Bharti Bhawan Biology Class-9:Chapter-2:Short Question Answer:जीवविज्ञान:कक्षा-9:अध्याय-2:लघु उत्तरीय प्रश्न उत्तर

                              ऊतक





                       लघु उत्तरीय प्रश्न




1. ऊतक क्या है? 
उत्तर:-कुछ ऊतकों में विभिन्न प्रकार एवं बनावट की कोशिकायें होती है, लेकिन इन सभी की उत्पत्ति तथा कार्य समान होते हैं|अत: समान उत्पत्ति तथा समान कार्यों को संपादित करनेवाली कोशिकाओं के समूह को ऊतक कहते हैं|
2. बहुकोशिकीय जीवों में ऊतकों की क्या उपयोगिता है? 
उत्तर:-बहुकोशिकीय जीवों में अनगिनत कोशिकाओं का समूह रहता है जिसमें अलग अलग कार्यों के निष्पादन हेतु अलग अलग कोशिकायें रहती है| चूंकि विभिन्न कार्यों के लिए खास प्रकार की कोशिकायें होती है|इसलिए कार्यों का संपादन अच्छे एवं सही तरीके से होता है, जैसे- मनुष्य में गति प्रदान करने के लिए मांसपेशियों की कोशिकाओं में संकुचन तथा शिथिलीकरण होना, रक्त कोशिकाओं के द्वारा आक्सीजन, खाद्य पदार्थों, हार्मोन्स तथा अपशिष्ट पदार्थों का संवहन, तंत्रिका कोशिकाओं द्वारा संदेशों का वाहन आदि|इसी प्रकार पौधों में भी विभिन्न कार्यों के लिए अलग एवं विशिष्ट प्रकार की कोशिकायें रहती हैं, जैसे संवहन बण्डल की कोशिकायें जल एवं खाद्य पदार्थों को एक हिस्से से दूसरे तक ले जाने का कार्य करती है|अतः बहुकोशिकीय जीवों में कार्यों के दक्षतापूर्वक संचालन के लिए श्रम विभाजन होता है|
3. विभज्योतकी ऊतक एवं स्थायी ऊतक में क्या अंतर है? 
उत्तर:-विभज्योतकी ऊतक-(क)रसधानी अनुपस्थिति होती है|
(ख)इसमें उपापचय की उच्च दर होती है|
(ग)इसमें कोशिकाभित्तियां पतली होती है|
(घ)इसकी कोशिकायें बारम्बार विभाजित होती है|
(ड़) यह एक सरल ऊतक है|
स्थायी ऊतक-(क) परिपक्व कोशिकाओं में बड़ी रसधानी उपस्थित होती है|
(ख)इसमें उपापचय की निम्न दर होती है|
(ग)इसमें कोशिका भित्तियाँ पतली अथवा मोटी होती है|
(घ)इसकी कोशिकाओं की व्युत्पत्ति विभज्योतक से होती है और सामान्यतः वे विभाजित नहीं होती है|
(ड़) यह एक सरल या जटिल ऊतक हो सकता है|
4. मृदूतक कहाँ पाया जाता है? 
उत्तर:-मृदूतक नये तने, मूल एवं पत्तियों के एपिडर्मिस और कार्टेक्स में पाया जाता है|
5. स्थूलकोण ऊतक के दो कार्यों को लिखें|
उत्तर:-(क) यह पौधों को यांत्रिक सहायता प्रदान करता है|
(ख) जब इनमें हरितलवक या क्लोरोप्लास्ट पाया जाता है तब यह भोजन का निर्माण करता है|
6. सरल स्थायी ऊतक कितने प्रकार के होते हैं? 
उत्तर:-पौधे में सरल स्थायी ऊतक तीन प्रकार के होते हैं|
(क)मृदू ऊतक- मृदू ऊतक पौधे में व्यापक रूप से वितरित होते हैं|इसकी कोशिकाएँ सजीव, पतली दीवार की तथा अंडाकार, बहुभुजी या दीर्घ होती है| इनमें जगह हो भी सकती है और नहीं भी|मृदू ऊतक की प्रत्येक कोशिका में बहुत सारे केन्द्रीय रिक्तीकरण होते हैं|ऊतक में पर्णहरित होता है जिसे मृदू ऊतक कहते हैं|इसका मुख्य कार्य भोजन बनाना तथा संग्रह करना है|
(ख) स्थूल ऊतक-यह एक सजीव ऊतक है जो पौधे के कठोर भाग में पाया जाता है|इसकी कोशिकाएँ पतली दीवार की परन्तु कोनों पर मोटी होती है जहाँ पर कयी संख्या में कोशिकाएँ जुड़ती है| यहाँ सेलुलोज और पेक्टिन के जमाव के कारण कोने मोटे होते हैं|
(ग) दृढ़ ऊतक- दृढ ऊतक मृत कोशिकाओं से मिलकर बनता है जिसमें जीवद्रव्य नहीं होता है|दृढ ऊतक की लंबाई 1 मिमी से होकर 550 मिमी तक निर्भर करती है|यह पौधे को यांत्रिक शक्ति प्रदान करता है|इन कोशिकाओं की आकृति गोलाकार, अंडाकार, बेलनाकार या डम्बल की तरह होती है|यह लम्बी पत्तियों को स्थिरता प्रदान करता है|
7. दृढ ऊतक की कोशिकायें क्यों मृत कहलाती है? 
उत्तर:-क्योंकि दृढ ऊतक में जीव द्रव्य नहीं होता है एवं इनकी भित्ति लिग्निन के जमाव के कारण मोटी होती है|लिग्निन एक रासायनिक पदार्थ हैं जो कोशिकाओं को सीमेंट की तरह दृढ़ता प्रदान करता है|ये भित्तियाँ इतनी मोटी हो जाती है कि कोशिका के भीतर कोई आन्तरिक स्थान नहीं करता है|इसी कारण दृढ ऊतक की कोशिकायें मृत कहलाती है|
8. पौधों में दृढ ऊतक का क्या महत्व है? 
उत्तर:-यह पौधों को यांत्रिक शक्ति प्रदान करता है एवं आन्तरिक भागों की रक्षा करता है|पौधे के बाहरी परतों में यह रक्षात्मक ऊतक के रूप में कार्य करता है|यह पौधे को सामर्थ्य, दृढ़ता एवं लचीलापन प्रदान करता है|अत: पौधों में दृढ ऊतक का अत्यधिक महत्व है|
9. कार्क कोशिका का निर्माण कब होता है? 
उत्तर:-समय के साथ साथ जड़ तथा तना जैसे- पुराने होते जाते हैं, इनके बाहरी ऊतक विभाजित होकर कार्क कोशिका या छाल का निर्माण करते हैं|
10. जाइलम एवं फ्लोएम को जटिल ऊतक क्यों कहा जाता है? 
उत्तर:-जाइलम एवं फ्लोएम दो या दो से अधिक प्रकार की कोशिकाओं से बना होता है|इसलिए इसे जटिल ऊतक कहा जाता है|
11. जाइलम के प्रत्येक अवयव का एक एक कार्य लिखें-
उत्तर:-(क) वाहिनिकाओं के कार्य- ये पौधों को यांत्रिक सहायता देती है एवं जल को तने द्वारा जड़ से पत्ती तक पहुँचती है|
(ख) वाहिनिकाओं के कार्य- ये भी जड़ से जल एवं खनिज लवण को पत्ती तक पहुँचाती है|
(ग) जाइलम मृदूतक के कार्य- यह भोजन संग्रह करता है एवं किनारे की ओर पानी के लिए पार्श्वीय संवहन में मदद करता है|
(घ) जाइलम के तंतु के कार्य- ये मुख्यतः पौधों को यांत्रिक सहायता प्रदान करता है|
12. फ्लोएम के प्रत्येक तत्व का एक एक कार्य लिखें-
उत्तर:-(क) चालनी नलिकाओं के कार्य- इस नलिका द्वारा भोजन से संचय अंग और संचय अंग से पौधे के वृद्धि क्षेत्र में जाता है, जहाँ इसकी जरूरत होती है|
(ख) सह कोशिकाओं के कार्य- यह चालनी नलिकाओं में भोज्य पदार्थ के संवहन में मदद करता है|
(ग) फ्लोएम तन्तु के कार्य- ये फ्लोएम ऊतक को यांत्रिक सहायता प्रदान करता है|
(घ) फ्लोएम मृदूतक के कार्य- इसमें भोजन संचित रहता है|ये भोज्य पदार्थ के संवहन में सहायक होती है|
13. एपिथीलियमी ऊतक के तीन कार्यों का उल्लेख करें-
उत्तर:-(क)इनका कार्य आन्तरिक अंगों को सुरक्षा देना तथा रक्तवाहिनियों एवं वायुकोषों में पदार्थों के विसरण में सहायता देना है|
(ख) अवशोषण एवं स्रवण के अतिरिक्त ये अंगों को यांत्रिक अवलंब अर्थात् सहारा भी प्रदान करता है|
(ग)अंडवाहिनी में ऐसी कोशिकाओं की सिलिया अपने गति के द्वारा अण्डाणु को एक ही दिशा में जाने में मदद करता है|
14. संयोजी ऊतक क्या है? इसके दो उदाहरण दें-
उत्तर:-संयोजी ऊतक विभिन्न अंगों और ऊतकों को संबंध करता है तथा उन्हें कुछ अवलंब भी देता है|इस ऊतक में कोशिकाओं की संख्या कम होती है तथा अन्तरकोशिकीय पदार्थ अधिक होता है|अन्तरकोशिकीय पदार्थ को मैट्रिक्स कहते हैं|
15. एरियोलर ऊतक के कार्यों का उल्लेख करें-
उत्तर:-(क)यह अंगों के बीच में स्थान को भरता है|
(ख) यह आन्तरिक अंगों को सहारा देता है|
(ग) यह ऊतकों की मरम्मत में सहायक है|
16. टेंडन और लिगामेंट में क्या अंतर है? 
उत्तर:-टेंडन- टेंडन मांसपेशियों को अस्थियों अथवा दूसरी मांसपेशियों से जोड़ता है जबकि लिगामेंट हड्डियों से हड्डियों को जोड़ने का कार्य करता है|
17. वसामय या एडिपोज ऊतक के चार कार्यों का उल्लेख करें-
उत्तर:-(क) यह ऊतक संचित भोज्य पदार्थ का कार्य करता है, जिसका उपयोग आवश्यकता के समय होता है|
(ख) यह बाहरी चोटों से अंगों की रक्षा करता है|
(ग) यह ऊतक तापरोधक होने के कारण ठंड से शरीर की सुरक्षा करता है|इसलिए ठंडे प्रदेशों के जंतुओं के शरीर में यह ऊतक अधिक मात्रा में पाया जाता है|
(घ)इस ऊतक के अधिक मात्रा में संचय से शरीर मोटा हो जाता है|
18. रक्त को तरल संयोजी ऊतक क्यों कहा जाता है? 
उत्तर:-रक्त को तरल संयोजी ऊतक इसलिए कहा जाता, क्योंकि इनका अन्तरकोशिकीय पदार्थ तरल होता है, जिसमें कोशिकायें बिखरी रहती है|इसलिए रक्त को तरल संयोजी ऊतक कहते हैं|
19. लसीका क्या है? 
उत्तर:-लसीका को भी तरल संयोजी ऊतक कहते हैं|यह एक वर्णहीन द्रव है जिसमें लाल रुधिर कणिकायें एवं प्लेटलेट्स नहीं होता है|इसमें रक्त से कम मात्रा में कैल्सियम एवं फास्फोरस प्रायः पाया जाता है|साधारणतः इसमें श्वेत कणिकायें तैरते रहते हैं|रुधिर की अपेक्षा लसीका में कम मात्रा में पोषक पदार्थ एवं आक्सीजन होते हैं, जबकि कार्बन डाइऑक्साइड एवं अपशिष्ट पदार्थ अपेक्षाकृत अधिक मात्रा में पाया जाता हैं|
20. ऐच्छिक और अनैच्छिक पेशियाँ क्या है? 
उत्तर:-ऐच्छिक पेशी-(क)इनके कोशिकाओं में केवल एक केंद्रक होता है|
(ख)इनकी कोशिकायें तर्कु रूप होता है|
(ग) यह स्वत: फैलती एवं सिकुड़ती है|
अनैच्छिक पेशी-(क)इनके कोशिकाओं में एक से अधिक केन्द्रक पाया जाता है|
(ख)इनकी कोशिकायें बेलनाकार होता है|
(ग)इनमें गहरी एवं हल्की पट्टियाँ होता है|
(घ)यह इच्छा से फैलती और सिकुड़ती है|
21. रेखित पेशी को ऐच्छिक क्यों कहते हैं? 
उत्तर:-रेखित पेशी को ऐच्छिक इसिलिए कहते हैं, क्योंकि ये पेशियाँ जन्तु के कंकाल से जुटी रहती है और इनमें ऐच्छिक गति होता है, इसलिए रेखित पेशी को कंकाल पेशी या ऐच्छिक पेशी दूसरे भाग में भेजने का कार्य करता है|
22. तंत्रिका ऊतक के मुख्य कार्यों का उल्लेख करें-
उत्तर:-तंत्रिका ऊतक संवेदना को शरीर के एक भाग से दूसरे भाग में भेजने का कार्य करता है|
23. तंत्रिका क्या है? 
उत्तर:-जंतुओं के शरीर के मस्तिष्क, मेरुरज्जु तथा तंत्रिकायें तंत्रिका ऊतक के बने होते हैं|तंत्रिका ऊतक, संवेदना को शरीर के एक भाग से दूसरे भाग में भेजने का कार्य करता है|तंत्रिका ऊतक की इकाई न्यूरॉन या तंत्रिका कोशिका है|
24. ऐक्सान और डेंट्राइट्स के कार्य क्या है? 
उत्तर:-ऐक्सान आवेग को साइटन से आगे की ओर ले जाता है, जबकि डेंट्राइट्स आवेग को साइटन में लाता है|

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