Bharti bhawan class-10 math solution real number exercise-1C:भारती भवन कक्षा-10 गणित: हल:वास्तविक संख्या: प्रश्नावली-1C

                       














                  

                      
 

                             प्रश्नावली-1C






1. रिक्त स्थानों की पूर्ति करें-

(i)√15 एक ……….. संख्या है।(परिमेय/अपरिमेय) 
Ans. अपरिमेय
(ii)√2/√3 एक……… संख्या है।(परिमेय/अपरिमेय)
Ans.  अपरिमेय
(iii)4+√11 एक……. संख्या है। (परिमेय/अपरिमेय)
Ans. अपरिमेय
(iv)1/√5  एक ……. संख्या है। (परिमेय/अपरिमेय)
Ans. अपरिमेय
(V)5√8/√2 एक……. संख्या है। (परिमेय/अपरिमेय)
Ans. परिमेय
2.सिद्ध करें कि 3√2 अपरिमेय है। 
Ans. माना कि 3√2, एक परिमेय संंख्या p है। 
तो            3√2=p
या              √2=p/3          ……. (i)
यहाँ, p/3, दो परिमेय संख्याओं का अंतर होने के कारण परिमेय संख्या है। 
इसिलिए (i) से परिमेय संख्या=अपरिमेय संख्या जो असंभव है। अतः हमारी मान्यता गलत है। 
अर्थात ् 3√2 परिमेय संख्या नहीं है। इसलिए अपरिमेय संख्या है। 
3.सिद्ध करें कि 4-√5 अपरिमेय है। 
Ans. माना कि 4-√5, एक परिमेय संंख्या p है। 
तो            4-√5=p
या             4-p=√5          ……. (i)
यहाँ, 4-p, दो परिमेय संख्याओं का अंतर होने के कारण परिमेय संख्या है। 
इसिलिए (i) से परिमेय संख्या=अपरिमेय संख्या जो असंभव है। अतः हमारी मान्यता गलत है। 
अर्थात ् 4-√5 परिमेय संख्या नहीं है। इसलिए अपरिमेय संख्या है। 
4.सिद्ध करें कि 6+√2 अपरिमेय है। 
Ans. माना कि 6+√2, एक परिमेय संंख्या p है। 
तो            6+√2=p
या             p-6=√2          ……. (i)
यहाँ, p-6, दो परिमेय संख्याओं का अंतर होने के कारण परिमेय संख्या है। 
इसिलिए (i) से परिमेय संख्या=अपरिमेय संख्या जो असंभव है। अतः हमारी मान्यता गलत है। 
अर्थात ् 6+√2 परिमेय संख्या नहीं है। इसलिए अपरिमेय संख्या है। 
5.सिद्ध करें कि 5-2√3 अपरिमेय है। 
Ans. माना कि 5-2√3, एक परिमेय संंख्या p है। 
तो            5-2√3=p
                5-p=2√3
या             5-p=√3          ……. (i)
                  2
यहाँ, 5-p, दो परिमेय संख्याओं का अंतर होने के कारण 
         2
परिमेय  संख्या है। 

इसिलिए (i) से परिमेय संख्या=अपरिमेय संख्या जो असंभव है। अतः हमारी मान्यता गलत है। 

अर्थात ् 5-2√3 परिमेय संख्या नहीं है। इसलिए अपरिमेय संख्या है।

6.सिद्ध करें कि 5/√7 अपरिमेय है। 
Ans. माना कि 5/√7, एक परिमेय संंख्या p है। 
तो             x√7=p
              √7   √7
                5√7=p
                  7
                7p=5√7
या             7p=√7          ……. (i)
                  5
यहाँ, 7p, दो परिमेय संख्याओं का अंतर होने के कारण 
        5
परिमेय  संख्या है। 

इसिलिए (i) से परिमेय संख्या=अपरिमेय संख्या जो असंभव है। अतः हमारी मान्यता गलत है। 

अर्थात ् 5/√7 परिमेय संख्या नहीं है। इसलिए अपरिमेय संख्या है।  

7.सिद्ध करें कि 4-5√2 अपरिमेय है। 
Ans. माना कि 4-5√2, एक परिमेय संंख्या p है। 
तो            4-5√2=p
                4-p=5√2
या             4-p=√2          ……. (i)
                  5
यहाँ, 4-p, दो परिमेय संख्याओं का अंतर होने के कारण 
        2
परिमेय  संख्या है। 

इसिलिए (i) से परिमेय संख्या=अपरिमेय संख्या जो असंभव है। अतः हमारी मान्यता गलत है। 

अर्थात ् 4-5√2 परिमेय संख्या नहीं है। इसलिए अपरिमेय संख्या है।  

8.सिद्ध करें कि 2√3-1 अपरिमेय है। 
Ans. माना कि 2√3-1, एक परिमेय संंख्या p है। 
तो            2√3-1=p
                2√3=p+1
या             p+1=√3          ……. (i)
                  2
यहाँ, p+1,दो परिमेय संख्याओं का अंतर होने के कारण 
         2
परिमेय  संख्या है। 

इसिलिए (i) से परिमेय संख्या=अपरिमेय संख्या जो असंभव है। अतः हमारी मान्यता गलत है। 

अर्थात ् 2√3-1 परिमेय संख्या नहीं है। इसलिए अपरिमेय संख्या है।

9. सिद्ध करें कि 1/√2 एक परिमेय संख्या है|
 Ans. 1/√2=1/√2•√2/√2
                   =√2/2
माना कि √2/2 एक परिमेय संख्या है|
इसिलिए हमें दो अविभाज्य पूर्णांक a तथा b प्राप्त होता है|
=>√2/2=a/b
=>√2=2a/b       …….. (1) 
क्योंकि दो पूर्णांकों का भागफल परिमेय संख्या होता है
अत: 2a/b= परिमेय संख्या
इसलिए समी० (1) से √2 भी एक परिमेय संख्या है|
परन्तु हमें इस तथ्य से विरोधाभास होता है कि √2 एक परिमेय संख्या है|
अत: हमारी मानना गलत है|
1/√2 एक अपरिमेय संख्या है|

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