Bharti Bhawan biology Class-10:Chapter-7:Question Answer:जीव विज्ञान: कक्षा-10:अध्याय-7: प्रश्न उत्तर

                            वस्तुनिष्ठ प्रश्न
1. किसी जीव की जीनी संरचना कहलाता है
Ans. जीनप्ररूप या जीनोटाइप
2. मेंडल ने अपने प्रयोग के लिए बगीचे में उगाए जानेवाले किस पौधे का चयन किया? 
Ans. साधारण मटर 
3. जीवविज्ञान की वह शाखा जिसके अंतर्गत विभिन्नता तथा आनुवंशिकता का अध्ययन किया जाता है, कहलाता है
Ans. आनुवांशिकी
4. अफ्रीकी मानव का सबसे निकट संबंधी है
Ans. चिपैंजी 
5. पक्षी तथा तितली के पंख है ं
Ans. असमजात अंग 
6. एक ही जाति के विभिन्न सदस्यों में पाए जानेवाले अंतरों को……… कहते हैं|
Ans. विभिन्नता
7. मेंडल के एकसंकर संकरण के प्रयोग से प्राप्त लक्षणप्ररूपी अनुपात…….. है|
Ans. 3:1
8. ……….. एक जीवाश्म की आयु के निर्धारण की एक वैज्ञानिक विधि है|
Ans. रेडियोकार्बन काल निर्धारण
9. जीवों के किसी जटिल अंग की उत्पत्ति अचानक नहीं, बल्कि अनगिनत पीढ़ियों में………. के द्वारा हुई है|
Ans. क्रमिक विकास
10. आर्कियोप्टैरिक्स नामक जीवाश्म में……. तथा एवीज दोनों के गुण पाए जाते हैं|
Ans. रेप्टीलिया 
                           •स्मरणीय•



1. पृथ्वी पर जीवों में विविधता, उनके क्रमिक एवं निरंतर विकास के कारण ही है|
2. विभिन्नता जीव के ऐसे गुण है जो उसे अपने जनकों अथवा अपनी ही जाति के अन्य सदस्यों के उसी गुण के मूल स्वरूप से विभिन्नता दर्शाते हैं|
3. विभिन्नता दो प्रकार की होती है-(क) जननिक तथा (ख) कायिक 
4. जननिक विभिन्नता जनन कोशिकाओं के क्रोमोसोम या जीन की संरचना या संख्या में परिवर्तन के कारण होती है| इसे आनुवंशिक विभिन्नता भी कहते हैं; क्योंकि ये एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में संचरित होती है|
5. कायिक विभिन्नता क्रोमोसोम या जीन के गुणों में परिवर्तन के कारण न होकर वातावरण के प्रभाव, भोजन के प्रकार, अन्य जीवों के साथ परस्पर व्यवहार जैसे कारणों से होती है|
6. आनुवंशिक विभिन्नता पीढ़ी दर पीढ़ी वंशागत होकर संचित होती है|
7. जनकों से उनके संतानों में पीढ़ी दर पीढ़ी युग्मकों के माध्यम से पैतृक गुणों का संचरण आनुवांशिकता कहलाता है|
8. आनुवंशिक लक्षण या विशेषक जो स्पष्ट रूप से दिखाई देते हैं, लक्षणप्ररूप या फेनोटाइप कहलाते हैं|
9. किसी जीव की जीनी संरचना उस जीव का जीनप्ररूप या जीनोटाइप कहलाता है|
10. ग्रेगर जान मेंडल को आनुवंशिकी का पिता कहा जाता है|
11. मेंडल ने अपने प्रसिद्ध आनुवंशिकी के प्रयोग साधारण मटर पर किए थे|
12. मेंडल के एकसंकर संकरण के प्रयोग से प्राप्त लक्षणप्ररूपी अनुपात 3:1 तथा जीनप्ररूपी अनुपात 1:2:1 है|
13. मेंडल का प्रथम नियम पर पृथक्करण का नियम कहलाता है|
14. मेंडल के द्विगुण संकरण से प्राप्त लक्षणप्ररूपी अनुपात 9:3:3:1 है|
15. मेंडल के द्विगुण संकरण के प्रयोग से प्राप्त निष्कर्ष मेंडल के स्वतंत्र विन्यास का नियम कहलाता है|
16. मनुष्य के 23 जोड़े क्रोमोसोम में से X तथा Y क्रोमोसोम ही मनुष्य में लिंग निर्धारण के लिए उत्तरदायी है|
17. जैव विकास जीवविज्ञान की वह शाखा है जिसमें जीवों की उत्पत्ति तथा उसके पूर्वजों का इतिहास तथा उनमें समय समय पर हुए क्रमिक परिवर्तनों का अध्ययन किया जाता है|
18. जीवों में विभिन्नता उत्परिवर्तन तथा आनुवंशिक पुनर्योग है|
19. किसी भी जाति विशेष के एक समष्टि या आबादी में स्थित समस्त जीन उस आबादी का जीनकोश कहलाता है|
20. फ्रांसीसी वैज्ञानिक जे०बी० लामार्क के उपार्जित लक्षणों या लामार्कवाद तथा चार्ल्स डार्विन के प्राकृतिक चुनाव द्वारा जीवों का विकास या डार्विनवाद को ही सबसे पहले जैव विकास की व्याख्या के संबंध में वैज्ञानिक मान्यता मिली|
21. प्रारंभ में प्रकाशसंश्लेषण करनेवाले जीव के न होने के कारण पृथ्वी पर आक्सीजन नहीं था, इसलिए उस समय पृथ्वी का वातावरण अपचायक था|
22. अंत: प्रजनन, आनुवंशिक विचलन तथा प्राकृतिक चुनाव के द्वारा होनेवाले जाति उद्भवन उन जीवों में हो सकते हैं जिनमें लैंगिक जनन होता है|
23. जीवों के वर्गीकरण के अध्ययन से यह पता चलता है कि जैविक विकास के आधार पर जीवों के वर्गीकृत समूह किस प्रकार एक दूसरे से संबंधित है|
24. आर्कियोप्टैरिक्स एक ऐसा जीवाश्म है जिसमें रेप्टीलिया तथा एवीज दोनों के गुण पाए जाते हैं|
25. एक जीवाश्म की आयु ज्ञात करने का एक वैज्ञानिक विधि रेडियोकार्बन काल निर्धारण है|
26. जीवों के किसी जटिल अंग की उत्पत्ति अचानक नहीं, बल्कि अनगिनत पीढ़ियों में क्रमिक विकास के द्वारा हुई है|
27. विकास के दृष्टिकोण से विभिन्न प्रजातियों के बीच आपस में संबंध का अन्वेषण लैंगिक जनन के समय उनके DNA में हुए परिवर्तन के अध्ययन किया जा सकता है|

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