प्राकृतिक संसाधन
लघु उत्तरीय प्रश्न
1. वायुमंडल का कौन सा क्षेत्र पृथ्वी से निकट है और इसका क्या महत्व है?
उत्तर:-पृथ्वी तल से लगभग 10-12 किलोमीटर की ऊँचाई तक वायुमंडल के क्षेत्र को क्षोभमंडल या ट्रोपोस्फीयर कहते हैं| यह वायुमंडल का पृथ्वी के सर्वाधिक निकट का क्षेत्र है जिसमें मनुष्य, अन्य जीव जन्तु तथा वनस्पति जीवित रहते हैं तथा फलते फूलते हैं|वायुमंडल के इसी क्षेत्र में हम सांस लेते हैं|सामान्य व्यक्ति को विभिन्न कार्यकालों के लिए प्रतिदिन 250 से 250 किलोग्राम वायु की आवश्यकता होती है जो वायुमंडल के इसी क्षेत्र से आती है| जीवों के जीवित रहने के अतिरिक्त वायु एक संचार का माध्यम भी है|
2. जल जीवन के लिए अनिवार्य है, इस कथन की पुष्टि करें|
उत्तर:-जल मानव जीवन का मुख्य आधार है| मानव को जीवित रखने के लिए वायु के बाद दूसरा स्थान जल का ही है| जल के बिना जीवन संभव नहीं है और न ही इसका कोई विकल्प है|आधुनिक समय में सिंचाई, जल विद्युत उत्पादन, मत्स्यपालन, जल यातायात तथा उद्योग आदि के लिए जल का प्रयोग किया जाता है, इसके अलावा जल का इस्तेमाल पीने, नहाने, भोजन बनाने, कपड़ा साफ करने आदि दैनिक कार्यों के लिए भी किया जाता है|जल से ही मानवीय क्रियाकलापों का निष्पादन होता है, इसलिए कहा जाता है कि जल मानव जीवन के लिए एक अनिवार्य और प्रकृति का दिया हुआ मनुष्य के लिए एक नायाब तोहफा है|
3. मिट्टी की उर्वरता से आप क्या समझते हैं?
उत्तर:-मिट्टी में मौजूद सूक्ष्म जीव और केंचुए होते हैं जो मिट्टी के पोषक तत्वों के पुनर्चक्रण में सहायक होते हैं जिससे पैदावार में बढ़ोतरी होती है|
4. उदाहरण के साथ नवीकरणीय और अनवीकरणीय ऊर्जा संसाधनों को समझायें|
उत्तर:-नवीकरणीय ऊर्जा संसाधन- वे संसाधन जो एक बार लगातार उपयोग होने पर पुनः स्वतं: उत्पन्न हो जाते हैं, नवीकरणीय ऊर्जा संसाधन कहलाते हैं|
अनवीकरणीय ऊर्जा संसाधन- वे संसाधन जो एकबार समाप्त हो जाने पर पुनः जल्दी उत्पन्न नहीं होते, अनवीकरणीय ऊर्जा संसाधन कहलाते हैं| जैसे- कोयला और पेट्रोलियम
5. कुछ वायु प्रदूषकों का उल्लेख करें-
उत्तर:-वायु को पेट्रोल वाहन प्रदूषित करते हैं, वायुमंडल में कल कारखानों के चिमनियों द्वारा छोड़े गए धुएँ, थर्मल पावर स्टेशनों, तेल शोधक कारखानों कोयला खदानों एवं पेट्रोलियम आदि के दहन के धुएँ वायुमंडल में पहुँचकर वायु को प्रदूषित करते हैं|
वायुमंडल में सल्फर डाइऑक्साइड, नाइट्रोजन आक्साइड, कार्बन मोनोऑक्साइड, अधजले हाइड्रोकार्बन और सीसा मुख्य रूप से वायु में मिलकर इसे प्रदूषित करते हैं|
6. ओजोन परत हमारे लिए क्यों उपयोगी है?
उत्तर:-ओजोन की परत, पराबैंगनी विकिरण का अवशोषण करती है तथा सूर्य की किरणों में उपस्थित पराबैंगनी विकिरण को पृथ्वी तक पहुँचने से रोकती है| ये पराबैंगनी विकिरण लघु तरंगदैर्ध्य अथवा उच्च आवृत्ति की होती है जो हमारे शरीर में बहुत गहराई तक प्रवेश कर सकती है|
यदि ओजोन आवरण हटा दिया जाएगा तो पराबैंगनी विकिरण, पृथ्वी तक पर्याप्त मात्रा में पहुँच जायेंगे जो शरीर के उन अणुओं को नष्ट कर देंगे जो जीवन के लिए आवश्यक है|इसके फलस्वरूप मानव को त्वचा कैंसर जलन तथा मोतियाबिंद जैसी व्याधियाँ व आनुवांशिक रोग हो जायेंगे|
7. जल प्रदूषकों की एक सूची बनाये ं|
उत्तर:-(क)कृषि क्षेत्र में रासायनिक उर्वरकों के उपयोग से जल का प्रदूषण होता है, खासकर अमोनियम सल्फेट, यूरिया, नाइट्रोजन और फास्फोरस भी जल को प्रदूषित करते हैं|
(ख) नगरीय क्षेत्रों से सीवेज, गंदे जल इत्यादि जल को प्रदूषित करते हैं|
(ग) विभिन्न कारखानों से निकलनेवाले रासायनिक प्रदूषक तथा कयी प्रकार के धात्विक पदार्थ, जैसे सीसा, मरकरी इत्यादि नदियों, झीलों एवं तटीय सागरों के जल को प्रदूषित करते हैं|
(घ) समुद्र में खनिज तेल के उत्पादन से जल प्रदूषित होता है|
(ड़)आण्विक एवं नाभिकीय ऊर्जा के प्रयोग से रेडियो सक्रिय पदार्थ जल को प्रदूषित कर देते हैं|
8. वायुमंडल में कार्बन मोनोऑक्साइड का प्रभाव बताये ं|
उत्तर:-कार्बन मोनोऑक्साइड वाहनों के धुएँ द्वारा जनित वायु प्रदूषक है| वायुमंडल में इसका बहुत ही नकारात्मक प्रभाव पड़ता है जो मानवीय जीवन के लिए खतरा उत्पन्न करता है, वाहनों के धुएँ में मौजूद कार्बन मोनोऑक्साइड शरीर में प्रवेश कर रक्त में मिल जाता है और हीमोग्लोबिन से अभिक्रिया कर कार्बोक्सी हीमोग्लोबिन का निर्माण करता है| कार्बोक्सी हीमोग्लोबिन पर्याप्त मात्रा में रक्त में आक्सीजन का अवशोषण नहीं होने देता, जिसके अनेक दुष्प्रभाव होते हैं|अतः कार्बन मोनोऑक्साइड का वायुमंडल में नाकारात्मक प्रभाव पड़ता है|
9. ओजोन ऊपरी वायुमंडल में कैसे बनता है?
उत्तर:-ओजोन आक्सीजन का ही एक रूप है जिसमें आक्सीजन के तीन परमाणु होते हैं|इसका निर्माण वायुमंडल की ऊपरी परत में पराबैंगनी प्रकाश के द्वारा आक्सीजन गैस के टूटने से होता है|
पराबैंगनी ऊर्जा+3O2->2O3
ओजोन वायुमंडल की बाहरी परत है जो हमें हानिकारक पराबैंगनी विकिरणों से सुरक्षित रखती है|
10. नाइट्रिक आक्साइड और नाइट्रोजन डाइऑक्साइड वातावरण में कैसे बनता है? समीकरण देकर बताये ं|
उत्तर:-(क) नाइट्रिक आक्साइड->N2+O2->2NO
(ख) नाइट्रोजन डाइऑक्साइड->2NO+O2->2NO2
11. बी० ओ० डी० का उल्लेख करें-
उत्तर:-रासायनिक उर्वरकों में मुख्य रूप से यूरिया (NH2CONH2), अमोनियम सल्फेट[(NH4)2SO4] आदि का प्रयोग होता है| जल में नाइट्रोजन और फास्फोरस की मात्रा की मात्रा बढने से जल में शैवाल की वृद्धि होती है| शैवाल के मरने पर यह बैक्टीरिया द्वारा सड़ता है| इस सड़न प्रक्रिया में जल में घुले आक्सीजन का उपयोग होता है जिससे जल में घुले आक्सीजन की मात्रा कम हो जाती है, इस प्रक्रिया को बायोलॉजिकल आक्सीजन हिमाण्ड कहा जाता है| जल में आक्सीजन की मात्रा घटने से जीव जन्तुओं की मृत्यु हो जाती है|
12. समीकरण देकर बतायें कि कैसे वायुमंडल में सल्फ्यूरिक अम्ल बनता है?
उत्तर:-S+O2——–>SO2
2SO2+O2———–>2SO3
SO3+H2O———>H2SO4
13. किन कारणों से ओजोन के परत क्षीण होते हैं?
उत्तर:-ओजोन के क्षय होने का मुख्य कारण मनुष्य द्वारा बनाये गए क्लोरो फ्लोरो कार्बन यौगिक है, ये बहुत स्थायी होते हैं जो वायुमंडल में पहुँच जाते हैं जहाँ ओजोन परत होती है, जिसे समताप मण्डल कहते हैं|यही सूर्य से आते पराबैंगनी किरणों को तोड़कर क्लोरीन बनाती है| इस क्लोरीन का एक परमाणु 1 लाख ओजोन परमाणुओं को नष्ट करती है|
14. कार्बन चक्र का वर्णन करें|
उत्तर:-सभी जीव कार्बन आधारित कार्बनिक यौगिकों जैसे प्रोटीन कार्बोहाइड्रेट, वसा, विटामिन और न्यूक्लिक अम्ल पर आधारित होता है|वायुमंडल में कार्बन मुख्यतः कार्बन डाइऑक्साइड के रूप में विद्यमान रहता है|कार्बन डाइऑक्साइड में जल भी घुला पाया जाता है|ज्यादातर कार्बन डाइऑक्साइड जैविक जगत में प्रकाशसंश्लेषण द्वारा प्रवेश करता है|प्रकाश संश्लेषण प्रक्रिया द्वारा पेड़ पौधे क्लोरोफिल की उपस्थिति में CO2 को ग्लूकोस में बदल देते हैं| ग्लूकोस का उपयोग जीवित प्राणियों में भोजन के रूप में अथवा ऊर्जा प्रदान करने की प्रक्रिया में होता है|समुद्री जल में घुले कार्बन डाइऑक्साइड के द्वारा चूना पत्थर (कैल्सियम कार्बोनेट) से बने चट्टान का निर्माण होता है|समुद्री जीव जंतुओं के बाहरी और भीतरी कंकाल भी कार्बोनेट लवणों के बने होते हैं|कयी विधियों द्वारा CO2 वायुमंडल में पुनः लौटता है, जिनमें अग्रलिखित मुख्य है|
1. जीव जंतुओं के श्वसन क्रिया त्याग किये गए कार्बन डाइऑक्साइड वायुमंडल में लौट जाता है|श्वसन में जीव जन्तु आक्सीजन ग्रहण करते हैं और कार्बन आक्साइड का त्याग करते हैं|
2. वायुमंडल में कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा बहुत बड़े पैमाने पर जीवाश्म ईंधनों को जलाने से तथा ज्वालामुखी के विस्फोट से होता है|इस प्रकार के कार्बन चक्र से कार्बन डाइऑक्साइड की प्रतिशत मात्रा वायुमंडल में सदैव बनी रहती है|
15. मिट्टी प्रदूषण रोकने के कोई तीन उपाय बताये ं|
उत्तर:-(क) कूड़े कचरों को नष्ट करना- कूड़े कचरों के कुप्रभाव से पर्यावरण एवं मानव को बचाया जा सकता है|इन्हें नष्ट करने के लिए एक सहज विधि भस्मीकरण है जिससे इसकी मात्रा करीब 80℅ कम की जा सकता है|इस विधि से कूड़े कचरों को भट्ठी में डालकर जलाया जाता है|किन्तु इस क्रिया में वायु प्रदूषण न हो इसका ध्यान रखना चाहिए|
(ख) कूड़े कचरों से कम्पोस्ट बनाना- नगरीय कूड़े कचरों को भूमि में दबाकर, सड़ा गलाकर उत्तम उर्वरक बनाया जा सकता है|
(ग) कचरों का पुनर्चक्रण- कचरे में स्थित रद्दी कागज से कागज, लोहे की करतनों से स्टील, ऐल्यूमिनियम के छोटे छोटे टुकड़ो से पुनः ऐल्यूमिनियम, व्यर्थ प्लास्टिक से प्लास्टिक बनाने आदि की समुचित व्यवस्था होनी चाहिए|
16. प्रस्वेदन क्या है?
उत्तर:-जल का कुछ भाग प्रकाश संश्लेषण की क्रिया में भोजन बनाने में प्रयुक्त होता है तथा शेष जल का प्रस्वेदन की क्रिया द्वारा वायुमंडल में छोड़ दिए जाते हैं|जानवर जलाशयों से जल पीते हैं और उनके शरीर में जल वाष्पीकृत होकर वायुमंडल में चला जाता है इस तरह जल चक्र चलता है|
17. प्रकाशसंश्लेषण प्रक्रिया का क्या महत्व है?
उत्तर:- प्रकाशसंश्लेषण प्रक्रिया के द्वारा पौधे अपना भोजन तैयार करते हैं| इस क्रिया से वायुमंडल में आक्सीजन की मात्रा तथा शुद्धता बनी रहती है|
18. अमोनीकरण किसे कहते हैं|
उत्तर:-जब जन्तु या पौधे की मृत्यु हो जाती है तो मिट्टी में मौजूद अन्य बैक्टीरिया मरे हुए पौधे में स्थित प्रोटीन को अमोनियम में बदल देते हैं| अमोनीकरण है|
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