वस्तुनिष्ठ प्रश्न
1. वैसे पौधे जो पोषण के लिए सड़ी गली चीजों पर आश्रित रहते हैं, वे क्या कहलाते हैं?
Ans. मृतजीवी
2. स्वपोषी भोजन के लिए आवश्यक है
Ans. क्लोरोफिल, सूर्य प्रकाश, H2O एवं CO2
3. इनमें कौन प्रकाशसंश्लेषी अंगक है?
Ans. हरित लवक
4. वायुमंडल में CO2 का कितना प्रतिशत है?
Ans. 0.03℅
5. प्रकाशसंश्लेषण प्रक्रम में निम्नलिखित में क्या नही ं होता है?
Ans. CO2 का मुक्त होना
6. इनमें किसके द्वारा अमीबा भोजन का अंतर्ग्रहण करता है?
Ans. कूटपाद
7. इनमें से किस छिद्र के द्वारा ग्रसनी ग्रासनली से जुड़ा होता है?
Ans. निगलद्वार
8. ग्रहणी भाग है
Ans. छोटी आंत में
रिक्त स्थानों की पूर्ति करें-
1. स्वपोषी पौधों में…….. करने की क्षमता होती है|
Ans. प्रकाशसंश्लेषण
2. सौर ऊर्जा का परिवर्तन प्रकाशसंश्लेषण में……….. ऊर्जा में होता है
Ans. रासायनिक
3. वायुमंडल से पत्तियाँ CO2…….. द्वारा ग्रहण करती है|
Ans. रंध्रों
4. वे सारी क्रियाएँ जिसके द्वारा जीवों का अनुरक्षण होता है,………. कहलाती है|
Ans. जैव प्रक्रम
5. सूर्य के प्रकाश को……….. अवशोषित करता है|
Ans. क्लोरोफिल
6. मनुष्य की आमाशय की दीवार से…….. नामक स्त्राव निकलता है|
Ans. जठर रस
7. मनुष्य के आहारनाल की लंबाई करीब……. मीटर तक की होती है|
Ans. 8 से 10
8. छोटी आंत की ग्रंथियों से निकलनेवाला रस…….. कहलाता है|
Ans. सर्कस एंटेरीकस या आंत्र रस
•स्मरणीय•
1. वे सारी क्रियाएँ जिनके द्वारा जीवों का अनुरक्षण होता है, जैव प्रक्रम कहलाती है|
2. उपापचयी क्रियाओं के संचालन हेतु आवश्यक ऊर्जा की आपूर्ति के लिए प्रत्येक जीव को जीवनपर्यन्त पोषण की आवश्यकता होती है|
3. ऐसे जीव जो भोजन के लिए अन्य जीवों पर निर्भर न होकर अपना भोजन स्वयं संश्लेषित करते हैं, स्वपोषी कहलाते हैं|
4. ऐसे जीव जो अपने भोजन के लिए किसी न किसी रुप में अन्य जीवों पर निर्भर रहते हैं, परपोषी कहलाते हैं तथा इस प्रकार का पोषण पर पोषण कहलाता है|
5. मृतजीवी पोषण में जीव मृतजीवों के शरीर से अपना भोजन घुलित कार्बनिक पदार्थों के रूप में अपने शरीर की सतह से अवशोषित करते हैं|
6. परजीवी पोषण में जीव दूसरे प्राणी के संपर्क में, स्थायी या अस्थायी रूप से रहकर, उससे अपना भोजन प्राप्त करते हैं|
7. वैसा पोषण जिसमें प्राणी अपना भोजन ठोस या तरल के रूप में जंतुओं के भोजन ग्रहण करने के की विधि द्वारा ग्रहण करता है, प्राणिसम पोषण कहलाता है|
8. स्वपोषी पौधों ( सभी हरे पौधें) में प्रकाशसंश्लेषण करने की क्षमता होती है जिसके तहत सूर्य के प्रकाश की उपस्थिति में पौधे CO2 और H2O का स्थिरीकरण कर कार्बोहाइड्रेट (ग्लूकोस) का संश्लेषण करते हैं|
9. हरे पौधे में पाये जानेवाले पर्णहरित या क्लोरोफिल सौर ऊर्जा को प्राकाशसंश्लेषण की क्रिया में रासायनिक ऊर्जा में परिवर्तित करते हैं, जो संश्लेषित ग्लूकोस अणुओं में संचित रहता है|
10. प्रकाशसंश्लेषण की क्रिया में अनिवार्य भूमिका निबाहनेवाले क्लोरोफिल को प्रकाशसंश्लेषण इकाई कहते हैं एवं हरित लवक को प्रकाशसंश्लेषण अंगक कहते हैं|
11. प्रकाशसंश्लेषण प्रक्रिया में जरुरी काम आनेवाले चार कच्चे पदार्थ हैं-CO2, H2O क्लोरोफिल और सूर्य प्रकाश |
12. प्रकाशसंश्लेषण की क्रिया में आक्सीजन मुक्त होता है जो वायु को शुद्ध रखता है एवं CO2 तथा O2 के बीच संतुलन बनाए रखता है|
13. क्लोरोफिल की अनुपस्थिति के कारण सभी जंतु परपोषी होते हैं| परपोषी जंतु मृतजीवी, परजीवी या प्राणिसमपोषी होते हैं|
14. अमीबा तथा पैरामीशियम प्राणिसमपोषी जंतु हैं|
15. मनुष्य के आहारनाल से संबद्ध लारग्रंथि, यकृत तथा अग्न्याशय नामक पाचक ग्रंथियाँ पाई जाती है|
16. मनुष्य में छोटी आंत ड्यूओडिनम, जेजुनम तथा इलियम में विभाजित होती है और बड़ी आंत कोलन तथा रेक्टम में विभक्त होती है|
17. मनुष्य में पाचन की क्रिया मुखगुहा से ही शुरू हो जाती है|
18. आमाशय की गैस्ट्रिक ग्रंथियों से स्त्रावित होनेवाले गैस्ट्रिक रस में HCl, पेप्सिनोजन तथा गैस्ट्रिक लाइपेस होते हैं|
19. ड्यूओडिनम और इलियम की ग्रंथियों से श निकलनेवाला रस सक्कम एंटेरीकस कहलाता है|
20. पचे हुए भोजन का अवशोषण इलियम के दिलाई के द्वारा होता है|
21. अवशोषण के उपरांत पचे हुए भोजन रक्त में मिलकर रक्त संचार के द्वारा विभिन्न भागों में विसरित हो जाते हैं|
0 टिप्पणियाँ