाँ और हिमघाटियां मिलती हैं| यहाँ नदी अपहरण के लक्षण भी दृष्टिगोचर होते हैं| कश्मीर और काठमांडू की चिन्त्ताकर्षक घाटियाँ इसी भाग में है|
10. मध्य गंगा मैदान की विशेषताएँ बताएं-
उत्तर:-मध्य गंगा का मैदान प्रयाग से राजमहल तक है| कोसी और तिस्ता मध्य भाग की प्रमुख नदियाँ हैं| गंगा अनेक सहायक नदियों का जल, कीचड़, बालू आदि लेकर आगे बढती है| अत: यहाँ हर साल बाढ के समय नयी मिट्टी बिछ जाती है| भाबर रोड़े कंकड़ गिट्टीवाले भूमि है| इसकी पेटी पूर्व में तिस्ता तक फैली है|

11. खादर और बांगर किसे कहते हैं? इनमें अंतर स्पष्ट करें-
उत्तर:-खादर नयी मिट्टी एवं बांगर पुरानी मिट्टी का क्षेत्र है| खादर बहुत उपजाऊ भाग है| बागर उच्च भाग है और बाढ से बच जाता है| खादर निम्न भाग होने के कारण बाढ के समय जलमग्न हो जाता है|
12. पूर्वी घाट और पश्चिमी घाट में अंतर स्पष्ट करें-
उत्तर:-दक्कन के पठार का पश्चिमी किनारा भ्रंश के कारण सीधा और खड़ी ढालवाला है, जो पश्चिमी घाट बनाता है| पश्चिमी घाट का विस्तार ताप्ती नदी से लेकर कन्याकुमारी तक है| सबसे अधिक ऊंचाई अनयमुदी चोटी की है| (2695 मीटर) दक्षिण भारत का सबसे सुंदर पर्वतीय नगर ऊटी यही स्थित है| पश्चिमी घाट की शिखररेखा के लिए स्थानीय नाम घाटमाथा है| पश्चिमी घाट में तीन प्रमुख दरें मिलते हैं—–थालघाट,भोरघाट और पालघाट| दक्कन के पठार का दक्षिण पूर्वी भाग मुख्य दक्कन प्रदेश कहलाता है| जहाँ पूर्वी घाट की पहाडियां मिलती है| पूर्वी घाट की सर्वोच्च शिखर महेन्द्रगिरि 1500 मीटर ऊँचा है| आंध्र प्रदेश के नलामलय , पालकोंडा , वेलीकांडा तथा तमिलनाडु के पचामलय और शिवराय पूर्वी घाट के ही अंग है| भूमि की ढाल पूर्व की ओर है जो महानदी, गोदावरी, कृष्णा और कावेरी नदियों के मार्गों से ज्ञात होता है| दक्षिणी पठार के इस भाग को “तेलंगाना और कर्नाटक या मैसूर पठार” के नाम से जाना जाता है| बाबूदन पहाड़ी यहीं हैं|
13. भारत के भौतिक विभागों के नाम बताएं-
उत्तर:-भौतिक स्वरूप के आधार पर भारत को निम्न छ: विभागों में बांटा गया है——
(क)हिमालय या उत्तर का पर्वतीय प्रदेश
(ख)उत्तर का विस्तृत या विशाल मैदान
(ग) दक्षिण का पठार
(घ) समुद्रतटीय मैदान
(ड़) भारतीय मरुस्थल
(च) भारतीय द्वीपसमूह
14. भारतीय मरुभूमि की विशेषताएँ बताएं-
उत्तर:- अरावली के पश्चिम में दूर तक मरुभूमि मिलती है| जो थार मरुस्थल के नाम से प्रसिद्ध है| यह 644 किलोमीटर लंबा और 160 किलोमीटर चौड़ा है| यह प्रायद्वीपीय भारत का पश्चिमोत्तर भाग है| यह बालूमय प्रवेश पौराणिक सरस्वती नदी को पाताल ले गया| इसके दक्षिणी भाग में एकमात्र लूनी नदी मिलती है| ताप की अधिकता और वर्षा के अभाव में चट्टानों का टूटना जारी है| अपरदित छत्रकशिलाएं और बालु का स्तूप यहाँ की सामान्य स्थलाकृतियां है| थार मरुस्थल का विस्तार 1,0400 वर्ग किलोमीटर पहुँच चुका है|
15. भारतीय द्वीपसमूहों की स्थिति और उनकी रचना पर प्रकाश डालें-
उत्तर:-भारत की मुख्य भूमि से हटकर दो द्वीपसमूह ‘अंडमान और निकोबार’ तथा ‘लक्षद्वीप’ भारत के ही अंग है| अंडमान और निकोबार बंगाल की खाड़ी में स्थित है| इसके अंतर्गत 572 द्वीप हैं, जो सागरमग्न पर्वतश्रेणी पर स्थित है| इनमें कुछ ज्वालामुखी के उदगार से बने हैं| लक्षद्वीप के अंतर्गत 27 द्वीप हैं, जिनमें आबाद है| ये द्वीप समुद्री जीव मूंगे (प्रवाल, Coral) के निक्षेप से बने हैं| स्पष्ट है कि दोनों द्वीपसमूहों की रचना दो भिन्न तरीकों से हुई है|लक्षद्वीप केरल के निकट अरब सागर में स्थित है|
16. हिमालय के कुछ हिमनदों (हिमानियों) के नाम बताएं-
उत्तर:-बाल्टोरो, सियाचीन
                         दीर्घ उत्तरीय प्रश्न






1. भारत को कितने प्राकृतिक विभागों में बांटा जा सकता है? उनका वर्णन करें-
उत्तर:-भारत को छह प्राकृतिक विभागों में बांटा जा सकता है——–
(क) हिमालय या उत्तर का पर्वतीय प्रदेश——
भारत के उत्तरी भाग में विस्तृत मोड़दार पर्वत (वलित पर्वत) मुख्य रूप से, ‘हिमालय’ के नाम से विख्यात है| पश्चिम में सिंधु नदी और पूर्व में ब्रह्मपुत्र नदी के बीच चाप या तलवार की तरह फैले हिमालय की लंबाई 2,500 किलोमीटर है और चौड़ाई 150 से 500 किलोमीटर है| विश्व की सर्वोच्च चोटी इसी में मिलता है| इस पर्वतीय भाग की औसत ऊँचाई 6,000 मीटर है|
(ख)उत्तर का विस्तृत या विशाल मैदान——
यह हिमालय के दक्षिण कोई 2,400 किलोमीटर में (पूर्व-पश्चिम) फैला हुआ है| इसकी चौड़ाई 240 से 500 किलोमीटर (उत्तर-दक्षिण) है| इसका क्षेत्रफल 7 लाख वर्ग किलोमीटर है| यह मैदान समतल और इसमें कोई पर्वत नहीं है| सिंधु, गंगा और ब्रह्मपुत्र तथा इसकी सहायक नदियों के जलोढ़ निक्षेपों से बना यह विशाल मैदान 250 मीटर से भी कम ऊंचा है और अत्यंत उपजाऊ है|
(ग) दक्षिण का पठार—–
दक्षिणी भारत प्रायद्वीप है और सबसे पुराना पठार है| यह प्राचीन गोडावानाभूमि का एक खंड है और मुख्य रूप से कड़ी रवादार चट्टानों से बना हुआ है| इसकी ऊंचाई मुख्यतः 400 से 900 मीटर तक है| यह उत्तर की ओर चौड़ा और दक्षिण की ओर पतला होता गया है| कन्याकुमारी की स्थिति सबसे दक्षिणी छोर पर है|
(घ) समुद्रतटीय मैदान—–
प्रायद्वीपीय पठार के पूर्व और पश्चिम में समुद्रतटीय मैदान मिलते हैं| ये मैदान बंगाल की खाड़ी और अरब सागर के किनारे स्थित है| स्थिति के अनुसार इनके दो उपविभाग किए जा सकते हैं—–(क) पश्चिमतटीय मैदान और (ख) पूर्वतटीय मैदान| समस्त तटरेखा 7.5 हजार किलोमीटर लंबी है|
(ड़) भारतीय मरूस्थल—–
उत्तरी उच्चभूमि से सटे अरावली के पश्चिम में दूर तक मरुभूमि मिलती है, जो थार मरुस्थल के नाम से प्रसिद्ध है` यह 644 किलोमीटर लंबा और 160 किलोमीटर चौड़ा है| यह प्रायद्वीपीय भारत का पश्चिमोत्तर भाग है|
(च) भारतीय द्वीपसमूह—–
भारत की मुख्य भूमि से हटकर दो द्वीपसमूह अंडमान और निकोबार तथा लक्षद्वीप भारत के ही अंग है| अंडमान और निकोबार बंगाल की खाड़ी में स्थित है| इनमें कुछ ज्वालामुखी के उदगार से बने हैं| भारत का एकमात्र सक्रिय ज्वालामुखी अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह के बैरन द्वीप पर स्थित है|
2. हिमालय के पर्वतीय भाग और दक्षिण के पठार का तुलनात्मक अध्ययन प्रस्तुत करें—-
उत्तर:-भारत के उत्तरी भाग में विस्तृत मोड़दार पर्वत मुख्य रूप से हिमालय के नाम से विख्यात है| हिमालय की लंबाई 2,500 किलोमीटर है और चौड़ाई 150 से 500 किलोमीटर है| पर्वतीय भाग की औसत ऊँचाई 6,000 मीटर है| हिमालय के उत्तर में तीन और समांतर पर्वतश्रेणी मिलती है, जो जस्कर श्रेणी लद्दाख श्रेणी और काराकोरम श्रेणी के नाम से प्रसिद्ध है| इस भाग में विशाल ग्लेशियर (हिमानियों) भी है जैसे—बाल्टोरो, सियाचिन| उत्तर और उत्तर पूर्व की पर्वतश्रेणियों से सटे पड़ोसी देशों में अनेक पर्वतश्रेणियाँ मिलती हैं—जैसे—क्यूनलुन, अराकान| मुख्य हिमालय सिंधु और ब्रह्मपुत्र की संकरी गहरी घाटियाँ के बीच स्थित है| यह तीन समांतर श्रेणियों में मिलता है| हिमाद्रि, हिमाचल और शिवलिक| प्रमुख शिखर है—गंगा पर्वत, नंदा देवी, धवलागिरी अन्नपूर्णा एवरेस्ट आदि| प्रमुख दरें है| उमासी-ला ला, बुर्जी ला, जोजि ला, माना ला, शिपकी ला, जलेप ला, नाथू ला आदि| दक्षिणी भारत प्रायद्वीप है और सबसे पुराना पठार भी| यह प्राचीन गोंडावाना भूमि का एक खंड है और मुख्य रूप से कड़ी रवादार चट्टानों से बना हुआ है| इसकी ऊंचाई मुख्यतः 400 से 900 मीटर तक है| यह उत्तर की ओर चौड़ा एवं दक्षिण की ओर पतला होता गया है| कन्याकुमारी की स्थिति सबसे दक्षिणी छोर पर है| इस पठार के तीनों और पहाड़ियाँ मिलती हैं—उत्तर में अरावली, विंध्याचल और सतलुज: पश्चिम में पश्चिमी घाट (सह्याद्रि) और पूर्व में पूर्वी घाट| पश्चिमी घाट का विस्तार ताप्ती नदी से लेकर कन्याकुमारी तक है| दक्षिण की ओर इसकी ऊंचाई बढती जाती है| सबसे अधिक अधिक ऊंचाई अनयमुदी चोटी की है| (2, 695 मीटर) दक्षिण भारत का सबसे सुंदर पर्वतीय नगर ऊटी यहीं स्थित है| पश्चिम घाट में तीन प्रमुख दरें हैं— थालघाट, भोरघाट और पालघाट| पश्चिमी घाट की तरह पूर्वी घाट श्रृंखलाबद्ध या अविच्छिन्न नहीं है और इसकी ऊंचाई भी उतनी अधिक नहीं है| पूर्वी घाट का सर्वोच्च शिखर महेन्द्रगिरि 1500 मीटर ऊँचा है| 
3. भारत के उत्तरी मैदान को कितने उपविभागों में बांटा जा सकता है? उनका विवरण दें-
उत्तर:-चार उपविभागों में—
(क) पंजाब का मैदान—-
उत्तरी विशाल मैदान का सबसे पश्चिमी भाग है| पांच प्रमुख नदियों (झेलम, चेनाब, राबी, सतलुज और व्यास) का जल प्राप्त करने के कारण यह पंजाब कहलाता है| इस मैदान की औसत ऊँचाई 200 से 350 मीटर (समुद्रतल से) दिल्ली पहाड़ी या सरहिंद जलविभाजक (300 मीटर ऊँचा) द्वारा यह गंगा के मैदान से अलग होता है|
(ख) राजस्थान का मैदान—-
यह अरावली के पश्चिम में विस्तृत है, किन्तु जलवायु परिवर्तन के कारण यह मैदान रेतीला बन गया है| यहाँ बालू की टीलों की प्रधानता है| लूनी इस मैदान की एकमात्र नदी है| खारे जल की झीलें अनेक है:जैसे सांवर,विदवाना , डेगना और कुचापन
(ग) गंगा का मैदान—–
यह मुख्यतः पश्चिम में यमुना और पूर्व में ब्रह्मपुत्र के बीच समतल भाग है| जिसकी ढाल दक्षिण पूर्व की ओर है| इस मैदान की लंबाई 1,400 किलोमीटर है| गंगा के मैदान से चार भागों में बांटते हैं—(क) भाबर, (ख) तराई (ग) बागर और (घ) खादर| भाबर रोड़े कंकड़ गिट्टीवाली भूमि है| इसकी पेटी पूर्व में तिस्ता तक फैली है| तराई पेटी दलदल भूमि है| जहाँ घने वन मिलते हैं| बांगर पुरानी मिट्ठी और खादर नयी मिट्टी का क्षेत्र है| खादर बहुत उपजाऊ भूमि है| ब्रह्मपुत्र के साथ मिलकर गंगा अपने मुहाने पर डेल्टा बनाती है, जो संसार में बहुत बड़ा भाग है| 
(घ) ब्रह्मपुत्र का मैदान—–
उत्तरी विशाल मैदान का सबसे पूर्वी भाग ब्रह्मपुत्र का मैदान है, जिसकी ढाल पूर्व से पश्चिम की ओर है| यह मैदान 600 किलोमीटर लंबा और 100 किलोमीटर चौड़ा है| इसकी सामान्य ऊँचाई 150 मीटर है|
4. भारत के विभिन्न प्राकृतिक विभाग जन जीवन को किस प्रकार प्रभावित करते हैं? 
उत्तर:-
(क)हिमालय या उत्तर का पर्वतीय प्रदेश—–
यह जन जीवन को गहरे ढंग से प्रभावित करता है| हिमालय भारत का प्रहरी है| जलवायविक दशाओं का नियंत्रक भी है| मानसून पवनों के मार्ग में खड़ा होकर यह उनसे वर्षा कराता है| हिमालय न होता तो उत्तरी विशाल मैदान अस्तित्व में न आ पाता|
(ख)उत्तर का विस्तृत या विशाल मैदान—–
यह मैदान विश्व के सबसे बड़े मैदानों में है और अत्यंत समतल तथा उपजाऊ है| इन कारणों से यह देश का कृषि, उद्योग एवं वाणिज्य केन्द्र बना हुआ है| यह सघन आबाद भी है और संस्कृति, धर्म तथा राजनीति में विकसित रहा है|
(ग) दक्षिण का पठार—–
प्रायद्वीपीय पठार रत्नगर्भा है| यहाँ लोहा, कोयला, तांबा, मैंगनीज, अबरख, चूना पत्थर, सोना, हीरा इत्यादि खनिज द्रव्य प्राप्य है| पहाड़ी भूमि होने के कारण यहाँ वन वैभव भी मिलता है, किन्तु वनों का विस्तार सीमित क्षेत्र में है| जलविद्युत उत्पादन में यह आगे रहा है| पहाड़ी नदियों से और अधिक जलशक्ति का विकास किया जा सकता है| लावा के विखंडन से प्राप्त काली मिट्टी के क्षेत्र कपास उत्पादन में अत्युत्तम सिद्ध हुए हैं|
(घ)समुद्र मैदान——
तटीय मैदान ने विदेशी व्यापार में अपार मदद पहुँचाई है| कोलकाता को छोड़कर सभी छोटे बड़े पत्तन समुद्री तट पर ही स्थित है, जो व्यापार के केंद्र बन गए हैं| देश भीतरी भागों से वे रेलमार्ग या सड़कमार्ग द्वारा जुड़े हुए हैं| समुद्र की समीपता ने इस प्रदेश के लोगों को साहसी नाविक बनने को प्रेरित किया है| यहाँ समुद्री मछुआरे भी बहुत मिलते हैं, जो मछली पकड़ने जैसे आर्थिक क्रियाशील में लगे हुए हैं| नारियल, गर्म मसाले, धान आदि की खेती के लिए ये महत्वपूर्ण स्थल है|
5. हिमालय का निर्माण किस प्रकार हुआ? इस पर प्रकाश डालें–
उत्तर:-हिमालय का निर्माण टेथिस सागर में जमा हुए अवसादों (तलछटों) से हुआ है| भारतीय भूखंड (प्लेट) जब उत्तर की ओर सरककर उत्तरी भूखंड (प्लेट) से टकराया तो दोनों भूखंडों के बीच की तलछटी चट्टानें मुड़कर ऊपर गईं जिनसे हिमालय का निर्माण हुआ| इसके निर्माण में लाखों करोड़ों वर्ष लगे| हिमालय के दक्षिण में जो विस्तृत खडड या बेसिन बना, वह उत्तर के हिमालय पर्वत और दक्षिण के पठार से प्रवाहित होने वाली नदियों के जमा किए गए मिट्टी बालू(अवसादों) से भरकर विस्तृत मैदान बन गया| हिमालय के निर्माणकाल की दो महत्वपूर्ण घटनाएँ उल्लेखनीय है| एक है, दक्षिणी पठार के पश्चिमी भाग का अवतलित होना, अर्थात भूतल में समा जाना| दूसरा है, अरब सागर का अस्तित्व में आना| उत्तर पश्चिमी पठारी भाग में विस्तृत ज्वालामुखी उदगार होने से वह भाग अवतलित हुआ|
6. प्रायद्वीपीय पठार के उपविभागों के नाम लिखें और उनमें एक का वर्णन करें–
उत्तर:-प्रायद्वीपीय पठार को दो स्पष्ट भागों में बांट देती है| (क)उत्तर स्थित उच्चभूमि और (ख) दक्षिण स्थित डेवकन या दक्कन का पठार उत्तर में पठार की ढाल उत्तर की ओर है| इस कारण चंबल और सोन और उत्तर वाहिनी है|
(क)उत्तरी उच्चभूमि—–दक्षिण भारत के पश्चिमोत्तर (राजस्थान) में अरावली श्रेणी मिलती हैं| यह अवशिष्ट पर्वत है, जिसकी एक शाखा दिल्ली की ओर चली गई है| अरावली की अधिकतम ऊंचाई आज 1,722 मीटर रह गई है| यह हिमालय से भी पुराना पहाड़ है| इसे विश्व का सबसे पुराना वलित पर्वत माना जाता है| इससे पूर्व की ओर बढने पर क्रमशः बुंदेलखंड पठार, बघेलखंड पठार और छोटानागपुर पठार मिलते हैं| चंबल, बेतवा और सोन इस भाग की प्रमुख नदियाँ हैं| अरावली के दक्षिण से पूर्व की ओर बढने पर मालवा पठार मिलता है, जो लावानिर्मित है| इसके दक्षिण में उससे सटे नर्मदा घाटी है, जिसके बाद सतपुरा की श्रेणी मिलती हैं| सतपुरा के पूर्वी भाग में महादेव पहाड़ी| (1.117 मीटर) है, जिससे पूरब बढने पर मैकाल की पहाड़ियाँ मिलती हैं| (सर्वोच्च चोटी अमरकंटक, 1,036 मीटर)| महादेव पहाड़ी पर ही पंचमढ़ी नगर (1, 062 मीटर) स्थित है| मैकाल से पूरब बढने पर छोटानागपुर पठार आ जाता है| यह पठार रिहंद नदी से लेकर राजमहल की पहाड़ियों तक विस्तृत है| राजमहल पर जुरासिक काल के लावा निक्षेप मिलते हैं| छोटानागपुर पठार के अंतर्गत रांची, हजारीबाग और कोडरमा के उप पठार सम्मिलित हैं| छोटानागपुर पठार की प्रमुख नदियाँ सोन, कोयल, दामोदर, बराबर, स्वर्णरेखा और शंख है| दामोदर की भ्रंशघाटी इसी में है, जहाँ गोंडवाना काल का कोयला भंडार उपलब्ध है| सूदूदर पूर्व में मेघालय पठार है, जहाँ गारों,खासी और जयंतिया मिलती हैं| मेघालय की उत्तरी सीमा ब्रह्मपुत्र नदी पूर्व से पश्चिम की ओर बहता है| उत्तरी उच्च भूमि को भारत का मध्यवर्ती पठार भी कहा जाता है|
7. हिमालय की पर्वतश्रेणियों के विशेषताओं पर प्रकाश डालें—
उत्तर:-हिमालय की पर्वत श्रेणियों से नदी निकलती है| श्रेणियों में ग्लेशियर है| हिम ग्लेशियर के कारण ही नदियों में सालोभर पानी बहती है| जैसे– जस्कर और लद्दाख श्रेणियों के बीच सिंधु नदी का पश्चिमोत्तर प्रवाहमार्ग है| काराकोरम श्रेणी में विश्व की द्वीतीय सर्वोच्च चोटी गाडविन आस्टिन (8, 611 मीटर) मिलती हैं| इसी श्रेणी को कैलाश पर्वत के नाम से पुकारा जाता है| इस भाग में विशाल ग्लेशियर (हिमानियाँ) भी है, जैसे–बाल्टोरो सियाचीन| हिमालय और इन पूर्वी पर्वतश्रेणियों के बीच ब्रह्मपुत्र नदी का पश्चिमी प्रवाह देखा जा सकता है| हिमाद्रि सर्वोच्च श्रेणी है| सबसे उत्तरी श्रेणी भी यही है| इसकी प्रमुख चोटियाँ है—नंगा पर्वत, नंदादेवी, कामेत,कंचनजंघा| सिंधु, सतलुज, गंगा, यमुना, कोसी और ब्रह्मपुत्र नदियों का उदगम हिमाद्रि ही है| 

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