भारत-स्थिति और विस्तार
कारण बताएं
1. कोलकत्ता और अहमदाबद में सूर्य वर्ष में दो बार लंबवत् चमकता है, पर दिल्ली और श्रीनगर में नहीं| ऐसा क्यों?
उत्तर:-सूर्य की आभासी स्थानांतरण कर्करेखा और मकर रेखा के मध्य होता है| ऐसी स्थिति में जो स्थान इन दोनों रेखाओं के मध्य स्थित होता है, वहाँ उत्तरी गोलार्द्ध में 21 मार्च के बाद और 23 सितम्बर के मध्य सूर्य भूमध्यरेखा से कर्करेखा तक जाने और 21 जून के बाद कर्करेखा से भूमध्यरेखा तक आने में लंबवत् होता है| कोलकाता और अहमदाबाद की स्थिति कर्करेखा के निकट है, अत: यहाँ वर्ष में सूर्य दो बार लंबवत् होता है| जबकि दिल्ली और श्रीनगर कर्करेखा से और उत्तर स्थित है, इसलिए यहाँ सूर्य कभी भी लंबवत् नहीं होता है|
2. कश्मीर और कन्याकुमारी में दिन-रात की अवधि में अंतर क्यों है?
उत्तर:-अक्षांशीय दूरी बढ़ने से दिन-रात की अवधि में अंतर हो जाता है|
3. अरुणाचल प्रदेश में गुजरात की अपेक्षा दो घंटे पहले सूर्योदय क्यों अंतर होता है?
उत्तर:-विस्तार की दृष्टि से अरूणाचल प्रदेश एवं गुजरात के मध्य 30° देशांतर का अंतर है| देशांतरीय अंतर के समय में भी अंतर आ जाता है| विश्व स्तर पर 0° देशांतर ग्रीनविच को माना गया है| प्रति 1° देशांतर पर 4 मिनट समय का अंतर आ जाता है| पूर्व की ओर समय बढ़ता जाता है जबकि 0° देशांतर के पश्चिम जाने पर समय घट जाता है| भारत 0° देशांतर के पूर्व में स्थित है| अतः 30° देशांतरीय अंतर के कारण स्वाभाविक रूप से अरूणाचल प्रदेश और गुजरात के समय 2 घंटे का अंतर आ जाता है|
अतिलघु उत्तरीय प्रश्न
1. भारत की अधिकतम लंबाई (उत्तर से पश्चिम) कितनी है?
उत्तर:-3214 किलोमीटर
2. भारत के किस राज्य में सूर्यास्त सबसे पीछे होता है?
उत्तर:-गुजरात
3. कर्करेखा भारत के किस भाग से गुजरती है?
उत्तर:-भारत के बीचों-बीच गुजरती है|
लघु उत्तरीय प्रश्न
1. भारत के किस महासागर के शीर्ष पर स्थित है|
उत्तर:-हिंद महासागर
2. क्षेत्रफल की दृष्टि से भारत से बड़े सभी देशों के नाम बताएं-
उत्तर:-रूस, कनाडा, अमेरिका, चीन, ब्राजील, आस्ट्रेलिया, भारत
3. भारत किन अक्षांशों और देशांतरों के बीच स्थित है?
उत्तर:- उत्तरी गोलार्द्ध में भारत की मुख्य भूमि 8°4′ उत्तर से 37°6′ उत्तर अक्षांश एवं 68°7′ पूर्व देशांतर से लेकर 97°25′ पूर्व देशांतर के बीच स्थित है|
4. भारत की अधिकतम लंबाई (किलोमीटर में) कितनी और किस दिशा में है?
उत्तर:-3214 किलोमीटर उत्तर से दक्षिण दिशा में है|
5. भारत के दक्षिण-पश्चिम में कौन सा भारतीय द्वीप पुंज स्थित है?
उत्तर:-लक्षद्वीप
6. भारत के दो द्वीपपूंज कौन कौन है और वे कहाँ स्थित है?
उत्तर:-लक्षद्वीप अरब सागर में और अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह बंगाल की खाड़ी में|
7. भारत के कौन कौन से पड़ोसी देशों की सीमाएँ भारत की स्थलीय सीमाओं को स्पर्श करती है?
उत्तर:-पाकिस्तान, अफगानिस्तान, चीन, नेपाल, भूटान, म्यांमार, बांग्लादेश ऐसे ही है|
8. भारत के पड़ोसी देश कौन कौन है?
उत्तर:-पाकिस्तान, बांग्लादेश, अफगानिस्तान, चीन, नेपाल, भूटान, म्यांमार, श्रीलंका, मालदीव
9. “लक्षद्वीप” एवं “अंडमान और निकोबार” द्वीपसमूह की स्थिति बताएं|
उत्तर:-लक्षद्वीप भारत के दक्षिण पश्चिम में अरब सागर में स्थित है| ‘अंडमान और निकोबार’ द्वीपसमूह भारत के दक्षिण पूर्व में बंगाल की खाड़ी में स्थित है|
10. भारतीय उपमहाद्वीप किन देशों से मिलकर बना है?
उत्तर:- भारतीय उपमहाद्वीप 7 पड़ोसी देशों से मिलकर बना है| जैसे- पाकिस्तान, मालदीव, श्रीलंका, म्यांमार, बांग्लादेश, भूटान और नेपाल
11. भारत के लिए एक मानक देशांतर की आवश्यकता क्यों है?
उत्तर:-क्योंकि देशांतर बदलने से समय बदल जाता है| यदि मानक देशांतर नहीं हो तो पूरे देश में अलग अलग समय हो जाएगा| इसलिए मानक देशांतर की आवश्यकता है|
12. दो द्वीपीय देशों के नाम बताएं जो भारत के पड़ोसी है|
उत्तर:-मालदीव और श्रीलंका
13. जम्मू-कश्मीर एवं केरल/तमिलनाडु पर भौगोलिक स्थिति का जलवायवी प्रभाव बताएं|
उत्तर:-बढते अक्षांश के कारण तापमान घटता जाता है| यही कारण है केरल और तमिलनाडु में जो कि विषुवत रेखा के निकट है, सदा तापमान अधिक रहता है| जम्मू कश्मीर में, जो विषुवत रेखा से काफी दूर है, तापमान बहुत कम रहा करता है जिसका प्रभाव वहाँ की खेती, खान पान वेषभूषा, दिनचर्या आदि पर पड़ता है|
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
1. प्राचीन और मध्यकाल में भारत का संबंध संसार के अन्य देशों से हो रहा है| इस कथन की पुष्टि करें-
उत्तर:-भारत के प्राचीन विश्वविद्यालयों में अध्ययन करने के लिए तिब्बत, चीन, जापान और यूरोपीय देशों के विद्यार्थी आया करते थे| यही नहीं, स्थल मार्ग और समुद्रमार्ग से होकर भारत के गरम मसाले, सूती रेशमी कपड़े आदि दूर देशों तक पहुँचाएँ जाते थे| भारत की स्थिति विश्व के प्रमुख महासागरीय व्यापारिक मार्ग पर स्थित है| इसका सबसे बड़ा लाभ विश्व के अधिकतम देशों से व्यापारिक संबंध जोड़ने में होता है| जैसे पूर्वी एशिया, दक्षिणी एशिया, अफ्रीका, यूरोप, आस्ट्रेलिया आदि देशों से इस मार्ग द्वारा भारत व्यापारिक संबंध रखता है| 1869 में स्वेज नहर के खुलने से भारत एवं यूरोप के बीच लगभग 7,000 किलोमीटर दूरी कम हो गई|
2. भारत की स्थिति व्यापारिक दृष्टि से किस प्रकार महत्वपूर्ण है?
उत्तर:-वैश्विक संदर्भ में भारत की स्थिति इसे अंतराष्ट्रीय जगत में महत्वपूर्ण स्थान प्रदान करता है| इसकी स्थिति विश्व के प्रमुख व्यापारिक मार्ग पर है| पश्चिम में यूरोप एवं पूर्व में आस्ट्रेलिया के मध्य भारत स्थित है| हिंद महासागरीय देशों में अन्य किसी भी देश को ऐसा स्थितिक लाभ प्राप्त नहीं है| 1869 में स्वेज नहर खुल जाने से भारत एवं यूरोप के बीच लगभग 7,000 किलोमीटर की दूरी कम हो गई| इससे समुद्री जहाज़ केप मार्ग के बजाय अब स्वेज नहर मार्ग होकर जाने लगे है| इसके कारण समय और ईंधन दोनों की बचत होती है| भारत के साथ ही साथ इस मार्ग से जानेवाली सभी जहाजों को यही लाभ मिलता है| यूरोप से पूर्वी एशिया, दक्षिण एशिया, आस्ट्रेलिया जानेवाली जहाजों को भारत होकर आना जाना पड़ता है| ऐसी स्थिति में भारत हिंद महासागरीय व्यापारिक मार्ग के साथ ही साथ स्वेज नहर मार्ग एवं दक्षिणी प्रशांत महासागरीय मार्ग से भी जुड़ा हुआ है| यहीं नहीं, भारत का इन देशों एवं क्षेत्रों से व्यापारिक संबंध भी है| भारत का विश्व के साथ न केवल समुद्री जलमार्गों द्वारा संपर्क बना रहा है, बल्कि इसका संपर्क स्थल मार्गों से भी रहा है| भारत का पश्चिमी, मध्य तथा पूर्वी एवं दक्षिणी पूर्वी एशिया के विभिन्न देशों के साथ संपर्क व्यापारिक दृष्टि से रहा है और आज भी है| मसाला, मलमल, कपड़े तथा कई अन्य सामान भारत से विभिन्न देशों को “रेशम-मार्ग” से निर्यात होता रहा है| आज भी भारत अंतराष्ट्रीय व्यापार से अपनी स्थिति के कारण देशों को कई सामान निर्यात करता है|
3. भारत की भौगोलिक स्थिति और विस्तार पर प्रकाश डालें-
उत्तर:-भौगोलिक दृष्टि से भारत का मुख्य भूभाग 8°4′ से 37°6′ उत्तर अक्षांश तथा 68’7′ से 97°25′ पूर्व देशांतरों तक फैला है| कर्करेखा (23°30′ उत्तर अक्षांश) इस देश के दो समान भागों में बांट देती है|
विस्तार—— भारत एक विस्तृत देश है| इसके उत्तरी सिरे से 22° उत्तर अक्षांश तक पूर्वी पश्चिमी विस्तार बढता गया है| इसका सबसे अधिक विस्तार (2,993 किलोमीटर) लगभग 22° उत्तर अक्षांश पर मिलता है| समुद्र में स्थलीय भाग का निकला भाग जो तीन ओर से समुद्र से घिरा हो अंतरीप कहलाता है| भारत के इसी अंतरीप का नाम कुमारी अंतरीप है| भारत के उत्तरी छोर से इस छोड़ की दूरी 3,214 किलोमीटर है| भारत के मुख्य भूमि की समुद्र तटीय सीमारेखा 6,100 किलोमीटर है| परंतु भारतीय द्वीपों की तटीय सीमारेखा की लंबाई इसमें जोड़ने पर कुल तटीय सीमारेखा 7,516.6 किलोमीटर होती है| भारत की स्थल सीमारेखा 15,200 किलोमीटर है|
4. भारत के देशांतरीय विस्तार का यहाँ के समय पर क्या प्रभाव है? बताएं|
उत्तर:-देशांतरीय विस्तार का प्रभाव समय पर पड़ता है| ज्यों ज्यों पश्चिम से पूरब की ओर बढते हैं समय बढता जाता है| इसी कारण जहाँ अरूणाचल प्रदेश में जिस समय सूर्योदय होता है, उससे ठीक 2 घंटे बाद कच्छ प्रदेश (गुजरात) में सूर्योदय होता है| अतः 82°30′ पूर्व देशांतर रेखा को भारत का मानक याम्योत्तर (मानक देशांतर) माना जाता है जो कि उत्तर प्रदेश में मिर्जापुर से गुजरती है|
5. भारत की स्थिति पर प्रकाश डालते हुए कि हिंद महासागर से यह देश किस प्रकार लाभान्वित हुआ है?
उत्तर:- भारत की स्थिति हिंद महासागर के शीर्ष पर है| इसका सबसे बड़ा लाभ विश्व के अधिकतम देशों से व्यापारिक संबंध जोड़ने में होता है| जैसे पूर्वी एशिया, दक्षिण एशिया, अफ्रीका, यूरोप, आस्ट्रेलिया आदि देशों से इस मार्ग द्वारा भारत व्यापारिक संबंध रखता है|
6. भारत की स्थिति देश में एकता और सांस्कृतिक विशिष्टता बनाये रखने में किस प्रकार सहायक सिद्ध हुई है? इसने जलवायु को किस प्रकार प्रभावित किया है? इसपर भी प्रकाश डालें-
उत्तर:-भौगोलिक दृष्टि से भारत का मुख्य भू-भाग 8°4′ से 37°6′ अक्षांश तथा 68°7′ से 97°25′ पूर्व देशांतर तक फैला है| 2004 के पूर्व इसका सबसे दक्षिणी छोर या दक्षिणतम बिंदु 6°4′ उत्तरी अक्षांश पर स्थित था जो कि अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह का सबसे दक्षिणी छोर था और यह 2004 में सुनामी लहरों के चलते जलमग्न हो गया है यह इंदिरा प्वाइंट कहलाता था| यह विषुवत रेखा से लगभग साढ़े छह सौ किलोमीटर उत्तर है| कर्करेखा (23°30′ उत्तर अक्षांश) इस देश को दो समान भागों में बांट देती है| भारत का सबसे उत्तरी शिरा 37°6′ उत्तर अक्षांश पर है जो कश्मीर के उत्तरी छोड़ पर पड़ता है और दक्षिणतम छोर 8°4′ उत्तर अक्षांश पर है| भारत का उत्तरी भाग हिमालय पहाड़ और दक्षिण भाग सागरों से घिरा है| देश का अधिक भाग प्राकृतिक बनावटों से घिरा है| यही प्राकृतिक बनावट देश की एकता और सांस्कृतिक विशिष्टता की पहचान है| इसकी जलवायु अलग अलग क्षेत्रों में अनेक प्रकार की है| लद्दाख के क्षेत्रों में ठंडक है| जहाँ न्यूनतम तापमान-45° तक पहुँच जाती है| राजस्थान में अधिकतम तापमान 50°-55°C तक पहुँच जाता है| तमिलनाडु में शीतकाल में अधिकतम वर्षा होती है| पूरे देशों में ग्रीष्म काल में मेघालय में औसत वर्षा 300 सेमी से भी अधिक होती है| राजस्थान और कश्मीर का लेह अत्यल्प वर्षा का क्षेत्र है| उत्तर भारत में ग्रीष्म ऋतु में “लू” चलती है| दक्षिण भारत में ऐसा नहीं होता| उत्तर का मैदानी भाग बहुत उपजाऊ है| दक्षिण का पठारी भाग कम उपजाऊ है| इस तरह भारत अपने प्राकृतिक स्थिति से जलवायु को भी प्रभावित किया है|
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